शनिवार, 7 नवंबर 2020

बंदिश आप पर हो या आप की गद्दी की 100% खुल जाएगी


दोस्तों यद्यपि हाज़िरी सवारी खोलने के लिए बहुत सारे मंत्र प्रयुक्त होते हैं आज मैं आपको यहां पर एक बहुत गुप्त मंत्र बताने जा रहा हूं जिस गुप्त मंत्र का प्रयोग हम लोग खुद गद्दी खोलने के लिए करते हैं और यह अनुष्ठान  मेरे द्वारा किए हुए हैं और इनके अनुष्ठान कभी विफल नहीं जाते यहां मैं उसी गुप्त मंत्र को आपको बताने जा रहा हूं।

धन की कमी हो या सुख सुविधा की ऐश्वर्या प्राप्त करना हो या किसी भी बंदिश को खोलना हो इस मंत्र के द्वारा अवश्य ही सभी बंधन खुल जाते हैं।

3 से 5 हफ्ते के अंदर आप पर या आप की गद्दी पर जो  किसी ने भी बंदिश डाली होगी वह समाप्त हो जाएगी।

जीवन में एक बार इस मंत्र का अनुष्ठान जरूर करें अगर आप लोगों से बहुत निराश हुए हैं क्योंकि खुद का प्रयास करने में और दूसरे के ध्यान देने में बहुत अधिक अंतर होता है।

अब मैं इस मंत्र को आपको बताने जा रहा हूं और साथ ही साथ इसके प्रयोग करने की विधि भी आपको बताने जा रहा हूं।

इस मंत्र का मैं खुद 15 साल से प्रयोग करता रहा हूं कभी विफल नहीं हुआ मेरे जीवन में भी बहुत उतार-चढ़ाव आए लेकिन इन्हीं सब अनुष्ठानों से ईश्वर की कृपा से दिल कल तक मैं किसी पीड़ा से व्यस्त नहीं रहा बुरे समय और उतार-चढ़ाव ने जितना मुझे पीछे गिराया ईश्वर की कृपा और इन अनुष्ठानों से मैं और आगे बढ़ता चला गया।

जब भी आप कभी किसी देवी देवता की पूजा उपासना करते हैं व्रत उपवास करते हैं आपके धीरे-धीरे आपके जो घटने सरस्वती का वास होता है सरस्वती का वास होने के बाद सभी विद्या और सभी आपकी जुबान लगने चालू हो जाती है सभी विद्यालय आपके पास चालू होने शुरू हो जाती है यानी कि चल पड़ती है उनका आशीष लेकिन मैं किसी कारण से किसी भूल चूक होने से सामान्यतः नब्बे परसेंट यही होता है कि जो ज्योति करते हैं यार देखते हैं वह जब किसी का काम करते हैं या कोई उसकी समस्या को हल करते हैं यह किसी रोग का निवारण करते हैं तो अपने देवता को वह सामान नहीं दिलवा पाते हैं क्योंकि सामने वाले को आराम आ जाता है तो उसके बाद कहते की जरूरत बदल जाने के बाद ही आदमी की आंखें और उसकी भाषा शैली सब बदल जाता है इस लाइन में मरीजों को भी थोड़ा झूठ बोलने की आदत होती है  कि देवता को जब उसका भोग नहीं मिलता और भगत की गद्दी वह रुष्ठ होकर बांध देते हैं या बंधन पड़ जाता है
 कई बार खुद भी भगत देवता को तब खुद भी भोग नही दे पाता किसी कारन से स्मृति नहीं रहती किसी भी कारण से जब आप देवता को भोग नहीं दे पाते तो आपकी गद्दी पर बंधन अपने आप आता है 

मैं आपको एक चीज बताता हूं बंधन ऐसे नहीं होता कि एक बार आ गया स्थिर हो गया अपितु बंधन बार-बार आते हैं जब जब वह देवता का भाव आएगा या सवारी आएगी आपके बंधन में कसाव आएगा 

