शुक्रवार, 11 दिसंबर 2020

DYOT SIDH BABA BALAK NATH SADHANA

Immortal Siddha Yogi Leela dhari Baba Nath Ji Balak Nath ji, who provides Siddhi Shakti as formation of Baba Bholenath, is famous in the world and he does not need any introduction, who fulfills the wishes of his devotees, the devotees who are full of wealth and cereal.  One who gives the blessing of  wealth worshipped in delhi haryana Punjab and Himachal Pradesh States of india.


Fulfilling all wishes of his devotees.  It is a pure vegetarian (Satvik) deity, the incarnation of Yogi Baba Bholenath.  Normally, they find the offerings of rot (type of cake made by juggry and weat floor on ground) parshad in offerings, in this they rot their langot , coconut, dhawaja (flag) and Baba Nahar Singh ji  who is also worshiped with him, goes to goat.


All the wishes of the devotees are fulfilled by this spiritual practice.

And devotiee can also gets darshan of baba ji.with the blessings of Baba ji, all the tasks which have stopped in life gain momentum.


 Method:-

Especially start this practice on the moons first Sunday of any month.


First of all, install a picture of baba Balak nath or Shivalinga or Baba Balak Nath by laying a one and a quarter meter red cloth on a mango wood in a clean place in seclusion.

Then offer a mala of sented flowers on it, two and a half meters to two meters of orange i.e. two clothes or (Jogia color) (one for Baba Balaknath Ji and one for  Guru Gorakhnath ji) and added pair of yageopvita pair of betel nut, with seasonal fruit flowers and then in the name of Baba Balak Nath  put their one Chimta(extractor made by iron
) khadao ( pair or wooden sleeper) light a lamp of home-grown ghee and put a water pot on red cloth.


 If possible, also burn dhuna  every Sunday.  As long as the dhuna continues, keep sitting there and chanting mantara.offer a couple rot parshad their weight would be according to your financial capacity and then distribute the Prasad to the children.


Offer cow's milk in the name of Baba Balak Nath and Guru Gorakhnath Ji in two containers everyday.  And then divide it into boys.


Follow the rule of Brahmacharya Vrat very strictly during Sadhana.

 Sleep on the ground, cleanse your mind.


Eat pure vegetarian fruits or dairy or take fruit juice tea at the same time.


Do not cut nail hair,don't use soap, scented oil comb, during this practice.


Do the chanting of the mantra which is being given to you five mala daily with the rosary of Rudraksha.


You have to do this for five consecutive Sundays daily ie a quarter of a month.


 The direction of chanting will be east-facing.


On completion of Sadhana, offer one and quarter kilograms rot parshad to Baba Balaknath and one Baba guru gorakh Nath each.


After the completion of spiritual practice, every stopped work of your life moves towards prosperity and there will be no problem in life, there is no shortage of money, the fear of ghost haunts is over, the obstruction of cremation etc. is destroyed.  Baba Balak Nath informs the seeker in advance about any future mishap and its rescue path. This Sadhana has been performed by many sadhus and has never been fruitless.


Big ghosts run away from the phantom sadhak, the sadhak for whom the prayer also prays is done.


If someone has a hindrance of ghosts, then remember Baba Balak Nath and offer sacrification from affected persion to Nahar Singh Veer.


Even after the completion of the experiment, Sadhak should keep chanting this Mantra daily.


mantra:-
om guru ji
dayotasiddh se jogi aaya,
bagali chimata saath mein laaya. 
kanni mudra pair khadaoo  
sant janon ke kaary saaje.
dayotasiddh ke paunaahaari mor savaari baaba baalak naath.
datt guru ka chela, desh duniya mein danka baaje dayaal ho dayaal ho
ek vaqt hajaar savaali meri arji jaye na khaali. 
bajai singi bajai nagaara,
paunaahaar i aap rakhavaala
aadesh aadesh aadesh. 

 


 There are many more secret mantras concerning Baba Balak Nath, slowly through the video, through the blog, I am committed to share all those resources with you.

गुरुवार, 10 दिसंबर 2020

दयोट सिद्ध बाबा बालक नाथ की साधना।

बाबा भोलेनाथ का साक्षात स्वरूप सिद्धि शक्ति प्रदान करने वालेअमर सिद्ध योगी लीलाधारी बाबा नाथ जी बालक नाथ जी देश दुनिया में प्रसिद्ध है और इन्हें किसी परिचय की आवश्यकता नहीं है भक्तों की मनोकामना को पूरा करने वाले भक्तों को धन-धान्य से भरपूर करने वाले दूध पूत का वरदान देने वाले। पंजाब और हिमाचल प्रदेश में इनकी साधना बहुत की जाती है।

भक्तों के सभी कार्यों को पूरा करते हैं। यह एक शुद्ध सात्विक देवता है योगीयो के योगी बाबा भोलेनाथ का अवतार । सामान्यता इनको रोट का प्रसाद लगता है चढ़ावे में इनको रोट जनेऊ लंगोट नारियल ध्वजा और बाबा नाहर सिंह जी जो की इनके साथ ही पूजे जाते है उन को बकरा चढ़ता है।

भक्तों की सभी मनोकामनाएं इनकी साधना से पूरी होती हैं।
और बाबा जी के दर्शन प्राप्त होते है। और बाबा जी की कृपा से जीवन में रुके हुए प्रत्येक कार्यों में गति आ जाती है  सभी कार्य निर्विरोध सम्पन्न हो जाते है।

