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बुधवार, 5 जून 2019

अघोरी मन्त्र


अघोरी की आत्मा को प्रसन्न करने एवं उससे सहायता प्राप्त करने हेतु साधना बता रहा हूँ , इस साधना को आप घर पर भी कर सकते है  और आपने उपर आई हुई उग्र मसाण या प्रेत बाधा का निराकरण कर सकते हैं इसके बिना निराकरण संभव नहीं है।

मैंने ऐसे बहुत सारे साधक देखे हैं जो बड़ी-बड़ी साधना ए करने के बाद निराश हो जाते हैं और लंबे चौड़े विधान कर कर के परेशान हो चुके होते हैं जिनके पास पैसा नहीं होता इतना पैसा नहीं होता कि वह देवता को भोग दे सकें और ऐसे साधक भी देखे हैं जिनको पूरी विधि पता ना होने के कारण उनके कई बड़े-बड़े प्रयोग फेल हो जाते हैं ।

मेरे पास ऐसे बहुत सारे लोगों ने संपर्क किया है जो पहले बहुत अमीर होते थे और किसी तंत्र बाधा के कारण किया किसी गलती के कारण वह बिल्कुल दरिद्र हो गए और इतना भी ना रहा कि दो वक्त की रोटी नसीब वैसे साधक भी इस प्रयोग को करने से सुखी हो गये क्योंकि तंत्र शक्तियों में मसान एक ऐसी शक्ति है कि जिस में गर्माइश बहुत अधिक होती है ये आपकी दैविक आभा को बिल्कुल खत्म कर देता है और पीड़ित को बहुत अधित मानसिक वेदना का अनुभव होता है  जिसका प्रयोग यदि किसी के ऊपर एक बार हो जाए तो वह जल्दी-जल्दी हटता नहीं है उसकी काट सिर्फ अघोरी होता है अघोरी के बिना उसकी काट नहीं लगती।

आज तक जिस साधक को भी ये साधना करवाई गई है वो उक्त बाधाओ से मुक्त होकर सुखी जीवन यापन कर रहे हैं।

साबर मंत्र -
" आडू देश से चला अघोरी , हाथ लिये मुर्दे की झोली , खड़ा होए बुलाय लाव , सोता हो जागे लाव ,तुझे अपने गुरु अपनों की दुहाई , बाबा मनसा राम की दुहाई ,मेरी आन मेरे गुरु की आन ईश्वर गौरां महादेव पार्वती की दुहाई दुहाई काली माता की
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"(ये मन्त्र पूरा है लेकिन इसकी पूरी विधि लेने के लिए सम्पर्क करें बिना गुरु के साधना को करने यदि आपको कोई जानी या माली नुकसान पहुुँचता है तो उस में मेरे या मेरे चैंनल लेेख का कोई उत्तरदायित्व नही होगा।)


इसका प्रयोग विधान -

उक्त मंत्र का कृष्ण पक्ष मंगलवार या शनिवार की मध्यरात्रि के समय , लाल या काले आसन पर बैठ कर नित्य ही ११ माला का जप करे ।

अपने सम्मुख अघोरी आत्मा हेतु एक मिट्टी के कुलहड़ में गुड़ का शर्बत , श्वेत फूलो की माला , मिठाई -नमकीन आदि रखे ।

यदि आप इस साधना को तामसिक तरीके से करना चाहते हैं तो आप इसके भोग में परिवर्तन कर सकते हैं तामसिक भोग में मांस मदिरा का प्रयोग होगा और तामसिक साधना शमशान घाट में सम्पन्न होगी।

गूगल की धुप और शुद्ध सरसों के तेल का दीया जाप के दौरान प्रज्वलित रखे ।

जब जप पूर्ण हो जाये तो ये सभी सामग्री किसी चौराहे पर या किसी पीपल के पेड के नीचे चुपचाप से रख आये और हाथ-पैर धोकर सो जाये । 7वें दिन नहीं जाना है ।

तब किसी अघोरी की आत्मा आएगी और सामग्री न देने का कारण अत्यंत उग्र स्वर में पूछेगी ...घबराए नहीं और उत्तर भी नहीं देना और जो पूर्व दिन की बची सामग्री है उसे रख दें ।
न ही किसी भी प्रकार का प्रश्न करें न ही किसी प्रश्न का उत्तर दें ।
अब जप के पश्चात् जो सामग्री वर्तमान दिन ...यानि 8वें दिन की है ...फिर से चौराहे पर या पीपल के पेड के नीचे रख आये ।
यह साधना 11 दिन की है एवं 11वें दिन अघोरी की आत्मा आएगी और सौम्य भाषा -शब्दों में वार्ता करगी ।
उससे अपनी बुद्धि के अनुसार वचन ले लीजिये ,ये आत्मा साधक के अभिष्टों को पूर्ण करेगी ।
जब भी किसी कुल्हड़ में देसी शराब और नमकीन -मिठाई अघोरी के नाम से अर्पित करोगे तो वो सम्मुख आकर साधक की समस्या का निवारण भी करेगी ।
इस साधना के प्रभाव से अघोरी की आत्मा साधक के आस-पास ही रहेगी तथा उसे सुरक्षा भी प्रदान करेगी ।

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