झली ख़बीसा की साधना
"झली ख़बीसा"मुस्लिम काले जादू में बहुत जबरदस्त ताकतों की मालिक एक ख़बीसा है और औरत के रूप में हाज़िर होती है जो हमज़ाद की तरह काम करती है।
इससे बड़े से बड़े काम लिए जा सकते हैं क्योंकि ये हमजाद की तरह काम करती है इससे अच्छे और बुरे दोनो तरह के काम लिए जा सकते हैं
किसी का भी वशीकरण करना हो या किसी की मोहब्बत तुड़वानी हो किसी के ऊपर इसको लगा देना और अपना मन माना काम करवाना इन कामों को ये आसानी से कर देती है
इसका अमल/साधना नीचे दिया जा रहा है अच्छे और बुरे दोनों प्रकार के कार्य इसकी साधना द्वारा किए जा सकते हैं।
अपने साधक के हर काम को आसानी से कर देती है उसे देश विदेश की खबरें लाकर देती है। वह सभी कार्य जो एक हमजाद से लिए जाते हैं वह सभी कार्य करती है
इस अमल/साधना कुछ इस तरह है।
इसकी साधना या अमल को एक एकांत स्थान पर जहां पर किसी प्रकार की कोई ध्वनि इत्यादि ना आती हो एक कोठरी या कमरे में जो कि पहले से साफ सफाई करके साफ कर दिया गया हो और कमरे के समान को निकाल दिया गया हो।
उस कमरे में साधना के दौरान कोई दूसरा व्यक्ति दाखिल ना हो।
किसी भी महीने की इक्कीस (21) से लेकर दूसरे महीने की दस ग्यारह (10,11) तक यानी इक्कीस (21) दिन पूरे करने हैं।
इस अमल में खास बात यह है कि इस अमल में किसी भी प्रकार का सुरक्षा घेरा या हिसार नहीं किया जाता।
इस अमल को बिलकुल निर्वस्त्र होकर करना है।
रोज़ाना निश्चित समय पर पढ़ते समय दो दाने बूंदी मिठाई के बायें हाथ में रखें।
मन्त्र को एक सौ इक्कीस(121) मर्तबा पढ़कर इन दानों पर दम कर दिया करें। एक दाना खुद खा लिया करें दूसरा वहीं साधना स्थल पर रख दिया करें।
हफ्ते में आपको इसके असर दिखने चालू हो जाएंगे और इक्कीसवें दिन झली हाज़िर हो जाएगी।
अपनी शर्तें तय करने के बाद जो कुछ कहेंगे, वो उस काम को फौरन पूरा कर देगी।
ईश्वर से जुड़े हुए लोग और सात्विक शक्तियों के साधक इस साधना को न करें क्योंकि इस साधना के दौरान ना तो आपने स्नान करना है ना अपना मुंह धो सकते हैं नाही ब्रश कर सकते हैं
इस साधना को पूरी तरह से नापाकी में रहकर किया जाता है अगर किसी कारण से किसी भी तरह से कभी स्वप्नदोष इत्यादि होता है तो भी आप स्नान नहीं कर सकते इस साधना के दौरान उनके ब्रम्हचर्य का पालन करें और अपने धैर्य का प्रदर्शन करें ।
नापाकी,नापाकी और नापाकी ही इस साधना की पहली शर्त है
झली एक जबरदस्त नापाक खबीस रूह है एक इंतिहाई नापाक रूह है।
इस वजह से नापाकी को पसंद करती है। और किससे सबसे ज्यादा वशीकरण में प्रयोग किया जाता है इसलिए जो परहेज नहीं कर सकते और नापाक साधना करना चाहते हैं सिर्फ और सिर्फ वही व्यक्ति इसको करें
जब झली सिद्ध हो जाए तब उसको सवा सेर सरसों के तेल से बना हुआ हलवा चढ़ा दें।
जब आप को ज़रूरत होगी तो याद करते ही फौरन हाज़िर होगी।
हमज़ाद की तरह हर काम पलक झपकने से पहले करती है। किसी पर लगायी भी की जा सकती है। अपने साधक को हर तरह की ख़बरें भी लाकर देती है।
मन्त्र निम्नलिखित है
"झली झली महा झली। दिनों नाचे। रातों बाल बिखरावंती ते तूँ नंगी। चित जा पट ला। मंगला मंगला मंगला ।”
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