निम्न रक्षा मन्त्र को किसी भी पर्व काल में याद करने के उपरांत गुरु गोरखनाथ जी को गुरु मानकर पगड़ी चोला चिमटा खड़ाऊ और फल फूल चढ़ाकर मन्त्र सिद्धि हेतु प्रार्थना करें और वही बैठकर 108 बार जाप करें
फिर जब प्रयोग करना हो तो 7,11,21 बार मन्त्र पढ़कर अपनी छाती पर 3 बार फूंक मार लें तो आपका शरीर बंध जाएगा किसी भी भूत प्रेत जिन्न शैतान या किसी भी का मूठ इत्यादि का आप पर प्रभाव नहीं होगा और ना ही कोई तांत्रिक उस समय आप को कष्ट पहुंचा पाएगा
या अगर आपको किसी साधना के समय सुरक्षा घेरा लगाना हो तो नए नोकीले और धारदार चाकू पर 21 बार मन्त्र पढ़ने के बाद 3 बार फूंक मारें
तथा फिर उस चाक़ू से ज़मीन पर इस प्रकार से अपने चारों ओर एक बड़ा सा गोला खींचो की चाकू जमीन से न उठे उसके बाद उस चाकू को अपने आसन के नीचे रख लें और साधना के उपरांत जब भी बाहर निकलना हो तो घेरे की रेखा पर तीन बार ××× चाकू से गणित के गुणा का निशान बनाकर घेरे को तीन जगह से काट दें।
रक्षा मन्त्र।
ॐ गुरु जी
काली काली महाकाली
तेरा वचन ना जाये खाली
मेरे पिंड प्राण की कर रखवाली
हाथ में तेरे खड़ग विराजे
जो तूँ रक्षा मेरी ना करे तो
सिद्ध यति शिव गोरख लाजे
दुहाई माता लोन चमारी की
आन मेरे गुरु की
आदेश आदेश आदेश
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