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शुक्रवार, 4 नवंबर 2022

बंधी हुई दुकान खोलने का मंत्र।

            बंधी हुई दुकान खोलने का मन्त्र।

अगर आप की कोई दुकानदारी है और आप बहुत समय से किसी स्थान पर दुकानदारी कर रहे हैं और अब आपको लगता है कि द्वेषवश किसी व्यक्ति ने आपकी दुकान को बांध दिया है और आपका व्यापार ठंडा हो गया है या ठप्प पड़ गया है आपको मानसिक और आर्थिक रूप से परेशानी आ रही है जिस के कारण आपका दूभर हो गया है तो आपको बताता हूं एक ऐसा मंत्र और उसके चलाने की विधि जो आपके जीवन को सुखी कर देगी और आप दूसरों का भी भला कर सकेंगे।

सभसे पहले ये समझ लें कि किसी व्यापार को तांत्रिक ओझा गुनिया कैसे बांधते हैं।

किसी व्यापार को ठप करने के लिए तांत्रिक मुख्य रूप से तकरीबन इसी ढंग से करते है ।

○दुकान की दहलीज को बांधना।
○दुकान के मापने वाले यंत्रो की बांधना।
○दुकानदार का उच्चाटन कर देना।
○दुकान चलाने वाले व्यक्ति विशेष को बांधना।
○दुकान चलाने वाले व्यक्ति के देव पित्र भवानी बांधना।
○ व्यापार स्थल पर किसी ओपरी शक्ति का होना।
○कोई नकारात्मक बाधा ग्रसित व्यक्ति कार्यस्थल पर होना।

ये श्राप युक्त ऊर्जा होती है जिसका माध्यम कोई भी हो सकता है crual intention का खेल है सारा।

अपनी ऊर्जा को बांधने वाला व्यक्ति किसी न किसी माध्यम से ही fix करेगा जब तक उस नकारात्मक ऊर्जा वो स्रोत उस दुकान,मकान,फैक्ट्री,शो रूम में रहेगा उक्त व्यापार बाधित ही रहेगा।

उस समय उस नकारात्मक ऊर्जा के स्रोत को पहचान कर उसे हटाने की आवश्यकता होती है जब तक वो माध्यम उस स्थली पर रहेगा अपनी नकारात्मकता प्रसारित करता रहेगा।

दुकान की दहलीज की बांधना।

ध्यान दीजिए अगर आपके कार्य स्थल पर किसी व्यक्ति ने कोई ऐसी तरल चीज़ गिरा दी है  और आप उसे साफ भी कर दोगे तो उसका प्रभाव नही जाएगा और मैंने अपने अनुभव में ये देखा है कि जिस व्यक्ति ने उस समान को हटाया वो किसी ना किसी बीमारी से ग्रसित हो गए मैं निजी रूप से ऐसे 10 15 लोगों को जनता हूं जिनको बाद ठीक होने के लिए खुद का इलाज करवाना पड़ा।

अगर कोई तरल या गंदी वस्तु आपको अपने आंगन प्रांगण  दर दहलीज पर मिले तो खुद साहस दिखाने की कोशिश नही करनी चाहिए आपको किसी जानकार व्यक्ति से परामर्श और मदद लेनी चाहिए।

सूदूर स्थान से भी मन्त्र द्वारा किसी भी व्यक्ति स्थान कार्य और क्रिया को प्रभावित किया जा सकता है।

तांत्रिक अगर दुकान की बंधेगा तो सभसे पहले दहलीज पर अभिमंत्रित करने के उपरांत कोई भी वस्तु फेंकेगा उस क्रिया के कुछ समय में ही दुकान बंद हो जाएगी ग्राहक आपको और आपकी दुकान को बिना देखे ही किसी दूसरी दुकान पर चला जायेगा।

मेरा कहने का अभिप्राय है कि उन ग्राहकों का मानसिक रूप से उच्चाटन हो जाएगा और आपके पास आने तो दूर आपकी दुकान की शक्ल नही देखेगा। चाहे आपकी दुकान में दूसरे दुकानदार के मुकाबले कितनी भी अच्छी वस्तुएं हो 
फिर भी ग्राहक आपके पास नही आएगा।