आपका शरीर टूटेगा भारीपन होगा और आपका कोई काम नहीं होगा।जब भी आप दिया बत्ती करोगे झटका लगेगा लेकिन सवारी पूरी तरह से नही आएगी आपका कोई काम नहीं होगा कोई जुबान नहीं आपकी लगेगी।

जब जुबान कहीं किसी काम में लगाओगे तो देवता आपकी जुबान नहीं पकडेगा। आपको तन्मयता से एक ही बार इस काम को करना है 

ताकि बार बार आपको शक्ति ना लगानी पडे क्योंकि मैं एक चीज बताता हूं एक बीप समान देवता की हवा का एक छोटा सा झोंका आपके काम बना भी सकता है और बिगड़े से बिगड़े काम बना सकता है और बने बनाये कामों को बिगाड़ भी सकता है।

इस चीज को थोड़ा स्मृति में रखें गहराइयों को समझने की कोशिश करें आज मैं आपको एक ऐसा गणेश जी का मंत्र बताने जा रहा हूं जो कि गुरमुखी मंत्र है

मंत्र इस प्रकार है:-
ओम नमो आदेश गुरु को,
विघ्न विनायक सिद्धि दाता।
गौरी पुत्र गणेश,
पांच लड्डू सिंदूर।
चार कुंठ की रिद्धि सिद्धि,
लाओ हमारे पास विद्या मेरी मुक्त कराओ।
शिव गौरां कैलाश ,
आदेश आदेश आदेश।।

यह एक स्वयं सिद्ध मंत्र है इसको प्रयोग करने की विधि है कि सबसे पहले इस मंत्र को याद कर ले।
उसके उपरांत शुक्ल पक्ष के किसी मंगलवार को प्रातः काल स्नान इत्यादि से निवृत्त होकर  गुरु  और गणेश जी का पूजन करें  फिर हाथ में जल लेकर  संकल्प करें।
फिर पूजा के बाद आप जल फल दूध इत्यादि ग्रहण कर सकते हैं इसी प्रकार दिन में गणेश जी का चिंतन करें और शाम को गणेश जी की आरती प्रेम पूर्वक करें उनका पूजन करें 
फिर 5 लड्डू बूंदी वाले,
पांच गुड़ की भेली 
एक जोड़ा जनेऊ 
पीला सिंदूर 
लोंग इलाइची जोकि 5-5  हो 
गुड़हल के फूलों की माला 
पांच फल गणेश जी को अर्पित करें  
और खीर से व्रत तोड़े रुद्राक्ष की माला लेकर गणेश जी के सामने बैठकर पांच माला उपरोक्त मंत्र का जाप करें। और 
फिर प्रतिदिन सुबह शाम  गणेश जी का पूजन करता रहे और नित्य प्रति पांच माला का जाप करता रहे जाप रात्रि के समय में किया जाएगा  

इसी प्रकार यह  क्रम 5 हफ्ते तक चलेगा  5 हफ्ते के बाद  तिल् जौ गूगल और देसी घी मिलाकर आम की लकड़ी पर इसका होम कर दें 108 बार ऐसा करने से आपका यह अनुष्ठान पूरा हो जाएगा 

पूरे अनुष्ठान में आपको भूमि शयन और ब्रह्मचर्यव्रत का पूरी कड़ाई से पालन करना है। 

साधना काल में साधक के घर में मांस मछली शराब अंडा गोश्त किसी भी प्रकार के ऐसी वस्तु का प्रयोग नहीं होना चाहिए जिसके कारण आपको किसी प्रकार का कोई कष्ट आए।

ऐसा करने से साधारण किया 1 से 2 हफ्ते में ही परिणाम मिलने शुरू हो जाते हैं और सभी बंधन टूट जाते हैं। साधक हर बंधन से मुक्त हो जाता है स्वच्छंद और स्वतंत्र हो जाता है।
आपकी सेवा में मैंने प्रत्येक तरह से विस्तृत रूप से इस लेख को रखने की कोशिश की है। किसी प्रकार की कोई कमी रह गई हो तो उसके लिए क्षमा प्रार्थी हूं।


श्री झूलेलाल चालीसा।

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