विधि:-
विशेषतया यह साधना किसी भी महीने के जेठे रविवार को शुरू करें।

सबसे पहले एकांत में साफ-सुथरे स्थान पर आम की लकडी के पटरे पर सवा मीटर लाल कपड़ा बिछा कर शिवलिंग या बाबा बालक नाथ का चित्र स्थापित करें।

फिर उसपर फूलों की माला अर्पित करें सवा दो दो मीटर के भगवे यानी जोगिया रंग के दो वस्त्र (एक गुरु गोरखनाथ जी का एक बाबा बालकनाथ जी ) के लिए और जोड़ा जनेऊ जोड़ा सबूत सुपारी,मौसमी फल फूल चढ़ाकर फिर बाबा बालक नाथ के नाम से एक चिमटा और खड़ाऊ स्थापित करें वहां पर देसी घी का दीपक जलाएं और धूफ लगाएं एक जल का पात्र रखें।

अगर हो सके तो प्रति रविवार को धूना भी जलाएं । जब तक धूना चलता रहे तब तक वहीं पर बैठ कर जाप करते रहें। एक जोड़ा रोट अपनी क्षमता के अनुसार वजन का भोग लगाए फिर उस प्रशाद का बालकों में वितरण कर दें।

प्रतिदिन दो पात्रो में गाय का दूध बाबा बालक नाथ और गुरु गोरखनाथ जी के नाम से अर्पित करें। और फिर बालकों में बांट दें।

साधना काल में बहुत कड़ाई से ब्रह्मचर्य व्रत का पालन करें।
भूमि पर ही सयन करें अपने मन को शुद्ध करें।

भोजन शुद्ध शाकाहारी फलाहार या दुग्धाहार करें या फलों का जूस चाय ले भोजन एक ही समय करें।

साधना में नाखून बाल नही कटवाने साबुन सुगंधित तेल कंघी का प्रयोग ना करें।

जो मंत्र आप को दिया जा रहा है इस मंत्र की पांच माला रुद्राक्ष की माला से जाप प्रतिदिन करें।

ऐसा आपको लगातार पांच रविवार प्रतिदिन यानी सवा महीना करना है।

जाप करने की दिशा पूर्वाभिमुख होगी आसन कंबल का या उन का हो तो उत्तम है।

साधना सम्पन्न होने पर सवा पांच किलो के एक रोट बाबा बालकनाथ और एक बाबा बालक नाथ को अर्पित करें।

सही से साधना संपन्न हो जाने पर आपके जीवन के प्रत्येक रुके हुए कार्य संपन्नता की ओर बढ़ जाते हैं और जीवन में कोई परेशानी नहीं आती धन की कोई कमी नहीं रहती भूत प्रेत का भय समाप्त हो जाता है शमशान इत्यादि की बाधा नष्ट हो जाती है। भविष्य में होने वाली कोई भी दुर्घटना और उसके बचाव का रास्ता बाबा बालक नाथ साधक को पहले ही बता देते हैं यह साधना कई साधुओं द्वारा संपन्न की गई है और कभी निष्फल नहीं हुई जनकल्याण के उद्देश्य से यहां इस साधना को प्रकाशित किया जा रहा है। 

बड़े-बड़े भूत प्रेत साधक से दूर भाग जाते हैं साधक जिसके लिए भी प्रार्थना करता है उस याचक के वह काम संपन्न हो जाते हैं।

अगर किसी को भूत-प्रेत की बाधा हो तो बाबा बालक नाथ को याद करके नाहरसिंह वीर का उतारा कर दें रोगी कुछ ही समय में स्वस्थ हो जाएगा और भूत-प्रेत की बाधा सदा सदा के लिए समाप्त हो जाएगी।

प्रयोग के संपूर्ण होने के बाद भी प्रतिदिन एक माला इस मंत्र का जाप साधकों करते रहना चाहिए।

मंत्र:-
ॐ गुरु जी दयोटसिद्ध से जोगी आया,बगली चिमटा साथ में लाया। कन्नी मुद्रा पर पैर खड़ाऊ  संत जनों के कार्य साजै।दयोटसिद्ध के पौनाहारी मोर सवारी बाबा बालक नाथ।दत्त गुरु का चेला, देश दुनिया में डंका बाजै दयाल हो दयाल हो।एक वक़्त हजार सवाली मेरी अर्जी जाए न खाली। बजै सिंगी बजै नगारा,पौनाहारी आप रखवाला आदेश आदेश आदेश।

बाबा बालक नाथ के विषय में और भी बहुत सारे गुप्त मंत्र हैं धीरे धीरे वीडियो के माध्यम से ब्लॉग के माध्यम से मैं आपसे उन सभी साधनों को सांझा करने के लिए वचनबद हूं।

शनिवार, 7 नवंबर 2020

बंदिश आप पर हो या आप की गद्दी की 100% खुल जाएगी


दोस्तों यद्यपि हाज़िरी सवारी खोलने के लिए बहुत सारे मंत्र प्रयुक्त होते हैं आज मैं आपको यहां पर एक बहुत गुप्त मंत्र बताने जा रहा हूं जिस गुप्त मंत्र का प्रयोग हम लोग खुद गद्दी खोलने के लिए करते हैं और यह अनुष्ठान  मेरे द्वारा किए हुए हैं और इनके अनुष्ठान कभी विफल नहीं जाते यहां मैं उसी गुप्त मंत्र को आपको बताने जा रहा हूं।

