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बुधवार, 16 अक्टूबर 2019

।। सेवादार /पितृ को सिद्ध करने की कलाम।।

।। सेवादार /पितृ को सिद्ध करने की कलाम।।
साधक भाई बहनों आज मैं आपको पित्र सिद्ध करने का या रूठे हुए पितरों को मनाने के लिए एक साधना देने जा रहा हूं और यह मंत्र बहुत कम लोगों को पता है सिर्फ ऐसे विद्वान लोग हैं जिनको पता है उनकी भी गिनती उंगलियों पर की जा सकती है इस मंत्र के अनुष्ठान से धनधान्य की वर्षा होती है आर और संतान बाधा में अगर कोई दिक्कत है तो वह भी दूर हो जाती है कारोबार अगर पित्र की के क्रोध यासिर आपसे  रुका हुआ है तो वह भी चल पड़ता है  और रुका हुआ पैसा भी मिल जाता है  अगर कोई लंबे समय से बीमार है  कोई कारोबार आपका बना हुआ है या कोई फैक्ट्री आपका बार-बार नुकसान करती है या कोई मशीनरी आपका बार-बार नुकसान करती है  तो वह भी इससे सही हो जाता है  वह तेज वैसे तो पित्र संहिता  का पाठ गायत्री का पाठ  गीताजी का पाठ  नारायण बलि  श्रीमद् भागवत  ऐसे बहुत से लोग प्रचलित बड़े बड़े इंसान  अनुष्ठान पड़े हुए हैं जिनको करने से  रुका हुआ काम और पित्र बाबा निवृत हो जाती है  लेकिन
○अगर किसी के पास धन का अभाव हो तो वह कैसे इतने बड़े-बड़े काम कामों को करवा सकता है  तो इसलिए  साबर विधि से सरल तरीके से अपने पितरों को  खुश करने का तरीका मैं आपके लिए लाया हूं  इससे से रुका अगर आपका कोई भी काम होगा तो वह कुछ ही दिनों के भीतर आपको सकारात्मक प्रभाव दिखने लग जाएगा।
○ कुछ हमारे जिज्ञासु भाई बहन हैं जो चाहते हैं कि उनके पास उनके पुत्र और गधी के सेवादार को सिद्ध करने की कोई विधि हो तो मैं उनको सरल शब्दों में सविधान समझा देता हूं की अगर इस अनुष्ठान को आप 41 दिन तक कर लोगे और अंतिम दिन अमावस का पड़े और उस दिन आप होम और हवन करो तो आपको कुछ ही दिनों में परिणाम मिलने चालू हो जाएंगे।
○किसी भी महीने में आपकी साधना को कर सकते हैं  लेकिन आपको  इंतजार करना होगा  कृष्ण पक्ष का  जब कृष्ण पक्ष शुरू हो प्रतिपदा से लेकर  आपको यह जप करना है लगातार पित्र को खुश करने के लिए आपको यह 15 दिन यानी एक पूरा कृष्ण पक्ष अमावस्या तक जाप करना है  और पित्र की सिद्धि प्राप्त करने के लिए आपको इसे लगातार 41 दिन  करना होगा ।
○अगर  आप यह केवल पितरों को खुश करने के लिए कर रहे हैं के लिए यह कर रहे हैं तो पूरे कृष्णपक्ष की प्रतिरात्रि में होम अग्यार करना है।
○मन्त्र का जाप 11 माला रात्रि को 10:30 बजे के बाद करना है।
○ रुद्राक्ष की माला से की माला से ही यह जाप होगा  और वह  जाप माला गोमुखी में रहनी चाहिए नंगी माला से जाप करना वर्जित है।
○सफेद रंग के वस्त्र धारण करें सफेद वस्तुएं पितरों को अति प्रिय होती हैं इसलिए नैवेद्य भी सफेद रंग का होना चाहिए  और पुष्प इत्यादि जो सामग्री हो कोशिश करें वह सफेद रंग के ही हो।
○और इसी मंत्र से आपको क्रम से जब इस पूजा का अंतिम दिन होगा तो 108 बार जौं, तिल, खीर, देसी घी हवन सामग्री,मिलाकर हवन करना है और पूर्णाहुति में  अगर आपके घर में कलेश या पैसे की कमी है या किसी अदृश्य आत्मा का साया आपको महसूस होता है या कारोबार में बंदिश है तो फैक्ट्री कारखाने या घर के चारों कोने स्पर्श कराकर अंत में पूर्णाहुति में उस नारियल को डालना है।
