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बुधवार, 16 अक्तूबर 2019

।। हैदर शेख पीर साधना।

                     ।। हैदर शेख पीर साधना।
○आज आप सभी साधक भाई बहनों के लिए मैं लेकर आया हूं  बाबा सदरुद्दीन रह0 जिनको हैदर शेख पीर के नाम से पूरे उत्तर भारत में माना जाता है।
○आपका रोज़ा मुबारक पंजाब के मलेरकोटला शहर जो कि मौजूदा समय में संगरूर जिले में पड़ता है।
○आपको मलेरकोटला वाले पीर के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि आप आज़ादी से पहले मलेरकोटला रियासत के बज़ुर्गों में से एक हुए हैं।
○ पीर बाबा सदरुद्दीन जो कि एक पहुंचे हुए बुजुर्ग हुए थे अपने समय के बहुत माने हुवे फ़क़ीर थे।
○आपके पूर्वज मैजूदा अफगानिस्तान से बहुत पहले ही हिन्दोस्तान में आकर बस गये थे और आज भी आपके मुबारक रोज़ा शरीफ के मुजाविर आपके वंसज ही है।जो आपके रोज़ा मुबारक की देखभाल कर रहे हैं।
○वैसे तो आप के विषय में बहुत सारी बातें या किस्से प्रसिद्ध है लेकिन एक किस्सा बहुत प्रसिद्ध है जिसमें आपने मरे हुए घोड़े को जिसको आप काट कर लंगर में डाल चुके थे उस घोड़े को जिंदा करने का किस्सा बहुत मशहूर है।
○आपके बारे में ये मशहूर है कि आपको बहुत बड़ी रूहानी शक्ति प्राप्त थी।
○आपकी दरगाह के विषय में भी ऐसा किसा मशहूर है कि आपकी मज़ार दीवार एक ही रात में अनजान शक्तियों ने बनाई थी।ऐसी कहावत आपके बारे में प्रसिद्ध है।
○आपका नाम पूरे उत्तर भारत में प्रसिद्ध है और दूर दूर  से लोव लोग यहाँ तक कि विदेशों से भी लोग यहां आपके रोज़े की जियारत करने आते हैं ।
○आप सबकी मुरादे पूरी करते हैं और सबकी झोलिया भरने वाले हैं।यहां लोग रविवार और बृहस्पतिवार को बहुत अधिक संख्या में माथा टेकने और जियारत के लिए आते हैं।
○ऐसा भी माना जाता है कि आप को पांच पीरों बाबा भैरों माता मसानी की अति निकटता प्राप्त थी।आपके विषय में यह बात बहुत मशहूर है कि आप भांग के बहुत शौकीन थे और आज भी आपको लोग भांग चढ़ाते है
○आपके रोज़ा शरीफ पर बिना किसी भेदभाव के सभी धर्मों और सभी जातियों के लोग एक साथ सलाम करते है और आपके रोज़े का द्वार दिन रात खुला हुआ रहता है।
○गुरु शिष्य परंपरा में चल रहा एक और मंत्र आपके साथ साझा करने जा रहा हूं ।ये एक गुप्त मन्त्र था और सिर्फ गुरु अपने शिष्य को ही देता था।
○यह मंत्र और साधना जागृत है कृपया अपने उस्ताद या गुरु के निर्देशन या विशेषज्ञ व्यक्ति की सलाह से ही करें यह साधना बहुत दुर्लभ है ।
○आज से पहले किसी ने इस को लिपिबद्ध करके डाला नहीं है। इसमें बाबा जी के दर्शन और कृपा दोनों प्राप्त होते हैं।
○साधक को 41 दिन तक ब्रह्मचर्य और संयम से रहना होगा।
○मांस शराब अंडा प्याज लहसुन और सभी ऐसी चीज़ों से परहेज़ करना है।
○घर के एकान्त कमरे में जिस कमरे की पहले से ही साफ सफाई कर दी गयी हो।
○पश्चिम दिशा की और मुँह करके दोजानु या पालथी मारकर बैठकर ये साधना करनी है।
○अपने सामने एक आम का पटरा रखकर उसके ऊपर हरे रंग का स्वामीटर कपड़ा बिछाकर दो कच्चे चावलों की ढेरियों पर दो मिट्टी के दिये सरसों का तेल डालकर चलाने है और अगरबत्ती जलाएं।एक साफ जल का पात्र आपने सामने रखें।