धन की कमी हो या सुख सुविधा की ऐश्वर्या प्राप्त करना हो या किसी भी बंदिश को खोलना हो इस मंत्र के द्वारा अवश्य ही सभी बंधन खुल जाते हैं।

3 से 5 हफ्ते के अंदर आप पर या आप की गद्दी पर जो  किसी ने भी बंदिश डाली होगी वह समाप्त हो जाएगी।

जीवन में एक बार इस मंत्र का अनुष्ठान जरूर करें अगर आप लोगों से बहुत निराश हुए हैं क्योंकि खुद का प्रयास करने में और दूसरे के ध्यान देने में बहुत अधिक अंतर होता है।

अब मैं इस मंत्र को आपको बताने जा रहा हूं और साथ ही साथ इसके प्रयोग करने की विधि भी आपको बताने जा रहा हूं।

इस मंत्र का मैं खुद 15 साल से प्रयोग करता रहा हूं कभी विफल नहीं हुआ मेरे जीवन में भी बहुत उतार-चढ़ाव आए लेकिन इन्हीं सब अनुष्ठानों से ईश्वर की कृपा से दिल कल तक मैं किसी पीड़ा से व्यस्त नहीं रहा बुरे समय और उतार-चढ़ाव ने जितना मुझे पीछे गिराया ईश्वर की कृपा और इन अनुष्ठानों से मैं और आगे बढ़ता चला गया।

जब भी आप कभी किसी देवी देवता की पूजा उपासना करते हैं व्रत उपवास करते हैं आपके धीरे-धीरे आपके जो घटने सरस्वती का वास होता है सरस्वती का वास होने के बाद सभी विद्या और सभी आपकी जुबान लगने चालू हो जाती है सभी विद्यालय आपके पास चालू होने शुरू हो जाती है यानी कि चल पड़ती है उनका आशीष लेकिन मैं किसी कारण से किसी भूल चूक होने से सामान्यतः नब्बे परसेंट यही होता है कि जो ज्योति करते हैं यार देखते हैं वह जब किसी का काम करते हैं या कोई उसकी समस्या को हल करते हैं यह किसी रोग का निवारण करते हैं तो अपने देवता को वह सामान नहीं दिलवा पाते हैं क्योंकि सामने वाले को आराम आ जाता है तो उसके बाद कहते की जरूरत बदल जाने के बाद ही आदमी की आंखें और उसकी भाषा शैली सब बदल जाता है इस लाइन में मरीजों को भी थोड़ा झूठ बोलने की आदत होती है  कि देवता को जब उसका भोग नहीं मिलता और भगत की गद्दी वह रुष्ठ होकर बांध देते हैं या बंधन पड़ जाता है
 कई बार खुद भी भगत देवता को तब खुद भी भोग नही दे पाता किसी कारन से स्मृति नहीं रहती किसी भी कारण से जब आप देवता को भोग नहीं दे पाते तो आपकी गद्दी पर बंधन अपने आप आता है 

मैं आपको एक चीज बताता हूं बंधन ऐसे नहीं होता कि एक बार आ गया स्थिर हो गया अपितु बंधन बार-बार आते हैं जब जब वह देवता का भाव आएगा या सवारी आएगी आपके बंधन में कसाव आएगा 

आपका शरीर टूटेगा भारीपन होगा और आपका कोई काम नहीं होगा।जब भी आप दिया बत्ती करोगे झटका लगेगा लेकिन सवारी पूरी तरह से नही आएगी आपका कोई काम नहीं होगा कोई जुबान नहीं आपकी लगेगी।

जब जुबान कहीं किसी काम में लगाओगे तो देवता आपकी जुबान नहीं पकडेगा। आपको तन्मयता से एक ही बार इस काम को करना है 

ताकि बार बार आपको शक्ति ना लगानी पडे क्योंकि मैं एक चीज बताता हूं एक बीप समान देवता की हवा का एक छोटा सा झोंका आपके काम बना भी सकता है और बिगड़े से बिगड़े काम बना सकता है और बने बनाये कामों को बिगाड़ भी सकता है।

इस चीज को थोड़ा स्मृति में रखें गहराइयों को समझने की कोशिश करें आज मैं आपको एक ऐसा गणेश जी का मंत्र बताने जा रहा हूं जो कि गुरमुखी मंत्र है

मंत्र इस प्रकार है:-
ओम नमो आदेश गुरु को,
विघ्न विनायक सिद्धि दाता।
गौरी पुत्र गणेश,
पांच लड्डू सिंदूर।
चार कुंठ की रिद्धि सिद्धि,
लाओ हमारे पास विद्या मेरी मुक्त कराओ।
शिव गौरां कैलाश ,
आदेश आदेश आदेश।।

