शनिवार, 30 अक्तूबर 2021

दीपावली के सिद्ध टोटके

दीपावली के टोटके 

शास्त्रों में बताए दीवाली के टोने-टोटके के उपायों को करने से बहुत जल्दी मां महालक्ष्मी की प्रसन्नता प्राप्त होती है तथा घर में धन-संपदा का आगमन होता है।

भारत के सभी पर्वों में दीवाली का सर्वाधिक महत्व है। इस दिन शुभ मुहूर्त में सही विधि-विधान से लक्ष्मी का पूजन करने पर अगली दीवाली तक के लिए लक्ष्मी कृपा से घर में धन और धान्य की कमी नहीं आती है। साथ ही शास्त्रों में बताए टोने-टोटके के उपायों से भी बहुत जल्दी ही लक्ष्मी की प्रसन्नता प्राप्त की जा सकती है। लक्ष्मी कृपा पाने के लिए  उपाय यहां दिए जा रहे हैं, इन्हें सभी राशियों के लोग कर सकते हैं। इनमें से कोई भी एक या अधिक उपाय करने से दरिद्रता दूर होकर सुख-सम्पत्ति का आगमन होता है।

○दीपावली पूजन के समय पर लक्ष्मी जी को 11 कोड़ियां, 21 कमलगट्टा, 25 ग्राम पीली सरसों  चढ़ाएं (एक प्लेट में रखकर अर्पण करें)। अगले दिन तीनों चीजें लाल या पीले कपड़े में बांधकर तिजौरी में या जहां पैसा रखते हों वहां , रख दें। घर में धन धान्य की अपूर्व वृद्धि होगी

○दीपावली के दिन अशोक वृक्ष की जड़ का पूजन करने से घर में धन-संपत्ति की अपूर्व वृद्धि होती है।

○दीपावली के दिन पानी का नया घड़ा लाकर पानी भरकर रसोई में कपड़े से ढंककर रखने से घर में बरक्कत और खुशहाली बनी रहती है।

○धनतेरस के दिन हल्दी और चावल पीसकर उसके घोल से घर के मुख्य दरवाजे पर ऊँ बनाने से घर में लक्ष्मीजी (धन) का आगमन बना ही रहता है।

○नरक चतुर्दशी छोटी दीपावली को प्रात:काल अगर हाथी मिल जाए तो उसे गन्ना या मीठा जरूर खिलाने से अनिष्ठों, जटिल मुसीबतों से मुक्ति मिलती है। सारा साल अनहोनी से रक्षा होती है।

○दीपावली के पूजन के बाद शंख और डमरू बजाने से घर की दरिद्रता दूर होती है और लक्ष्मीजी का आगमन बना रहता है ।

○दीपावली के दिन पति-पत्नी सुबह लक्ष्मी-नारायण विष्णु मंदिर जाएं और एक साथ लक्ष्मी-नारायणजी को वस्त्र अर्पण करने से कभी भी धन की कमी नहीं रहेगी। संतान दिन दूनी, रात चौगुनी तरक्की करेगी।

○दीपावली के दिन इमली के पेड़ की छोटी टहनी लाकर अपनी तिजेरी या धन रखने के स्थान पर रखने से धन में दिनोंदिन वृद्धि होती है।

○ दीपावली के दिन काली हल्दी को सिंदूर और धूप दीप से पूजन करने के बाद 2 चाँदी के सिक्कों के साथ लाल कपड़े में लपेटकर धन स्थान पर रखने से आर्थिक समस्याएं कभी नहीं रहतीं।

○ दीपावली के अगले दिन गाय के गोबर का दीपक बनाकर उसमें पुराने गुड़ की एक डेली और मीठा तेल डालकर दीपक जलाकर घर के मुख्य द्वार के बीचों बीच रख दें। इससे घर में सुख-समृद्धि दिनों दिन बढ़ती रहेगी।

○दीपावली के दिन रुद्र भूमि (श्मशानभूमि) में स्थित शिव मंदिर में जाकर दूध में शहद मिलाकर चढ़ाने से सट्टे और शेयर बाजार से अचानक धन मिलता है।

○ दीपावली के दिन नया झाड़ू खरीदकर लाएं। पूजा से पहले उससे पूजा स्थान की सफाई कर उसे छुपाकर एक तरफ रख दें। अगले दिन से उसका उपयोग करें, इससे दरिद्रता का नाश होगा और लक्ष्मीजी का आगमन बना रहेगा।