○ इसी क्रम से अगर इस बाधा द्वारा कोई रोगी किसीअज्ञात रोग से ग्रसित हो गया है और बहुत दिनों तक दवाई कराने पर कोई आराम नहीं आ रहा या रोग का कोई आपको पता नहीं लग रहा है तो आप अंत में उस हवन में इस विधि द्वारा मरीज के सिरसे सात बार उल्टा उतार कर एक सूखा नारियल जिसे हवन गोला कहा जाता है। पूर्णाहुति के समय उसे हवन में डालना चाहिए।
○ देशी घी का होम अग्यार को प्रतिदिन करना है इससे पित्र खुश हो कर प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष दर्शन देते है लेकिन जब पित्र या सेवादार आये उल्टे सीधे सवालों की बजाए वचन लेना चाहिए।
○ये पित्र को खुश करने का एक गुप्त मन्त्र है। और इसकी जानकारी नामात्र लोगों को है।
○ जो साधक भाई बहन गद्दी लगाते हैं या किसी देवता की चौकी लगाते हैं  अगर पित्र बाधा द्वारा उनकी गद्दी बंधी हुई है तो इस साधना से बंधी हुई गद्दी खुलकर सभी रुके हुए काम पूरे होते है ।
○ये जाप या तो सूर्य उदय से पहले या रात्रि 10 के बाद करना होगा, घर के किसी भी शांत कोने में एकांत में यह ऐसे कमरे में जिसमें शोरगुल ना हो उस कमरे में इसका जाप करना है।
○ब्राह्मण को वस्त्र भोजन कराकर तृप्त करना चाहिए। आचार्य का धारण करना भूमि पर सोना कम खाना  और मौन धारण करना चाहिए वह साधक के लिए बहुत उत्तम दिनचर्या होती है।
○ अपनी नित्य प्रति दिन चर्या में अधिक से अधिक वेदों शास्त्रों और धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन करें और अपने मन को सकारात्मक विचारों से भर कर रखें।
○ अपने गुरु इष्ट देव और मंत्रों पर पूरा भरोसा रखें क्योंकि विश्वास पर दुनिया टिकी हुई है आपकी की गई कोई भी पूजा निरर्थक नहीं जाती यह आपको अपने दिमाग में डालना पड़ेगा।
○ पितर के मंत्र को जाप करने से पहले 31 बार आपने जिस मंत्र से होम डालनी है वह मंत्र भी मैं यहां दे रहा हूं।
                     ।।होम जगाने का मंत्र।।
मन्त्र:-बाबा आदम सिर जंतर ले माई, नारसिंग वीर तेरी करू बड़ाई सिंग तड़ापो ऐके डार जागे होम जागे अग्यार जागे खेड़ापति रखवाला जागे करुआ जागे भरुआ जागे बीर मसाण जागे बाबा अघोरी जिन विद्या फटकारी जागे तन्त्र मन्त्र और यन्त्र अली अली मौला मुर्तज़ा अली मुश्किल कुशा अली अनी अनभली आवे न पास आवे सो चली जाए मौजे मुज़फ्फर की गली या खुली अल्लाह फकीरों की गली"।
इसका प्रतिदिन 1 माला जाप करना है और जल का पात्र अपने पास रखना है फिर जाप के अंत में वो जल पी लेना है।
○ इसके बाद आपको पित्र देवता के मंत्र की 11 माला रुद्राक्ष की माला से जाप करनी हैं। पित्र देव को खुश करने का मंत्र इस प्रकार है ।

                     ।।पितर देवता का मंत्र।।
○ॐ नमो आदेश गुरु को, सेवादार पौण वंजारा।        रोज़ करूं होम अग्यारा, चिट्टा वस्त्र चिट्टा वेश।        फूल बतासा (*******) तेरी भेंट। ।                         गद्दी वाले का जै कारा,करदे बेड़ा पार हमारा।चल नगर खेड़े नु मन्न के चल ,ख़्वाज़े पीर नु मन्न के चल ,नै नाथां चुरसी सिद्धां नु मन्न के चल,गुरु गोरखनाथ नु मन्न के चल, माई काली नु मन्न के चल। मई मदानण दे बेड़े नु मन्न के चल,गुरु उस्ताद नु मन्न के चल,हनुमान ते भैरों बाबे नु मन्न के चल,चौसठ जोगनियाँ नु मन्न के चल,
जे ना चल्ले आन भोले पार्वती दी चले मन्त्र फुरो बादशाह देखां सेवादार तेरे इल्म का तमाशा।
(*****)
( जिसकी गद्दी में अगर मांस शराब का भोग चढ़ता है तो  वह कहेंगे कि मुर्गा बोतल तेरी भेंट)


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