शनिवार, 11 अप्रैल 2020

कडा कसीदा ख़िज़्र ख्वाज़ा।

(((जरूरी सूचना और चेतावनी, ये कडा कसीदा इंटरनेट पर नही है ये पहली बार इंटरनेट पर डाल रहा हूँ,बहुत ही कम लोगों पता है इसे मैं अपने पाठकों के लिए व्यक्तिगत रूप से उपयोग के लिए दे रहा हूँ कॉपी पेस्ट करने वाले नक्काल सावधान रहें वरना कानूनी आफत झेलनी पड़ेगी।।)))

○ये कड़ा कसीदा अपने आप में बहुत सारी ज़बरदस्त शक्तियों को समेटे हुए है।

○इस कडा कसीदा को पढ़ने वाले को किसी प्रकार की कोई भी उग्र से उग्र शक्ति सता या परेशान नही कर सकती। उल्टा उस पर अभिचार कर्म करने वाले कि ज़िन्दगी दिक्कतों में आ जाती है और कोई भी देवी देवता पितृ पीर फ़क़ीर उसकी सुनवाई नहीं करता और उसका सवाल बन्द हो जाता है।

○एक तस्बीह इक्कतलिस दिन तक मुक्कर्रर वक़्त और मंज़र पर चलते हुए पानी में पाँव लटकाकर पश्चिम दिशा की और रुख और मुहं करके बैठना है।

○कई तरह के डरावने अनुभव और मंज़र देखने को मिलेंगे जो लोग दिल की बीमारी के मरीज है ये कड़ा उनके लिए नही है।

○थोड़ा भोग अलग देने पर जल मशानी भी सिद्ध हो जाती है।

○नूर से भर जाता है साधक इसको करने के बाद।

○कोई काम मुश्किल नही रहता।

○तंगदस्ती इसको करने के बाद कभी नही होती।

○बंदिश रूहानियत की कितनी भी ज़बरदस्त हो खुलती ही खुलती है।

○हर मुराद पूरी हो जाती है इसको करने से।

○होने वाली घटनाओं का पहले ही महसूस होने लग जाता है।

○जुबान से निकली बात बंदूक की गोली से भी अधिक सटीक हो जाती है।

○इसमें कुछ अंश सुरक्षित रख लिए गये है पूरी विधि प्राप्त करने के लिए व्यक्तिगत रूप से संपर्क करें।
 

       ○बिस्मिल्लाह रहमानरहीम,
       पीर को सलाम उस्ताद को सलाम,
       सलाम तेरी कुदरत नु करदा, कसीदा करो कबूल,
       माफ करी मेरे ख़्वाज़े जिंदा जे कोई होवे भुल्ल,
       नूरी नूर दिखावे,ख्वाज़ा बेड़ी पर लगावे ख्वाज़ा,
        इल्ल बला को मार भगावे,
        पौन ख्वाज़ा,
        पीर ख्वाज़ा,
        ख्वाज़ा ज़िन्दा पीर,
        तोड़े कुल्फ़ दे ज़ंज़ीर,
        नाम खुदा दी बंदगी,
        मुस्तफा दा नूर,
        शेर खुदा दा रूप फकीरी,
        होजा मेहरबान,बाई ख्वाज़ा दम दम सिमरू,
        नूर ख्वाज़ा,
        आतश ख्वाज़ा,
        खाखी ख्वाज़ा,
        ज़िन्दा ख्वाज़ा।
        एक ख्वाज़ा-एक सलाम,
        दो ख़्वाज़े-दो सलाम,
        तिन ख़्वाज़े-तिन सलाम,
        चार ख़्वाज़े-चार सलाम,
        पंज ख़्वाज़े- पंज सलाम,
        पंज नमाजां पंज वक़्त की मौला करो कबूल,
        छे ख़्वाज़े छे सलाम,
        सत ख़्वाज़े सत सलाम,
        अठ ख़्वाज़े अठ सलाम,
        नौ ख़्वाज़े नौ सलाम,
        दस ख़्वाज़े दस सलाम,
        गियारां ख़्वाज़े गियारां सलाम,
        बारां ख़्वाज़े बारां सलाम,
        तेरह ख़्वाज़े तेरह सलाम,
        चौदह ख़्वाज़े चौदह सलाम,
        पन्द्रह ख़्वाज़े पंद्रह सलाम,
        सोलह ख़्वाज़े सोलह सलाम,
        सतारां ख़्वाज़े सतारां सलाम,
        अठारह ख़्वाज़े अठारह सलाम,
         उन्नीस ख़्वाज़े उन्नीस सलाम,
         बीस ख़्वाज़े बीस सलाम,
         इक्कीस ख़्वाज़े इक्कीस सलाम,
         बाइस ख़्वाज़े एक अज़मेर नु सलाम, 
         हिन्दवली दा पढो कसीदा होए बेड़ा पार,
         इल्ल बलां नु मिट्टी करदे , 
         या मेरे ख्वाज़ा पाक,
         या मेरे साबिर पाक, 
         हक्क अल्ला हक्क अली हक्क ख्वाज़ा पीर।
         कड़ा कसीदा ख़्वाज़े खिज़र का मुर्शिद पढ़या               कन्न।
         मारो मार चले मेरा ख्वाज़ा तोड़े सारे बन्न।
         इक्क वारी जो पड़दा कलमा बन जांदे सब कम्म।
         या ख्वाज़ा मोइनुद्दीन या साबिर अल्लुउदीन।

