रविवार, 13 अक्तूबर 2019

। डायन की साधना।

। डायन की साधना।
दोस्तों यह डायन की साधना करने के लिए जो मंत्र प्रयोग किया जाता है वह तो सब लोगों के पास सामान्यत मिल जाता है लेकिन उसको करने की सही विधि किसी के पास नहीं मिली क्योंकि कोई भी साधना अगर आप ये सोचो कि ये साधन तत्काल और  क्षणिक होगी तो यह संभव नहीं है साधना शब्द की परिभाषा बहुत कठिन है
(किसी कार्य के निमित्त संसार के सभी कार्यों को छोड़ देना साधना कहलाता है )
गुरु की कृपा और मन के इक्कीकरण और स्थिरीकरण के भाव को साधना बोला जाता है जब मन स्थिर हो जाता है तो जो भाव पैदा होते हैं उन्हें सिद्धि बोला जाता है मन की अवस्था को सिद्धा अवस्था बोला जाता है बस आपको सामान्य शब्दों में (टेक्निकल लैंग्वेज) में आपको यह समझा दिया मन का एक भाव में स्थिर होना इतना भी आसान नहीं होता जितना आप लोग सोच लेते हैं कोई भी साधना क्षणिक नहीं होती इसके लिए बहुत समय मन को साधना पड़ता है और बहुत सारे नियमों का पालन करना पड़ता है गुरु की कृपा एक ऐसा साधन है जिसके बिना कोई भी साधना सफल नहीं होता।
प्रत्येक साधक को तन्त्र क्षेत्र में अपना कोई ना कोई गुरु अवश्य धारण करना चाहिए कभी यह ना सोचो कि मेरा भगवान भोलेनाथ गुरु है या मेरी काली माता गुरु है या सीधा सीधा गणेश जी गुरु है या हनुमान जी गुरु है इस बात से मैं सहमत नहीं हूं आपको आवश्यकता तो मनुष्य की पड़ती है ना ? आप के मनोभाव तब तक इतने स्थिर नहीं होते कि आप कह सको की शिव भोलेनाथ आपके गुरु हैं क्योंकि पात्रता का गुरु निर्धारण करता है गुरु को आपने ढूंढना है वह आपने छांटना है किस को गुरु बनाना किसको नहीं।
मित्रों आज साधना आपके लिए मैं लाया हूं वह साधना अपने आप में बहुत शक्तिशाली साधना है और इस साधना को कर लेने के बाद शक्ताचारी हैं देवी उपासक हैं जो उनके लिए साधना बहुत ही उत्तम है। लेकिन कमजोर हृदय वाले साधकों को यह साधना करने की अनुमति हम लोग नहीं दे सकते मंत्र वही होते हैं किरिया बदल जाती है तो परिणाम भी अपने आप बदल जाते हैं।
○आपने पहले भी डायन सिद्धि के बारे में सुना होगा आज मैं आपको बताता हूं कि डायन की साधना सही तरीके से कैसे होती है एक लेखक होने के नाते मेरा यह फर्ज बन जाता है कि आपको सही तत्वों से अवगत करवाउँ
○यह  पूर्णतया शामशानिक साधना है और इसको करने के दो विधान हैं
○एक विधान है 21 दिन का है।
○दूसरा विधान है 41 दिन का है ।
○दोनों ही प्रयोग शामशानिक हैं और दोनों ही भयंकर शक्ति से युक्त यह साधना करने से मनुष्य जल्दी से साधक जल्दी से बीमार नहीं पड़ता ऐसी शक्ति का संचार साधक के शरीर में होने लग जाता है
○साधक को होने वाली घटनाओं का पहले से ज्ञान हो जाता है उस साधक का बुरा करने के लिए कोई भी अगर सोचता भी है तो डायन पहले ही उस आदमी को बीमार कर देती है और अपने साधक की रक्षा करती है
○साधक को कभी भी धन की कमी नहीं आने देती।
○इस साधना को करने के लिए पूर्णतया ब्रह्मचर्य का भाव जो है वह आपके मन में स्थिर हो जाना चाहिए तभी आप इस साधना को कर सकते हो ।
