जीवन में कभी कभी ऐसा समय आ जाता है कि जब न चाहते हुए भी आपको कुछ ऐसे काम करने पड़ जाते है जो आप कभी करना नही चाहते।
यहाँ मैं स्पष्ट रूप से कह देता हूँ कि मैं वशीकरण के मन्त्र और प्रयोग के वाल विषय पूर्ति के लिए ही देता हूँ।और व्यक्तिगत रूप से ऐसे प्रयोग का समर्थन नहीं करता।
तंत्र अपने आप में समग्र औषध है लेकिन इसका अनुचित प्रयोग करना अक्सर बहुत भारी पड़ जाता है एक कहावत आपने सुनी ही होगी
"पहले मज़ा फिर सजा"
लेकीन जब आप तंत्र का गलत प्रयोग करते हैं तो ये कहवात इस तरह हो जाती है
"ना मज़ा फिर भी सारा जीवन सज़ा"।
अनैतिक कार्य करने में पहले पहले आपको अच्छा लगेगा लेकिन आपके ऊपर से शुद्ध दैविक ऊर्जा का आशीर्वाद सदा सर्वदा के लिए समाप्त हो जाएगा ये मैने अपने जीवन में बहुत सारे तांत्रिकों के जीवन में होता हुआ देख है और अनेकों बार देखा है।
मूलतः कोई भी साधक किसी भी साधना को केवल फल प्राप्ति हेतु करता है इसमें कोई संदेह नही किन्तु कब आपको किस शक्ति /प्रयोग को किसी के ऊपर प्रयोग करना है अथवा कब नही ये निर्धारित करना उस समय बहुत मुश्किल होता है अगर बुराई वाला काम करना हो तो उससे पहले 100 बार सोचना चाहिए लेकिन अगर किसी का भला करना हो तो आपको 1 बार भी सोचना नही चाहिए।
तंत्र विद्या में षट कर्म बहुत उग्र कर्म होता है केवल अपने प्राण और अस्तित्व को संकट में जान पड़ने पर ही इनका प्रयोग करना उचित है अन्यथा नही।
आज कल मनुष्यों के मन में स्वर्थ एवं स्वयं के लिए महत्वाकांक्षा ही भरी पड़ी है।
और संबंधों का कोई स्तर नही बचा मानो एक ही समय में चारों युगों झलक दिखायी देती है जब कोई परोपकार की घटना देखते हैं तो ये लगता है कि चारों तरफ़ धर्म स्थापित है लेकिन अक्सर स्वार्थ चपलता और क्रूरता के दर्शन लगातार देखते रहते हैं।
एक प्रयोग मैं आपको यहां पर बता रहा हूँ यदि कोई वशीकरण का काम फंस जाए और आपको किसी का घर बचाना है तो निम्नलिखित प्रयोग को करें।
शनिवार रात को जिसका वशीकरण आपने करना है उस के पहने हुए कपड़े का टुकड़ा चुपचाप प्राप्त कर लें ।
चौदस/ अमावस /शनिवार की अर्ध रात्रि में कलवावीर को शमशान भूमि में देशी शराब, नारियल, पान, 7 प्रकार की मिठाई, बकरे की कलेजी, लौंग,इलायची,11 नींबूओं का भोग दें और फिर उस कपड़े से एक गुड़िया का निर्माण करें:-
ॐ नमो आदेश गुरु को
काला कलवा काली रात
मैं बुलवां आधी रात
जाग जाग रे *****
भन्न सुट्ट
( फलाने)की हड्डियां
दिल कलेजा चीर
मुठ्ठी भरी **** दी
चौसठ चलन जोगन
चल्लन बावन वीर
दुहाई काली कंकाली की
दुहाई गुरु गोरखनाथ की
आदेश आदेश आदेश।
जिसका वशीकरण करना चाहते हैं उसके पहने हुए कपड़े से निर्मित गुड़िया की 501 मन्त्र से अभिमंत्रित करें फिर कपड़े सिलने वाली तीन सुइयां ले ले और उन प्रत्येक सूई की 11 बार मन्त्र से अभिमंत्रित करें जिसका वशीकरण करना है उसका ध्यान करें पहली सूई को दिमाग और दूसरी सूई को दिल तथा तीसरी सूई की नाभि पर मंत्र पढ़ते हुए प्रवेश करवा और उसे पुतले को चुपचाप किसी मिट्ठी के पात्र में डालकर श्मशान भूमि में गाड़ दे।
यह प्रयोग मैंने आपको उचित कार्यों में प्रयोग करने के लिए दिया है इसके लिए किंचित मात्र भी किसी को अपने स्वार्थ के लिए या किसी ऐसी अनुचित कार्य के हेतु दूसरे को कष्ट पहुंचाने का कोई भी हक नहीं है इस प्रयोग को प्रयोग करने वाले व्यक्ति की स्वयं की जिम्मेदारी होगी।
इस मंत्र के कुछ अंश सुरक्षित रखे गए हैं ताकि किसी प्रकार से किसी का कोई अहित न हो।
जो इसका प्रयोग करना चाहते हैं वह सीधा मुझे मेरे व्हाट्सएप नंबर 8194951381 के ऊपर व्हाट्सएप संदेश के माध्यम से संपर्क कर सकते हैं