बुधवार, 6 अक्तूबर 2021

सिद्ध काली रक्षा मन्त्र

निम्न रक्षा मन्त्र को किसी भी पर्व काल में याद करने के उपरांत गुरु गोरखनाथ जी को गुरु मानकर पगड़ी चोला चिमटा खड़ाऊ और फल फूल चढ़ाकर मन्त्र सिद्धि हेतु प्रार्थना करें और वही बैठकर 108 बार जाप करें 
फिर जब प्रयोग करना हो तो 7,11,21 बार मन्त्र पढ़कर अपनी छाती पर 3 बार फूंक मार लें तो आपका शरीर बंध जाएगा किसी भी भूत प्रेत जिन्न शैतान या किसी भी का मूठ इत्यादि का आप पर प्रभाव नहीं होगा और ना ही कोई तांत्रिक उस समय आप को कष्ट पहुंचा पाएगा

या अगर आपको किसी साधना के समय सुरक्षा घेरा लगाना हो तो नए नोकीले और धारदार चाकू पर 21 बार मन्त्र पढ़ने के बाद 3 बार फूंक मारें 
तथा फिर उस चाक़ू से ज़मीन पर इस प्रकार से अपने चारों ओर एक बड़ा सा गोला खींचो की चाकू जमीन से न उठे उसके बाद उस चाकू को अपने आसन के नीचे रख लें और साधना के उपरांत जब भी बाहर निकलना हो तो घेरे की रेखा पर तीन बार ××× चाकू से गणित के गुणा का निशान बनाकर घेरे को तीन जगह से काट दें।

रक्षा मन्त्र।
ॐ गुरु जी
काली काली महाकाली 
तेरा वचन ना जाये खाली
मेरे पिंड प्राण की कर रखवाली
हाथ में तेरे खड़ग विराजे 
जो तूँ रक्षा मेरी ना करे तो 
सिद्ध यति शिव गोरख लाजे
दुहाई माता लोन चमारी की
आन मेरे गुरु की 
आदेश आदेश आदेश

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सोमवार, 4 अक्तूबर 2021

रक्षा मन्त्र

साधना में प्रयोग होने वाला सर्व सिद्ध रक्षा मंत्र

ओम गुरु जी 
भय कीलूँ 
भंडासुर कीलूँ 
कीलूँ अपनी गात
जलता मसाण कीलूँ
कीलूँ भूत की जात 
चार कुंठ की विद्या कीलूँ 
गुरु गोरख मेरे साथ 
आसन बैठूं करूँ तेरा ध्यान
जो कोई हम पर करे करावे 
उसकी विद्या खुद बन्ध जावे 
शब्द मेरा न खाली जावै
दोहाई चौसठ जोगियों की दुहाई 
दहाई बावन वीरों की
नौ नाथ चौरासी सिद्धों की 
दुहाई मरघटी काली की
दुहाई मेरे गुरु उस्ताद की 
चले मंत्र फुरो वाचा 
देखा गुरु उस्ताद 
तेरी कील का तमाशा।

यह मंत्र अस्सी कोस की मैली विद्या को बांध देता है जिनके घरों में गद्दी चलती हैं और वह दूसरों को देखने का काम करते हैं या जो जानकार लोग हैं और समाज कल्याण हेतु दूसरों को देखने का काम करते हैं 
उनके लिए यह एक बहुत कल्याणकारी मंत्र है जब आप  जाप पाठ पूजा कुछ भी करते हैं तो बहुत से लोग ऐसे होते हैं जो आपके ऊपर आंखें गड़ाए रहते हैं और मौका पाते ही अपनी बुरी शक्तियों द्वारा आपकी विद्या को बांधने की  कोशिश करते हैं
या फिर आप के ऊपर कोई तंत्र शक्ति द्वारा प्रहार करने की कोशिश करते हैं 
ऐसे में यह मंत्र बहुत कारगर साबित होता है  
इस मंत्र का किसी होली दिपावली दशहरे के समय एक हजार आठ बार जाप करके सिद्ध करें 

इस मंत्र को सिद्ध करने की विधि इस प्रकार है कि शुभ समय पर अच्छे मुहूर्त में घर के किसी एकांत कोने में या कमरे में सवा हाथ जमीन पर आपको गाय के गोबर से लीपकर एक गोल चौंका लगाना है उसके ऊपर एक जल का पात्र धरें कुछ फूल पान मिठाई एक नारियल एक ध्वजा गुरु गोरखनाथ जी के लिए एक सवा 7 मीटर की पगड़ी उसमें 101 रुपये धरें 
फिर सरसों के तेल का एक दीपक जला दे धूफ दें वहीं पर बैठकर मन्त्र  का 1008 बार जाप करें और वहीं बैठकर 108 बार जौ तिल हवन सामग्री देसी घी मिलाकर हवन करें।
इतना होने के बाद उक्त पगड़ी और दक्षिणा गुरु गोरखनाथ जी के नाम से उनके स्थान पर दें इस तरह ये मन्त्र सिद्ध हो जाता है
उसके उपरांत आपको जब गद्दी पर बैठना हो तो सबसे पहले गणेश जी का ध्यान करके फिर गुरु गोरक्षनाथ का ध्यान करके इस मंत्र का 108 बार जाप कर के चारों दिशाओं में फूक मार दे तो किसी का भी वार आपके ऊपर और आपकी गद्दी पर नही चलेगा जो आपकी गद्दी बांधने या आप पर वार करने की कोशिश करेगा उसकी सारी विद्या खुद ही बंद हो जाएगी 
चाहे वह किसी भी शक्ति के माध्यम से आपके ऊपर वार करेगा वह वार उसी पर पलट जाएगा
धीरे धीरे उसका किया कराया उसी के ऊपर चढ़ जाएगा।

श्री झूलेलाल चालीसा।

                   "झूलेलाल चालीसा"  मन्त्र :-ॐ श्री वरुण देवाय नमः ॥   श्री झूलेलाल चालीसा  दोहा :-जय जय जय जल देवता,...