○गुरु आज्ञा लेकर के उत्तम मुहूर्त में यह साधना शुरू करनी चाहिए ऐसे श्मशान का पहले चुनाव कर लेना चाहिए जिसमें प्रतिदिन बैठ कर के यह जाप कर सको और आपको पहले से धैर्य रखना होगा और अपने मन को निडरता पूर्वक स्थिर करना होगा इसमें भयानक आवाजें आनी भयानक दृश्य दिखना आम सी बात है।
○मांस मदिरा का भोग इसमें डायन को प्रतिदिन दिया जाता है।
○इस साधना की मदद से आप आपन तीसरा नेत्र खोल सकते हो।
○इस साधना से वाक सिद्धि प्राप्त होती है।
○काले रंग के कंम्बल का आसन लगाकर बैठकर जाप करें।
○ यह साधना साधक को निर्वस्त्र होकर के करनी होती है।
○बकरे से चर्बी से प्राप्त तेल जो होता है 4 मुंह वाला दिया  मिट्टी से बना हुआ वह लगाना पड़ता है।
○अपने पास कोई नौकरी लाया धारदार हथियार रखना जरूरी होता है ।
○साधना करने से पहले घेरा लगाना परम आवश्यक है ।
○बकरे की माँस चर्बी और गुग्गुल इसकी धूनी देनी होती है। पीली सरसों का इसमें प्रयोग होता है।
○रुद्राक्ष की माला से जाप होता है। माला साधारण ही होगी इस साधना के मंत्र इतनी जागृत हैं कि आप को संस्कारित माला लेने की कोई आवश्यकता नहीं पड़ेगी।
○जाप 11 माला प्रतिदिन होता है।
○जाप श्मशान में होता है।
○इसमें तीन मंत्रों से साधना की जाती है। एक मंत्र जो सामान्यतः मिल जाता वह मैं आपको दे रहा हूं बाकी आपको व्यक्तिगत रूप से मुझसे लेने पड़ेंगे।
○ दक्षिण दिशा की ओर मुंह करके बैठना है सबसे पहले
       रक्षा मंत्र से एक खुला घेरा लगाना है और सारा    
       सामान उसे घेरे के अंदर रख लेना है। थोड़े कोयले   
       जला कर के आपने धूनी देनी है जो मैंने सामान
       आपको बताया है और दीपक अपने सामने चला लेना
       है 4 मुंह वाला जिसमें कि बकरे की चर्बी से प्राप्त
       हुआ तेल होगा।
○ फिर आपको गणेश का मानसिक पूजन करना है उसके बाद काली काल भैरव को नमस्कार करके गुरु मंत्र का एक माला जाप करना है।
○ फिर दिए गए मंत्र का लगातार 11 माला जाप करना है।
○ वह जाप करने के बाद आपको पीली सरसों पर उस मंत्र द्वारा फूकना है और सरसों को अपने चारों और बिखेर देना है।
○ फिर दोबारा जाप में लग जाना है आपको बिना गिनती किए हुए फिर आपको जाप करना है चारों ओर से भयंकर आवाजें और आकृतियां एकदम से आनी शुरू हो जाएगी उन सब की तरफ ध्यान न दे करके आपको पुनः जाप करते रहना है और जब तक वह डायन आपसे वचन मांगने के लिए ना कहे तब तक आपने जाप बंद नहीं करना।
○ इसी क्रम में आपको 21 या 41 दिन यही क्रिया लगातार करनी है जमीन पर ही सोना है ब्रह्मचर्य का पालन करना है और एक पव्वा शराब का 7 पीस बकरे के मांस के टुकड़े हर टुकड़े पर कपूर की छोटी सी टिकिया रख कर के आपको उसे जलाना है और डायन का आवाहन करना है।
○शराब की धार उस डायन के नाम से आपको देनी है और मंत्र पढ़ते हुए धार छोड़नी है बाकी बची हुई शराब वही छोड़ देनी है
○ यह सब करने के बाद आपको चुपचाप घर वापस आ जाना है और बिना किसी से बात किए सो जाना है।
○ जब यह पूजन शुरू करें रात्रि में तो सबसे पहले तो माथे पर कुमकुम का तिलक जरूर लगाएं।