दुकान के मापने वाले यंत्रो की बांधना।
यदि किसी दुकान के तोलने वाले मापने वाले यंत्रो को बांध दिया जाता है तो वो नकारात्मक ऊर्जा के प्रभाव में आ जाते हैं और जब उक्त दुकानदार उन यंत्रो का प्रयोग करेगा उसको उन यन्त्रो से भयंकर अरुचि होगी और तो वो सुन्न हो जाएगा उसका दिमाग काम नही करेगा माप अप्रमाणित होगा और धीरे धीरे व्यापारी को बहुत बड़ा घाटा पड़ जाता है।

दुकानदार का उच्चाटन कर देना।

जब किसी तांत्रिक का किसी कार्य स्थल या दहलीज अथवा उसके यन्त्रो को प्रभावित कर पाना संभव नहीं होता तो सीधे दुकानदार का उच्चाटन कर दिया जाता है उसके द्वारा प्रयोग की हुई उसकी किसी वस्तु को प्रभावित करके वापिस प्रयोग हेतु रख दिया जाता है उदहारण के लिए आपकी कोई वस्तु कुछ समय के लिए गायब करवा दिया गया और कुछ दिनों में वो चीज़ आपको फिर वापिस मिल गयी आपने उसे प्रयोग कर लिया धीरे धीरे आप को वो ऊर्जा आपना शिकार बना लेगी और आप का उच्चाटन अर्थात एक बार यदि आपका मुखमोड हो गया तो आप "नीरो बन जाओगे, रोम जलेगा और आप बासुरी बजाते रहोगे"।
बाकी फिर आदमी को बर्बाद हो चुकने के बाद खुद ही समझ आ जाता है।

दुकान चलाने वाले व्यक्ति विशेष को बांधना।

दुकानदार या दुकान चलाने वाले मुख्य व्यक्ति जो की गद्दी पर बैठता है उसके और उसके देवता पित्र को नकारात्मक मन्त्रो द्वारा बांधा जा सकता है और ये बहुत ताकतवर होता है इसे खोलने में कोई गारेंटी नही होती और धन समय बर्बाद होते है।

व्यक्ति विशेष के पहने हुए कपड़े कंघा जूते चप्पल उसके पांव की मिट्टी सिर के बाल उसका इस्तेमाल किया हुआ दांत साफ करने वाला ब्रश या कोई भी ऐसी वस्तु जो उसके शरीर से स्पर्श हुई हो उस वस्तु को नकारात्मक ऊर्जा से प्रभावित कर दिया जाता है 

फिर उसे आपने कार्य के लिए नकारात्मक ऊर्जा का माध्यम बना लिया जाता है जब तक वह वस्तु उक्त व्यक्ति के पास रहती है उस व्यक्ति के ऊपर से बंधन नहीं हटता और इससे उसके व्यापार उसके धन समय और भविष्य की बर्बादी होती है।

दुकान चलाने वाले व्यक्ति के देव पित्र को बांधना।

ऊपर के सभी प्रयोगों से ज्यादा खतरनाक यह प्रयोग होता है क्योंकि यह प्रयोग विशेषज्ञ तांत्रिक जो कि अपने कार्य को करने में दक्ष होते हैं ऐसे व्यवहारिक कारीगर ही ऐसे काम को किया करते हैं वो अपनी क्रियाओं और मन्त्र तन्त्र द्वारा दुकान चलाने वाले व्यक्ति के देव पित्र को बंधन में डाल देते है और उस बंधन को उनके बराबर तक ताकत और समझ रखने वाला कारीगर ही तोड़ सकता है।

दुकान पर किसी ओपरी शक्ति का होना

शुरू से ही मनुष्य की महत्वाकांक्षा बहुत अधिक रही है जिसके चलते हुए बहुत सारी संपत्तियों के विवाद और झगड़े चलते रहते हैं और बहुत सारे ऐसे लोग भी हैं जो नाजायज तरीके से किसी धार्मिक स्थल श्मशान कब्र मंदिर समाधि को तोड़ कर वहां कार्य स्थल बना देते हैं उसके ऊपर से नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव कभी नहीं हटता।

