शनिवार, 19 सितंबर 2020

सिद्ध सुलेमानी मोहिनी मसानी मंत्र

जैसा की आप सभी साधकों को पता है कि वशीकरण तंत्र क्षेत्र में सबसे ज्यादा कठिन कार्य होता है।  हम लोग शास्त्रिक वशीकरण मंत्र और यंत्रों का प्रयोग तो करते हैं और सभी जानते भी हैं लेकिन इनके कठिन नियमों को पूरा करवाना  संभव नहीं होगा  पाता इस कारण वह वशीकरण मंत्र यंत्र काम नहीं करते और रही टोटके की बात टोटका अगर सही कर दिया तो काम करेगा वरना टोटका काम नहीं करेगा।

अधिकतर वशीकरण मंत्र को सिद्ध करना दुष्कर कार्य होता है सिद्ध इसको कर पाना ना के बराबर होता है।

अगर आप तंत्र के क्षेत्र में हैं और आपके पास मोहिनी मंत्र नहीं है तो उसके लिए बहुत ही उपयुक्त यह मंत्र है यह मंत्र काम भी करता है और इसका रिजल्ट भी साथ ही साथ मिल जाता है

आज जो मैं आपको एक सिद्ध वशीकरण मंत्र देने जा रहा हूं वह शमशान से काम करता है और उसका भोग भी मैं आपको बताऊंगा पूरा मंत्र दूंगा यह एक बहुत गुप्त मंत्र है और बहुत तीव्र गति से काम करता है हां इसको सिद्ध करना थोड़ा कठिन है लेकिन सिद्ध करने के बाद यह बहुत अच्छा काम देता है।

याद रखें जो भी मंत्र मैं डालता हूं वह सिद्ध मंत्र होते हैं बाकी प्रयोग करने वाले के ऊपर होता है ।

कि वह कोई गलती नहीं करता दूसरी बात अगर आप किसी का मंत्र उठाकर काम कर रहे हो तो थोड़ी श्रद्धा मन में रखें। 
और उसकी दक्षिणा जो बनती हो उसी तो अपने मन में विचार करके खुद ही दे दे जो आपके मन में आए। गुरुदक्षिणा अगर आप मार लेंगे तो कोई भी शक्ति आपका कोई कार्य नहीं करेगी यह प्रमाणित है 
आजमाने के चक्कर में किसी पर या नफरत की भावना से किसी पर इस मंत्र को प्रयोग ना करें अगर बिना आज्ञा अनुमति के या बिना गुरु के इस इन मंत्रों का प्रयोग करते हैं और आपको कुछ अनिष्ट होता है तो उसमें हमारा लेश मात्र भी कोई उत्तर दायित्व नहीं होगा।

इस मंत्र को आपने 11 दिन तक एक माला प्रतिदिन रात को साफ कपड़े पहनकर साफ सुथरे आसन पर बैठना चाहिए और आसन कोई भी हो पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके सामने सवा हाथ जमीन पर सफेद मिट्टी का चौंक लगाकर देशी घी और सरसों के तेल के दीपक जलाएं फिर धूप, जोड़ा सेंट,गुलाब के फूल ,जोड़ा मीठा पान ,जोड़ा सिगरेट, 7 सबूत लौंग ,7 छोटी इलायची,एक पाव सात प्रकार की मिठाई,2 मुर्गी के देसी अंडे प्रत्येक अंडे पर 5 रुपये के परिमाण का काजल का टीका लगाकर सामने रखकर जाप करना है। जाप के बाद ये सामान आपको उजाड़ स्थान पर रखना है।

साधना के दौरान आपको चलते हुए पानी में ख्वाजा जी के लिए ,दलिया या कच्चे चावल शक्कर में मिलाकर और एक रुई में थोड़ा सा इत्र लगाकर सवा मुट्ठी घर भर निश्चित समय और स्थान पर ख्वाजा जी का ध्यान करते हुए अर्पण करना है।

हाज़िरी डालने का मंत्र:-ख्वाजा खिज़र जिद पीर पिदर मदर दस्तगीर सिधां नाथा दे सरदार कचियाँ पक्कीयाँ कड़ाहीयां तेरे नाम।

