गुरुवार, 7 दिसंबर 2023

नाहर सिंह वीर की साधना।

नाहर सिंह वीर की साधना।


नाहर सिंह वीर की एक ऐसी जबरदस्त और खतरनाक मन्त्र साधना है जिसमें साधक को बहुत ही अधिक शक्तिशाली एवं रोमांचकारी अनुभवों से होकर गुजरना पड़ता है।

लेकिन इस साधना को सफलतापूर्वक संपन्न कर लेने के बाद आप कट्टर से कट्टर भूत प्रेत को जिन जिन्नाद शैतान या ख़बीस को भगाने की शक्ति प्राप्त कर लेते हैं जिन नवयुवक बच्चों के साथ रात्रि में विपरीत लिंगी ऊर्जाओं द्वारा जबरन बलात्कार होता है उन बच्चों के लिए ये मन्त्र बहुत ही अत्यंत उपयोगी हैं।

किसी भी प्रकार की मनोकामना की पूर्ति इस मंत्र की साधना कर लेने के बाद आपको प्राप्त हो जाती है तथा आपके जीवन में आने वाली सभी भूत प्रेत जनित बढ़ाएं स्वत संपूर्ण रूप से समाप्त हो जाती हैं 

अगर आप किसी इस प्रकार की शक्ति से बाधित हैं और आपको पता है कि वह शक्ति एक शुद्ध बड़ा है और आपको बहुत अधिक संत्रास कष्ट दे रही है आपका शोषण हो रहा है तो उसे स्थिति में यह मंत्र आपकी बहुत अधिक सहायता कर सकता है विशेष तौर पर युवक और नव युवतियों को विपरीत लिंगी भूत प्रेत अक्सर बहुत अधिक पीड़ा देते हैं यहां तक की जबरन मजबूर होना पड़ता है ऐसी नीचे वृद्धि वाली शक्तियों को निवारण के लिए या मंत्र उसकी साधना बहुत अधिक कारगर है इस मंत्र को कई बार आजमाया जा चुका है यह मंत्र एक बहुत अच्छे महात्मा से प्राप्त हुआ था विपरीत लिंगी भूत प्रेत द्वारा युवक और नवयुवतियों के साथ होने वाले जबरन सहवास करने वाली शक्तियों को नष्ट करने के लिए मात्र 51 बार पढ़ लेना ही काफी रहता है 

हां अगर कोई व्यक्ति 108 बार प्रतिदिन जाप करें पास मछली अंडा शराब इत्यादि वस्तुओं से दूर रहे तो यह मंत्र अपनी पूर्ण प्रचंड वेग के साथ साधक की सभी समस्याओं का निवारण करता है।

इस साधना में रक्षा के लिए रुद्रअवतार श्री हनुमान जी के चालीसा का पाठ आपको प्रत्येक मंगलवार वाले दिन सात बार करना चाहिए ये लगातार पांच मंगलवार करें ,तो इस साधना से जो गरमाइश पैदा होगी वह गरमाइश शांत रहेंगी और ऊर्जा के सक्रिय होने पर आपको किसी प्रकार की मानसिक और शारीरिक हानि नहीं होगी।

सभी भूत प्रेत ग्रसित रोगियों के उपचार के लिए नाहर सिंह हनुमान और भैरव की शक्तियां अचूक मानी जाती हैं यही तीन शक्तियों है जिसे बड़े से बड़ा भूत प्रेत भी चिल्लाने लग जाता है और रोगी को छोड़ देने पर मजबूर हो जाता है।

बाकी सब बात होती है विश्वास की।

आप कोई भी छोटी से छोटी या बड़ी से बड़ी साधना करें आपके गुरु या उस्ताद का आपके सिर पर हाथ होना परम आवश्यक है ऐसा न होने पर आप कितने भी स्तर की ऊर्जा को प्राप्त कर लें या किसी भी प्रकार की सिद्धि हासिल कर ले तब भी आपको खतरा ही रहेगा। क्योंकि साधनाओं में भारी किया होती हैं और गुरु उस्ताद को वह बारीकियां पता होती हैं।

अपने गुरु और उस्ताद के अलावा दूसरा कहीं से मंत्र लेकर के साधना अथवा सिद्धि के लिए नहीं बैठना चाहिए क्योंकि सभी साधकों के  अपनी अपनी शैलियां और अपनी-अपनी अलग अलग पद्धतियां होती हैं।

यह मंत्र सिद्ध और सक्रिय है 108 बार इस मंत्र को जब करने पर इसकी शक्ति का अनुभव आपको हो जाएगा।

मत्थे टिक्का
हत्थ विच कड़ा
जिथे सिमरां नाहर सिंह वीर 
हज़ार खड़ा 
सवा मण का सोटा चलाओ
लड्डू पेड़े का भोग लगाओ
भूतां प्रेतां नु मार लगाओ
माता नाहरी दी आन
दूहाई सोढ़ी सरकार दी
दुहाई गुरु उस्ताद दी

इस मंत्र की साधना साधक के सभी समस्याओं का निवारण करती है । किंतु आपके ऊपर आपके गुरु जी के आशीर्वाद का होना परम आवश्यक है। अपने से गुरु से आज्ञा लेकर ही इस मंत्र का अनुष्ठान शुरू करें।

लगातार 40 दिन तक एक माला प्रतिदिन जाप करने के बाद सड़क के ऊपर वीर नाहर सिंह की विशेष कृपा होती है। एवं दर्शन प्राप्त होते हैं।

इस साधना में नाहर सिंह वीर को दिए जाने वाला भोग लड्डू पेड़ा बर्फी लौंग इलायची और शुद्ध देशी घी के हलवे की कड़ाही है।