यह एक स्वयं सिद्ध मंत्र है इसको प्रयोग करने की विधि है कि सबसे पहले इस मंत्र को याद कर ले।
उसके उपरांत शुक्ल पक्ष के किसी मंगलवार को प्रातः काल स्नान इत्यादि से निवृत्त होकर  गुरु  और गणेश जी का पूजन करें  फिर हाथ में जल लेकर  संकल्प करें।
फिर पूजा के बाद आप जल फल दूध इत्यादि ग्रहण कर सकते हैं इसी प्रकार दिन में गणेश जी का चिंतन करें और शाम को गणेश जी की आरती प्रेम पूर्वक करें उनका पूजन करें 
फिर 5 लड्डू बूंदी वाले,
पांच गुड़ की भेली 
एक जोड़ा जनेऊ 
पीला सिंदूर 
लोंग इलाइची जोकि 5-5  हो 
गुड़हल के फूलों की माला 
पांच फल गणेश जी को अर्पित करें  
और खीर से व्रत तोड़े रुद्राक्ष की माला लेकर गणेश जी के सामने बैठकर पांच माला उपरोक्त मंत्र का जाप करें। और 
फिर प्रतिदिन सुबह शाम  गणेश जी का पूजन करता रहे और नित्य प्रति पांच माला का जाप करता रहे जाप रात्रि के समय में किया जाएगा  

इसी प्रकार यह  क्रम 5 हफ्ते तक चलेगा  5 हफ्ते के बाद  तिल् जौ गूगल और देसी घी मिलाकर आम की लकड़ी पर इसका होम कर दें 108 बार ऐसा करने से आपका यह अनुष्ठान पूरा हो जाएगा 

पूरे अनुष्ठान में आपको भूमि शयन और ब्रह्मचर्यव्रत का पूरी कड़ाई से पालन करना है। 

साधना काल में साधक के घर में मांस मछली शराब अंडा गोश्त किसी भी प्रकार के ऐसी वस्तु का प्रयोग नहीं होना चाहिए जिसके कारण आपको किसी प्रकार का कोई कष्ट आए।

ऐसा करने से साधारण किया 1 से 2 हफ्ते में ही परिणाम मिलने शुरू हो जाते हैं और सभी बंधन टूट जाते हैं। साधक हर बंधन से मुक्त हो जाता है स्वच्छंद और स्वतंत्र हो जाता है।
आपकी सेवा में मैंने प्रत्येक तरह से विस्तृत रूप से इस लेख को रखने की कोशिश की है। किसी प्रकार की कोई कमी रह गई हो तो उसके लिए क्षमा प्रार्थी हूं।


रविवार, 27 सितंबर 2020

मज़ाक नही है राहु।

ज्योतिष के अनुसार राहु और केतु को नवग्रहों में छाया ग्रह कहा जाता है। कहीं-कहीं इसे मारक ग्रह भी बोला गया है। 
हालांकि ये कुंडली की स्थिति पर निरभर करता है फिर भी
राहु का साया ऐसा होता जो एक बार किसी पर पड़ जाए तो व्यक्ति को अन्धकार में ला खड़ा करता है।

राहु और केतु का प्रभाव बिल्कुल रहस्यमयी होता है। इसलिए बहुत बार इसका प्रभाव समझ में नहीं आता है। राहु नकारात्मक ग्रह होता है जो हर हाल में व्यक्ति को नुकसान पहुंचता है।

मानसिक तनाव सनक वहम डिप्रेशन इत्यादि रूप से ये हमारे जीवन को प्रभावित करता है इसकी स्थिति उच्च होने पर ये अचानक धन लाभ करवाता है।

खराब स्तिथि होने पर ये यह किसी भी ग्रह के शुभ प्रभाव को भी छाया की तरह कम कर देता है। 

राहु जीवन के जिस भाग पर प्रभाव डालता है उसमें विचित्र प्रकार की उलझन पैदा करता है। जिससे उबरना जातक के लिए मुश्किल हो जाता है।

राहु प्रभाव के कुछ लक्षण इस प्रकार है।

राहु अपने प्रभाव से व्यक्ति में नकारात्मक उर्जा भर देता है। जिसके परिणामस्वरूप व्यक्ति की सोच समझ, खान-पान, भाषा शैली सब दूषित हो जाते हैं।

इसके अलावा राहु से प्रभावित व्यक्ति की जीवनशैली और दिनचर्या अनियमित हो जाती है।

राहु व्यक्ति के काम और रोजगार ऐसे असर डालता है

राहु के प्रभाव से व्यक्ति अचानक धन कमाने के चक्कर में पड़े रहते हैं।

जुए, लौटरी और सट्टेबाजी के चक्कर में आकंठ डूब जाते हैं।

किसी भी प्रकार के काम में बार-बार बदालव आता रहता है। यानि स्थिरता का अभाव रहता है।

बार बार रोड दुर्घटनाओं का होना परिवार में लगातार मृत्यु होना

राहु के प्रभाव से पारिवारिक जीवन खुशहाल नहीं रहता है।

वैवाहिक जीवन में अक्सर तनाव बना रहता है।

एक से अधिक विवाह की संभावना रहती है।

पारिवारिक संपत्ति या तो नहीं हाथ लगती है अथवा मुकदमा के सामना करना पड़ता है।

संतान उत्पति में विलंब होता है अथवा संतान समस्या का कारण बनता है।

ऐसी गंभीर बीमारी पैदा करता है राहु  स्किन और मुंह के गंभीर रोग होने की संभावना रहती है।

मूत्र रोग से संबंधित बीमरी पैदा होती है। व्यक्ति को कोई बीमारी होने के शक पैदा हो जाती है। 

राहु का प्रभाव होने पर कोई भी बीमारी जल्द पकड़ में नहीं आती है।


राहु के इस प्रभाव को कम करने के लिए कुछ समान्य उपाय:-
○शनिवार के दिन पिंजरे में कैद पक्षियों को आजाद करवाएं।
○गले में तुलसी की माला धारण करना चाहिए।