○ एक विशेष बात इस साधना पर आपको कहना चाहता हूं कि जिसके घर में बहुत छोटे बच्चे हो एक तो वही है साधना ना करें और दूसरी बात यह है कि बिना गुरु के इस साधना को ना करें तो आपके लिए बहुत अच्छा होगा क्योंकि वहां अच्छे परिणामों के जगह पर गलत परिणाम आपको मिल सकते हैं।
○ इसमें गुरु का धारण करना इसलिए जरूरी है कि जो नकारात्मक ऊर्जा आपकी साधना के दौरान पैदा हो करके आपके साधना को रोकने की रुकावट डालने की कोशिश करेगी उस ऊर्जा को कंट्रोल करने के लिए एक बंदा पीछे से भी चाहिए।
○ इसका एक फायदा यह है इस साधना को करने के बाद आप किसी भी तंत्र मंत्र को जब आप जागृत करोगे तो वह आसानी से हो जाएगा जिनको साधना में सिद्धि मिलने का संदेह रहता है उनके लिए यह साधना बहुत अच्छी है।
○होम का मन्त्र:- बाबा आदम सिर जंत्र ले माई नारसिंह वीर तेरी करूं बढ़ाई सिंह तडापो ऐके डार बड़ी दयाली भाई उजियार जागे होम जागे आग्यार जागे खेड़ापति रखवाला जागे करवा जागे भरवा जागे वीर मसाण जागे बाबा अघोरी जिन विद्या फटकारी जागे मंत्र तंत्र और यंत्र अली अली मौला मुर्तजा अली मुश्किलकुशा अनी अनभली आवे ना पास आवे तो चली जाये मौजे मुज्जफर की गली या खुली अल्लाह फकीरों की गली।
○डायन का मंत्र:- ओम नमो आदेश गुरु को स्यार की खवासिनी    समुंदर पार धाईं आव बैठी हो तो बैठी हो आव ठाढ़ी हो तो ठाडी हो आव जल्ती आव उछलती आव ना आवै डाकिनी तो जालंधर नाथ की आन शब्द साँचा पिंड कांचा फुरो मंत्र ईश्वर वाचा।
○रक्षा मन्त्र:- ओम नमो आदेश गुरु का धरती माता धरती पिता धरती धरे ना धीर बाजे सिंगी बाजे तरतरी आया गोरखनाथ मीन का पूत मूँज का छड़ा लोहे का कड़ा यति हनुमंत हमारे पिंड पीछे खड़ा शब्द सांचा पिंड काचा पूर्व मंत्र ईश्वर वाचा।
○ उपरोक्त कथन में और प्रयोग में जो प्रयोग होने वाले तीन मंत्र हैं वह मैंने यहां दिए हैं आशा करता हूं आप सब को लाभ होगा लेकिन कुछ बरीकिया कुछ नुक्ताचीनी वाली बात जो रह जाती है तो वह कहीं ना कहीं सिद्धि होने में अटकल लगाता है आप यह साधना करने से पहले परामर्श जरूर लें।
○ क्योंकि इसमें एक मंत्र की प्रयोग विधि नहीं डाली गई है जो की साधना में बहुत ज्यादा महत्वपूर्ण है इसलिए कृपया पहले हमसे एक बार संपर्क कर लें अगर आप अपने आप से साधना करते हो तो आपके फायदे या नुकसान में हमारा कोई लेना-देना नहीं होगा।
○ अपनी तरफ से मैंने यहां पर कोई कमी नहीं छोड़ी कि मैंने बताया ना हो अगर कुछ कमी रह गई हो तो क्षमा चाहता हूं अपने दृष्टिकोण से मैंने पूरी तरह से यहां दिया है अगर फिर भी कुछ समझ ना आए तो आप मेरे व्हाट्सएप नंबर 8194951381 के ऊपर व्हाट्सएप द्वारा संदेश भेज करके संपर्क स्थापित कर सकते हैं और संदेश भेजने का जो समय है वह है 11:00 से लेकर के दोपहर 1:30 बजे तक का कृपया कॉल वीडियो कॉल व्हाट्सएप कॉल या ऑडियो कॉल ना करें ऐसा होने पर हो सकता है मैं आपके नंबर को ब्लॉक करने पर मजबूर हो जाऊं क्योंकि प्रतिदिन कोई ना कोई काम करना पड़ता है और जब आप काम कर रहे होते हैं तो यह संभव नहीं हो पाता कि हर बंदे का फोन उठा लो इसलिए आपसे करबद्ध निवेदन है कि कृपया एक बार कॉल करें अधिक बार कॉल करने का कष्ट ना करें यदि मैं उपलब्ध रहूंगा तो मैं आपकी कॉल रिसीव कर लूंगा और अगर मेरा फोन एक साइड में पड़ा होगा और मैं कुछ कर रहा होऊंगा तो फिर संभव नहीं है कि आप बार बार भी कॉल करो तो मैं उठा लूं।

