मनोकामना पूर्ण करने के लिए क्या करें ?
इसके लिए हमारे धर्म शास्त्रों में बहुत सारे यन्त्र मंत्र तन्त्र और जप विधियां बताई गई हैं पर इन सब में सबसे सरल राम नाम लेखन बताया गया है। जिसे हर कोई आसानी से कर सकता है। तो आइये आज जानते है कैसे राम नाम जाप और राम नाम को लिखने की विधि।
महत्व तारक मन्त्र राम और श्री राम के नाम में एक महान शक्ति है। राम नाम की महिमा और शक्ति को जानने वाला आपको कोई नहीं मिलेगा, यह मन को शांत और स्थिर करने वाला राम नाम का एक बहुत बढ़िया उपाय हैं। मन को शांति मिलेगी लग्न पूरी हो तो राम को भी पा सकोगे राम नाम का लेखन का कार्य एक महान यज्ञ समान हैं।
चमत्कार तथा लाभ -
इस युग से आप राम नाम के लेखन को एक-एक आहुति समझ कर देखें राम नाम से राम को सदा हृदय में विराजमान भावना से लिखना चाहिए।
राम नाम लिखने की विधि-
राम नाम जाप की अनेक विधियां हैं उनमें से सबसे ज्यादा विधि राम नाम लेखन की सर्वोत्तम विधि है।
राम नाम के लेखन से राम राम सुंदर सुंदर लिखे एक सफेद कागज पर लाल सही या लाल पैन से लिखिए। कागज पर लाइन नही होनी चाहिए वह एकदम पलेन होना चाहिए।
लाल रगं के पैन से लिखे कयोंकि लाल रंग प्रेम का प्रतिक है और प्रभु नारायण का लाल रंग से गहरा नाता है। सबसे पहले राम को प्रणाम करके धूप दीप जलाकर प्रणाम करें।
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राम नाम लेखन में जाप की अपेक्षा 100 गुना अधिक पुण्य फल मिलता है। ऐसा हमारे शास्त्रों में कहा गया है। राम लेखन स्वयं जाप है। राम नाम लेखन मौन के साथ लिखना सर्वश्रेष्ठ माना गया है।
प्रतिदिन एक पृष्ठ कम से कम या इससे अधिक लेख लिखें।
राम नाम का लेखन कभी भी कहीं पर भी जितना भी लिख सकते हो। इसके लिखने की कोई नियम यह समय नहीं है ,लेकिन शुद्धता का ध्यान जरूर रखना है।
राम लेखन लिखते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि यह नियम 90 दिन तक इसका क्रम टूटने ना पाए तभी आपकी मनोकामना पूरी होती है। जब भी लिखना शुरू करें एक भी दिन बीच में ना छूटे पूरे लगातार 90 दिन तक लिखने से ही इंसान की हर मनोकामना पूरी होती है ।
जिस मनोकामना आप लिखते समय मन में धारण किया हुआ है वह हर हाल में पुरी होती है। इसमें किसी भी प्रकार का शक नहीं है। यह मेरा खुद का निजी अनुभव है।
अगर आप गलती से लिखना भूल जाते हो तो उसे आप सोने से पहले किसी भी टाइम जब आपको याद आ जाए तब भी आप इसको लिखना शुरु कर सकते हो।
राम लेखन के लाभ -
84 लाख योनिया भोगने के बाद राम नाम जाप लिखने वालों को इस संसार चक्र से जीवन मरण से मुक्ति मिल जाती हैं। पापों का नाश हो जाता है क्योंकि मनुष्य जन्म 84 लाख योनियों भोगकर प्राप्त होता है। राम नाम लेखन निष्काम या सकाम दोनों तरह से किया जा सकता है।
राम नाम का लेखन प्रत्येक दिन जरूर करें एवं दूसरों को भी लिखने के लिए प्रेरणा अवश्य प्रदान करें। ऐसा मनुष्य श्री भगवान को बहुत प्रिय होता है। राम नाम लिखने का कार्य यदि नियम पूर्वक शुद्ध हृदय से आपका शुरू करेंगे तो शुरू करने से कुछ ही दिनों में आप इसके आश्चर्यजनक परिणाम मिलने शुरू हो जाएंगे ।
आपके मन को शांति मिलेगी आत्मबल बढ़ेगा आप के कष्ट कटने शुरू हो जाएंगे। इसका पूर्ण लाभ लेने के लिए 90 दिन तक लगातार हर रोज लिखे। ऐसा करने से आपकी मनोकामना जल्दी पुरी होती है।
श्री गणेश जी नारद जी के सुझाव के अनुसार पृथ्वी पर राम का नाम लिखकर उस राम के नाम की सिर्फ तीन बार परिक्रमा करके विजय प्राप्त कर ली और सारे संसार और देवताओं को सबसे पहले पूजा स्थान प्राप्त कर लिया था।
इस राम नाम में एक अद्भुत और बहुत बड़ी शक्ति है। अपने सभी प्रकार के कष्टों को दूर करने के लिए धन, सुख शांति , और नित्य वृद्धि के लिए राम नाम लिखना शुरु करके देखो। आपके कष्ट अवश्य कट जाएंगे
बस ध्यान रहे राम नाम लिखते समय कापी बिना लाईन के हो और पेज एक ही तरफ लिखना है, दूसरी तरफ नहीं लिखना होता। और लाल रंग से लिखना है।
राम नाम एक महान पारस मणि है।
