**********।(तख़्ते सुलेमान का अमल)।*********
"बिस्मिल्लारहमनरहीम ,सोने का तख्ता चांदी की जंजीर,
जिसपर चले सुलेमान पीर,अल्लाह ने भेजा फ़क़्क़र ने बुलाया, लाव लश्कर साथ में लाया,अल्लाह अल्लाह बोलता आया,साथ जिन्न और पारियां लाया,अर्श फर्श का हाल बताया।ना बताए तो अपनी मा का दूध हराम करे , दूहाई रसूल पाक की,दुहाई मौला अली की,दुहाई तेरे पीर की,मदद गौन्स पीर की या अली या नबी या अली ,ना आये तो आन तेरे तख़्त की" आन हसन हुसैन की।
****।(इस मन्त्र का जाप हिसार लगाकर ही करें)।****
दरमियान अमल चींटियों को परिंदो को और यतीमो को खाना दें हर रोज। फिर ये अमल हिसार करने के बाद ही करें।
सबसे पहले एक साफ कमरे का इंतजाम करें और उसकी सफाई करके उसे खुशबू से महका दें। पाक साफ होकर आधी रात को ये कलाम तहज्जुद की नमाज के बाद पड़नी हैं 1000 मर्तबा । मुसल्ले पर दो जानु बैठकर एक तेल का चिराग़ जलाकर इत्तर,2 मीठे पान,जिन्नों के लिए ख़शबु, मिठाई, सिगरेट भी दें,मोगरा के फूल और अगरबत्ती जलाएं।
इत्तर हिना या इत्तर ऊद प्रयोग करें पश्चिम की ओर मुह करके।
हिसार लगा कर काले हक़ीक़ की माला से 20 माला रात को 31 माला दिन में करनी है इसका 11 दिन में असर दिखेगा नमाज की पाबंदी है जी हराम की चीज़ों से परहेज़ करें।तर्क जमाली, तर्क जलाली करें।