***।।सातो डारी शीतला मन्त्र ।।***

           ***।।सातो डारी शीतला मन्त्र ।।***
यह मंत्र सातों डाली शीतला का है और कौन है कौन सी देवियों को सातो डाली शीतला का नाम दिया जाता है वो सात नाम है कौन से सात रूप है  सातो डाली शीतला के इसमें वस्तुतः यही सात देवियां और उनकी ही विद्या और शक्ति चलती है इनको बहुत जबरदस्त माना जाता है इस साधना में माता शीतला का दर्शन प्राप्त होता है। चेचक रोग को दूर करने के लिए और जिनके माता जी निकल आती हैं उनको हटाने के लिए यह मंत्र झाड़ने के रूप में प्रयोग किया जाता है और ध्यान देने वाली बात यह है  कि कुछ बुद्धिमान लालची लोगों के कारण यह विद्या गुप्त और लुप्त हो रही हैं दुख की बात यह है कि यह विद्या लुप्त हो रही है इसलिए इनके प्रचार के लिए प्रसार के लिए मैं आपको दे रहा हूं ।
ताकि यह विद्या उन लोगों तक पहुचे जिन्हें इसकी जरूरत है   आप इस मंत्र को सिद्ध करें इसका प्रयोग करें खुद भी लाभ उठाएं और दूसरे लोगों का भी कल्याण करें ऐसी मेरी अभिलाषा है आप लोगों से अब दूसरी बात यह है कि हम लोग सातो डाली शीतला का नाम तो ले लेते हैं लेकिन हमें यही पता नहीं होता ही कि सातो डाली शीतला कौन है इन देवियों का नाम क्या है तो मैं आपको यह बता देता हूं कि पहली देवी बुढ़िया माता दूसरी मटारा माता तीसरी लोहाझार माता चौथी कथरिया माता पांचवी सिंधुरिया माता छटी कौड़िया माता सातवी आलसिया माता ये सात नाम है हो सकता है कि क्षेत्र इत्यादि के भेद से भक्तों ने सातों डाली शीतला को  किन्ही और नामों की संज्ञा दे रखी हो  लेकिन  जो मेरे पास ज्ञान है  वह मैं आप लोगों से बांट रहा हूं  जितना कुछ है जैसा भी है  आप लोगों के साथ सांझा कर रहा हूं  यह मंत्र सातों डाली शीतला का मंत्र है बहुत काम का मंत्र है
○इस मंत्र की पहले उपासना की जाती है 21 दिन तक
○पूरा वैष्णव तरीके से रहते हुए
○खानपान का परहेज करते हुए
○रहन सहन का परहेज करते हुए बिल्कुल शुद्धि से  ब्रह्मचर्य युक्त होकर के इस अनुष्ठान को संपन्न करें
○भूमि पर शयन करते हुए
○ इस मंत्र का अनुष्ठान जब तक आप करोगे तो आपको हल्दी वाला भोजन तड़के वाला भोजन इत्यादि सब यह चीजें नहीं खानी है।
○ साबुन क्रीम पाउडर खुशबूदार तेल इत्र इत्यादि आपको प्रयोग नहीं करना है।
○ जब तक इस मंत्र का जाप पूरा नहीं कर लेते 21 दिन तक किसी दूसरे व्यक्ति के घर से आपने खाना नहीं खाना पानी भी नहीं पीना पूरी परहेजगारी रखनी है।
○ साधक चाहे नए हो या पुराने हो उनको पूरे नियम पूरे करने के उपरांत इस अनुष्ठान को पूरे तरीके से करना पड़ेगा और सारे नियमों का पालन करना पड़ेगा तभी यह साधना उनकी सफल होगी।
○ साधना काल में चमड़े की वस्तुएं वर्जित है बेल्ट इत्यादि का प्रयोग ना करें।
○ एक दीपक लगातार 21 दिन तक अखंड दीपक साधना संपन्न होने तक जलता रहेगा।
○ जब भी आप जाप के लिए बैठे तो स्नान करके ही जाप करें।
○इस मंत्र की 11 माला प्रतिदिन जाप करनी होती है
