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सोमवार, 24 जून 2019

बांधी हुई गद्दी को खोलना और अभिचार पलटना।

किसी भी तांत्रिक शक्ति द्वारा किसी भी सात्विक शक्ति को रोक देना आम सी बात है किंतु यह एक गंभीर विषय है किसी के ऊपर चौकी बिठाना भेज देना तांत्रिक वर्ग में आम सी बात है लेकिन सामान्य जन को इसके बारे में पता नहीं होता और किसी के और किसी के ऊपर कोई तांत्रिक यदि अभिचारण करता है तो उसके कुछ सामान्य लक्षण होते हैं उनल क्षणो के आधार पर ये स्पष्ट हो जाता है है कि किसी व्यक्ति द्वारा तंत्र प्रयोग हुआ है।
ये लक्षण जैसे बदन से या घर से कभी कभी मुर्दे या मल मूत्र जैसी दुर्गन्ध का आना।
घर में लगा हुआ कोई वृक्ष पेड़ एकदम अचानक से सूख जाना।
एक ही सपने का बार बार आना वो भी अलग अलग व्यक्तियों को।
घर में मरी हुई मधुमखी का मिलना ।
खून के छींटे घर या आंगन मुख्य द्वार पर मिलना।
बिना किसी बीमारी के बीमार रहना और चिकित्सकों को रोग का पता ना चलना।
कलेजा सिर पेट कंधे लगातार औषधि लेने के बाद भी भारी रहना ।
काम करते हुए आलस्य का आना ,लगातार दो दो दिनों तक सोना ।
सपने में किसी मृत या पितृ का लगातार दिखाई देना ।
काम पर जाने से घबराहट होना।
बेवजह चिड़चिड़ापन होना
बारबार दर्पण का या काँच का टूटना।
ये कुछ सामान्य लक्षण हैं जिनसें  आपके ऊपर किये गये
बायें कान में लगातार सीटी बम्ब या पटाखे के चलने की या हवा के झोंके जैसे महसूस होना।
बार बार दुर्घटना का होना ।
दुकान फेक्ट्री कारोबार में अचानक बिना वजह नुकसान या
घाटा पड़ जाना।
इन सामान्य लक्षणों से अभिचार का पता लगता है। लेकिन कई बार ये परिस्थिति होती है कि जो हमारी मूर्खता से उत्पन्न होती है । कभी किसी देवता या देवी को मनोती मान कर भूल जाते हैं।वो सभी की समझ में आता है लेकिन तांत्रिक अभिचार भूत प्रेत दानव यक्ष पिशाच मसान के द्वारा के द्वारा किसी भी व्यक्ति की जो भौतिक समृद्धि है उसको तांत्रिक अभिचार से परेशान किया जा सकता है । सामान्य जन तांत्रिक दांवपेच नहीं जानते जो दांव पेच नहीं जानते तो उनका फसना आम सी बात है पिछली वीडियो में मैंने चार मंत्र जो बताए थे इस वीडियो में मंत्र और उनके अनुष्ठान की विधि आपको बता रहा हूं
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मन्त्र:-१. गुरु सठ सठ गुरु नीर गुरु शंकर गुरु साहब गुरु लक्ष्मी गुरु तंत्र गुरु जंतर गुरु मंत्र ,गुरु बिन साथ दिया ना देय, गुरु मनाऊं बड़े भक्त सेवा चुके सिंग्गी पूरे रण भावन हने दसों द्वार, डट पढ़े पर गुरु को सुमरो, पाय लागू करतार महावीर की खोपड़ी नाहर सिंह का चोला, मंत्र काट जंतर काट,फेर फ़ंद जो भी हो सब इसी वक्त खोल दें ,अड़सठ योगिनी दोहाई गुरु गोरखनाथ बंगाल खंड कामरु कामाक्षा देवी की आन।।
प्रातः काल उठकर के इस मंत्र का सुबह 108 बार अपने समक्ष पानी का एक लोटा या गिलास लेकर के इस मंत्र का जाप करते हुए जाप के उपरांत उस पानी को पी लेना है 41 दिन तक ऐसा करने से आपके सभी बंधनों से आप निवृत हो जाओगे।
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ये सभी तांत्रिक शक्तियों को जाग्रत करने का मंत्र है।