शुक्रवार, 10 अप्रैल 2020

To Remove spells and evil spirits obstruction on your home permanently.

To Remove spells and evil spirits obstruction on your home permanently.

The effects of Tantra Mantra sometimes have such a bad effect on life that even a well-known person can even face suicide.  
I do not understand anything, a man does well on his behalf, but every time the work is reversed, those who are on the heights of life, live when Tantra Mantra is ruined due to sarcasm or humiliation, no one knows this is real life  .
 Man makes a lot of effort on his behalf. There are many ups and downs in life. At some point of time, I too have fallen prey to these conditions, but today, in the presence of Guru Kripa and Maa Tarini, I am happier than ever.  I took a time as if life was going to end, but God gave more mental peace than ever before, on the tree of life, again new hopefuls of life bursting with hard water,  The tree was watered and God took the form of acquaintances and encouraged him step by step.
 Increase your knowledge and patience as much as you can in your life, because no one knows when to cheat with the inspiration of bad times.  Today I am going to tell you one such mantra, at least five different types of works are done using this mantra.
 With this, you can overcome both personal and local obstacles. Today, by using this mantra, I am giving you experiments on how to restore the planet's atmosphere, and bring back to good forchune.

Mantra:- om namo saat samudr ke beech shila  jis par sulemaan paigambar baitha,  sulemaan paigambar ke chaar muvakkil.  pahala muvakkil poorv ko dhaaya,  dev-daanavon ko baandhi laaya.  doosara muvakkil pashchim ko dhaaya,  bhoot-pret ko baandhi laaya.  teesara muvakkil uttar ko dhaaya,  oot pitr ko baandh laaya.  chautha muvakkil dakshin ko dhaaya,  daakinee-shaakinee ko pakadi laaya.  chaar muvakkil chahun dishi dhaave,  chhalachhidr kooo rah na paave.  rog-dosh ko door bhagaave,  shabd saacha, pind kaacha,  phuro mantr eeshvaro vaacha.

 
○ Method: - First of all, memorize this mantra i.e. memorize the word,
○ Then prove it by chanting 21 garlands in any festival or auspicious time or in the eclipse period.
○ Then whenever necessary, make four small dolls of green cloth.
○ Then burn the coal and put myrrh on it and sit on the right side facing the west in any position.
○ Then chant this mantra 108 times.
○ By chanting these four dolls i.e. the effigies, press them into different corners of the house.
○ Now again sit on easy and chant a garland of this mantra.
○ It destroys all the appendages.

○ All the disruption is done over the house, all the obstacles are over and success in the desired work is effected in the business business within three days. One should chant a garland of this mantra daily and while chanting someone  Do not talk to anyone
○ There are some fundamental responsibilities while living in your planetary home, charity, religion and you should never give up the customs of the ancestors and be prohibited from consuming meat on the festival etc. You may find my words somewhat strange but not real  Who can be folded, despite being able to renounce their parents and misbehave, they are guilty of guilt in the public world.  Rachari receive Pretyoni or vampire yoni.