○इस मंत्र का काम  है ताप तिजारी माता के दाने फोड़ा फुंसी कुछ भी अगर आपके ऊपर दिक्कत है या बुखार रहता है तो मोर पंख से या नीम की हरी टहनी से लगा तार झाड़ा डालने से बुखार टूट जाता है ।
○माता जी निकल आती है तो उसको झाड़ने के लिए मंत्र बहुत उत्तम है ।
○जब आप इसे सिद्ध करेंगे तो इसका लाभ उठा सकेंगे
○21 दिन तक आपको पीले कपड़े धारण करके पीले।
○ किसी मंदिर में यहां घर के एकांत कमरे में जिसकी पहले से ही साफ-सफाई कर दी गई हो ।
○ कोई सामान जिसमें ना रखा हो ।
○उस कमरे में पूर्व अभिमुख हो करके अपने सामने आम की पटिया पर सवा मीटर पीला वस्त्र बिछा देना है फिर कलश स्थापित करने के बाद एक दीपक देसी घी का और एक दीपक सरसों के तेल का जलाना है धूप इत्यादि का प्रबंध करना है
○निम्नलिखित जो सामान दिया गया है उसको चौकी पर रखना है फिर गुरु और गणेश की अनुमति लेकर के माता शीतला की अनुमति लेकर के जाप शुरू कर दी है
○आसन पर माता जी को भी पीला ही परिधान चढ़ाना है
○लपसी पूरी पुये गुलगुले लौंग कपूर नींबू अड़हुल के
      फूल का हार और 21 दिनों तक नित्य शीतला जी के
      नाम से पक्की धार देनी है।
      यह चीजें भेट करने से माता शीतल बहुत जल्दी ही     
      बहुत अधिक प्रसन्न होती है
○ अंतिम दिन आम की सूखी लकड़ी जलाकर  जो तिल देसी घी हवन सामग्री से आपको 508 बार हवन करना है।
○ हवन के अंत में पूर्णाहुति के रूप में एक सूखा नारियल जिसे सामान्य भाषा में हवन गोला भी बोला जाता है उसके ऊपर कलावा लपेटकर वह भी से लिपत करके हवन में डालना है और मां भगवती से अपने अनुष्ठान की पूर्णता के लिए संपन्नता के लिए निवेदन करना है।
○ सामान्य तौर पर तीसरे दिन या चौथे दिन भागवती चना मटर गेहूं बाजरा मकई या ऐसे अन्न के रूप में दर्शन देती हैं या कन्या रूप में भी दर्शन दे सकती हैं तो इस इशारे से आप को समझना होगा कि भगवती आपके पास आ चुकी हैं।
○ साधना करने वाले के ऊपर भगवती का आशीर्वाद आ जाता है उसे आशीर्वाद प्राप्त होता लेकिन इसमें एक चीज बहुत ध्यान देने वाली है कि एक बार भगवती का आशीर्वाद प्राप्त होने के बाद आप जिस की  झाड़-फूंक करोगे मां शीतला के आशीर्वाद से वह ठीक हो जाएगा ₹11 के बताशे नमक की थैली झाड़ू सवा किलो आटा गुड़ और जो भी आपकी स्थानीय मर्यादा से भगवती को जो कुछ भी सामान चढ़ता है वह आपको दिलवाना पड़ेगा वरना जिसका आपने झाड़-फूंक किया होगा उसकी सारी नेगेटिव एनर्जी आपके ऊपर आकर गिरेगी और आप अकारण ही कष्ट में आ जाएंगे और दूसरी और मुख्य बात यह है कि साधक को मांस मदिरा का परित्याग करना पड़ता है और शुद्ध भाव से माता जी का ही सेवक होकर के रहना पड़ता है ऐसा करना करने पर भगवती रुष्ट होकर के ऐसे साधक का नाश कर देती हैं।
○ यह साधना अगर आपने करनी हो तो मुझसे एक बार परामर्श अवश्य करें शुरू करने से पहले इसमें सुबह उठकर के साधना कर लोगे तो बहुत उत्तम होगा।
○जब भी कोई शीतला माता का मरीज़ आये तो 21 बार मन्त्र पढ़ कर मोरपंख या नीम की हरी टहनी से झाड़ दें लगातार 3 दिन या सात दिन झाडने से पूरा आराम होगा जब मरीज ठीक हो जाए तो आपको मरीज के हाथों ₹11 के बताशे बटवा देने हैं शीतला माता के नाम से।