11 वे दिन आपको वापस पहले दिन वाला सामान देना है  और  आपकी साधना पूरी हो गई ।

फिर इसको किस प्रकार प्रयोग करना है यह मैं आपको बताता हूं  ग्यारह दिन साधना करने के बाद आपको सात प्रकार की मिठाई,1 सेंट,7 लोंग,7इलाइची,जोड़ा कलावा माचिस और दो मुर्गी के अंडे जिन पर 5 रुपये के सिक्के के आकार की एक एक बिन्दी काजल की लगी हो  और जोड़ा सिगरेट लेकर श्मशान में जाना है।

और वहां यह सामान अर्पित करके जलती हुई चिता चिता से थोड़ी सी राख उठा लेनी है फिर आपको चौक पर चला जाना है चौराहे पर चला जाना है।

और वहां जाकर 21 बार इस मंत्र को जोड़ा बूँदी वाले लड्डुओं पर पढ़ना है और लड्डू बूंदी चौक पर रखने के बाद ।
इस राख को उपरोक्त मंतर से 7 बार अभी मंत्रित करके साध्य व्यक्ति का चिंतन करते हुये फूंक मार देनी है।

फिर अपने घर वापस आ जाना है घर में प्रवेश करने से पहले हाथ-पांव धो लेने हैं और घर में प्रवेश करना है।

एक दिन में ही इस वशीकरण मंत्र का प्रभाव हो जाएगा।

मंत्र इस प्रकार है

मोह मोह करदा मैं फिरां,मोहन मेरा नाम राजा मोहां परजा मोहां मोवा करां सलाम,तेरे हत्थ डंडा जबर दा तेरे हत्थ मित्त, जिस नगरी मैं आवां जावां नगरी हमारी मित्त, हट्ट की धूड़ मसान की राख मारां चड़दे मंगलवार चले मन्त्र फुरो वांचा देखां मोहनी माता तेरी कलाम दा तमाशा।

विशेष सूचना :-  कृपया इस मंत्र को कॉपी पेस्ट करने की चेष्टा ना करें यह मंत्र पहली बार इंटरनेट पर डाला गया है और कई सालों से प्रयोग में लिया जा रहा है और सफल रहा है अनुचित कार्य में इसका प्रयोग करने पर यह मोहनी उल्टा प्रभाव देती है और करने वाले का बहुत नुकसान कर देती है ऐसा होने पर हमारा कोई उत्तरदायित्व नही होगा।



शुक्रवार, 18 सितंबर 2020

ख्वाजा जिंदा पीर का कलाम काले इल्म का।

नमस्कार दोस्तों आप सब के लिए एक बार फिर में उपस्थित हुआ है काले इल्म के अंतर्गत आने वाले ख्वाजा साहब जिद पीर की साधना के सिद्ध कलाम को लेकर दोस्तों इस कलाम के विषय में अधिक कहना ठीक नहीं है एक कलाम 100 काम।

इस कलाम से बहुत सारे काम लिए जा सकते हैं जैसे किसी का काम धंधा नहीं चल रहा तो काम धंधा चल पड़ेगा नौकरी नहीं मिल रही तो नौकरी मिल जाएगी शादी नहीं हो रही तो शादी हो जाएगी कोई बंदिश है बंदिश खुल जाएगी रूहानियत बन्द है तो रूवानियत खुल जाएगी ऐसे बहुत सारे काम जो एक सामान्य जीवन में बहुत कठिन प्रतीत होते हैं इससे आसानी से हो जाएंगे इससे कंगाल से कंगाल आदमी के दिन बदल जाते हैं बात होती है विश्वास की। "मानो देव नहीं तो पत्थर"जैसे कि आप सभी जानते हैं।

प्रयोग से तांत्रिक बाधाओं का नाश होकर जीवन वापस समृद्धि की ओर चला जाता है और जटिल से जटिल तंत्र बाधाओं का निवारण हो जाता है यह विधि मेरे द्वारा अनेकों बार आजमाई हुई है और कार्य सिद्ध करने वाली  है।

बहुत जल्दी सभी तांत्रिक बाधाओं का इस विधि द्वारा प्रतिकार हो जाता है और यह मेरी आंखों से कई बार देखा हुआ है बाधा कितनी भी जटिल से जटिल हो उस बाधा को हटने में टाइम नहीं लगता और साधक जो कि अपने पास गुप्त विद्या ए रखे हुए हैं इन विधियों से बड़ी जटिल से जटिल विकट से विकट समस्याओं का अंत कर देते हैं तंत्र का मूल आस्था है इस बात को सदैव याद रखें।