घर के सभी दोष दूर करना

ग्रहबाधा का निवारण।
तंत्र मंत्र के प्रभाव कई बार जीवन पर ऐसा कु प्रभाव डालते हैं कि अच्छे खासे प्रतिष्ठित व्यक्ति की भी आत्महत्या तक की नोबत आ जाती है। कुछ समझ नहीं आता अपनी तरफ से तो आदमी अच्छा ही करता है लेकिन हर बार काम उल्टा ही होता है जो जीवन की ऊंचाइयों पर होते है जीते कब तंत्र मंत्र टोटके या अभिचार का शिकार होकर बर्बाद हो जाते है कोई पता नही चलता ये वास्तविक जीवन है। 
आदमी अपनी तरफ से लाख यत्न कर लें जीवन में समय के अनुसार बहुत सारे उतार चढ़ाव आते है किसी समय में मैं भी इन हालातों का शिकार हो चुका हूँ, लेकिन गुरु कृपा और माँ तारिणी के प्रताप से आज कुछ ही समय में पहले से अधिक खुश हूँ, एक समय लगा जैसे जीवन समाप्ति की ओर जा रहा हो लेकिन ईश्वर ने पहले से अधिक मानसिक शांति प्रदान की जीवनरूपी वृक्ष पर फिर से आशाकी नई कोपलें फूटी परिश्र्म रूपी जल से जीवन रूपी वृक्ष को सींचा और ईश्वर ने परिचितों का रूप धारण कर के कदम कदम पर हौसला बढ़ाया। 
अपने जीवन में विवेक  ज्ञान और धैर्य जितना बढ़ा सकते हो बढ़ा लो क्यों कि बुरे वक्त की प्रेरणा से कब कौन धोखा दे दे कोई पता नही।  आज आपको एक ऐसा ही मन्त्र बताने जा रहा हूँ इस मन्त्र को प्रयोग करके कम से कम पांच विभिन्न प्रकार के काम किये जाते है। 
इससे व्यक्तिगत और स्थानगत दोनों तरह की बाधाओं को दूर कर सकते हैं आज आपको इस मंत्र के प्रयोग से ग्रहशांति यानि घर के माहौल को वापिस ठीक करने और बरक़त वापिस लाने के बारे में प्रयोग दे रहा हूँ।


ॐ नमो सात समुद्र के बीच शिला 
जिस पर सुलेमान पैगम्बर बैठा, 
सुलेमान पैगम्बर के चार मुवक्किल। 
पहला मुवक्किल पूर्व को धाया, 
देव-दानवोँ को बांधि लाया। 
दूसरा मुवक्किल पश्चिम को धाया, 
भूत-प्रेत को बांधि लाया। 
तीसरा मुवक्किल उत्तर को धाया, 
ऊत पितृ को बांधि लाया। 
चौथा मुवक्किल दक्षिण को धाया, 
डाकिनी-शाकिनी को पकड़ि लाया। 
चार मुवक्किल चहुं दिशि धावे, 
छलछिद्र कोऊ रह न पावे। 
रोग-दोष को दूर भगावे, 
शब्द साचा, पिण्ड काचा, 
फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा॥

विधि :— सबसे पहले तो इस मन्त्र को कंठ कर लें यानि ज़ुबानी याद कर लें,
फिर किसी भी पर्व काल या शुभ मुहूर्त में या ग्रहण काल में 21 माला जपकर सिद्ध कर लें। 
फिर जब भी जरूरत हो तब हरे कपडे़ की छोटी छोटी चार गुड़िया बना लें।
फिर कोयले जलाकर उसपर लोहबान सुलगा दें और किसी भी आसन पर पश्चिम दिशा की ओर रुख कर के दोजनु बैठ जाएं 
फिर 108 बार इस मंत्र का जप करना है। 
मंत्र से इन चारोँ गुड़िया यानि पुतलियों को अभिमंत्रित करके घर के अलग-अलग चारों कोनों में दबा दें। 
अब फिर से आसान पर बैठकर इस मन्त्र का एक माला जाप करें। 
इससे सभी अमंगल का नाश होता है ।
घर के ऊपर किया कराया खत्म हो जाता है सभी विघ्न खत्म हो जाते है और मनोवांछित कार्य में सफलता मिलती है व्यापार कारोबार में तीन दिन में ही प्रभाव पड़ जाता है।साधक को चाहिए कि इस मन्त्र की एक माला प्रतिदिन जपे और जाप करते समय किसी से भी बातचीत ना करे।
आपके ग्रहथाश्रम में रहते हुए कुछ मौलिक दायित्व होते है दान धर्म और आपने पूर्वजों के रीति रिवाजों को कभी नही छोड़ना और पर्व इत्यादि पर मांस मदिरा सेवन वर्जित होना चाहिए।हो सकता है कि आपको मेरी बातें कुछ हद तक अजीब लगें लेकिन वास्तविकता से मुँह नही मोड़ा जा सकता जो सक्षम होते हुए भी आपने माँ बाप का त्याग कर देते हैं और दुराचार करते हैं उन्हें लोक परलोक में अपराधबोध कचोटता रहता है इसे दुराचारी प्रेतयोनि या पिशाच योनि को प्राप्त करते हैं।

रविवार, 5 अप्रैल 2020

dispelling of bounds through tantra

Retaliation of bonds

 Dear Regards and Salutations to all siblings Friends, many times in life comes such a time that after doing relentless meditation you gain strength and strength.  He is pricking in the eyes of some such antisocial element.  Because the element of jealousy works behind it.  So people bind / bind that power because often there is not much power required to do the reverse work, with the vengeful powers, this work gets done in a while.  So after falling into bondage, neither the goddess / deity / father correctly tells you, nor does the right ride come, the ride comes which does not speak.  There are many types of bandhanas in which mechanical bonding, mantric bonding, tantric bonding, bondage with totke or bonding with deity-manes are also done on your throne, the work of people is done by your deity Pitar.  When he comes under restriction, then people stop working on your throne.  Then disrespect and desolation are encountered.  Then you are forced to go to someone else, and even after a lot of wandering, a man does not get his condition, that problem cannot be diagnosed. On the contrary, man wastes his time and money.