मन्त्र:-२.बाबा आदम सिर जंतर ले माई, नारसिंग वीर तेरी करू बड़ाई सिंग तड़ापो ऐके डार जागे होम जागे अग्यार जागे खेड़ापति रखवाला जागे करुआ जागे भरुआ जागे बीर मसाण जागे बाबा अघोरी जिन विद्या फटकारी जागे तन्त्र मन्त्र और यन्त्र अली अली मौला मुर्तज़ा अली मुश्किल कुशा अनी अनभली आवे न पास आवे सो चली जाए मौजे मुज़फ्फर की गली या खुली अल्लाह फकीरों की गली"।
41 दिन रोज़ इसका प्रतिदिन 1 माला जाप करना है और जल का पात्र अपने पास रखना है फिर जाप के अंत में वो जल पी लेना है।
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और इससे सभी तांत्रिक मंत्रों का प्रतिकार संभव है सबसे पहले जो मंत्र है किसी भी किए कराए को उसी पर वापस भेजने का मंत्र है
मन्त्र:- ३.एक ठो सरसों सोलह राई मोरो पटवल की रोज़ाई
खाए-खाए पड़े भार जो करे सो मरे उल्टी विद्या ताहि पर पड़े शब्द सांचा पिंड काचा हनुमान का मंत्र साँचा फुरो मंत्र ईश्वर वाचा ।।
यह इसके बारे में कुछ कहने की आवश्यकता नहीं है किसी ने अगर कुछ कर दिया तो उसके अनुष्ठान करने से जो है वह सभी बाधाएं पलट जाती हैं इसको सिद्ध नही करना पड़ता किसी भी अच्छे दिन वाले दिन शुभ मुहूर्त में स्नान इत्यादि से 1008 की संख्या में जप करना है या प्रतिदिन 108 बार जपना है और उसके बाद यह मंत्र सिद्ध हो जाएगा फिर अपने विचार ग्रस्त रोगी के सिर के ऊपर से सात बार और हाथ में लेकर के मंत्र पढ़ते हुए 21 बार बोल कर के राई और नमक को फूक देना है और उसको रोगी अभिचारग्रस्त के ऊपर से 7 बार उल्टा उतारने के बाद आग में डाल देना है तांत्रिक शक्तियों का प्रतिकार हो जाता है।
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अब मैं आपको बताता चौथा मन्त्र बताता हूँ।
मन्त्र :-४.उलटनी नारसिंग पलटनी काया,नारसिंग मोहे काहे ना बुलाया मरघट की मिट्टी गौरठ की छाया, साँकल चूड़ा लोहे का कर चूड़ा का मोल मारू तेरे गुरु को आगे धरे ना पाये, ना गुरु मेरा ना गुरु तेरा नारसिंग की पीपल सीतलन मुँह दाग,आओ नारसिंग देखें,उल्टा गिरे पछाड़ लोन चमारिन खेले धम्मारि मध और माँस की करू बयारी रूपे की रापी सोने की आर मारू पसली फट जाए करेज दुहाई लोन चमारिन की गुरु गोरखनाथ बंगाल खण्ड कामरू कमाक्षा देवी की आन।
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अपने आप में एक बहुत अधिक तीव्र गति से चलने वाला और बहुत ही जल्दी परिणाम देने वाला बंगाली तांत्रिक मंत्र है जो साधक इन मंत्रों की साधना करते हैं उनकी गद्दी को कभी भी किसी प्रकार से किसी भी क्रिया से रोका नहीं जा सकता इसमें मुख्यत है नींबू के प्रयोग से ही साधक अपने ऊपर किए गए प्रत्येक अभिचार का नाश कर सकता है उसी से उतार कर के शत्रु के ऊपर वापस पलट सकता है और यह मंत्र अनुभूत हैं वह भी कई वर्षों से उम्मीद है मेरी आपकोकाम देंगे।
लेकिन हां एक बात कहना चाहूंगा गुरु के सानिध्य में बहुत वर्षों तक सिखा गया हुनर या तजुर्बा 1 दिन में या एक वीडियो से नहीं समझा जा सकता आपके पास यदि ये मंतर हो भी तो भी आपको गुरु द्वारा सिखाये गये दांवपेच की आवश्यकता होगी तो आप हमारे व्हाट्सएप नंबर 8194951381 के ऊपर संपर्क कर सकते हैं।

श्री झूलेलाल चालीसा।

                   "झूलेलाल चालीसा"  मन्त्र :-ॐ श्री वरुण देवाय नमः ॥   श्री झूलेलाल चालीसा  दोहा :-जय जय जय जल देवता,...