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गुरुवार, 31 अक्तूबर 2019

नौगजा पीर की साधना।

 

           

 ।।   नौ ग़ज़ा पीर  साधना।।
दिल्ली हरियाणा पंजाब उत्तर प्रदेश  चारों राज्यों में नौ गजा पीर बड़े जाने-माने फकीर है और एक ऊंचा दर्जा रखते हैं। इनके बहुत जगह पर स्थान है उनमें सहारनपुर और शाहबाद के दो स्थान प्रमुख हैं।इनका नाम सैय्यद इब्राहिम बताया जाता है।
इनका नाम नौ गजा होना इसलिए बताया जाता है कि उनका कद नौ गज का था।
इनके घर से जल्दी जल्दी कोई सवाली खाली नहीं जाता चाहे वह बंद कारोबार हो या औलाद का ना होना यहां पर सिर्फ दरगाह पर आप सच्ची नियत से चले जाएं तो भी आप का काम होना पक्का है ।
बात सिर्फ आपकी सच्ची नियत की होती है आपका कोई भी काम यह रुकने नहीं देते और इनकी हवा इतनी जबरदस्त होती है कि सामने भूत बेताल या शैतान किसी भी तरह की चीज इनको रोक नहीं पाती।
○जो साधना मैं आपके लिए लेकर आया हूं यह साधना पहले परीक्षित साधना है और इसमें बाबा जी के दर्शन होने आम सी बात है वस्तुतः यह एक सुलेमानी साधना है।
○इस साधना में साधक को बाबा नौ गजा पीर दर्शन जरूर देते हैं और दस से पंद्रह दिनों में अनुभव होते हैं ।
○लेकिन परहेज को पूरी कड़ाई से मानना पड़ेगा एकांत में आप को एक साफ सुथरे कमरे का इंतजाम करना है। उसकी लिपाई पुताई करनी है साधना काल में उस समय में उस कमरे में  आपके सिवा कोई दूसरा आदमी या स्त्री नहीं आनी चाहिए।
○वहां साफ सुथरे हरे वस्त्र पहनकर हरा आसन लगाकर वज्रा आसन में बैठकर काले हक़ीक़ की माला से 21 माला रोज करनी है अपने सिर को ढककर रखना है।
○फिर पश्चिम की और मुह करके एक लकड़ी की तख्ती पर हरा कपड़ा बिछाकर 2 चावलों की ढेरियां लगाकर उनपर दो चिराग एक देसी घी और एक सरषों के तेल का चलाना है ।
○हिना या ऊद के इत्तर का प्रयोग करना है और 15 दिनों तक खूब इत्तर लगाकर रखना पड़ेगा।
○लोबान की धूनी देनी है अगरबत्ती लगा के रखना है और एक जल का पात्र, 1 पान मीठा,2 सिगरेट,पांच बताशा, चूरमा के लड्डू सेंट ,पाँच बूंदी वाले लड्डु ,5 या 11 गुलाब के फूल लौंग इलायची ,खमनी(कलावा या मौली) का जोड़ा 5 सुपारी और मीठे चावलों का परशाद ,एक हरे रंग की पीर की चद्दर, यह सब कुछ रखना पड़ेगा।
○मैदानन को को बाहर एक जोड़ा बूंदी वाले लड्डू सात लौंग सात छोटी इलायची जोड़ा खमनी जोड़ा सबूत सुपारी के साथ चौकी पर देने है।
○उसके बाद ही यह साधना शुरू करनी है। फिर एक जोड़ा बूंदी वाले लड्डू भैरव जी को नमस्कार करके किसी भी आवारा कुत्ते को देकर साधना पूरी होने के लिए प्राथना करनी है।
○फिर पीर बाबा के मंत्र का जाप करना है 21 माला रोज़ाना।
○ इस साधना में अगर आप दरूदे इब्राहिम ई या दरूदे गौसिया दोनों में से कोई भी दरूद अगर 500 बार पढ़ लेते हैं तो आपकी शक्ति और बढ़ जाएगी।
○ वैसे तो इस साधना में रक्षा मंत्र की आवश्यकता नहीं है फिर भी जब रूहानी शक्ति उठती है तो सूत्र शक्तियां साधना को खंडित करने के लिए अलग तरह से विघ्न खड़े करने शुरु कर देती हैं इसलिए आप रक्षा मंत्रसे घेरा जरूर लगाएं।

○मन्त्र:-ओम नमो आदेश गुरु को।अजरी बांधु बजरी बाँधू बाँधू दसई द्वार। आन पड़ी हनुमान की रक्षा राम की कार।पहली चौकी गज गणपति जी की।दूजी चौकी विकट वीर हनुमान।तीसरी चौकी भूमिया भैरव।चौथी नरसिंह की आन । जो इन्हीं चौकी को लांघे ,तुरंत ही धूल भस्म हो जावे, दुश्मन बैरी जो कोई करें, उल्टा वाही पर उल्टा पडे, मंत्र सांचा पिंड काचा,फुरो मंत्र गोरख वाचा।।


बिस्मिल्लारहमनरहीम ,घेरे पर घेरा तेइस सो पीर, संग में चले नौगजा पीर सैय्यद इब्राहिम, सैय्यद इब्राहिम नौगजा पीर कहाँ से आया मक़्क़ा मदीना से आया,सट्टे की घड़िया बांदता आये,दुश्मन की नाड़ियां बांधता आये,अपनी विद्या चलाता आये,भक्त के बुलाया चौकी चलाये,अस्सी कोसां दी खबर लिआये,बंद दरवाजेयां नु खोलदा आये,बन्नी नज़र नु खोलदा आये,भक्त दी बंदी खोलदा आये,अली-अली बोलदा आये,जे ना आये अपनी माँ दा दुध हराम करें, नौगजा पीर ना कहाये।पाकपट्टन के बाबा फरीद दी दुहाई,मौला अली दी दुहाई। तेरे  पीर दी दुहाई,पीराने पीर दी दुहाई,हाजर हो मेरे पीर बादशाह नौगजा पीर। सलाम सलाम सलाम।****

श्री झूलेलाल चालीसा।

                   "झूलेलाल चालीसा"  मन्त्र :-ॐ श्री वरुण देवाय नमः ॥   श्री झूलेलाल चालीसा  दोहा :-जय जय जय जल देवता,...