○अगर आपके घर में शीतला जी का दोष है या कोई ऐसा संकट शीतला जी के क्रोध के कारण आया है।
○ कुलदेवी या ईष्ट देवी माता शीतला हैं तो आपको यह मंत्र बहुत लाभप्रद होगा । कई लोग कई लोग ऐसे होते हैं जिनके किसी पारिवारिक सदस्य के सिर के ऊपर मां शीतला का वास अवश्य होता है सवारी भी आती है लेकिन मंत्रणा होने के कारण वह ठीक से किसी का भला नहीं कर पाते तो उनके लिए भी यह मंत्र लाभप्रद होगा और आप इस साधना को करें मेरी शुभकामनाएं आपके साथ हैं ।

                     ***।। मन्त्र ।।***
सात भवानी शीतला माई,नीमिया की डार बिराजे सातो,ज्वर काटे जंजार काटे, काटे बन्धन सारे।देह मस्तक सन्ताप को काटे,सब बन्धन को काटे।मूरी जूरी सभी को काटे लौंग सुपारी की भेंट तुम्हारी। तेरे द्वारे माली बैठा गावे पूजा पचरा भेंट।दुहाई बूढ़ी माई की।दुहाई मटारा माईं की।दुहाई लोहाझार माईं की। दुहाई कथरिया माईं की। दुहाई सिंदुरिया माईं की। दुहाई कोडइया माई की।दुहाई आलसिया माई की।

लेकिन इस साधना को कभी भी बिना परामर्श के ना करें।
अधिक जानकारी के लिए आप मेरे व्हाट्सएप नंबर 81949 51381 के ऊपर संदेश भेज कर संपर्क स्थापित कर सकते हैं मैसेज भेजने का समय दोपहर 11 से दोपहर 1 बजे तक ।कृपया बिना आज्ञा वीडियो वॉइस या व्हाट्सएप कॉल ना करें उस परिस्थिति में आपके नंबर को ब्लॉक कर दिया जाएगा।

शुक्रवार, 11 अक्तूबर 2019

वीर नाहर सिंह की सिद्धि

            ।। नाहर सिंह बीर की साधना।।


नमस्कार आप सभी के लिए जो मैंने पहले वीडियो नारसिंह वीर की बनाई थी तो उसमें मंत्र नहीं डाला गया था लेकिन इस वीडियो में मैं आपके लिए मंत्र लाया हूं और यह मंत्र सेंट परसेंट जागृत है यह वीर नाहर सिंह का मंत्र है और बहुत ही ज्यादा खतरनाक मंत्र है।
यह मंत्र बहुत देर से मेरे पास पड़ा हुआ था लेकिन मैंने यह मंत्र अब तक पोस्ट में या किसी को दिया नहीं था क्योंकि क्या होता है कि जो गुप्त मंत्र है उनके अधिकारी कुछ ही लोग हो सकते हैं लेकिन मेरा चैनल बनाने का उद्देश्य जो है वह यह है कि जिस के पास कोई विद्या कोई मंत्र नहीं है उसको दूं देखिए किताबों में या डायरियो में लिख लिख कर के मंत्र रखने का कोई फायदा नहीं होता कोई लाभ नहीं होता किसी को भी लाभ नहीं होता जो इसको करेगा उसको अवश्य सफलता मिलनी ही मिलनी है यह नाहरसिंह वीर इतनी जबरदस्त है कि किसी भी साधक के पास किसी तरह का कोई याचिका गया उसके मनोभावों को पढ़ लेना और उसके बिना पूछे उसके सवाल का जवाब दे देना कितने भी कट्टर भूत प्रेत पिशाच इत्यादि लगे हो उनको हटा देना ठीक है और देश-विदेश की यात्रा में कोई अड़चन पढ़ रही हो तो उसको हटा देना किसी को कोई नौकरी नहीं लग रही कारोबार में रुकावट है उसके लिए यह देवता जो है इसकी साधना की जाती है और इसके तत्क्षण परिणाम भी आपको प्राप्त होते हैं ऐसा नहीं है कि आप कर रहे हो और परिणाम प्राप्त नहीं हुए इसकी साधना अपने आप में खतरनाक है क्योंकि इसमें रक्षा मंत्र की पूर्णता आवश्यकता पड़ती है और गुरु का सिर पर हाथ होना चाहिए देवता जो सामने आता है तो साधक जो है वह वाक पट्टू होना चाहिए ऐसा ना हो कि देवता के क्रोध में कुछ पूछे आपसे और आप बोली ना पाऊं अक्सर यही देखा जाता है कि आप देवता को बुला लेते हो सिद्ध करते हो तो क्या होता है कि जब देवता सामने आता है तो आदमी का जो है वह जवाब दे जाता है।
