ग्रहबाधा का निवारण।
तंत्र मंत्र के प्रभाव कई बार जीवन पर ऐसा कु प्रभाव डालते हैं कि अच्छे खासे प्रतिष्ठित व्यक्ति की भी आत्महत्या तक की नोबत आ जाती है। कुछ समझ नहीं आता अपनी तरफ से तो आदमी अच्छा ही करता है लेकिन हर बार काम उल्टा ही होता है जो जीवन की ऊंचाइयों पर होते है जीते कब तंत्र मंत्र टोटके या अभिचार का शिकार होकर बर्बाद हो जाते है कोई पता नही चलता ये वास्तविक जीवन है।
आदमी अपनी तरफ से लाख यत्न कर लें जीवन में समय के अनुसार बहुत सारे उतार चढ़ाव आते है किसी समय में मैं भी इन हालातों का शिकार हो चुका हूँ, लेकिन गुरु कृपा और माँ तारिणी के प्रताप से आज कुछ ही समय में पहले से अधिक खुश हूँ, एक समय लगा जैसे जीवन समाप्ति की ओर जा रहा हो लेकिन ईश्वर ने पहले से अधिक मानसिक शांति प्रदान की जीवनरूपी वृक्ष पर फिर से आशाकी नई कोपलें फूटी परिश्र्म रूपी जल से जीवन रूपी वृक्ष को सींचा और ईश्वर ने परिचितों का रूप धारण कर के कदम कदम पर हौसला बढ़ाया।
अपने जीवन में विवेक ज्ञान और धैर्य जितना बढ़ा सकते हो बढ़ा लो क्यों कि बुरे वक्त की प्रेरणा से कब कौन धोखा दे दे कोई पता नही। आज आपको एक ऐसा ही मन्त्र बताने जा रहा हूँ इस मन्त्र को प्रयोग करके कम से कम पांच विभिन्न प्रकार के काम किये जाते है।
इससे व्यक्तिगत और स्थानगत दोनों तरह की बाधाओं को दूर कर सकते हैं आज आपको इस मंत्र के प्रयोग से ग्रहशांति यानि घर के माहौल को वापिस ठीक करने और बरक़त वापिस लाने के बारे में प्रयोग दे रहा हूँ।
ॐ नमो सात समुद्र के बीच शिला
जिस पर सुलेमान पैगम्बर बैठा,
सुलेमान पैगम्बर के चार मुवक्किल।
पहला मुवक्किल पूर्व को धाया,
देव-दानवोँ को बांधि लाया।
दूसरा मुवक्किल पश्चिम को धाया,
भूत-प्रेत को बांधि लाया।
तीसरा मुवक्किल उत्तर को धाया,
ऊत पितृ को बांधि लाया।
चौथा मुवक्किल दक्षिण को धाया,
डाकिनी-शाकिनी को पकड़ि लाया।
चार मुवक्किल चहुं दिशि धावे,
छलछिद्र कोऊ रह न पावे।
रोग-दोष को दूर भगावे,
शब्द साचा, पिण्ड काचा,
फुरो मंत्र ईश्वरो वाचा॥
विधि :— सबसे पहले तो इस मन्त्र को कंठ कर लें यानि ज़ुबानी याद कर लें,
फिर किसी भी पर्व काल या शुभ मुहूर्त में या ग्रहण काल में 21 माला जपकर सिद्ध कर लें।
फिर जब भी जरूरत हो तब हरे कपडे़ की छोटी छोटी चार गुड़िया बना लें।
फिर कोयले जलाकर उसपर लोहबान सुलगा दें और किसी भी आसन पर पश्चिम दिशा की ओर रुख कर के दोजनु बैठ जाएं
फिर 108 बार इस मंत्र का जप करना है।
मंत्र से इन चारोँ गुड़िया यानि पुतलियों को अभिमंत्रित करके घर के अलग-अलग चारों कोनों में दबा दें।
अब फिर से आसान पर बैठकर इस मन्त्र का एक माला जाप करें।
इससे सभी अमंगल का नाश होता है ।
घर के ऊपर किया कराया खत्म हो जाता है सभी विघ्न खत्म हो जाते है और मनोवांछित कार्य में सफलता मिलती है व्यापार कारोबार में तीन दिन में ही प्रभाव पड़ जाता है।साधक को चाहिए कि इस मन्त्र की एक माला प्रतिदिन जपे और जाप करते समय किसी से भी बातचीत ना करे।
आपके ग्रहथाश्रम में रहते हुए कुछ मौलिक दायित्व होते है दान धर्म और आपने पूर्वजों के रीति रिवाजों को कभी नही छोड़ना और पर्व इत्यादि पर मांस मदिरा सेवन वर्जित होना चाहिए।हो सकता है कि आपको मेरी बातें कुछ हद तक अजीब लगें लेकिन वास्तविकता से मुँह नही मोड़ा जा सकता जो सक्षम होते हुए भी आपने माँ बाप का त्याग कर देते हैं और दुराचार करते हैं उन्हें लोक परलोक में अपराधबोध कचोटता रहता है इसे दुराचारी प्रेतयोनि या पिशाच योनि को प्राप्त करते हैं।