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बुधवार, 5 जून 2019

लखदाता पीर साधना

        *******।लखदाता पीर की कलाम।******


●सभी साधक भाई बहनों के लिए एक कलाम लखदाता पीर की जिनको सखी सरवर सुल्तान बोला जाता है और इनका प्रमुख पूज्य स्थान रोजा शरीफ पाकिस्तान के निगाह नामक स्थान पर है उस की तर्ज पर ही हिमाचल प्रदेश में भी इनका स्थान है और पूरे भारत क्या विदेशों से लोग यहां जियारत करने पहुंचते हैं और ऐसी कोई मुराद नहीं कीजिए जो इनकी साधना और इनकी सेवा सेना प्राप्त हो हर जायज मनोकामना इनके दर से पूरी होती है इसी क्रम में मैं आपके लिए लखदाता पीर लालू बरिसल कार की साधना दे कर आया हूं यह एक उग्र और चमत्कारी साधना है लेकिन कभी भी किसी भी साधना को अधूरे में ना छोड़े।

●ये साधना पूरे 43 दिनों की है।
●इस साधन में मांस मछली शराब इत्यादि पूरी तरह से वर्जित है।
●प्रतिदिन स्नान करने के उपरांत साफ-सुथरे वस्त्र धारण करके आपको सरसों के पांच दिए अपने सामने जलाने हैं ।
●इस साधना को करते समय आपका मुख पश्चिम की तरफ होगा।
● प्रसाद में आप 5 चूरमे के लड्डू,5 बूंदी वाले लड्डू,7 बतासे,थोड़े से मीठे चावल ,7 लोंग,7 इलाइची सेंट ,2 मीठे पान यह सब रखना है।
●एक चमेली के फूल की माला  या देशी गुलाब के 11 फूल वहां पर जरूर रखें
●इस मंत्र का काले हक़ीक़ की माला से 11 माला जाप करना है।
●इस साधना में प्रतिदिन देसी घी से होम करना है।
●शुद्ध मन से 43 दिनों तक आपने यह जाप करना है।
●ब्रह्मचर्य पालन करते हुए आपको यह जप करना है।
●अपना खाना खुद बनाना है किसी के हाथ के बने हुए भोजन को स्वीकार नहीं करना है।
●अपने झूठे बर्तन और पहने हुए कपड़े खुद ही धोने है।
● सबसे पहले साधना जब आप शुरू करोगे आपको एक अलग कमरे इंतजाम करना और उस कमरे में सिर्फ साधना काल में जाएं ।
● उस कमरे में साधक के इलावा कोई और जाना नहीं चाहिए उसके पहले अंदर बढ़िया से लिपाई पुताई करा कर उसको साफ कर दिया जाए।
●वहां पर कोई भी जैसे स्त्री या पुरुष मलिन अवस्था में प्रवेश ना करे जब आप यह साधना संपन्न कर ले।
●उसके बाद जेष्ठ अषाढ़ के महीने में आपको एक रोट  सवा 5 किलो का लगवाना होगा ।
●गर्मियों में जेठ आषाढ़ के महीने में होते हैं इसमें साधना करने का विशेष महत्व होता है।
● साधना कक्ष में आपको हफ्ते में ही बाबा के आसपास होने के अनुभव होने लग जाएंगे ।
●जब पीर बाबा आपके सामने आये तो उनसे कोई फालतू बात न करें और आपने जाप में लगे रहें जप बाबा आपको बुलाएं तब ही बात करें।
●आपने पास साधना काल में एक जल का पात्र जरूर रखें।

●बिस्मिल्लारेहमानरहीम जल तू जलाल तू कुदरत तू कमाल तू ,हर वेले नाल तू,मुश्किल पई वंगारिया सखियां द सुल्तान तू,मुश्किल पई इंसान ते,मेरे काज संवार तू,चले मन्त्र फुरो बादशाह, देखा बाबा लखदाते तेरे इल्म द तमाशा।।

●अपनी तरफ से मैंने समझाने की पूरी तरह कोशिस की है अगर आपको फिर भी कुछ समझ में नही आया तो हमारे व्हाट्सएप नंबर 81949 51381 के ऊपर व्हाट्सएप संदेश भेज करके संपर्क कर सकते हैं।गुरु के सानिध्य में
● यह साधना करनी चाहिए बिना गुरु के ये साधना नही करनी चाहिए।

श्री झूलेलाल चालीसा।

                   "झूलेलाल चालीसा"  मन्त्र :-ॐ श्री वरुण देवाय नमः ॥   श्री झूलेलाल चालीसा  दोहा :-जय जय जय जल देवता,...