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बुधवार, 5 जून 2019

नौगजा पीर की साधना


***बिस्मिल्लारहमनरहीम ,घेरे पर घेरा तेइस सो पीर, संग में चले नौगजा पीर सैय्यद इब्राहिम, सैय्यद इब्राहिम नौगजा पीर कहाँ से आया मक़्क़ा मदीना से आया,सट्टे की घड़िया बांदता आये,दुश्मन की नाड़ियां बांधता आये,अपनी विद्या चलाता आये,भक्त के बुलाया चौकी चलाये,अस्सी कोसां दी खबर लिआये,बंद दरवाजेयां नु खोलदा आये,बन्नी नज़र नु खोलदा आये,भक्त दी बंदी खोलदा आये,अली-अली बोलदा आये,जे ना आये अपनी माँ दा दुध हराम करें, नौगजा पीर ना कहाये।पाकपट्टन के बाबा फरीद दी दुहाई,मौला अली दी दुहाई। तेरे  पीर दी दुहाई,पीराने पीर दी दुहाई,हाजर हो मेरे पीर बादशाह नौगजा पीर। सलाम सलाम सलाम।****
              ********साधना विधि।***********
नौ गजा पीर बड़े जाने-माने फकीर है और एक ऊंचा दर्जा रखते  हैं। इनके बहुत जगह पर स्थान है उनमें सहारनपुर और शाहबाद के दो स्थान प्रमुख हैं। इनका नाम सैय्यद इब्राहिम बताया जाता है और उनका कद नौ गज का था।यह एक सुलेमानी साधना है इस साधना में साधक को बाबा नौ गजा पीर दर्शन जरूर देते हैं और दस से पंद्रह दिनों में अनुभव होते हैं लेकिन परहेज को पूरी कड़ाई से मानना पड़ेगा एकांत में आपको एक साफ सुथरे कमरे का इंतजाम करना है,उसकी लिपाई पुताई कर के वहां अपने सिर को ढक कर साफ सुथरे हरे वस्त्र पहनकर हरा आसन लगाकर वज्रासन में बैठकर काले हक़ीक़ की माला से 21 माला रोज करनी है ।पश्चिम की और मुह करके एक लकड़ी की तख्ती पर हरा कपड़ा बिछाकर 2 चावलों की ढेरियां लगाकर उनपर दो चिराग एक देसी घी और एक सरषों के तेल का चलेगे हिना या ऊद के इत्तर का प्रयोग करना है और 15 दिनों तक खूब इत्तर लगाकर रखना पड़ेगा। लोबान की धूनी देनी है अगरबत्ती लगा के रखना है और एक जल का पात्र, 1 पान मीठा,2 सिगरेट,पांच बताशा, चूरमा के लड्डू सेंट ,पाँच बूंदी वाले लड्डु ,5 या 11 गुलाब के फूल लौंग इलायची ,खमनी(कलावा या मौली) का जोड़ा 5 सुपारी और मीठे चावलों का परशाद ,एक हरे रंग की पीर की चद्दर, यह सब कुछ रखना पड़ेगा। मैदानन को को बाहर 2 बूंदी वाले लड्डू 7लौंग 7इलायची 2खमनी 2सुपारी ) के साथ चौक पर देने है।उसके बाद ही यह साधना शुरू करनी है।फिर एक जोड़ा बूंदी वाले लड्डू भैरव जी को नमस्कार करके किसी भी आवारा कुत्ते को देकर साधना पूरी होने के लिए प्राथना करनी है। फिर पीर बाबा के मंत्र का जाप करना है 21 माला रोज़ाना और चद्दर और चिराग छोड़कर बाकी सामान को प्रतिदिन दूसरी सुबह उठकर चढ़ाए गए पूरे समान (चिराग छोड़कर)एक लिफाफे में डालकर जल प्रवाह कर देना है।
अधिक जानकारी के लिए व्हाट्सएप 8194951381 पे संदेश भेजकर संपर्क करें।
(((घेरे की पूर्णता आवश्यकता होगी बिना घेरे के और बिना गुरु के यह साधना ना करें इस साधना को अपने गुरु के निर्देशनमें करें।साधना के गहरे तथ्यों पर चर्चा करने के बाद ही ये साधना करें।))।

श्री झूलेलाल चालीसा।

                   "झूलेलाल चालीसा"  मन्त्र :-ॐ श्री वरुण देवाय नमः ॥   श्री झूलेलाल चालीसा  दोहा :-जय जय जय जल देवता,...