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शनिवार, 3 जून 2023

तांत्रिक क्रिया की काट और उसको पलटना

      तांत्रिक क्रिया की काट और उसको पलटना

जब कभी किसी समय ऐसा हो जाए कि आपकी साधनाओं द्वारा प्राप्त शक्तियां और मन्त्र काम करना बंद कर दें आउर नज़र भी बंद हो जाए विद्या ना चले कोई काम ना चले हर एक काम में असफलता हाथ लगे और बार बार प्रयास करने के बाद भी आप असफल रहें एव कोई मार्ग आपके सामने ना बचे तो एक असाधारण मंत्र और उनका उसका अनुष्ठान में आपको बता रहा हूं।

यह प्रयोग आजमाया हुआ है और हर बार सफलता मिली जब इस क्रिया को लगातार किया गया और निष्ठापूर्वक किया गया। तो इसके द्वारा निराश नही हुए।
यहाँ मैं आपको मन्त्र और इसका प्रयोग तो बता दे रहा हूँ 

लेकिन एक बात याद रखना कि साधक का आत्म विश्वास ही सभ कुछ होता है वही साधक को सफलता प्राप्त करवाता है यहां मैं आपको ये प्रयोग बताने के कोई रुपये पैसे आप से नही ले रहा हूँ फिर जिस के मन मे विश्वास हो वो इसे इस्तेमाल कर के देख सकता है। बराबर काम करेगा।

इस प्रयोग को आप रविवार से मंगलवार तक करें। और प्रयोग को सर्वथा गुप्त ही रखें। 

जब आप इसे सभी को बता कर करेंगे तो हो सकता है कि जिसने आपका बंधन किया है वो इसी दौरान आपका अमंगल भी करने से ना चूके।

(कॉपी पेस्ट वाले भाई सावधान चोरी चण्डली की विद्या आपको फलीभूत नही होगी।)

इस बात को किसी भी शुभ समय पर 108 बार जप करके होम करने और जब-जब अमावस पूर्णिमा या कोई भी त्यौहार अथवा कोई ग्रहण आए तो दोबारा 108 बार जप करने कर ले एवं भगवान शिव की आराधना भक्ति में ही तत्पर रहें  (ॐ नमः शिवाय) का लगातार जाप करते रहें आपकी अध्यात्मिकता पराकाष्ठा पर रहेगी।प्रति सोमवार और त्रयोदशी को भगवान शिव के मंदिर में जाने का नियम बना लें। इससे अवश्य ही आपको लगातार परामनोवैज्ञानिक अनुभूतियाँ होंगी।

मन्त्र:-
ॐ गुरु जी को आदेश ।
घोरी घोरी महाघोरी।।
घोरी तूं  महाकाल ।
ढाई घड़ी में खेल पलट दे,
देखूं तेरा कमाल।।

इस प्रयोग को 3 दिन लगातार किया जाता है सफलता अवश्य मिलेगी। इस प्रयोग की सफलता के लिए प्रयोग को सर्वप्रथम सबसे गुप्त रखा जाता है। सवा किलो नींबू लेकर अपने सिर से उल्टा सात बार उतार लें ।

अगर आपके घर या गद्दी पर भी बंधन है या किसी कारोबार पर भी बंधन है तो उसके चारों कोनों में एक एक नींबू रखें और उन्हें काटकर माता काली को समर्पित करें उस पर थोड़ा-थोड़ा रखकर कपूर जलाएं इसके उपरांत चुपचाप सभी नींबू को इकट्ठा कर ले।

इसी मंत्र का जाप करते हुए जो नींबू सवा किलो आपने आपमे सिर से उतारे थे उन्हें भी दो हिस्सों में प्रत्येक नींबू को काट लें इसके उपरांत उक्त मंत्र का एक माला जाप करें अपने इष्ट देव और पित्र से बंधन मुक्ति हेतु प्रार्थना करें प्रार्थना करें।