 Today I have brought you a mantra that will eliminate all the faults and bondage of your throne.
 This Mantra is an authentic Mantra and my use is a Mantra and is fully capable if it is done in the right way by taking orders from the Guru, then this Mantra is fully capable and is capable enough to retire all your bonds.  You must have heard this mantra, out of the many spells of retribution, this is a very special mantra and gives a lot of work.  If this suede mantra is used, it never disappoints.  The biggest thing is that how much your reverence is towards the mantra, if your faith will be towards the mantra, then no one can beat you.

Mantra:-

teli ki khopadi chaat ka maidaan, usapar ladhdha   mahammada sultaan. kisaka beta   Phaatama ka beta, kya khaay ? sooar khaakar halaal kare, mere( or your mane here) paav padi bediyon na kaate. to tujhe apani maan ka choosa doodh haraam, shabd saancha pind kaancha phuro mantr eeshvarovaacha.


Method:-

 The method of this mantra is very easy and simple but it will require concentration of value.

  Use it in a secluded place.

 ○ First of all, you have to clean the earth in front of you in a secluded place by leaping towards it.

 For the place of the deity there is a mustard given and another desi ghee given.  11 cloves 11 banase, offer 11 white flowers and burn incense sticks.

 You have to keep a water filled container in front of you and make fires of frankincense by making a fire of charcoal.  As long as the chanting continues, frankincense continues to smolder.  You have to drink that water after chanting.

 ○ Then by taking the seat of the blanket and wearing a clean cloth, covering the head, you will need a garland, you will need any color, 11 garlands daily from that garland, you have to do this chanting for 21 days at a certain time and at a certain place.  .

 Whenever you start this experiment, first of all, take a whole green lemon seven times in reverse and cut it in two pieces and then cut it into two parts and then it enters the main door of the house from where your house enters inwards.  Keep it and then sit on this practice.

 Whenever you want to do this experiment, do it in a confidential manner and do not try to spread it till the rituals continue or else your effort will go in vain.  Do not explain the experience you get during meditation.

 Two very important things to be kept in mind in this ritual are the first celibacy and the second land sleeping must follow them.

 Mohammada Veer himself relieves you from all the shackles that lie on you in the ritual of this mantra.

 तः So do this ritual with full faith, you will definitely get benefited in it and all the admonition done on you will be destroyed.

 ○ The special thing is that whenever you perform a ritual of a mantra, it has a specialty in it. When the mantras work, no one can see them but only those people who have divine vision are experienced.
 ○ The seeker may initially do whatever the seeker will do, if he does not experience it, then there is nothing to panic because if you have restriction then your divine vision will not work, if the divine vision will not work then it is clear.  That you will not get much experience, yes, but after the completion of this experiment you will get 100% benefit because the format of all the experiments is different.  Is.  In some, the deities work, in others the masan works, in some, the pir fakirs work.

This rithual which we are doing is pure mechanical experiment, so in mathematical experiments, all the work is done by your concentration, your power is broken by the power of mantra, it is a matter of complete attention because whenever you will not be patient.  So it will not be possible to do any of your work.

 ○ If the person or seeker who has a lot of rashness and cannot fulfill these conditions, then do not try to use it because your work is spoiled in haste, nothing will be created if the person who has spoiled your work has done this.  Thinking through the methods would spoil the work that you could not stand again, if you have to come back to this work area, do you have to fight back then you have to fight  Receive if you resort to patience and work to be successful.

This mantra is awake and before using this mantra, Parikshit also please note that whenever we perform the mantra, a lot of energy or hot ice comes out of it, then when the Gujjar comes out, the human being has to be shaken by it.  It is common to go for a laugh, so be patient.

 ○ Those who cannot use this themselves or need any kind of information, then we can be contacted.

 ○ The tool is the same, the driver is always clumsy or the player depends on you, how you run it, the mantra is always right, but it is up to the runner or not how he can run. So understand this thing.  You should have the ability to run something and your practice should also be there.

 ○ ((Tantra is the subject of practice and research; both research and practice are ongoing on it).