○आपका आसन कुछ इस तरह का होगा कि नीचे काले रंग का कंबल बिछाकर उसपर हरे रंग का नया कपड़ा बिछाना है।
○नए साधक आने मन को केंद्रीत करने के लिए पीर बाबा हैदर शेख की तस्वीर बाज़ार से जो मिलजाए आपमे सामने रख सकते हैं।
○साधना काल के दौरान साधक को पूरे इककतालीस दिनों तक भूमि पर ही शयन करना होगा ।
○प्रतिदिन बाबा को भोग लगाकर नित्य होम भी करना है दूसरे दिन ये सभी सामान उठाकर जल में प्रवाहित कर देना है।
○वह बाबा के दर्शन और आशीर्वाद दोनों को प्राप्त कर सकते हैं यह पीर बहुत दयालु पीर है बहुत ही कम समय में यह साधक के ऊपर प्रसन्न हो जाते हैं और उनके सभी अभीष्ठ कार्यो को पूरा कर देते हैं दर्शन होने पर आपको बाबा जी मज़ार पे जियारत करनी होगी।
○41 दिनों की साधना है ये पाक साफ होकर करनी है।
○जाप करते हुए लगातार लोहबान सुलगता रहना चाहिए 
       इस का प्रबंध पहले ही कर लें।
○ग्यारह देसी गुलाब के फूल एक जोड़ा इतर चढ़ाना, जोड़ा मीठे पान,कलावे का एक जोड़ा , जोड़ा सबूत सुपारी और मीठे चावल, गुलगुले का भोग देना है।
○कोयले कि आग पर सरसों के तेल और बतासे से होम अग्यार करनी है।
○प्रतिदिन काले हक़ीक़ की माला से 5 माला रोज़ाना जपना है।
○ज़मीन पे सोना है।
○किसी पुराने सरींह ((शिरीष)) के पेड़ की जड़ में भांग और शरदई चढ़ानी है।
○जब बाबा जी के दर्शन हो जाएं तो उनकी दरगाह पे जाकर माथा टेकना है।
○सेवा खत्म होने पर आपको बाबा के रोज़े पर जाकर अपनी खुशी से और चद्दर और बकरा चढ़ाना है।
○बाबा सदरुद्दीन रह0 बहुत पहुंचे हुए बजुर्ग पीर है और साधक पर खुश हो कर उसे भूत भाविष्य वर्तमान बताते है।
○ सवारी आने पर बहुत बड़े बड़े काम साधक के सिद्ध होते है मुरादें पूरी एव मनो वांछित कार्यों में सफलता मिलती है।
○इस साधना में पाक साफ होकर दरूद शरीफ को एक हज़ार बार अगर पढ़ लिया करें तो उससे आपकी रूहानी ताकत बढ़ेगी।
                     ।।इब्राहीमी दरूद शरीफ।।
      अल्लाहुम्मा सल्लीअला महम्मदिवं व अला आले     
      महम्मदिवं कमा सल्ले त अला आले इब्राहिम व अला  
      आले इब्राहिम इंनका हमीदुम मज़ीद।
      अल्लाहुम्मा बारिक अला महम्मदिवं व अला आले   
      महम्मदिवं कमा बारिक त अला इब्राहिम व अला
      आले इब्राहिम इंनका हामीदुम मज़ीद।
                               ***💐***
                      ।।कलाम पीर बाबा की।।
      बिस्मिल्लाहरहमाननिरहीम,मौला अली दी बंदगी ,
      पंज पीरां दा नूर,अली अली नैरा लाके आजा मेरे हजूर।
      नियाज़ गुलगुले देवां तेनु, देवां भंग पियाला।पीरां विचों
      पीर देखेया हैदर शेख निराला।माई मशानी भैरो बाबा ,
      वसदे पंजे पीर। दर्शन दे बाबा हैदर शेख पीर। चले मन्त्र   
      फुरो वांचा,देखा मिएं राने हैदर शेख पीर देखां तेरी    
      कलाम दा तमाशा।दुहाई मौला अली दी,दुहाई तेरे पीर
      दी।
                                ***💐***
○अपनी तरफ से मैने समझने की कोई कसर नहीं छोड़ी अगर आपको अधिक जानकारी चाहिए तो इसके लिए हमारे व्हाट्सएप 8194951381 पे संदेश भेजकऱ संपर्क किया जा सकता है।

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