जिन लोगों के घरों में नरसिंह वीर की जोत चलती है उन घरों में ये मन्त्र बहुत कारगर होता है।



लोना चमारी का मन्त्र।

लोना चमारी का मन्त्र।

विशेष:- यह चित्र केवल प्रतीकात्मक रूप से लगाया गया है।*

( यह लोना चमारी का मंत्र अधिकतर रूप से बहुतायत में सिद्ध हो जाता है किसी किसी स्थिर मन वाले और स्थिर ध्यान वाले साधकों को ही इनके दर्शन प्राप्त होते हैं वरना मंत्र 100% सिद्ध हो जाता है और कार्य करता है )।

माता लोना चमारी को तंत्र के क्षेत्र में कौन नही जानता  गुरु गोरखनाथ जी की शिष्या अपार शक्तियों की मालिक अगर किसी पर एक नज़र कृपा की कर दें तो साधक यन्त्र मन्त्र तन्त्र में पारंगत हो जाता है।

ये मन्त्र यहाँ पर बताने का कोई विचार नही था लेकिन बार बार शिष्यों के आग्रह करने पे ये मन्त्र यहां बता रहा हूँ इस लिए की समाज का कुछ भला हो सके और जो वास्तव में इस मंत्र के पात्र हैं उन्हें ये मन्त्र मिल सके।

जिस प्रकार श्री गुरु गोरक्षनाथ जी की साधना से साधक आध्यात्मिक शक्तियां प्राप्त कर लेता है उसी प्रकार ये साधना सम्पन्न कर लेने पर अज्ञानी से अज्ञानी साधन भी यन्त्र मन्त्र तन्त्र में पारंगत हो जाता है।

इस मंत्र के सिद्ध हो जाने के बाद मनुष्य को बड़े बड़े मन्त्र और स्तोत्र कंठ और सिद्ध हो जाते है और तंत्र जगत के गुप्त रहस्यमयी विषयों के बारे में प्रकाश/ ज्ञान हो जाता है और सभी कठिन से कठिन साधनाओं में आने वाली समस्याओं का निवारण गुप्त रूप से चल जाता है और आध्यामिक दृष्टि से साधक आगे बढ़ जाता है ।

इस साधना को करने के बाद साधक की छठी इंद्रिय शक्ति इस प्रकार जागृत होती है कि उससे होने वाली सभी घटनाओं का पूर्व में ही ज्ञान हो जाता है और संकेतिक रुप से सभी होने वाली बातें उसके सामने दृष्टांत बनकर आंखों के सामने दिखने लग जाती है ।

इस साधना को करने के उपरांत साधन में साधक में अजीब से जीवनी शक्ति का संचार हो जाता है वह हर साधना को चाहे वह कितनी भी कठिन या जटिल क्यों ना हो सफलतापूर्वक संपन्न करने में सक्षम हो जाता है चाहे झाड़-फूंक हो या टोना टोटका यंत्र मंत्र तंत्र या कोई भी कठिन से कठिन साधना साधक आसानी से उनको कर लेता है।

साधक का वचन वांचा इतना पक्का हो जाता है जिस प्रकार उसे वचन सिद्धि प्राप्त हो जाए एवं साधक मजाक में भी कोई बात कह देगा तो वह वाक्य सत्य होगी इसलिए इस साधना को करने के बाद साधक को बोलने में संयम का प्रयोग करना चाहिए ताकि आपके द्वारा किसी जीव मात्र का बुरा ना हो।

जो लोग दूसरों का इलाज करते हैं झाड़-फूंक का कार्य करते हैं उनको अपने मंत्रों के प्रयोगों में इस लक्ष्य प्राप्त होने लग जाता है और दीन दुखी जो उसके पास आते हैं वह सब ठीक होने लग जाते हैं। झाड़ फूंक में बहुत असर आ जाता है।

इस मंत्र की साधना 41 दिनों की है और उसे संयम से किया जाना चाहिए लाल वस्त्र पहनकर लाल ही आसन पर और मूंगे की माला से इस मंत्र को किया जाता है पूजन सामग्री में धूप दीप फल फूल पांच मिठाई और नैवेद्य दिए जाते हैं इसका रात्रि में संपर्क किया जाता है जिसमें प्रतिदिन आपको पांच माला जाप करना होता है जाप करते समय पूर्व दिशा की तरफ अपना मुंह रखें सिरको और माला को ढक कर रखें एक गाय के गोबर के उपले के आग बना ले उस पर थोड़ा देसी घी बताशा और एक जोड़ा लॉन्ग प्रति मंत्र को पढ़ने के बाद आहुति दें ब्रम्हचर्य से रहें और भूमि पर शयन करें इस प्रकार 41 दिन करने से यह साधना संपन्न हो जाएगी शुरुआती दिनों में शक्तियां आप से चल कर सकती हैं इसलिए आपको सजग रहना चाहिए और किसी भ्रांति में नहीं पड़ना चाहिए इस साधना में कोई भरे इत्यादि नहीं होता है लेकिन देवी अन्यान रूप बनाकर के साद साधक को भ्रमित कर सकती हैं।

इसका मंत्र और विधि मैं आपको दे रहा हूं ऊपर बताई गई विधि के अनुसार निम्न मंत्र का जाप किया जाता है।

ॐ नमो लोना चमारी ,मात हमारी,भेंट तुम्हारी लौंग सुपारी,श्री सतगुर दीन्हा वाक, ठाड़ी खड़ो अब आय भवानी,मन्त्र विद्या सिद्ध कराओ,कामरू कामाक्षा देवी का वचन छूटे तो गुरु उस्ताद की दुहाई इस्माईल योगी की दुहाई। सतगुरु गोरक्षनाथ की आन।
 

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