शनिवार, 4 अप्रैल 2020

अभिचार का तोड़

             
                बन्धनों का प्रतिकार।

प्रिय साधक एवं सभी भाई बहनों को सादर नमस्कार मित्रो जीवन में कई बार ऐसा समय आ जाता है कि अथक साधना करने के उपरांत जो आपको शक्ति और सामर्थ्य हासिल होता है। वो किसी ना किसी ऐसे असामाजिक तत्व की नजर में वह चुभ रहा होता है। क्योंकि इसके पीछे ईर्ष्या का तत्व कार्य करता है।  तो उस शक्ति को  लोग बांध/बंधवा  देते हैं  क्योंकि अक्सर उल्टा काम करने के लिए बहुत ज्यादा शक्ति की आवश्यकता नहीं होती तामसिक शक्तियों से ये काम कुछ ही देर में होजाता है। तो बंधन में पड़ने के बाद ना तो देवी/देवता/पित्र सही-सही बताता है ना सही-सही सवारी आती है  सवारी आती है जो बोलती है वह होता नही। कई तरीके के बंधन लगाए जाते हैं जिसमें यांत्रिक बंधन, मंत्रिक बंधन, तांत्रिक बंधन, टोटके से बंधन या देवता-पितर से भी बंधन लगाए जाते हैं आपकी गद्दी के ऊपर लोगों के जो काम होते हैं  वह आपके देवता पितर ही करते हैं।  जब वह बंदिश में आ जाते हैं  तो फिर आपकी गद्दी पर लोगों के काम होने बंद हो जाते हैं । फिर बेइज़्ज़ती और मायूसी का सामना करना पड़ता है । फिर आप मजबूर हो जाते हो किसी दूसरे के पास जाने को और बहुत घूमने के बाद भी आदमी को उसका हाल नहीं मिलता उस समस्या का निदान नहीं हो पाता उल्टा मनुष्य अपना समय और पैसा बर्बाद करता है ।

आज आपकी सेवा में लाया हूँ एक ऐसा मन्त्र जिससे आपकी गद्दी के सभी दोष एवं बंधन समाप्त हो जाएंगे।
यह मंत्र एक प्रमाणिक मंत्र है और मेरा प्रयोग मंत्र है और पूरा सक्षम है यदि इसको सही तरीके से किया जाए गुरु से आज्ञा लेकर तो यह मंत्र पूरा सक्षम है और इतना सक्षम है आपके सभी बंधनों को निवृत्त कर दे। यह मन्त्र आपने सुना भी होगा  प्रतिकार के जितने मंत्र हैं उनमें से यह बहुत ही विशेष मंत्र है और बहुत काम भी देता है। है तो यह साबर मंत्र इसको प्रयोग करने वाला कभी भी निराश नहीं होता।  सबसे बड़ी बात यह होती है कि आपकी श्रद्धा मंत्र के प्रति कितनी है अगर आपकी श्रद्धा मंत्र के प्रति होगी तो आपको कोई पछाड़ नहीं सकता।

मन्त्र ये है:-

तेली की खोपडी चाट का मैदान,
उसपर लढ्ढा   महम्मदा सुल्तान।
किसका बेटा   फातमा का बेटा,
क्या खाय ? सूअर खाकर हलाल करे,
मेरे या (अपना नाम लें) पाव पडी बेड़ियों ना काटे।
तो तुझे अपनी माँ का चूसा दूध हराम,
शब्द साँचा पिंड कांचा फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा।

विधि:- 

○इस मंत्र की विधि बड़ी आसान और सरल है लेकिन जरूरत होगी मान की एकाग्रता की।

○किसी एकांत स्थान पर यह प्रयोग करें।

○ सबसे पहले स्थान एकांत स्थान पर पश्चिमाभिमुख होकर अपने सामने सवा हाथ धरती को लीप-पोत कर  साफ करना है ।

○वहां स्थान देवता के निमित्त एक सरसों का दिया आ दूसरा देसी घी का दिया अपने लगाना है। 11 लौंग 11 बतासे,11 सफेद फूल चढ़ाएं और अगरबत्ती जलाएं।

○एक जल का भरा हुआ पात्र आपने अपने सामने रखना है और लकड़ी के कोयले की आग बनाकर लोबान सुलगाना है। जब तक जाप चलता रहेगा तब तक लोबान सुलगता रहे। आपको जाप के उपरांत उस जल को पीना है।

○ फिर कंबल का आसन लेकर और साफ-सुथरे कपड़े पहन कर सिर को ढक कर माला हकीक की आपको चाहिए होगी किसी भी रंग की चलेगी उस माला से 11 माला प्रतिदिन आपको निश्चित समय पर और निश्चित स्थान पर यह जाप लगातार 21 दिन तक करना है।

○इस प्रयोग को जब भी आप शुरू करें सबसे पहले एक साबुत हरा नींबू लेकर उसको अपने सिर से सात बार उल्टा उतारकर काटने दो हिस्सों में और काट दें और उसके बाद उसे घर के मुख्य द्वार जहां से आपके घर में प्रवेश होता है अंदर की तरफ रख दें फिर ही इस साधना पर बैठे।

