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गुरुवार, 10 दिसंबर 2020

दयोट सिद्ध बाबा बालक नाथ की साधना।

बाबा भोलेनाथ का साक्षात स्वरूप सिद्धि शक्ति प्रदान करने वालेअमर सिद्ध योगी लीलाधारी बाबा नाथ जी बालक नाथ जी देश दुनिया में प्रसिद्ध है और इन्हें किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है भक्तों की मनोकामना को पूरा करने वाले भक्तों को धन-धान्य से भरपूर करने वाले दूध पूत का वरदान देने वाले। पंजाब और हिमाचल प्रदेश में इनकी साधना बहुत की जाती है।

भक्तों के सभी कार्यों को पूरा करते हैं। यह एक शुद्ध सात्विक देवता है योगीयो के योगी बाबा भोलेनाथ का अवतार । सामान्यता इनको रोट का प्रसाद लगता है चढ़ावे में इनको रोट जनेऊ लंगोट नारियल ध्वजा और बाबा नाहर सिंह जी जो की इनके साथ ही पूजे जाते है उन को बकरा चढ़ता है।

भक्तों की सभी मनोकामनाएं इनकी साधना से पूरी होती हैं।
और बाबा जी के दर्शन प्राप्त होते है। और बाबा जी की कृपा से जीवन में रुके हुए प्रत्येक कार्यों में गति आ जाती है  सभी कार्य निर्विरोध सम्पन्न हो जाते है।

विधि:-
विशेषतया यह साधना किसी भी महीने के जेठे रविवार को शुरू करें।

सबसे पहले एकांत में साफ-सुथरे स्थान पर आम की लकडी के पटरे पर सवा मीटर लाल कपड़ा बिछा कर शिवलिंग या बाबा बालक नाथ का चित्र स्थापित करें।

फिर उसपर फूलों की माला अर्पित करें सवा दो दो मीटर के भगवे यानी जोगिया रंग के दो वस्त्र (एक गुरु गोरखनाथ जी का एक बाबा बालकनाथ जी ) के लिए और जोड़ा जनेऊ जोड़ा सबूत सुपारी,मौसमी फल फूल चढ़ाकर फिर बाबा बालक नाथ के नाम से एक चिमटा और खड़ाऊ स्थापित करें वहां पर देसी घी का दीपक जलाएं और धूफ लगाएं एक जल का पात्र रखें।

अगर हो सके तो प्रति रविवार को धूना भी जलाएं । जब तक धूना चलता रहे तब तक वहीं पर बैठ कर जाप करते रहें। एक जोड़ा रोट अपनी क्षमता के अनुसार वजन का भोग लगाए फिर उस प्रशाद का बालकों में वितरण कर दें।

प्रतिदिन दो पात्रो में गाय का दूध बाबा बालक नाथ और गुरु गोरखनाथ जी के नाम से अर्पित करें। और फिर बालकों में बांट दें।

साधना काल में बहुत कड़ाई से ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें।
भूमि पर ही सयन करें अपने मन को शुद्ध करें।

भोजन शुद्ध शाकाहारी फलाहार या दुग्धाहार करें या फलों का जूस चाय ले भोजन एक ही समय करें।

साधना में नाखून बाल नही कटवाने साबुन सुगंधित तेल कंघी का प्रयोग ना करें।

जो मंत्र आप को दिया जा रहा है इस मंत्र की पांच माला रुद्राक्ष की माला से जाप प्रतिदिन करें।

ऐसा आपको लगातार पांच रविवार प्रतिदिन यानी सवा महीना करना है।

जाप करने की दिशा पूर्वाभिमुख होगी आसन कंबल का या उन का हो तो उत्तम है।

साधना सम्पन्न होने पर सवा पांच किलो के एक रोट बाबा बालकनाथ और एक बाबा बालक नाथ को अर्पित करें।

सही से साधना संपन्न हो जाने पर आपके जीवन के प्रत्येक रुके हुए कार्य संपन्नता की ओर बढ़ जाते हैं और जीवन में कोई परेशानी नहीं आती धन की कोई कमी नहीं रहती भूत प्रेत का भय समाप्त हो जाता है शमशान इत्यादि की बाधा नष्ट हो जाती है। भविष्य में होने वाली कोई भी दुर्घटना और उसके बचाव का रास्ता बाबा बालक नाथ साधक को पहले ही बता देते हैं यह साधना कई साधुओं द्वारा संपन्न की गई है और कभी निष्फल नहीं हुई जनकल्याण के उद्देश्य से यहां इस साधना को प्रकाशित किया जा रहा है। 

बड़े-बड़े भूत प्रेत साधक से दूर भाग जाते हैं साधक जिसके लिए भी प्रार्थना करता है उस याचक के वह काम संपन्न हो जाते हैं।

अगर किसी को भूत-प्रेत की बाधा हो तो बाबा बालक नाथ को याद करके नाहरसिंह वीर का उतारा कर दें रोगी कुछ ही समय में स्वस्थ हो जाएगा और भूत-प्रेत की बाधा सदा सदा के लिए समाप्त हो जाएगी।

प्रयोग के संपूर्ण होने के बाद भी प्रतिदिन एक माला इस मंत्र का जाप साधकों करते रहना चाहिए।

मंत्र:-
ॐ गुरु जी दयोटसिद्ध से जोगी आया,बगली चिमटा साथ में लाया। कन्नी मुद्रा पर पैर खड़ाऊ  संत जनों के कार्य साजै।दयोटसिद्ध के पौनाहारी मोर सवारी बाबा बालक नाथ।दत्त गुरु का चेला, देश दुनिया में डंका बाजै दयाल हो दयाल हो।एक वक़्त हजार सवाली मेरी अर्जी जाए न खाली। बजै सिंगी बजै नगारा,पौनाहारी आप रखवाला आदेश आदेश आदेश।

बाबा बालक नाथ के विषय में और भी बहुत सारे गुप्त मंत्र हैं धीरे धीरे वीडियो के माध्यम से ब्लॉग के माध्यम से मैं आपसे उन सभी साधनों को सांझा करने के लिए वचनबद हूं।

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