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रविवार, 12 अप्रैल 2020

बन्द व्यापार चलेगा कोई नही रोक पायेगा

   
 (((जरूरी सूचना और चेतावनी, ये मन्त्र इंटरनेट पर नही है ये पहली बार इंटरनेट पर डाल रहा हूँ,बहुत ही कम लोगों पता है इसे मैं अपने पाठकों के लिए व्यक्तिगत रूप से उपयोग के लिए दे रहा हूँ कॉपी पेस्ट करने वाले नक्काल सावधान रहें वरना कानूनी आफत झेलनी पड़ेगी।।)))
         


                 बंद व्यापार को चलाने का उपाय।

○जिस किसी भाई बहन का कारोबार या व्यापार फैक्ट्री या दुकान चलते-चलते अचानक बंद हो गये और लाखों उपाए से भी नहीं खुल रहा और व्यक्तिगत दोष की समझ ना आए तो आप करें यह उपाय।

○यह उपाय कई लोगों को कराया गया और सबको ही इसके अच्छे परिणाम जल्दी ही मिल गए। यह उपाय कभी फेल नहीं हुआ हनुमान जी के पुजारियों के लिए वह लोग जिनके इष्ट हनुमान जी हैं उनके लिए बहुत जल्दी प्रभाव दिखाता है यह प्रयोग और रामबाण है यह प्रयोग।

○कई बार ऊपरी बाधा या कई बार किसी अपने पराए की ईर्ष्या का शिकार हो जाते हैं । या कई बार किसी अपने ऐसे व्यक्ति की हाय लग जाती है अक्सर जो हमारे चलते हुए अच्छे कारोबार को देख लेते हैं और यह तो हर एक प्रांत में चलता है क्षेत्र का इसमें कोई योगदान नहीं है हर जगह का यही हाल है।

○अगर हम कहे कि एक क्षेत्र के लोग अच्छे होते हैं और दूसरे के बुरे होते हैं नहीं हर समाज में कहीं ना कहीं कोई ऐसे लोग भी होते हैं जो कि समाज को सिर्फ और सिर्फ हानि पहुंचाने का काम करते हैं ।

○कुंठित बुद्धि विकृत मानसिकता और एशिया का भाव अत्यधिक महत्वाकांक्षी हो जाना ऐसे लोग अक्सर किसी न किसी टोने टोटके द्वारा परिचितों को ही नुकसान देते हैं क्योंकि अनजान व्यक्ति को तो वह जानते ही नहीं।

○यह चीजें एकाएक नहीं होती उनके होने से पहले कुछ ऐसे लक्षण प्रकट होते हैं अगर उसके ऊपर ध्यान दिया जाए तो आपको पहले से ही पता चल जाएगा कि कुछ गड़बड़ होने वाली है यह सब निर्भर करता है आपकी चुस्ती पर।

○कई बार दोष स्थानगत होते हैं कई बार दोष व्यक्तिगत होते हैं दोनों ही हालातों में कारोबार अक्सर ठप हो जाते हैं और ताला लगने का नौबत आ जाता है आ जाती है अगर व्यापारी अपनी सूझबूझ से काम ले तो इनका इलाज करना आसान होता है दान और धर्म कभी ना छोड़े धर्म भी तभी आपको पुष्ट करेगा जब आप धर्म का अनुपालन करेंगे।

○कई बार जब ऐसे हालात हो जाते हैं तो पीड़ित दस दस साल लगातार अपने इलाज के लिए इधर-उधर प्रयत्न करते हैं कुछ तो विचार हैं दो चार साल में ही थककर बैठ जाते हैं कईयों को उपाय नहीं मिलता कइयों को आधा अधूरा उपाय मिल जाता है

○आपको यहां पर एक उपाय दे रहा हूं जब भी लगे कि आपका काम डावांडोल हो रहा है कारोबार रुक रहा है उससे पहले ही यह काम कर लेना आप का काम चलना शुरू हो जाएगा।

○लगातार 7 मंगलवार यह प्रयोग आपको करना है।

○ पूर्ण ब्रह्मचर्य का पालन करना है।

○ मंगलवार को आपने प्रात: काल भोर में उठना है एवम स्नान इत्यादि से निवृत हो जाना है फिर किसी पुराने पीपल वृक्ष के पास जाना है उसे प्रणाम करके उसकी परिदक्षिणा करनी है 11 बार और उस पीपल के वृक्ष से आपको 11 पत्ते तोड़ लेने हैं।