○ इस प्रयोग को जब भी आपने करना हो तो गोपनीय ढंग से करें  और इसका प्रचार-प्रसार जब तक अनुष्ठान चलता रहे  करने की कोशिश ना करें वरना आपका प्रयास व्यर्थ जाएगा ।जब तक यह प्रयोग चलता रहेगा इस विषय में किसी भी व्यक्ति से कोई भी अनुभव जो साधना के दौरान आपको मिले वह समझा नहीं करना।

○ इस अनुष्ठान में दो बहुत ही महत्वपूर्ण बातें ध्यान रखने योग्य हैं पहला ब्रह्मचर्य और दूसरा भूमि शयन इनका अवश्य पालन करें।

○इस मंत्र के अनुष्ठान में खुद मोहम्मदा वीर आपके ऊपर पड़े हुए सभी बंधनों से आपको छुटकारा दिलाते हैं।

○अतः पूर्ण विश्वास के साथ इस अनुष्ठान को करें आप इसमें अवश्य ही लाभांवित होंगे और आपके ऊपर किए गए सभी अभिचार नष्ट हो जाएंगे।

○विशेष बात यह है जब भी आप किसी मंत्र का अनुष्ठान करते हैं तो इनमें एक विशेषता होती है इसमें मंत्र जब काम करते हैं तो किसी को दिखते नहीं सिर्फ उन लोगों को अनुभव प्राप्त होते हैं जिनकी दिव्यदृष्टि चल रही होती है।
○साधक को शुरू शुरू में जो भी साधक इसे करेगा हो सकता है उसे अनुभव ना हो तो उसमें घबराने की बात नहीं है क्योंकि अगर आपके ऊपर बंदिश पड़ गई है तो आपकी दिव्य दृष्टि कार्य नहीं करेगी अगर दिव्य दृष्टि कार्य नहीं करेगी तो यह स्पष्ट है कि आपको बहुत ज्यादा अनुभव से प्राप्त नहीं होंगे हां अपितु इस प्रयोग के पूरा होने के उपरांत आपको 100% लाभ प्राप्त होगा क्योंकि सभी प्रयोगों का प्रारूप अलग अलग होता है। किसी में देवता काम करते हैं तो किसी में मसान काम करता है किसी में पीर फकीर काम करते हैं।

○हम जो यह प्रयोग कर रहे हैं वह शुद्ध मात्रिक प्रयोग है तो मात्रिक प्रयोगों में एक आपकी एकाग्रता से ही सारे कार्य होते हैं मंत्र की शक्ति से आप के बंधन टूटते हैं यह पूरा पूरा ध्यान देने वाली बात है क्योंकि जब भी आप धैर्य नहीं रखोगे तो आपका कोई भी कार्य हो पाना संभव नहीं होगा ।

○ जिस व्यक्ति या साधक के अंदर बहुत ज्यादा उतावलापन हो और वो इन शर्तों को पूरा ना कर सकता हो तो यह प्रयोग करने की कोशिश ना करें क्योंकि हड़बड़ाहट में आपके काम खराब होते हैं कुछ भी बनता नहीं अगर जिसने आपका काम बिगाड़ा होगा तो उसने इस तरीके से सोच समझ के काम बिगाड़ा होगा कि दोबारा आप खड़े ना हो पाए अगर आपको वापिस इस कार्य क्षेत्र में आना है क्या वापस आपने अपनी जगह बनानी है तो आपको लड़ना होगा आपको धैर्य और परिश्र्म का सहारा लेना होगा तभी आप कामयाब हो सकते हैं।

○यह मंत्र जागृत है और परीक्षित भी इस मंत्र का प्रयोग करने से पहले कृपया ध्यान दें कि जब भी हम मंत्र का अनुष्ठान करते हैं तो बहुत सारी ऊर्जा या गरम आइस इस से निकलती है तो जब गुर्जर निकलती है तो मनुष्य का सकपका जाना है यह हडबड़ा जाना आम सी बात है तो पूरा धैर्य से काम ले।

○ जो यह प्रयोग खुद नहीं कर सकते या किसी तरह की जानकारी की आवश्यकता है तो हमसे संपर्क किया जा सकता है।

○औज़ार वही होता है चलाने वाला हमेशा अनाड़ी या खिलाड़ी होता है आपके ऊपर निर्भर करता है कि आप उसे कैसे चलाते हो मंत्र हमेशा सही होता है लेकिन चलाने वाले के ऊपर होता है वह कैसे चला पाता है या नहीं ।तो इस चीज को समझ लेना चाहिए कि आपके अंदर किसी चीज को चलाने की क्षमता होनी चाहिए और आपका अभ्यास भी होना चाहिए।

○((तंत्र अभ्यास और शोध का विषय है तत्परता से इसके ऊपर शोध और अभ्यास दोनों जारी हैं))।

रविवार, 29 मार्च 2020

sadhna to know future

               
            Shehzad Sadhana.