चुपचाप यह नींबू ले ले और किसी पुराने मदार के पेड़ की जड़ में इन्हें रख दें वहां पर एक सरसों के तेल का 4 मुंह वाला दिया जलाएं तथा चुपचाप इस प्रयोग को करने के उपरांत वापस आ जाएं ।

वापिस घर में प्रवेश करने से पहले आपमे हाथ पावँ अच्छी तरह से धो लें फिर ही घर में प्रवेश करें तथा वापिस घर में लौट कर फिर से एक माला जाप करें।

(ये प्रयोग पीड़ितों की समस्या निवारण के लिए है।)
तीन दिनों में आपके ऊपर पड़े हुए सभी बंधन और सभी तांत्रिक क्रियाओं की नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव समाप्त हो जाएगा।

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बुधवार, 30 नवंबर 2022

कार्य बाधा नाशक टोटका


जीवन में कई बार इस तरह की बाधाओं मनुष्य का पाला पड़ता है जब मनुष्य भिन्न भिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है आप इस टोटके का प्रयोग करें आपको अवश्य लाभ प्राप्त होगा और इसको करने के बाद आपकी समस्या तुरंत गायब हो जाएगी और आपको आराम महसूस होगा।

बुरे समय में संकटों से मुक्ति प्राप्त करने के लिए ये टोटका बहुत महत्वपूर्ण एवं विशेष शक्तिशाली टोटका है इसे सैंकड़ो बार अलग अलग लोगों को करवाया गया है और बिल्कुल सही साबित हुआ है इस प्रयोग को अगर सही तरह से किया जाय तो 24 घंटे में ही काम हो जाता है।

इस टोटके में प्रयोग होने वाली सामग्री इस प्रकार है :-
7 अरबी या अरिंड के पत्ते।
7 गुड़+आटे+सरसो के तेल के पूड़े। 
थोड़े से पके हुए मीठे चावल।,
7 मदार (आक) के फूल।,
7 गेंदे के फूल।,
7 लाल सबूत मिर्ची डंडी समेत।,
7 लाल चूड़ियां।,
1 रिबन काला।,
1 चार मुँह वाला आटे का दिया सरसों के तेल का।,
11 अगरबत्तियां।
1 कलावा।,
7 लौंग।,
7 ईलायची छोटी।,
7 सुपारियां।
7 पीस मिक्स मिठाई।,
7 कच्चे कोयले के टुकड़े।,
1 काजल की डिब्बी।,
5 ₹ का पीला सिन्दूर।,
1 मुट्ठी सबूत उरद ।

स्थान :-खाली मैदान में कच्चे चावलों का चौंक बना कर या किसी चौराहे पर पूर्वाभिमुख होकर करना है।

समय:-शाम को 7 बजे से रात्रि 11:45 तक करना है।

वार रवि मंगल अथवा शनिवार

सभी सामान को चुपचाप इकट्ठा करना है चुपचाप ही प्रयोग करना है ज्यादा हल्ला गुल्ला नहीं मचाना और ना ही किसी से फालतू कोई बात करनी है चुपचाप जाना है चुपचाप आना है।

((यह सब ले करके चुपचाप चौक पर जाना है और वहां जाकर सभी सामान पत्ते के ऊपर सजा देना है मध्य में दीपक जलाना और अगरबत्तियां लगाना है और सिन्दूर से पूड़ों पर 7 टिक्के लगाना है पूर्वाभिमुख होकर के आपको बोलना है

 "हे मेरे दुर्भाग्य मैं तुम्हें यही छोड़ा जा रहा हूं मेरा पीछा मत करना"

इतना बोल कर के आपको वहां से चल देना है और कितनी भी कोई आवाज आए या ना आए आपको पीछे मुड़कर नहीं देखना हाथ पाँव धोकर के घर में आ जाना।