राम नाम एक अद्भुत शक्ति है। राम को मंत्र जपने से थोड़े ही समय में सुख ,आनंद, सर्व सिद्धि और प्रभु नारायण राम के दर्शन भी हो सकते हैं। राम के नाम से सारी इच्छाएं कामनाये पूरी हो सकती हैं। प्रभु नारायण के किसी भी एक नाम भजो, तपो यह सभी महान शक्तियां हैं। भगवान बुद्ध ने भगवान की भक्ति और ध्यान लगाकर ही भगवान से दिव्य शक्ति और मुक्ति प्राप्त की और इस संसार में अमर हो गए। भगवान ईसा ने भी प्रार्थना के द्वारा दिव्य शक्ति, मुक्ति प्राप्त की और वह भी अमर हो गए।
राम नाम लेखन के अनुभव -
महात्मा गांधी जी राम नाम के बहुत बड़े भक्त थे इसी नाम से उन्होंने सारे कार्य सिद्धि प्राप्त की और वह अमर हो गए।
भगवान की प्रार्थना ध्यान जब भगवान को प्राप्त करने से अनेक रास्ते हैं जो भी रास्ता आपको अच्छा लगे उसी रास्ते पर जा सकते हो।
जिस पर भगवत कृपा होती है उन्ही को कथा सुंनने का और संत पुरुषों का सानिध्य प्राप्त होने का सौभाग्य प्राप्त होता है। भगवान की कथा सुनने से प्रेम का भाव होता है और यह ज्ञान होता है।
कण-कण में भगवान व्याप्त हैं और मानव मे एक्य भावना का उदय होता है । जो व्यक्ति सबके हित के लिए सोचते हैं और उसके कार्य मानव मात्र की भलाई के लिए होते हैं। उसे कभी दुख नहीं होता जिसके हाथ में पारस मणी आ गई हो ।वह कभी निर्धन नही हो सकता।
भगवान का नाम पारस मणि के समान है। कबीर जी कहते हैं राम नाम एक ऐसी चीज है जिसे पाने के बाद और कुछ पाना बाकी नहीं रह सकता। जिसे जानने के बाद कुछ और जानना बाकी नहीं रहता है। जहां पहुंचना के बाद मां के गर्भ में नहीं आना पड़ता । यह ऐसा दिव्य भगवान का नाम है। राम का नाम दीन दुखियों का दुख मिटा सकता है, रोगियों को रोग मिटा सकता है, पापियों का पाप हर सकता है, भक्तों से भक्त बना सकता है, मुर्दे में प्राण का संचार कर सकता है ,अर्थात भगवान असंभव को भी संभव बना सकते हैं।
संसार में जो वस्तु अपने को सबसे प्रिय हो उस वस्तु पर सर्वाधिक स्नेह हो वह प्रभु को समर्पित कर दें। ऐसा करने वाले के लिए है अनंत फल देने वाली हो जाती है।
इस कलयुग में सिर्फ मनुष्य श्री राम के नाम जाप समरण से मुक्ति प्राप्त कर सकता है। अन्य कोई साधन उपलब्ध करने की जरूरत नहीं है। भगवान श्री राम कहते जो मनुष्य अपना मस्तक मेरे चरणों में रखकर और अपने दोनों हाथों से दाएं से दाहिने और बाएं से बाएं चरण पकड़ कर कहे हे भगवान इस संसार सागर में डूब रहा हूं मृत्यु रूप ग्रह मेरा पीछा कर रहे हैं। मैं बहुत ही भयभीत हूँ। हे प्रभू आप की शरण में पड़ा हूं ,आप मेरी रक्षा करो। ऐसे कहने वाले जीव आत्मा को मैं हमेशा के लिए आप अभय कर देता हूं।
राम नाम लिखते लिखते आदमी राम को ही लिख लेता है, जान लेता है,पहचान लेता है, राम नाम लिखने से कर्म भी होता है और ञकर्म शुद्धि भी होती हैं और इसमें मन भी लगता है, और मन की शुद्धि भी होती है। राम नाम लेखन में यह विशेषता है कि अपनी पूरी चेतना लिखते समय उसमें में रहती है। क्रिया भी वही, विचार भी वही, भावना भी हुई, और इस प्रकार क्रिया शक्ति विचार शक्ति एवं ये तीनों शक्तियां सर्वात्मन इसमें लगती है । जप के समय ध्यान इधर-उधर हो सकता है, पर लेखन के समय पूरा ध्यान उन्ही में लग जाता है।
यह पूर्ण मनोयोग से इसमें लग सकते हैं। राम नाम के सभी विधानों का बड़ा महत्व है। लेकिन विधान विशेष इसलिए होता है जब लिखेंगे तो स्वभाविक ही आंख ,मन और हाथ में तीनों एकाकार करने होंगे। अतः मन इंद्रिय दोनों का सहयोग होता है । मानसिक एकाग्रता और शांति के लिए लिखित मंत्र जप बहुत प्रभावशाली होता है। किसी साफ , हवादार, एकांत जगह पर बैठकर धैर्य और गंभीरता पूर्वक अवश्य लिखें तो तभी बहुत लाभ होगा। मानसिक एवं शारीरिक रूप से शांति मिलती है। यह एक अनुभव किया हुआ प्रयोग है। धरती पर जितने भी महान संत हुए हैं उन सब ने राम नाम को जप , तप और लिखा है ।ऐसा हमारे शास्त्रों में धार्मिक शास्त्रों में वर्णन है।
अगर आप की भी कोई मनोकामना अधुरी हो तो राम लेखन लिखना शुरू करें। राम लेखन को तन मन धन से समर्पित होकर लिखें। लिखते समय किसी भी प्रकार की शंका मन में ना लाएं तभी यह राम नाम आपका बेड़ा पार लगा सकता है।