 In all the spiritual practices of future learning, this practice is very amazing practice. As many seekers in the field of practice, friends have less knowledge of this practice, along with Hamzad practice, there is a very interesting practice along with Shahzad practice.  Less popular practice.

 ○ This is a very gentle practice, different from the malefic act like Karna vishini and it does not allow you to become impure, this is a miraculous practice.

 By doing this Shahzad Sadhana, a sadhak can become a famous astrology known past and present in just 28 to 40 days.  The exact name of the person who has come, for which purpose he has come from where he has come from, he can surprise the person by telling him everything, it is Aghor Left-handed practice.

 ○ Its mantra looks very small and looks like the line of a poem but is a very simple, simple and powerful mantra.

 ○ Mantra is as follows: -

               Agam Nigam ki khabar liyave
               Soham PaarBrahma ko namashkar.

 ○ There is no prohibition to do sadhana by watching any special Muhurta etc.

 If there are restrictions, some conditions of Brahmacharya, sleeping of the land and doing spiritual practice in secret way always remain in spiritual practice.

 ○ Let me again tell you one thing that all the future-related practices of Sadhana are related to the Kundalini Shakti of almost the seeker, after the awakening of the Kundali Shakti, it provides different kinds of accomplishments.

 ○ The method is like this: Before doing meditation, you have to go and invite the snake bambi or the bill in which the snake lives, at night you are going to invite betel money, rice and turmeric on that bill.  Then on the second day in the morning, you have to bring some soft clay, you have to make a machine in the shape of a sitting man by bringing two handfuls or three handfuls of soil.

 ○ (One thing to keep in mind is that termites who make bills often have snakes in them, snakes themselves do not make bills)

The instrument on his chest, which is given below, is to be installed by writing the instrument by writing a black pen on the chest of the idol you have made on Bhojpatra or paper.

                        The yantra is as below.
 ○ Then wear white cloth, burn incense and added lamp in front of white posture and put jasmine oil in a lamp and burn the second mustard oil

 Before starting chanting mantra, you should do asan mantra and this mantra will have to be chanted for Raksha Mantra.Do it

 ○ Then apply vermilion on the instrument made on the chest of Puttalika.

 ○ Everyday around 7:00 pm, sit in front of this idol and chant 25 garlands with hakaik garland.

 ○ In about 28 to 40 days, a shadow will stand in front of you and when any person who asks for fulfillment will come in front of you, then chant this mantra 7 times in your mind and remember Shahzad.

 ○ Shehzad will come in your ear, where did his name come from, from which place, his past, future, and what he has come to ask, will surprise you by telling Shahzad to come and say anything in your ear, no one else will hear or see anything coming  If you do not know anything about your conversation, then this is a miracle practice.

 I has given its instrument above and the seeker will have to write his name under the statue on which you will write the instrument.

 ○ No one should go to the place or room in which you do this sadhana.

 In this practice, the navel of the idol of Shahzad should remain face to face with his navel.

 During the sadhana period, a dark blue bandage can be tied on the eyes so that attainment is achieved soon.

 ○ Remember that it can be easy to do any practice, but only after attaining accomplishment, difficulties come, at that time it is time for your examination.

                   Iti Shubhamastu.

भविष्य जानने की साधना।

                     
                    शहज़ाद साधना।

○भविष्य ज्ञान करने की जितनी भी साधनायें है उनमें ये साधना बहुत अद्भुत साधना है शहजाद साधना मित्रों तंत्र क्षेत्र में जितने भी साधक हैंइस साधना का सबको  को कम ज्ञान है हमजाद साधना के साथ-साथ एक बहुत रोचक साधना होती है शहजाद साधना ।ये एक कम प्रचलित साधना है।

○यह एक बड़ी सौम्य साधना है कर्ण पिशाचीनी जैसी नारकिक कृत्य से अलग और आपको यह साधना पतित भी नहीं होने देती ऐसी चमत्कारी साधना है ये ।

○यह शहजाद साधना करके साधक केवल 28 से 40 दिन में ही भूत भविष्य और वर्तमान जाने वाला नामी ज्योतिष बन सकता है। ये आने वाले व्यक्ति का ठीक ठीक नाम ठिकाना किस काम के लिए आया है कहां से आया है यह सभी कुछ बता कर के आने वाले व्यक्ति को हैरान कर सकता है यह अघोर वाममार्गी साधना है।