ऐसे में पीड़ित के पास दो ही रास्ते बचते हैं सबसे पहले कि वह अपनी कार्यस्थल वहां से हटा ले और दूसरा रास्ता यही होता है कि वह उस स्थान की उस शक्ति के लिए कुछ ना कुछ offring चढ़ावा चढ़ाता रहे या उसकी पूजा करता रहे। लेकिन यह तभी संभव हो पाता है जब कोई भगत अपनी जुबानवांचा उस शक्ति के ऊपर लगा दे और उसे ऐसा करने के लिए मेरा कहने का तात्पर्य यह है भोग लेने के लिए वचनबद्ध करें।

कोई नकारात्मक बाधा ग्रसित व्यक्ति कार्यस्थल पर होना।
कई बार ऐसा भी हो जाता है कि कोई बहुत तीव्र नकारात्मक बाधा से प्रभावित व्यक्ति आपकी कार्यशैली पर आकर लगातार आपके पास बैठता हो और वह नकारात्मकशक्ति आपके कार्य के ऊपर मनहूसियत डालती हो।

इन सब का इलाज निदान उपचार

जैसा कि मैंने उपरोक्त उल्लेख किया है कि बहुत सारे कारण होते हैं किसी कार्य स्थली के बंधन होने पर किसी व्यापार के ठप होने के लिए बहुत सारे घटक उत्तरदाई होते हैं सिर्फ कोई एक कारण नहीं होता कई बार एक से अधिक कारण भी हो सकते हैं। 

यदि बाजार में सब कुछ सामान्य है यानि अगर मार्कीट में कस्ट्मर का फ्लो है और मार्कीट सामान्य रूप से चल रही है। यदि आप आपने कामकाज को चलाने के लिए प्रयास भी कर रहे हो और आपके लाख प्रयास करने के बाद आपका व्यापार धंधा ठप्प है तो उक्त बातें विचारणीय है।

ये उक्त बातें तब व्यर्थ है यदि:-
आप आलसी हैं और समय पर अपनी कार्यस्थली को नहीं खोलते।
यदि वर्तमान के व्यापार की तरफ ध्यान ना देकर आपका का मन किसी और conscept की तरफ केंद्रित हैं।
यदि ग्राहकों के बेचने के लिए पर्याप्त सामान नहीं है।
यदि आपके पास outdated  समान है।
यदि आपका व्यवहार रूखा है।
यदि आप अपने ग्राहक को मांगी गई चीज देने बजाए खुद की मर्ज़ी चलते हो।
आप की चीज़ों की गुणवत्ता और माप परिमाप कम है।

यह कुछ ऐसी सामान्य व्यवहारिक बातें हैं यदि इसका ध्यान रखा जाए तो आपका व्यापार ठप्प नहीं होगा क्योंकि हर जगह दो ऊपरी बाधा नहीं होती बहुत सारे लोग अपने व्यवहारिक कमियों के चलते अपने व्यापार का बेड़ा गर्क कर देते हैं और उसका दोष वह दूसरों को देते हैं।

अब मैं आपको ऐसा साबर मंत्र बताने जा रहा हूं जिसके ऊपर सभी पुराने तांत्रिक लोग आंख बंद करके भरोसा करते हैं मंत्र के क्रिया के प्रभाव द्वारा बांधी गई दुकान झटके से खुल जाती है और वापस ग्राहक आने चालू हो जाते हैं ऊपर लेख में दिए गए अनुसार कारणों को अपनी बुद्धि के अनुसार खोजने की कोशिश करें तो आपको पूरी बात समझ में आ जाएगी।