○घर की छत पर से अथवा दुकान में स्थित अनावश्यक चीजों को तुरंत हटा दें।
○रोज सुबह सूर्योदय के समय जगें और नित्य क्रिया से निवृत होने के बाद तुलसी के पत्ते का सेवन करना चाहिए।
○नहाने के बाद सफेद चदन अथवा रक्त चंदन या केसर को माथे कंठ और नाभि में लगाना चाहिए।
○खाना खाते समय यह सदैव ध्यान रखना चाहिए कि व्यक्ति का पूर्वाभिमुख ही रहे। और ज़मीन पर बैठकर भोजन करें।
○राहु की स्थिति खराब होने पर सिर पर चुटिया रखें।

○नियमित सूर्य देव को जल अर्पित करें।

○सूर्यास्त के पश्चात् राहु के मंत्र 'ॐ रां राहवे नमः' मंत्र जाप की संख्या 108 जाप करें। या 18000 जाप करें या ब्राह्मण से करवाएं।          

○सोमवार के दिन सफेद चंदन शिवलिंग पर अर्पित करें। 

○नीले धागे में चंदन की माला धारण करना चाहिए।

○अपने साथ पीले रंग का रूमाल रखना चाहिए।

○भोजन में दूध और दूध से बनी चीजों का सेवन करना चाहिए।

○प्रतिदिन ब्रहम मुहूर्त में गायत्री मंत्र का 108 बार जाप करना चाहिए।

रविवार, 20 सितंबर 2020

सबल सिंह बावरी वीर की हाजिरी/सवारी का मंत्र

आज मैं आपको बताने जा रहा हूं सबल सिंह वीर जो कि पांच बावरियों में से मुख्य माने जाने वाले बावरी है इनका स्थान हरियाणा के सफीदों शहर में है।

और उत्तर भारत में इनकी बहुत मान्यता है पंजाब हरियाणा उत्तर प्रदेश राजस्थान दिल्ली और भारत के अन्य क्षेत्रों में मैं भी इनकी बहुत ज्यादा मान्यता है ।

और लोगों की इनके प्रति बहुत आस्था है यह वीर कलयुग में पूज्य वीर और मुरादों को पूरा करने वाले सब मनोरथ को पूरा करने वाले बहुत ही जबरदस्त शक्ति से संपन्न वीर है तो मैं आपको बताता हूं इन का मंत्र और उसकी विधि सबसे पहले बात कर ले।

इस साधना के लाभ की जिसकी बुद्धि बहुत देर से बनी हुई है और वर्षो बीत जाने के बाद भी उनको कोई कहीं से भी ना तो गद्दी खुली ना कोई आराम आया हजारों लाखों रुपए लुटा कर भी जो खाली हाथ है उनको एक बार इस मंत्र का प्रयोग करना चाहिए।

मैं नहीं कहता कि मुझे सब कुछ मालूम है लेकिन अपने नजरिए से जो मैं देख रहा हूं जो वास्तविक में हो रहा है और जिन मंत्रों में वास्तव में कोई तत्व है या जो मंत्र सक्षम हैं जो मंत्र सही हैं वही मैं आप लोगों से यहां पर साझा करता हूं और आप सभी मुझसे इतना स्नेह करते हैं मैं आपका हार्दिक आभारी हूं।

 विशेष लाभ।

○जिसकी देवता पित्र की सवारी बंधी हो ।
○जो सबल सिंह वीर की सवारी लेना चाहें ।
○जो सबल सिंह वीर की साधना करना चाहे ।
○जो चाहे कि एक सबल सिंह वीर के मंत्र से ही सब कुछ काम हो उनका उनके लिए यह मंत्र अमृततुल्य है।

इस मंत्र की साधना सिर्फ 21 दिनों की है इन 21 दिनों में आपने ब्रम्हचर्य का पालन और जमीन पर ही सोना है। इन 21 दिनों में आपको सूर्यास्त होने के बाद प्रतिदिन बाबा सबल सिंह बावरी की फोटो के सामने या उनके कान पर जाकर धूप दीप इत्यादि लगाकर पूजन करना है जैसा कि आप सामान्य रूप में करते हैं और बाबा जी से दर्शन देने की और मार्गदर्शन करने की प्रार्थना करनी है फिर आपको दो माला प्रतिदिन इस मंत्र का जाप करना है और बाबा जी के भजन कीर्तन में मस्त रहना है किसी अन्य विषय पर ध्यान विशेष नहीं देना।

इसमें 2 से 3 दिनों में ही आपको विचित्र की अनुभूतियां होने लग जाएंगी और आपके शरीर में  एक दिव्य  पर प्रकंपन होने लग जाएगा फिर सेवा करते रहने से आपके ऊपर  वीर सबल सिंह की हाजिरी भी हो जाएगी  बंधी हुई  सवारी खुल जाएगी  चाहे किसी ने कितना भी बंधन मारा हो बाबा  उसके बंधन को तोड़ने में सक्षम है  आपके ऊपर हाजिरी आते ही आपको दिव्य अनुभूति की प्राप्ति होगी और सारे बंधन टूट जाएंगे कारोबार नौकरी तथा कुछ भी आपके जीवन का जो संकट होगा  खत्म हो जाएगा  एवं बाबा किसी भी समय आप को दर्शन दे सकते हैं जब वीर आपके सामने आए उनको नमस्कार करें।