○दिखने में इसका मंत्र बहुत छोटा सा और एक कविता की पंक्ति की तरह लगता है लेकिन बहुत ही जबरदस्त सरल छोटा और शक्तिशाली मंत्र है 

○मन्त्र इस प्रकार है:-

              आगम निगम की खबर लगावे।
              सोहं पार ब्रह्म    को नमस्कार।।

○इसमें कोई विशेष मुहूर्त इत्यादि देखने देखकर साधना करने की कोई पाबंदी नहीं है।

○पाबंदी है तो ब्रह्मचार्य की, भूमि शयन की और साधना को गुप्त तरीके से करने की कुछ शर्ते तो हमेशा साधना में रहती ही है। 

○मैं फिर से आप लोगों को एक चीज बता दूं कि साधना का संबंध जितने भी भविष्य बताने वाली साधनाएं हैं उनका संबंध तकरीबन तकरीबन साधक की कुंडलिनी शक्ति से होता है कुंडली शक्ति के जागृत होने के बाद विभिन्न विभिन्न तरह की सिद्धियां प्रदान करती है। 

○विधि इस प्रकार है साधना करने से पहले आपको सांप की बांबी या बिल जिसमें सांप रहते हैं रात्रि में आपको जाकर उस बिल पर सुपारी पैसा चावल और हल्दी रखकर निमंत्रण देना है ( न्योता देना है )। फिर दूसरे दिन प्रातः काल जाकर कुछ नरम मिट्टी आपको लानी है दो मुट्ठी या तीन मुट्ठी मिट्टी लाकर आपको एक बैठे हुए पुरुष की आकृति में यंत्र बनाना है।

○(एक चीज ध्यान में रखने वाली यह है कि दीमक जो बिल बनाते हैं उसी में प्रायः सांप रहा करते हैं सांप खुद बिल नहीं बनाते )

○ उसकी छाती पर यंत्र जो नीचे दिया गया है उस यंत्र को लिखकर भोजपत्र या कागज पर आपने बनाई गई मूर्ति की छाती पर काले रंग की कलम से लिखकर स्थापित कर देना है।

                       यन्त्र इस प्रकार है।

○फिर श्वेत वस्त्र धारण कर, श्वेत आसन पर सामने धूप और जोड़ा दीपक जलाना है एक दीपक में चमेली का तेल डालकर जलाये दूसरा सरसों के तेल का

○मन्त्र जाप शुरू करने से पहले आपको आसन मन्त्र  
  और रक्षा मन्त्र का जाप करना होगा फिर ही ये साधना 
   शुरू करें।

○ उसके बाद पुत्तलिका की छाती पर बने हुए यंत्र पर सिंदूर का लेपन करें ।

○प्रतिरात्रि को 7:00 बजे के आसपास प्रतिदिन इस मूर्ति के सामने बैठकर हकीक की माला से 25 माला जाप करें ।

○लगभग 28 से 40 दिन में एक छाया आपके सामने आकर खड़ी हो जाएगी सिद्धि प्राप्त होने पर कोई भी पूछने वाला व्यक्ति जब आपके सामने आएगा तो मन ही मन 7 बार इस मंत्र का जाप करें और शहजाद को याद करें ।

○शहजाद आपके कान में आकर उसका नाम कहां से आया किस स्थान से आया उसका भूत भविष्य वर्तमान और क्या पूछने आया है बता कर आपको हैरान कर देगा शहजाद आपके कान में आकर कुछ भी कहे दूसरे किसी को ना कुछ सुनाई देगा ना दिखाई देगा आने वाले को आपकी बातचीत का कुछ भी पता नहीं चलेगा तो यह है चमत्कारिक साधना।

○इसका यंत्र ऊपर चुका रहा हूं और जिस प्रतिमा की छाती पर आप यंत्र लिखेंगे उस यंत्र के नीचे साधक को अपना नाम लिखना होगा ।

○जिस स्थान या कमरे में ये साधना करें उस कमरे या स्थल पर आपके इलावा कोई नहीं जाना चाहिए।

○इस साधना में शहजाद की मूर्ति की नाभि को अपनी नाभि के आमने सामने रहने चाहिए।

○साधना काल में गहरे नीले रंग की पट्टी आंखों पर बांध सकते हैं ताकि शीघ्र ही सिद्धि प्राप्त हो।

○ये याद रखें कि किसी भी साधना को करना आसान हो सकता है लेकिन सिद्धि प्राप्त होने के बाद ही कठिनाईयां आती है उस समय पर ही आपकी परीक्षा की घड़ी होती है।

कलवा वशीकरण।

जीवन में कभी कभी ऐसा समय आ जाता है कि जब न चाहते हुए भी आपको कुछ ऐसे काम करने पड़ जाते है जो आप कभी करना नही चाहते।   यहाँ मैं स्...