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बुधवार, 3 नवंबर 2021

वशीकरण

आज हर साधक वास्तविक और प्रमाणिक तंत्र मंत्र की साधनाओं की तलाश करता है हर आदमी को आगे बढ़ने के लिए किसी किसी शक्ति की सहायता की आवश्यकता होती है जिसको कभी नाकारा नही जा सकता ऐसी विधि जो अचूक हो भौतिक सुखों की प्राप्ति के लिए आदि काल से ही तंत्र एक बहुत उत्तम माध्यम रहा है भौतिक संसार के हर कठिन से कठिन कार्य को तंत्र मंत्र की युक्ति से कुछ ही समय में आसानी से सिद्ध किया जा सकता है 

उचित कार्य में यदि तांत्रिक क्रियाओं का सहारा लिया जाए और बिना किसी प्राणी को कष्ट दिए अपने कार्य को सिद्ध कर लिया जाए तो कोई बुरी बात नही है कई बार वशीकरण एक दवा का काम कर जाता है जो आपसी पारिवारिक संघर्ष से सदस्यों को बचा देता है कम मात्रा में ज़हर भी दवा बन जाता है और अधिक मात्रा में जीवन रक्षक दवा भी प्राणघातक होती है

आपके कर्म आपने खुद के हाथों में ही होते हैं यानि आपका भविष्य आपके कर्मों पर पूरी तरह से निर्भर करता है

आज आपको एक ऐसे प्रयोग से अवगत करवाने जा रहा हूँ  जो कि सिर्फ एक दिन में ही सिद्ध हो जाता है और इसके परिणाम कई बार प्राप्त किये गए हैं

बेशक बहुत सी पुस्तकों में यह प्रयोग दिया गया है लेकिन इसके बारे में वही साधक आपको जिसने इस प्रयोग को किया होगा इस प्रयोग में काजल तैयार किया जाता है और कई बार इसके सफलता पूर्वक परिणाम भी प्राप्त किये है

किसी भी पर्व काल को सभसे पहले अपामार्ग को एक सुपारी पैसा कुछ अक्षत और हल्दी से निमंत्रण दे दें फिर उसी रात्रि में इस मन्त्र को जपते हुए  चुपचाप उस अपामार्ग' की टहनी तोड़ लाएं और घर के एकांत में सवा हाथ जमीन पर गाय के गोबर से गोल चौंका लगाए फिर उस टहनी पर रुई लपेट कर दीये में जलाएँ। उसके साथ एक जलपात्र रखें   
11 फूल अड़हुल या गुलाब के धरें धूफ सुलगाएँ सेंट बतासा लौंग इलायची 7 प्रकार की मिठाई एक जोड़ा जनेऊ धरें    तिल, सरसों के तेल में चमेली के तेल मिलाकर मिट्टी के दिये में जलाकर  इसका काजल तैयार कर लें। जब तक काजल बनता रहे, मंत्र का जाप करते साधक के वस्त्र और आसान लाल होगें जबकि माला रुद्राक्ष की होगी जब तक दिया जलता रहेगा जाप करते रहें।

प्रयोग
जब भी आवश्यकता हो सात बार इस मन्त्र का जाप करके
इस काजल को नेत्रों में आंजें। इस प्रयोग से पूरा का
गाँव या शहर ही साधक के अनुकूलित हो जाता है।


मन्त्र :-
नमः पद्मनी । 
अञ्जन मेरा नाम । 
इस नगरी में बैठके मोहूं सगरा गाम । 
मोहु पनघट को पनिहार । 
इस नगर को छत्तीस मोहूं पवन बयार । 
जो कोई मार मार करन्ता आवे । 
ताही नरसिंह वीर बायां पग के अंगूठा ।
तले गेर आवे । 
राज करन्ता राजा मोहूं । 
गद्दी बैठा बनिया मोहूं ।
मेरी भक्ति गुरू की शक्ति । 
फुरो मन्त्र ईश्वरोवाचा ।

श्री झूलेलाल चालीसा।

                   "झूलेलाल चालीसा"  मन्त्र :-ॐ श्री वरुण देवाय नमः ॥   श्री झूलेलाल चालीसा  दोहा :-जय जय जय जल देवता,...