(( सवारी लेने के इच्छुक साधक विशेष ध्यान रखें कि जाप के समय बाबा के भजन/कीर्तन चलते रहें और जो दीपक आपने बाबा के प्रति जलाया है आपको उसी में टकटकी लगाकर लगातार देखना है।))

अंतिम दिन आपको बोतल कड़ाही फूल फल पान मिठाई लोंग इलाइची कलावा बताशा लड्डू इत्यादि अनन्य भाव से भोग लगाना है ।

अगर कोई भगत चाहेगा कि उसके घर पर बाबा सबल सिंह बावरी का आशीर्वाद प्राप्त जाए तो यह मंत्र बहुत काम का है।
थोड़ा सा प्रयास करने पर ही बाबा सबल सिंह बावरी की सवारी भी भगत के ऊपर आने लग जाती है लेकिन इसमें एक टेक्निकल सूत्र होता है सूत्र के अनुरूप कार्य करने पर ही सवारी या हाज़िरी आती है सवारी बंधी हुई है कैसी भी बंदिश है इस मंत्र से वह बंदिश टूट जाती है घर पर भूत-प्रेत की बाधा खत्म हो जाती है कारोबार रोजगार इतना ही नहीं साथ-साथ साधक की दिव्य दृष्टि भी काम करने लगती है।


मन्त्र:-
ओम नमो आदेश गुरु को
चिट्टा घोड़ा- खाखी बाणा,
जागो वीर सबल सिंह राणा 
मुरथल से मारो मार चलो 
सफीदों से मारो मार चलो 
पक्के पुलों से मारो मार चलो 
सिर पर टोपी रफल दुनाली 
अपने भगत की रखवाली 
कौन-कौन तेरे संग चले 
माई शाम कर माई मदानन 
चार बावरी संग चले 
भूत प्रेत नु कीलदा चले 
डाकिनी शाकिनी नु कीलदा चले
ओपरी पराई हूं कीलदा चले 
भगत दे अंग नो खेलदा चले
बंद दरवाजेआ खोलदा चले,
नगर दे खेड़े नु मन्नदा चले
नांगे गुरु नु मन्नदा चले
अस्तबली पीर नु मन्नदा चले 
बागड़ दे राणे नु मन्नदा चले 
नही तो गुरु गोरखनाथ दे धूने दी आन
माता कपूरी के दूध दी आन
आदेश आदेश आदेश।

सबल सिंह बावरी वीर का एक सिद्ध मंत्र है ।
जोकि मुझे बहुत समय पहले मुझे प्राप्त हुआ था । भगत की शक्ति को खोलने वाला और पहरा लगाने वाला यह एक अद्भुत मंत्र है।



शनिवार, 19 सितंबर 2020

सिद्ध सुलेमानी मोहिनी मसानी मंत्र

जैसा की आप सभी साधकों को पता है कि वशीकरण तंत्र क्षेत्र में सबसे ज्यादा कठिन कार्य होता है।  हम लोग शास्त्रिक वशीकरण मंत्र और यंत्रों का प्रयोग तो करते हैं और सभी जानते भी हैं लेकिन इनके कठिन नियमों को पूरा करवाना  संभव नहीं होगा  पाता इस कारण वह वशीकरण मंत्र यंत्र काम नहीं करते और रही टोटके की बात टोटका अगर सही कर दिया तो काम करेगा वरना टोटका काम नहीं करेगा।

अधिकतर वशीकरण मंत्र को सिद्ध करना दुष्कर कार्य होता है सिद्ध इसको कर पाना ना के बराबर होता है।

अगर आप तंत्र के क्षेत्र में हैं और आपके पास मोहिनी मंत्र नहीं है तो उसके लिए बहुत ही उपयुक्त यह मंत्र है यह मंत्र काम भी करता है और इसका रिजल्ट भी साथ ही साथ मिल जाता है

आज जो मैं आपको एक सिद्ध वशीकरण मंत्र देने जा रहा हूं वह शमशान से काम करता है और उसका भोग भी मैं आपको बताऊंगा पूरा मंत्र दूंगा यह एक बहुत गुप्त मंत्र है और बहुत तीव्र गति से काम करता है हां इसको सिद्ध करना थोड़ा कठिन है लेकिन सिद्ध करने के बाद यह बहुत अच्छा काम देता है।

याद रखें जो भी मंत्र मैं डालता हूं वह सिद्ध मंत्र होते हैं बाकी प्रयोग करने वाले के ऊपर होता है ।

कि वह कोई गलती नहीं करता दूसरी बात अगर आप किसी का मंत्र उठाकर काम कर रहे हो तो थोड़ी श्रद्धा मन में रखें। 
और उसकी दक्षिणा जो बनती हो उसी तो अपने मन में विचार करके खुद ही दे दे जो आपके मन में आए। गुरुदक्षिणा अगर आप मार लेंगे तो कोई भी शक्ति आपका कोई कार्य नहीं करेगी यह प्रमाणित है 
आजमाने के चक्कर में किसी पर या नफरत की भावना से किसी पर इस मंत्र को प्रयोग ना करें अगर बिना आज्ञा अनुमति के या बिना गुरु के इस इन मंत्रों का प्रयोग करते हैं और आपको कुछ अनिष्ट होता है तो उसमें हमारा लेश मात्र भी कोई उत्तर दायित्व नहीं होगा।