○दीपावली के दिन एक चाँदी की बाँसुरी राधा-कृष्णजी के मंदिर में चढ़ाने के बाद 43 दिन लगातार भगवान श्रीकृष्णजी के (ॐ क्लीं कृष्णाय गोविन्दाय गोपीजन वल्लभाय स्वाहा )मंत्र का 108 बार प्रतिदिन जाप करें।  गाय को चारा खिलाएं और संतान प्राप्ति के लिए प्रार्थना करें। निश्चय ही भगवान श्रीकृष्णजी की कृपा से आपको संतान प्राप्ति अवश्य ही होगी।

○दीपावली पर गणेश-लक्ष्मीजी की मूर्ति खरीदते समय यह अवश्य ही देखें कि गणेशजी की सूड़ गणेशजी की दांयी भुजा की ओर जरूर मुड़ी हो। इनकी पूजा दीपावली में करने से घर में रिद्धि-सिद्धि धनसंपदा में बढ़ोत्तरी, संतान की प्रतिष्ठा दिनोंदिन बढ़ती है।

○भाईदूज के एक दिन एक मुट्ठी साबुत बासमती चावल बहते हुए पानी में महालक्ष्मी जी का स्मरण करते हुए छोड़ने से धन्य-धान्य में दिन-प्रतिदिन वृद्धि होती है।

○आंवले के फल में, गाय के गोबर में, शंख में, कमल में, सफेद वस्त्रों में लक्ष्मीजी का वास होता है इनका हमेशा ही प्रयोग करें। आंवला घर में या गल्ले में अवश्य ही रखें।

○दीपावली के दिन हनुमान मंदिर में लाल पताका चढ़ाने से घर-परिवार की उन्नति के साथ ख्याति धन संपदा बढ़ाती है।

○ नरक चतुर्दशी की संध्या के समय घर की पश्चिम दिशा में खुले स्थान में या घर के पश्चिम में 14 दीपक पूर्वजों के नाम से जलाएं, इससे पितृ दोषों का नाश होता है तथा पितरों के आशीर्वाद से धन-समृद्धि में बढ़ोत्तरी होती है।

○दीपावली पर लक्ष्मी पूजन के बाद घर के सभी कमरों में शंख और घंटी बजाना चाहिए। इससे घर की नकारात्मक ऊर्जा और दरिद्रता बाहर चली जाती है। मां लक्ष्मी घर में आती हैं।

○दीपावली पर तेल का दीपक जलाएं और दीपक में एक लौंग डालकर हनुमानजी की आरती करें। किसी मंदिर हनुमान मंदिर जाकर ऐसा दीपक भी लगा सकते हैं।

○किसी शिव मंदिर जाएं और वहां शिवलिंग पर अक्षत यानी चावल चढ़ाएं। ध्यान रहें सभी चावल पूर्ण होने चाहिए। खंडित चावल शिवलिंग पर चढ़ाना नहीं चाहिए।

○दीपावली पर महालक्ष्मी के पूजन में पीली कौड़ियां भी रखनी चाहिए। ये कौडिय़ा पूजन में रखने से महालक्ष्मी बहुत ही जल्द प्रसन्न होती हैं। आपकी धन संबंधी सभी परेशानियां खत्म हो जाएंगी।

○लक्ष्मी पूजन के समय हल्दी की गांठ भी साथ रखें। पूजन पूर्ण होने पर हल्दी की गांठ को घर में उस स्थान पर रखें, जहां धन रखा जाता है।

○दीपावली के दिन झाड़ू अवश्य खरीदना चाहिए। पूरे घर की सफाई नई झाड़ू से करें। जब झाड़ू का काम न हो तो उसे छिपाकर रखना चाहिए।

○दीवाली के दिन किसी मंदिर में झाड़ू का दान करें। यदि आपके घर के आसपास कहीं महालक्ष्मी का मंदिर हो तो वहां गुलाब की सुगंध वाली अगरबत्ती का दान करें।

○इस दिन अमावस्या रहती है और इस तिथि पर पीपल के वृक्ष को जल अर्पित करना चाहिए। ऐसा करने पर शनि के दोष और कालसर्प दोष समाप्त हो जाते हैं।

