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शुक्रवार, 16 जुलाई 2021

औघड़ मन्त्र सिद्धि


अघोरी मनसाराम की साधना।

अघोरी साधना का नाम सुनकर लोगों के मन में या तो भय व्याप्त होता है या उनके मन में एक नार्किक मलीन साधना के बारे में मानसिक दृष्य चलने लगता है।

ये बात प्रमाणित है कि मनुष्य की समाज में प्रतिष्ठा उसे व्यवहार या संस्कार से नही अपितु उसके धन वैभव से ही होती है सभके जीवन में ईश्वर एक न एक बार समृद्ध होने का अवसर देता है लेकिन कई बार आदमी खुद गलती करता है यो कई बार अपने स्नेही जनों के कारण किसी मुसीबत में पड़ता है।

और भी बहुत सारी धन वैभव प्राप्त करने की साधनायें है जो शास्त्रों में विधिवत रूप से वर्णित है लेकिन ये समय बहुत तीव्रता से चलता है समय कम होने के कारण अक्सर सभी शस्त्रिक साधनायें मर्यादित और विधिवत न होने के कारण फलित ही नही होती।
बहुत सारी मुस्लिम साधनायें भी होती है उनमें बहुत सख़्त नियम और बहुत गहन मार्गदर्शन की आवश्यकता होती है और कई बार उन साधनाओं को कई कई बार दोहराना पड़ता है जिससे बिना मार्गदर्शन और धैर्य के मनुष्य का अमूल्य समय नष्ट होता है और साधना कभी फलित नही होती।
मेरे जीवन में ऐसे बहुत से साधकों से संपर्क हुआ जिनका जीवन धन के अभाव में या भूत प्रेत बाधा के कारण अंत होने के कगार पर था एक अघोरी साधना जिसका कोई भी साधक आज तक निराश नही हुआ हां कई बार आदमी के परिश्र्म या भावना में ही कोई कमी रह जाती है।

वरना इस साधना से साधक का जीवन अवश्य परिवर्तित होता है और साधक समृद्धि की तरफ अग्रसर होता ही है।

अब कोई बोले कि मुझे रातों रात में करोड़पति बनना है तो वो कोरे झूठ के इलावा कुछ नही होगा। हां साधना करने के बाद आपको आभा मण्डल असमान्य रूप से विकसित हो चुका होता है हां अगर आप साधनाकाल पूरा होने तक प्रतीक्षा नही कर सकते तो ये वही बात होगी कि बिल्ली दही ना जमने दे। उतनी प्रतीक्षा तो करनी ही पड़ेगी ही पड़ेगी।

एक मिंट में जिन्न दो मिनट में परी सिद्ध करने वाले के बारे में क्या बोला जाए। सुनकर ही हंसी आती है कि जो संभव नहीं है झूठ बोलने वाले किस तरह डींगें मारते हैं लेकिन सच सामने आने में समय नही लगता ये बात बिल्कुल सही है ।

असल बात ये है कि अगर आप नए साधक हो तो पहली बार गलती करोगे ही करोगे।  बस उसी चक्कर में बहुत सारे नए साधक उलझ जाते है और एक बार भ्रमित अवश्य होंगे और जब होश आएगा तब बहुत ज्यादा समय बर्बाद हो गया होगा।
अघोरी साधना एक बहुत ही आधिक प्रचंड शक्तिशाली उग्र तामसिक साधना है अघोरी साधना इसको करने से कोई भी इच्छा पूरी ना हो ये हो नही सकता। ये साधना कभी भी व्यर्थ नही जाती।
इस साधना को ग्रहस्ति और त्यागी सभी कर सकते हैं। 

किसी तरह के खाने पीने का कोई परहेज़ नही है।

ये साधना आपको तब करनी चाहिए जब आप के जीवन में रुकावटें खत्म होने का नाम नही लेती एक से एक समस्या आपके जीवन में आती ही रहती है और

धंदे व्यापार में से कोई लाभ नही मिलता।अगर पूरी तरह कंगाली भी आ गयी हो खाने के लाले पड़ गए हों तो ये साधना आपके जीवन को सम्पन्नता को और अग्रसर करती है।

मैं यहाँ पर आपको मनसाराम अघोरी बाबा का एक मन्त्र उसके नियम और विधि देने जा रहा हूं जिसको करने से 50 से ऊपर साधकों का किसी का किसी तरह से फायदा हुआ ही हुआ है।

ये जाने अगर आप बिलकुल नए साधक है तो कुछ चीजों का किसी विद्वान जानकार पता लगा लें कि आपके ग्राम देवी, ग्राम देवता,कुलदेवी,कुलदेवता,इष्ट और पित्र किसी तरह से नाराज तो नही हैं क्या जीवन में कोई भूल या कोई गलती तो नही हुई या किसी का कोई भोग देना तो नही रहता है। या आपके घर में किसी अनजानी शक्ति जिस का आपको पता न हो वास तो नही।