मन्त्र।

बिस्मिल्लाह रहमान रहीम।
जल तू जलाल तू
पंजे वक्त नाल तू 
आई बला टाल तू 
कुदरत तू
कमाल तू 
खवाजा पीर दस्तगीर 
पंज पीर 
पूरी नदी बहावे नीर 
ख्वाजा जिंदा पीर 
तोड़े लोहे की जंजीर 
बाईस सौ ख्वाजा 
तेईस सौ पीर 
ख्वाजा लहर पहर 
चार घड़ी एक पहर 
दौला दरियाई 
पीहन गई पका लियाई 
करो मेरी हाजरी आप कबूल 
या ख्वाजा जिंदा पीर


मंत्र की प्रतिदिन पांच माला आपको करनी है जिन लोगों को ख्वाजा जिंदा पीर का दर्शन करना है यह मंत्र समाज की सेवा में में ब्लॉग सपोट पर डाल रहा हूं।
ताकि जन कल्याण हो और ऐसी प्राचीन विज्ञान लुप्त ना हो।

इस् ईल्म का लाभ प्राप्त करने के लिए आपको नौचंदी रविवार यानी शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार से लगातार प्रत्येक रविवार ख्वाजा जिंदा पीर की हाजिरी पक्की हाजिरी देनी होती है जिसमें दलिया या मीठे चावल आपको उनकी नजराने में देने होते हैं।

अर्थात आपने पहली हाजिरी नौचंदी रविवार को देने हैं शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार इसका निश्चित समय और स्थान निश्चित होता है उसको आप बाद में परिवर्तित नहीं कर सकते इसीलिए समय और स्थान का चुनाव सोच समझ कर करें और साधना शुरू करने से पहले विचार करने पूर्णतया मन बनाने के बाद ही इस साधना को शुरू करें बीच में ना छोड़े नुकसान तो कुछ नहीं होता लेकिन ईल्म में रुकावट आ जाती है ।

जो लोग या जो मेरे भाई चाहते हैं कि ख्वाजा साहब  उनको दर्शन दें और वे ख्वाजा साहब का आशीर्वाद प्राप्त करें तो उनके लिए साधना सर्वोत्तम है इससे अच्छी साधना उनके लिए कोई भी और नहीं है।

आपको प्रति रविवार ख्वाजा जी को गुड में बने हुए दलिया या मीठे चावल की हाजिरी देनी है।
प्रतिदिन उसी जगह पर उसी समय कच्ची हाजिरी देते रहना है सव मुट्ठी दलिया + शक्कर या चावल + शक्कर साथ में  रुई पर थोड़ा सा इत्तर लगाकर, ख्वाजा साहब को याद करते हुए 11 बार इस कलाम को बोलते हुए  चलते हुए जल में अर्पित करना है ।

प्रत्येक रविवार को गुड़ का दलिया मीठे चावल बनाने हैं एक 4 मुंह वाला देसी घी का चिराग़ और पांच बतासे, पांच लड्डू बूंदी वाले,सात अगरबत्ती,एक जोड़ा लौंग, एक जोड़ा इलायची,एक जोड़ा कलावा,पांच गुलाब के फूल,एक जोड़ा सिगरेट, सेंट(इत्तर)  ख्वाजा साहब को किनारे पर देसी घी की होम देकर चढ़ा दें और  पके हुए चावल या दलिए थोड़ा सा अग्नि में होम देने के बाद  को तीन पांच या सात बार में अर्पित कर देना है अर्थात जल में छोड़ देना है।

 इसी तरह यह सिलसिला चलेगा लगातार 21 रविवार फिर 22 वें रविवार आपको एक बड़ा मिठाई का डब्बा लेना है और उसे नाव का आकार देना है उसमें रंग बिरंगे छोटे छोटे झंडे लगाएं फिर उसमें मीठे चावल, सात प्रकार की मिठाई,पांच मेवा, गुलाब के फूल,लौंग, इलाइची, कलावा, गुलाब का इत्र,एक जोड़ा सिगरेट, देसी घी का चार मुख वाला दिया, 11 रुपये, और 1 दो या 5 माला जाप करते हुए उस नाव को ख्वाजा साहब से अभीष्ट प्राप्ति हेतु प्रार्थना करते हुए चलते हुए पानी में कमर तक खड़ा होना है और उसे पानी में छोड़ देना है।



श्री झूलेलाल चालीसा।

                   "झूलेलाल चालीसा"  मन्त्र :-ॐ श्री वरुण देवाय नमः ॥   श्री झूलेलाल चालीसा  दोहा :-जय जय जय जल देवता,...