○दीपावली पर लक्ष्मी का पूजन करने के लिए स्थिर लग्न श्रेष्ठ माना जाता है। इस लग्न में पूजा करने पर महालक्ष्मी स्थाई रूप से घर में निवास करती हैं।-पूजा में लक्ष्मी यंत्र, कुबेर यंत्र और श्रीयंत्र रखना चाहिए। यदि स्फटिक का श्रीयंत्र हो तो सर्वश्रेष्ठ रहता है।

○अपने घर के आसपास किसी पीपल के पेड़ के नीचे तेल का दीपक जलाएं। यह उपाय दीपावली की रात में किया जाना चाहिए। ध्यान रखें दीपक लगाकर चुपचाप अपने घर लौट आए, वापिस पलटकर न देखें।

○दीपावली की रात लक्ष्मी पूजा करते समय एक थोड़ा बड़ा घी का दीपक जलाएं, जिसमें नौ बत्तियां लगाई जा सके। सभी 9 बत्तियां जलाएं और लक्ष्मी पूजा करें।

○दीपावली की रात में लक्ष्मी पूजन के साथ ही अपनी दुकान, कम्प्यूटर आदि ऐसी चीजों की भी पूजा करें, जो आपकी कमाई का साधन हैं।

○लक्ष्मी पूजन के समय एक नारियल लें और उस पर अक्षत, कुमकुम, पुष्प आदि अर्पित करें और उसे भी पूजा में रखें।

○दीपावली के दिन यदि संभव हो सके तो किसी किन्नर से उसकी खुशी से एक रुपया लें और इस सिक्के को अपने पर्स में रखें। बरकत बनी रहेगी।

○प्रथम पूज्य श्रीगणेश को दूर्वा अर्पित करें। दूर्वा की 21 गांठ गणेशजी को चढ़ाने से उनकी कृपा प्राप्त होती है। दीपावली के शुभ दिन यह उपाय करने से गणेशजी के साथ महालक्ष्मी की कृपा भी प्राप्त होती है।

○दीवाली की रात सोने से पहले किसी चौराहे पर तेल का दीपक जलाएं और घर लौटकर आ जाएं। ध्यान रखें पीछे पलटकर न देखें।

○ महालक्ष्मी के चित्र का पूजन करें, जिसमें लक्ष्मी अपने स्वामी भगवान विष्णु के पैरों के पास बैठी हैं। ऐसे चित्र का पूजन करने पर देवी बहुत जल्द प्रसन्न होती हैं।

○दीपावाली पर श्रीसूक्त एवं कनकधारा स्तोत्र का पाठ करना चाहिए। रामरक्षा स्तोत्र या हनुमान चालीसा या सुंदरकांड का पाठ भी किया जा सकता है।

○यदि संभव हो सके तो दीवाली वाले दिन किसी तालाब या नदी में मछलियों को आटे की गोलियां बनाकर खिलाएं। इस पुण्य कर्म से बड़े से बड़े संकट भी दूर हो जाते हैं।

○ एक बात का विशेष ध्यान रखें कि माह की हर अमावस्या पर पूरे घर की अच्छी तरह से साफ-सफाई की जानी चाहिए। साफ-सफाई के बाद घर में धूप-दीप-ध्यान करें। इससे घर का वातावरण पवित्र और बरकत देने वाला बना रहेगा।

○लक्ष्मी पूजन में सुपारी रखें। सुपारी पर लाल धागा लपेटकर अक्षत, कुमकुम, पुष्प आदि पूजन सामग्री से पूजा करें और पूजन के बाद इस सुपारी को तिजोरी में रखें।
○घर में स्थित तुलसी के पौधे के पास दीपावली की रात में दीपक जलाएं। तुलसी को वस्त्र अर्पित करें।

○जो लोग धन का संचय बढ़ाना चाहते हैं, उन्हें तिजोरी में लाल कपड़ा बिछाना चाहिए। इसके प्रभाव से धन का संचय बढ़ता है। महालक्ष्मी का ऐसा फोटो रखें, जिसमें लक्ष्मी बैठी हुईं दिखाई दे रही हैं।