((((ये बातें विशेष तौर पर परीक्षित कर लें फिर ही किसी साधना को शुरू करें।)))

ये अनजान शक्तियां आपका फायदा और नुकसान दोनों तरह का काम कर सकती है।

मनसाराम अघोरी साधना।।

ये साधना 41 दिनों की है।

खाने पीने का कोई परहेज नहीं है अपितु जो भी खाओ 

पीओ पहले अघोरी बाबा को भोग लगाओ।

हां ब्रह्मचर्य व्रत का पालन सख्ती से करें जिनको 

स्वप्नदोष की समस्या है उनको पहले शमशाम की साधना करनी चाहिए क्योंकि जलते हुए मसान के सामने खड़े होने से ये दोष धीरे धीरे समाप्त हो जाता है।

प्रथम दिन साधना को शुरू करने से पहले एक बार अपने इष्ट पित्र को भोग दे दें फिर हाथ में जल लेकर मनोकामना स्मरण करें और संकल्प लें।

सिर पर काला पटका बांधे और कपड़े काले पहनने है।
भोजन जितनी बार भी करो लेकिन पहला ग्रास अघोरी को समर्पित करना होगा।

जिस दिन जाप शुरू करना हो उस दिन शमशान मैं या चौराहे पर जाकर आपको एक बोतल शराब एक मुर्गा पांच लड्डू लौंग इलायची 11 सफेद फूल अघोरी मंसाराम को दें। और वहाँ से थोड़ी सी मिट्टी किसी कागज में डालकर अपने साथ ले लें।

साधना स्थल का चुनाव करने के बाद आपको दक्षिण दिशा छोड़कर किसी भी दिशा में मुँह कर सकते हैं।
भोग में कच्चे या पके हुए मांस मछली का और शराब देना है।

सफेद मिठाई, सफेद फूल,चंदन की अगरबत्तियां लगानी है और गुग्गल की धूनी देनी है ।

साधना काल में एक सरसों के टेलनक दीया जलता रहे।
कंम्बल का आसन लगाएं।

इस साधना को आप श्मशान चौराहे खाली मैदान या घर की खाली छत पर कर सकते है लेकिन भोग आपको श्मशान घाट,किसी चौराहे,किसी पीपल या वट वृक्ष के नीचे ही देना है।

जल पात्र अवश्य अपने पास में रखें जाप के बाद वो जल दूसरे दिन सुबह किसी पेड़ में डाल दें।

जाप रुद्राक्ष की माला से करें जाप से पहले माला सिद्ध कर लें।

जाप माला सिद्ध करने की विधि प्राप्त करने के लिए वीडियो देखें https://youtu.be/8J9wI7ErsbI

31 माला रोज़ जाप करें तो बहुत अद्धभुत होगा आपको ज्यादा से ज्यादा एक हफ्ते में परिणाम मिलने लगेंगे,किसी किसी साधक को ऐसा भी हो सकता है अघोरी वीर परीक्षा लें अक्सर ऐसा नहीं होता
उस अवस्था में साधक को धैर्य से कम लेना चाहिए। 

इस साधना को कभी खाली नहीं छोड़ना चाहिए।

भोग मिट्टी के दो पात्र लेकर एक में शराब दूसरे में मीट डाल दें और एक गांजे की चिलम भेंट करें।

जाप के पहले रक्षा मन्त्र पढ़कर अपना शरीर बांध लें और भोग तैयार कर के अपने सामने रखें और 10 माला जाप के उपरांत किसी निर्जन स्थान पर अघोरी 

अघोरी मनसाराम की आत्मा के आवाह्न के पश्चात प्रदान करें और कपूर प्रज्वलित करें फिर वापिस आकर बाकी बचे 21 माला जाप को सम्पन्न करें। इसी प्रकार से प्रतिदिन करें।

मन्त्र:-
ॐ नमो आदेश गुरु को,मनसाराम मरघट बसे
खप्पर में खावे खीर मेरा कारज सिद्ध करो
तो पूजूँ औघड़वीर। दुहाई ईश्वर गौरां की।
श्री दत्त गुरु की दुहाई,चले मन्त्र औघड़ी बांचा
देखूं औघड़वीर मनसाराम तेरे शब्द का तमाशा।


रक्षा मन्त्र:- एक माला प्रयोग से जाप से पहले आपने गुरु महाराज का नाम लेकर इस मंत्र की जपें और अपने सारे शरीर पर फूंक मार लें।

तल्ले घरती ऊपर आसमान तुमको पूजे सकल जहान काली के पूत जोगी अवधूत काशी के कोतवाल,पिंड राखो प्राण,आर पार की विद्या थामो सारे यन्त्र,मन्त्र,थान,रख्खो गोरख जति की आन, आन शंकर पार्वती जी की आन आन आन माता काली की आन।

श्री झूलेलाल चालीसा।

                   "झूलेलाल चालीसा"  मन्त्र :-ॐ श्री वरुण देवाय नमः ॥   श्री झूलेलाल चालीसा  दोहा :-जय जय जय जल देवता,...