एक पुराना साबर मंत्र है जोकि बहुत सारे वर्षों से यह इस्तेमाल किया जा रहा है और इसके प्रयोग किए जाने के बाद दुकान के ऊपर कैसा भी बंधन लगा हो वह खुल जाता है इसको सिद्ध करने की विधि यह है की होली दीपावली पर इस मंत्र की 108 माला यानी कि 10800 जाप करके सिद्ध कर लें इसको चंद्र या सूर्य ग्रहण में भी सिद्ध किया जा सकता है उसके बाद यह मंत्र पूर्ण प्रभावी हो जाएगा बहुत सारे लोग इसे सिद्ध मंत्र बोलते हैं लेकिन व्यवहारिक तौर पर देखा जाए तो एक सच बात यह भी है किसी मंत्र के साथ आप की आत्मिक शक्ति की ट्यूनिंग करनी होती है जब आप किसी मंत्र का लगातार जाप करते हैं अनुष्ठान करने के बाद सिद्ध कर लेते हैं तो वह मंत्र क्रिया करते ही अपना प्रभाव दिखाना शुरू कर देता है और पहली बार में ही आपके अभीष्ट को सिद्ध कर देता है उसके लिए बहुत प्रयासों की आवश्यकता नहीं होती सिर्फ एक बार किसी ग्रहण कालिया पर्व पर आप इसे सिद्ध करें तब इसका प्रभाव देखें आप खुद का और पूरे समाज का भला कर सकते हैं

मंत्र इस प्रकार 

ॐ नमो आदेश गुरु को
भंवर वीर तू चेला मेरा।
खोल दुकान कहा कर मेरा।।
उठे जो डंडी बिके जो माल।
भवंर वीर सोखेकर जाए।।
शब्द सांचा पिंड काचा।
चलो मन्त्र ईश्वरो वांचा।।

इस मंत्र को सिद्ध करने के बाद शनिवार की रात्रि को 108 बार एक मुट्ठी साबुत उड़द ले और उसे इस मंत्र से अभिमंत्रित करने आपके सामने धूप दीप जलता रहना चाहिए हो सके तो गूगल की धूनी चला कर रखें जब यह उर्द अभिमंत्रित हो जाए तो शनिवार को शाम को दुकान बंद करने से ठीक पहले जब आपने दुकान के किवाड़ और शटर को बंद करना होता है तो यह उड़दी अपने इष्ट देव का ध्यान करके अपनी दुकान के अंदर बिखेर दें और चुपचाप अपने घर चले जाए। 

दूसरे दिन यानी रविवार को प्रातः काल सामान्य से जल्दी उठकर अपनी दुकान पर जाएं और सबसे पहले वह उर्दी इकट्ठी करें झाड़ू लगाकर जितनी भी उर्दी करती हो वह सभी उर्दी इकट्ठे कर ले और इस इकट्ठी की गई उर्दी को किसी काले कपड़े के टुकड़े में डाललें और उसमें एक नींबू एक लोहे का कील रखें कपड़े की को गांठ मार दे और सुबह सुबह जल्दी किसी चौराहे पर जाकर इसे फेंक दे अगर आपके पास कोई चौराहा ना हो तो आप उक्त पोटली को चुपचाप किसी निर्जन स्थान पर भी फेंक सकते हैं और बिना मुड़े चुपचाप अपनी दुकान पर वापस आ जाए ये सभी काम करते हुए आपको कोई टोक ना दे इस बात का ध्यान रखें।

ऊपर मैंने आपको दुकान जोकि मंत्र और क्रिया द्वारा बांधी गई हो उसको खोलने की पूरी विधि बता दी है। 

आप सभी को इस लेख आर्टिकल वीडियो द्वारा इस प्रयोग को करने की अनुमति है हां इस प्रयोग सफल होंगे और उसके के सफल होने पर आप हनुमान जी को सवा किलो लड्डू का भोग जरूर लगवाएं।

जैसा कि मैंने ऊपर के लेख में आपको बताया कि ऐसे बहुत सारे कारण हो जाते हैं जो आपके व्यापार के बंद होने की दुकान के बंद होने के लिए उत्तरदाई होते हैं और यदि आप उन बातों का ध्यान रखेंगे तो आपका व्यापार कभी बंद नहीं होगा और आपके बच्चों का भरण पोषण लगातार होता रहे।
आप का कल्याण हो बहुत-बहुत आशीर्वाद।

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