○दीपावली पर सुबह-सुबह शिवलिंग पर तांबे के लोटे से जल अर्पित करें। जल में यदि केसर भी डालेंगे तो श्रेष्ठ रहेगा।
○ महालक्ष्मी के महामंत्र ऊँ श्रीं ह्रीं श्रीं कमले कमलालये प्रसीद प्रसीद् श्रीं ह्रीं श्रीं ऊँ महालक्ष्मयै नम: का कमलगट्टे की माला से कम से कम 108 बार जप करें

सोमवार, 25 अक्तूबर 2021

साधना चमत्कारी संदूनी की

संदूनी की साधना

हज़ार पल इंतज़ार के सब्र से काटो एक घडी मुलाकात की क़िस्मत पलट देगी।

संदूनी वास्तव में क्या है एक शक्तिशाली हसीन नौजवान  जिन्न कन्या जो पल भर में दुनिया भर की खुशियां आप के कदमो में डाल देने की ताकत रखती है। ये एक ऐसी साधना है जिसको करने से पैसे की हर ज़रूरत पूरी होती है।

आपके हर सपने को पूरा कर ने में सक्षम होती है एक ऐसी वफादार साथी जो कि आपपर आने वाली हर एक मुसीबत को समाप्त कर देती है अपने साधक को होने वाली हर बात के विषय में पहले ही बता देती हैं।

अगर साधक को धन की आवश्यकता हो तो उसे भी पूरा कर देती है यानी कितनी भी जरूरत हो पैसे का इंतजाम करने में समय नही लगती।

अपने साधक के दुश्मनों के तहस नहस कर देती है उसके दुश्मन धूल चाटते रहते है अगर वे साधक से दुश्मनी नही छोड़ते तो ये उनको मारने में समय नही लगती

वास्तव में इनका संबंध  जिन्नात की कौम है और जिनके खानदान का सीधा संबंध तवायफों और जादूगरों से है। इस लिए कई बार यह अपने जादू से साधक की साधना को भी खंडित कर देतीं है।

इसकी साधना के लिए आपको किसी शमशान कब्रिस्तान या चौराहे की बजाए एक साफ सुथरे लिपे पुते हुए अकेले कमरे का चुनाव करना होता है।
 
जब तक साधक अपनी साधना पूरी न कर ले तब तक उस कमरे में किसी भी अन्य व्यक्ति का प्रवेश बिल्कुल निषिद्ध है

उस कमरे में साधक की एक चारपाई और संदूनी के लिए रखी गयी एक कुर्सी के इलावा कुछ नहीं होना चाहिए।

इस साधना में असफल रहने पर किसी किस्म का जानी नुकसान नहीं होता इस कि साधना के समय आपके किसी भी स्त्री से विवाहित य्या अविवाहित संबद्ध छोड़ने पड़ते है।

अगर शादीशुदा है तो तलाक लेना होगा अगर कोई प्रेम संम्बन्ध है तो उसे भी तोड़ना होगा। ये संदूनी चाहे आपकी पत्नी बनकर रहे या प्रेमिका किसी अन्य स्त्री के साथ आपके संबंधों को हरगिज़ बर्दास्त नही करती।

इसकी साधना रात्रि के समय तय समय पर ही की जाती है सभी आत्माएं शब्दों और वचनों के साथ बंधी हुई होती है लेकिन बदकिस्मती है सिर्फ आदमी ही अपना वचन तोड़ता है। हर कीमत पर अपने वचनों पर टिके रहें

जो भी जरूरत हो वो संदूनी से कहें और जो भी शर्तें हो वो पहले दिन ही तय कर लें वो सिर्फ वही काम करेगी जो बातें पहले दिन तय होंगी । ये भी स्पष्ट पूछ लें कि संदूनी आपके लिए काम करेंगी या दूसरों के लिए भी काम करेंगी।

उसको बुलाने का तरीका क्या होगा उसकी शर्ते क्या हैं अगर कोई शर्त मंजूर न हो तो कोई और शर्त रखने को कहें 

इसे प्रतिरात्रि में एक निर्धारित समय पर शुद्ध रूई की बत्ती बनाकर और चमेली के तेल को डालकर उससे एक दीया जलाना है  और इस को अपने सामने मत रखना। बल्कि संदूनी के नाम से कमरे में ही कहीं रख दें कमरे में अगरबत्ती और लोहबान का बाखूर यानि धूनी चलती रहेगी तस्बीह काले हकीक की होगी आसन किसी भी काले कंबल का होगा साधक का मुंह उत्तर दिशा की तरफ रहेगा लिबास काला और सिर भी ढका हुआ रहेगा। वज़ीफ़ा हिसार के अंदर बैठ कर पढ़ना है।

