रविवार, 29 मार्च 2020

भविष्य जानने की साधना।

                     
                    शहज़ाद साधना।

○भविष्य ज्ञान करने की जितनी भी साधनायें है उनमें ये साधना बहुत अद्भुत साधना है शहजाद साधना मित्रों तंत्र क्षेत्र में जितने भी साधक हैंइस साधना का सबको  को कम ज्ञान है हमजाद साधना के साथ-साथ एक बहुत रोचक साधना होती है शहजाद साधना ।ये एक कम प्रचलित साधना है।

○यह एक बड़ी सौम्य साधना है कर्ण पिशाचीनी जैसी नारकिक कृत्य से अलग और आपको यह साधना पतित भी नहीं होने देती ऐसी चमत्कारी साधना है ये ।

○यह शहजाद साधना करके साधक केवल 28 से 40 दिन में ही भूत भविष्य और वर्तमान जाने वाला नामी ज्योतिष बन सकता है। ये आने वाले व्यक्ति का ठीक ठीक नाम ठिकाना किस काम के लिए आया है कहां से आया है यह सभी कुछ बता कर के आने वाले व्यक्ति को हैरान कर सकता है यह अघोर वाममार्गी साधना है।

○दिखने में इसका मंत्र बहुत छोटा सा और एक कविता की पंक्ति की तरह लगता है लेकिन बहुत ही जबरदस्त सरल छोटा और शक्तिशाली मंत्र है 

○मन्त्र इस प्रकार है:-

              आगम निगम की खबर लगावे।
              सोहं पार ब्रह्म    को नमस्कार।।

○इसमें कोई विशेष मुहूर्त इत्यादि देखने देखकर साधना करने की कोई पाबंदी नहीं है।

○पाबंदी है तो ब्रह्मचार्य की, भूमि शयन की और साधना को गुप्त तरीके से करने की कुछ शर्ते तो हमेशा साधना में रहती ही है। 

○मैं फिर से आप लोगों को एक चीज बता दूं कि साधना का संबंध जितने भी भविष्य बताने वाली साधनाएं हैं उनका संबंध तकरीबन तकरीबन साधक की कुंडलिनी शक्ति से होता है कुंडली शक्ति के जागृत होने के बाद विभिन्न विभिन्न तरह की सिद्धियां प्रदान करती है। 

○विधि इस प्रकार है साधना करने से पहले आपको सांप की बांबी या बिल जिसमें सांप रहते हैं रात्रि में आपको जाकर उस बिल पर सुपारी पैसा चावल और हल्दी रखकर निमंत्रण देना है ( न्योता देना है )। फिर दूसरे दिन प्रातः काल जाकर कुछ नरम मिट्टी आपको लानी है दो मुट्ठी या तीन मुट्ठी मिट्टी लाकर आपको एक बैठे हुए पुरुष की आकृति में यंत्र बनाना है।

○(एक चीज ध्यान में रखने वाली यह है कि दीमक जो बिल बनाते हैं उसी में प्रायः सांप रहा करते हैं सांप खुद बिल नहीं बनाते )

○ उसकी छाती पर यंत्र जो नीचे दिया गया है उस यंत्र को लिखकर भोजपत्र या कागज पर आपने बनाई गई मूर्ति की छाती पर काले रंग की कलम से लिखकर स्थापित कर देना है।

                       यन्त्र इस प्रकार है।

○फिर श्वेत वस्त्र धारण कर, श्वेत आसन पर सामने धूप और जोड़ा दीपक जलाना है एक दीपक में चमेली का तेल डालकर जलाये दूसरा सरसों के तेल का

○मन्त्र जाप शुरू करने से पहले आपको आसन मन्त्र  
  और रक्षा मन्त्र का जाप करना होगा फिर ही ये साधना 
   शुरू करें।

○ उसके बाद पुत्तलिका की छाती पर बने हुए यंत्र पर सिंदूर का लेपन करें ।

○प्रतिरात्रि को 7:00 बजे के आसपास प्रतिदिन इस मूर्ति के सामने बैठकर हकीक की माला से 25 माला जाप करें ।

○लगभग 28 से 40 दिन में एक छाया आपके सामने आकर खड़ी हो जाएगी सिद्धि प्राप्त होने पर कोई भी पूछने वाला व्यक्ति जब आपके सामने आएगा तो मन ही मन 7 बार इस मंत्र का जाप करें और शहजाद को याद करें ।

○शहजाद आपके कान में आकर उसका नाम कहां से आया किस स्थान से आया उसका भूत भविष्य वर्तमान और क्या पूछने आया है बता कर आपको हैरान कर देगा शहजाद आपके कान में आकर कुछ भी कहे दूसरे किसी को ना कुछ सुनाई देगा ना दिखाई देगा आने वाले को आपकी बातचीत का कुछ भी पता नहीं चलेगा तो यह है चमत्कारिक साधना।

○इसका यंत्र ऊपर चुका रहा हूं और जिस प्रतिमा की छाती पर आप यंत्र लिखेंगे उस यंत्र के नीचे साधक को अपना नाम लिखना होगा ।

○जिस स्थान या कमरे में ये साधना करें उस कमरे या स्थल पर आपके इलावा कोई नहीं जाना चाहिए।

○इस साधना में शहजाद की मूर्ति की नाभि को अपनी नाभि के आमने सामने रहने चाहिए।

○साधना काल में गहरे नीले रंग की पट्टी आंखों पर बांध सकते हैं ताकि शीघ्र ही सिद्धि प्राप्त हो।

○ये याद रखें कि किसी भी साधना को करना आसान हो सकता है लेकिन सिद्धि प्राप्त होने के बाद ही कठिनाईयां आती है उस समय पर ही आपकी परीक्षा की घड़ी होती है।

श्री झूलेलाल चालीसा।

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