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बुधवार, 5 जून 2019

साधनाओं में रक्षा


सुलेमानी साधना में सुलेमानी रक्षा साधना के प्रयोग से साधक को हर तरह की बुरी शक्तियों से सुरक्षा मिलती है. अगर किसी व्यक्ति के जीवन में ऐसा संकट आ गया हो कि उसे उसका कोई भी समाधान नज़र नही आ रहा है तो उसे सुलेमानी रक्षा साधना का प्रयोग ज़रूर करना चाहिए. कभी-कभी जीवन में ऐसी घड़ी आती है कि इन्सान पूरी तरह से निराश और हताश हो जाता है. ऐसी कठिन परिस्थितियों से निपटने के लिए सुलेमान रक्षा साधना से अद्भुत लाभ प्राप्त होता है. सुलेमानी रक्षा साधना साधक को बीमारियों से भी बचाती है. सुलेमानी रक्षा साधना से साधक के लिए एक कवच निर्मित हो जाता है इसलिए साधक को न तो कोई नकारात्मक शक्ति प्रभावित कर सकती और न ही उसके भीतर की आध्यात्मिक शक्ति कमज़ोर होती है. आप सुलेमानी रक्षा विधि को यहाँ दिए गए निर्देशों के अनुसार कर सकते हैं.
सुलेमानी साधना विधि:
इस सुलेमानी रक्षा विधि को 11 दिन तक करना चाहिए. इसे करने के लिए शाम को किसी कमरे में आसन लगाकर बैठ जाएँ. अब अपने सामने एक दीया या अगबत्ती लगा दें. आप किसी नदी पर दीपदान करके या किसी दरगाह पर दीया रखकर भी इस विधि को शुरू कर सकते हैं. जब ये साधना पूर्ण जाए तब दरगाह पर हरे रंग की चादर चढ़ाएं तथा पीले रंग की कोई मिठाई, लड्डू आदि का प्रसाद बांटें. इस साधना को करते समय आप सुलेमानी रक्षा मंत्र का 108 बार उच्चारण करें. रक्षा मंत्र इस प्रकार है-

“बिस्मिल्लाह आयतुल कुर्सी कक्ष कुरान,आगे पीछे तू    रहमान,धड राखे ख़ुदा सिर राखे सुलेमान!”

ये बहुत ही शक्तिशाली मंत्र है. इसका जाप करने से साधक को अभेद्य रक्षा का वरदान मिल जाता है और वह हर तरह से संकट से मुक्त हो जाता है. सुलेमानी साधना में जिन साधना करने के भी कई लाभ हैं. कुछ लोग जिन की साधना का नाम सुनकर ही भयभीत हो जाते हैं. लेकिन जिस भी व्यक्ति को जिन साधना करनी है उसे जिन से डरने की कोई ज़रूरत नही है. यह भी ख़ुदा की ताकतों का एक रूप है जिसका विधि के अनुसार साधना करके प्रसन्न किया जा सकता है और अपने कार्यों को सिद्ध किया जा सकता है. जिन की ताकतों का प्रयोग करके कोई भी व्यक्ति आपने शत्रु को समाप्त कर सकता है और अपने जीवन को हर तरह से सुरक्षित और संपन्न कर सकता है.

श्री झूलेलाल चालीसा।

                   "झूलेलाल चालीसा"  मन्त्र :-ॐ श्री वरुण देवाय नमः ॥   श्री झूलेलाल चालीसा  दोहा :-जय जय जय जल देवता,...