 संदूनी के लिए कमरे में एक कुर्सी रखें।  क्योंकि वह जमीन पर नहीं बैठेगी।
 
क्या क्या काम होगा ?  उनकी उपस्थिति समान रहेगी। जैसा कि शर्त निर्धारित करते समय निर्धारित किया जाएगा।  वह करेगी दूसरों का काम करेगी या सिर्फ साधक का ही काम करेगी,ये सभकुछ पहले से तय ही कर लें। रुपये पैसे दौलत की कोई इच्छा होगी, तो वह उसकी व्यवस्था भी करेगी।  

वह बहुत सुंदर होती है,एक अच्छा दोस्त और साथी भी, शर्त पर टिके रहे तो कोई नुकसान नही है साधक किसी भी काम को करने में सक्षम  होगा

जब साधना की  जाएगी और प्रभावी होगी तो पहले दिन स्त्री का स्वर सुनाई देने लग जाता है जैसे कुछ हो रहा हो। कई बार कई स्त्रियों की आवाज़ें भी आती हैं जैसे कि कई औरतें आपस में बात कर रहीं हों कभी कड़वी और कड़क आवाजें भी आतीं है कभी कभी किसी के गायन की ध्वनि भी सुनाई देती है।  उसके बाद कभी-कभी चलते हई पावों य्या जानवरों के पावों की आवाज़ें आती हैं  फिर एक दिन महिलाओं का एक समूह या एक अकेली महिला भी।

और ये भी की साधना जब पूरी होने वाली होती है तब इस की छोटी बहन नग्न अवस्था में जोकि बेहद खूबसूरत होती है पहले साधक के पास आकर उसकी परीक्षा लेती है और साधक को भ्रमित करने की चेष्टा करती है लेकिन अगर साधक ने अपना धैर्य नही खोया तो संदूनी साधक के पास आती है। 

रहीना सरीना सफ़रीना कज अखज फट्ट फट्ट स्वाहा बद्दूह या गौंस अल ताकालिन या क़ुतुब रब्बानी सैय्यद अबू सालेह जिलानी अहज़री ब जन्नल्लाह वा हज़री बिहक्क ला इलाहा इल्लल्लाह महोम्मद रुसूल अल्लाह सल्ली अल्ला अलैहि वालि वसल्लम।

इसको नौचंदी बुधवार की रात्रि से शुरू करके पहले 3 दिन तक शिद्दत से ये साधना करे अगर 3 दिनों में नही आती तो फिर 11 दिन करें  अगर ना आये तो निराश ना हों फिर 21 करें अगर फिर भी ना आये तो 41 दिनों में 100%  सफलता अवश्य ही मिल जाती है 

इस साधना में अधिक समय ना लगे इसके लिए लौहे-तसख़ीर तिलिस्म को धारण करें 

इसमें जो हिसार के लिए जो मन्त्र प्रयोग किया जाता है वो योग्य शिष्य को ही दिया जाएगा।अतः इच्छुक साधक संपर्क करें। क्योंकि ये बहुत ही ज्यादा ताकतवर जादूगर होती हैं इस लिए जब भी साधना करें अपने गुरु या उस्ताद  के निर्देशन में ही करें तब ही ये साधना सफल हो सकती है।

अलग मकान में नौ चंदी बुधवार से शुरू करें जुमेरात और जुम्मे तक तीन रात तक प्रतिरात्रि 1100 मर्तबा पढें तीसरी रात  संदूनी हाज़र होगी और अपने बुलाने का कारण पूछेगी तब पढ़ाई पूरी करने के उपरांत बेझिझक अपनी बात उस से कहें। फिर सभी शर्तें तय कर लें वो कौन सा काम करेगी कौन सा काम नही करेगी ये सभी कुछ और उसको बुलाने का तरीका भी पूछ लें।

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श्री झूलेलाल चालीसा।

                   "झूलेलाल चालीसा"  मन्त्र :-ॐ श्री वरुण देवाय नमः ॥   श्री झूलेलाल चालीसा  दोहा :-जय जय जय जल देवता,...