○ फिर वह पत्तेघर लेकर आने हैं और उन्हें किसी पटरी     पर रखकर गंगाजल से अच्छी तरह धो लेना है।

○ फिर आपको केसर + पीले सिंदूर और चमेली के तेल से स्याही बनानी है या लाल चंदन को घिसकर स्याही त्यार करके प्रत्येक पत्ते पर अपनी तर्जनी उंगली से 7 बार जय श्री सीता राम लिखना है।  और दो अड़हुल के फूल की माला भी साथ ले जानी है।

○ एक लंबा लाल सूत्र या कलावा जिसे स्थानीय भाषा में नाड़ा भी बोला जाता है क्या रक्षा भी कहा जाता है उसमें इस तरीके से पीपल पत्तियों को बांधना है कि यह एक हार की तरह बन जाए।

○इसके बाद हनुमान जी के मंदिर में जाना है वहां आपने हनुमान जी की पूजा करनी है  और प्रसाद बांटना है  फिर  रुद्राक्ष की माला से  1 माला निम्नलिखित मंत्र का जाप करना है  और वो हार को  हनुमानजी को अर्पित कर देना है और जो पानी वाला नारीयल जो आप अपने सिरहाने रखा था उसे फोड़कर उसको हनुमान जी को अर्पित करें। मन ही मन कार्य की सफलता की हेतु  हनुमान जी से प्रार्थना करनी है। 
अंत में दो अड़हुल के फूल की माला जो आप अपने साथ लाए थे उनमें से एक माला हनुमान जी को चढ़ा देनी है दूसरी माला हनुमान जी के चरणों को स्पर्श कराकर एक माला अपने साथ वापस ले जानी है और अपने कार्य स्थली के प्रवेश द्वार पर टांग देना है। फिर अगले मंगलवार जो आपने अपने कार्यस्थल पर माला टांगी थी उसे सोमवार रात्रि को उतार देना है और दूसरे दिन मंगलवार जल्दी उठकर फिर दो माला अड़हुल की एक माला पीपल के पत्तों का पत्तों की तैयार करनी है और प्रयोग को वापिस दोहराना है।

○प्रयोग शुरू करने से 1 दिन पहले यानी सोमवार सुबह आपने एक पानी वाला नारियल लेना है और उसके ऊपर कलावा लपेटना है उस पर गांठ नहीं मारनी खाली लपेट देना है और उसे कार्यस्थली के चारों कोने स्पर्श कराकर किसी भी स्थान पर रख देना है और सोमवार रात्रि को लाकर सोते समय अपने सिरहाने रख देना है लेना है फिर दूसरे दिन प्रातः काल जब आप प्रयोग के लिए हनुमान मंदिर में जाएं तो उसे अपने साथ ले पूजा संपन्न होने के बाद उस नारियल को फोड़ कर हनुमान जी को अभिषेक उसके जल से करना है।

○ मंदिर से घर लौटते समय किसी से कोई बातचीत नहीं     करनी है और चुपचाप ही इस सारे कार्य को करना है।

○फिर अपने दैनिक कार्यों को करते हुए वापस अपने         व्यवहार पर चले जाना है जिस दिन आपने हनुमानजी     की पूजा की हो तब से लेकर अंतिम मंगलवार बीत         जाने तक घर में किसी प्रकार का मांस मदिरा का           प्रयोग नहीं होना चाहिए।

○इस उपाय को सात मंगलवार लगातार करें अगर हो        सके तो इसे गुप्त रखें। सफलता का रहस्य प्रयोग को      गुप्त रखना ही होता है।

ॐ नमो आदेश गुरु को। गढ़ लंका सा कोट,समुद्र सी खाई, तोड़ दे सारे बन्धन,तुझे राम लखन की दुहाई, शब्द साँचा पिंड कांचा देखां महाबीर, तेरे मन्त्र का  तमाशा।















श्री झूलेलाल चालीसा।

                   "झूलेलाल चालीसा"  मन्त्र :-ॐ श्री वरुण देवाय नमः ॥   श्री झूलेलाल चालीसा  दोहा :-जय जय जय जल देवता,...