इस मंत्र को आपने 11 दिन तक एक माला प्रतिदिन रात को साफ कपड़े पहनकर साफ सुथरे आसन पर बैठना चाहिए और आसन कोई भी हो पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके सामने सवा हाथ जमीन पर सफेद मिट्टी का चौंक लगाकर देशी घी और सरसों के तेल के दीपक जलाएं फिर धूप, जोड़ा सेंट,गुलाब के फूल ,जोड़ा मीठा पान ,जोड़ा सिगरेट, 7 सबूत लौंग ,7 छोटी इलायची,एक पाव सात प्रकार की मिठाई,2 मुर्गी के देसी अंडे प्रत्येक अंडे पर 5 रुपये के परिमाण का काजल का टीका लगाकर सामने रखकर जाप करना है। जाप के बाद ये सामान आपको उजाड़ स्थान पर रखना है।

साधना के दौरान आपको चलते हुए पानी में ख्वाजा जी के लिए ,दलिया या कच्चे चावल शक्कर में मिलाकर और एक रुई में थोड़ा सा इत्र लगाकर सवा मुट्ठी घर भर निश्चित समय और स्थान पर ख्वाजा जी का ध्यान करते हुए अर्पण करना है।

हाज़िरी डालने का मंत्र:-ख्वाजा खिज़र जिद पीर पिदर मदर दस्तगीर सिधां नाथा दे सरदार कचियाँ पक्कीयाँ कड़ाहीयां तेरे नाम।

11 वे दिन आपको वापस पहले दिन वाला सामान देना है  और  आपकी साधना पूरी हो गई ।

फिर इसको किस प्रकार प्रयोग करना है यह मैं आपको बताता हूं  ग्यारह दिन साधना करने के बाद आपको सात प्रकार की मिठाई,1 सेंट,7 लोंग,7इलाइची,जोड़ा कलावा माचिस और दो मुर्गी के अंडे जिन पर 5 रुपये के सिक्के के आकार की एक एक बिन्दी काजल की लगी हो  और जोड़ा सिगरेट लेकर श्मशान में जाना है।

और वहां यह सामान अर्पित करके जलती हुई चिता चिता से थोड़ी सी राख उठा लेनी है फिर आपको चौक पर चला जाना है चौराहे पर चला जाना है।

और वहां जाकर 21 बार इस मंत्र को जोड़ा बूँदी वाले लड्डुओं पर पढ़ना है और लड्डू बूंदी चौक पर रखने के बाद ।
इस राख को उपरोक्त मंतर से 7 बार अभी मंत्रित करके साध्य व्यक्ति का चिंतन करते हुये फूंक मार देनी है।

फिर अपने घर वापस आ जाना है घर में प्रवेश करने से पहले हाथ-पांव धो लेने हैं और घर में प्रवेश करना है।

एक दिन में ही इस वशीकरण मंत्र का प्रभाव हो जाएगा।

मंत्र इस प्रकार है

मोह मोह करदा मैं फिरां,मोहन मेरा नाम राजा मोहां परजा मोहां मोवा करां सलाम,तेरे हत्थ डंडा जबर दा तेरे हत्थ मित्त, जिस नगरी मैं आवां जावां नगरी हमारी मित्त, हट्ट की धूड़ मसान की राख मारां चड़दे मंगलवार चले मन्त्र फुरो वांचा देखां मोहनी माता तेरी कलाम दा तमाशा।

विशेष सूचना :-  कृपया इस मंत्र को कॉपी पेस्ट करने की चेष्टा ना करें यह मंत्र पहली बार इंटरनेट पर डाला गया है और कई सालों से प्रयोग में लिया जा रहा है और सफल रहा है अनुचित कार्य में इसका प्रयोग करने पर यह मोहनी उल्टा प्रभाव देती है और करने वाले का बहुत नुकसान कर देती है ऐसा होने पर हमारा कोई उत्तरदायित्व नही होगा।



शुक्रवार, 18 सितंबर 2020

ख्वाजा जिंदा पीर का कलाम काले इल्म का।

नमस्कार दोस्तों आप सब के लिए एक बार फिर में उपस्थित हुआ है काले इल्म के अंतर्गत आने वाले ख्वाजा साहब जिद पीर की साधना के सिद्ध कलाम को लेकर दोस्तों इस कलाम के विषय में अधिक कहना ठीक नहीं है एक कलाम 100 काम।

इस कलाम से बहुत सारे काम लिए जा सकते हैं जैसे किसी का काम धंधा नहीं चल रहा तो काम धंधा चल पड़ेगा नौकरी नहीं मिल रही तो नौकरी मिल जाएगी शादी नहीं हो रही तो शादी हो जाएगी कोई बंदिश है बंदिश खुल जाएगी रूहानियत बन्द है तो रूवानियत खुल जाएगी ऐसे बहुत सारे काम जो एक सामान्य जीवन में बहुत कठिन प्रतीत होते हैं इससे आसानी से हो जाएंगे इससे कंगाल से कंगाल आदमी के दिन बदल जाते हैं बात होती है विश्वास की। "मानो देव नहीं तो पत्थर"जैसे कि आप सभी जानते हैं।

प्रयोग से तांत्रिक बाधाओं का नाश होकर जीवन वापस समृद्धि की ओर चला जाता है और जटिल से जटिल तंत्र बाधाओं का निवारण हो जाता है यह विधि मेरे द्वारा अनेकों बार आजमाई हुई है और कार्य सिद्ध करने वाली  है।

बहुत जल्दी सभी तांत्रिक बाधाओं का इस विधि द्वारा प्रतिकार हो जाता है और यह मेरी आंखों से कई बार देखा हुआ है बाधा कितनी भी जटिल से जटिल हो उस बाधा को हटने में टाइम नहीं लगता और साधक जो कि अपने पास गुप्त विद्या ए रखे हुए हैं इन विधियों से बड़ी जटिल से जटिल विकट से विकट समस्याओं का अंत कर देते हैं तंत्र का मूल आस्था है इस बात को सदैव याद रखें।

मन्त्र।

बिस्मिल्लाह रहमान रहीम।
जल तू जलाल तू
पंजे वक्त नाल तू 
आई बला टाल तू 
कुदरत तू
कमाल तू 
खवाजा पीर दस्तगीर 
पंज पीर 
पूरी नदी बहावे नीर 
ख्वाजा जिंदा पीर 
तोड़े लोहे की जंजीर 
बाईस सौ ख्वाजा 
तेईस सौ पीर 
ख्वाजा लहर पहर 
चार घड़ी एक पहर 
दौला दरियाई 
पीहन गई पका लियाई 
करो मेरी हाजरी आप कबूल 
या ख्वाजा जिंदा पीर


मंत्र की प्रतिदिन पांच माला आपको करनी है जिन लोगों को ख्वाजा जिंदा पीर का दर्शन करना है यह मंत्र समाज की सेवा में में ब्लॉग सपोट पर डाल रहा हूं।
ताकि जन कल्याण हो और ऐसी प्राचीन विज्ञान लुप्त ना हो।

इस् ईल्म का लाभ प्राप्त करने के लिए आपको नौचंदी रविवार यानी शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार से लगातार प्रत्येक रविवार ख्वाजा जिंदा पीर की हाजिरी पक्की हाजिरी देनी होती है जिसमें दलिया या मीठे चावल आपको उनकी नजराने में देने होते हैं।

अर्थात आपने पहली हाजिरी नौचंदी रविवार को देने हैं शुक्ल पक्ष के प्रथम रविवार इसका निश्चित समय और स्थान निश्चित होता है उसको आप बाद में परिवर्तित नहीं कर सकते इसीलिए समय और स्थान का चुनाव सोच समझ कर करें और साधना शुरू करने से पहले विचार करने पूर्णतया मन बनाने के बाद ही इस साधना को शुरू करें बीच में ना छोड़े नुकसान तो कुछ नहीं होता लेकिन ईल्म में रुकावट आ जाती है ।

जो लोग या जो मेरे भाई चाहते हैं कि ख्वाजा साहब  उनको दर्शन दें और वे ख्वाजा साहब का आशीर्वाद प्राप्त करें तो उनके लिए साधना सर्वोत्तम है इससे अच्छी साधना उनके लिए कोई भी और नहीं है।

आपको प्रति रविवार ख्वाजा जी को गुड में बने हुए दलिया या मीठे चावल की हाजिरी देनी है।
प्रतिदिन उसी जगह पर उसी समय कच्ची हाजिरी देते रहना है सव मुट्ठी दलिया + शक्कर या चावल + शक्कर साथ में  रुई पर थोड़ा सा इत्तर लगाकर, ख्वाजा साहब को याद करते हुए 11 बार इस कलाम को बोलते हुए  चलते हुए जल में अर्पित करना है ।

प्रत्येक रविवार को गुड़ का दलिया मीठे चावल बनाने हैं एक 4 मुंह वाला देसी घी का चिराग़ और पांच बतासे, पांच लड्डू बूंदी वाले,सात अगरबत्ती,एक जोड़ा लौंग, एक जोड़ा इलायची,एक जोड़ा कलावा,पांच गुलाब के फूल,एक जोड़ा सिगरेट, सेंट(इत्तर)  ख्वाजा साहब को किनारे पर देसी घी की होम देकर चढ़ा दें और  पके हुए चावल या दलिए थोड़ा सा अग्नि में होम देने के बाद  को तीन पांच या सात बार में अर्पित कर देना है अर्थात जल में छोड़ देना है।

 इसी तरह यह सिलसिला चलेगा लगातार 21 रविवार फिर 22 वें रविवार आपको एक बड़ा मिठाई का डब्बा लेना है और उसे नाव का आकार देना है उसमें रंग बिरंगे छोटे छोटे झंडे लगाएं फिर उसमें मीठे चावल, सात प्रकार की मिठाई,पांच मेवा, गुलाब के फूल,लौंग, इलाइची, कलावा, गुलाब का इत्र,एक जोड़ा सिगरेट, देसी घी का चार मुख वाला दिया, 11 रुपये, और 1 दो या 5 माला जाप करते हुए उस नाव को ख्वाजा साहब से अभीष्ट प्राप्ति हेतु प्रार्थना करते हुए चलते हुए पानी में कमर तक खड़ा होना है और उसे पानी में छोड़ देना है।



श्री झूलेलाल चालीसा।

                   "झूलेलाल चालीसा"  मन्त्र :-ॐ श्री वरुण देवाय नमः ॥   श्री झूलेलाल चालीसा  दोहा :-जय जय जय जल देवता,...