यह साधना पूरे 40 दिन की है।
पूरी तरह ब्रह्मचर्य को धारण करते हुए इस साधना को करना चाहिए।
साधना काल में जब आप जाप करोगे तो लाल वस्त्र और लाल ही आसन धारण करना होगा।
आपका मुंह या रुख पूर्व दिशा की और रहेगा ।
प्रतिदिन 11 माला हकीक की माला से जाप करना है।
साधना काल में पूरे 40 दिन तक आपने जमीन पर सोना है किसी से फालतू बातचीत नहीं करनी।
भोजन सिर्फ शरीर चलाने के लिए करना है।
और ध्यान जो है पीर के चरणों में रखना है।
इस साधना में एक देसी घी का दीपक और एक सरसों के तेल का दिया जलता रहना चाहिए।
सबसे पहले आपने एक एकांत कमरे में पूर्व दिशा की ओर मुंह करके आम की पटरी रखनी है उसके ऊपर लाल कपड़ा बिछा देना है।
फिर उस पर एक देसी घी का दीपक और सरसों के तेल का दिया आप को जलाना है।
साथ ही फल फूल  दूध से बने हुए पेड़े, एक देसी शराब का पव्वा,11 गुलाब के फूल, लोंग इलाइची के 7-7 पीस गूगल की धूप ,11 बताशे, एक जोड़ा मौली का  यह भोग प्रतिदिन आपको रखना और प्रतिदिन बदल देना है।
इसके निमित्त नित्य प्रति आपको देसी घी का होम करना होगा 40 दिन लगातार।
और उस शराब की नित्य प्रति धार देनी है।
इस साधना काल में आपको विचित्र विचित्र अनुभूतियां आऊंगी तीसरे ही दिन से आपके आसपास किसी के होने का एहसास हो जाएगा 15 दिन के बाद परिस्थिति और भयंकर हो जाएगी और ऐसा भी हो सकता है कि अचानक कोई आकर किसी के मरने की खबर आपको दे दिया किसी के एक्सीडेंट की खबर दे दे तो ऐसा होता है कि साधना से उठाने के लिए शक्तियां अपना काम करते हैं लेकिन आपको बिल्कुल निर्भीक होकर इस पाठ को पूरा करना है।
कई बार ऐसा भी हो जाता है कि साधना में जब हम किसी साधना को छेड़ते हैं या शुरू करते हैं तो हमारी जो शारीरिक कंडीशन है वह ठीक नहीं रहती हमें कोई बीमारी हो जाती है या बुखार चढ़ जाता है या कोई चोट लग गई तो हमने किसी भी हालात में वह साधना छोड़नी नहीं है।
जब भी बीर आपके सामने आए तो आपको बीर जी से जब भी बुलाएंगे तब आने के  और जो काज कहे उसे करने के वचन ले लेने हैं।
साधना संपन्न होने के बाद आपको बागड़ जाना पड़ेगा और नाहरसिंह वीर के निमित्त वहां पर आपको एक काला बकरा चढ़ाना होगा।
यह साधना दो तरीकों से की जाती है आप वैष्णो तरीके से भी इस साधना को कर सकते हो लेकिन शक्ति कम प्राप्त होगी अगर आप इसे वैष्णो तरीके से करना चाहते हैं तो आपको कच्चा दूध शराब की जगह कच्चा दूध और कच्चे दूध की धार देनी पड़ेगी  बस इतना ही अंतर होता है इसमें  तामसिक तरीके में शराब की धार देनी पड़ेगी आपको तामसिक तरीके से भी आप कर सकते हो उसे शक्ति आपको ज्यादा प्राप्त होगी क्योंकि जब जिस देवता की हम पूजा करते हैं उसका भोग पूरा दिया जाएगा तो साधना से पूरी शक्ति प्राप्त होगी।
इस साधना के सफल होने के बाद किसी की खोई हुई क्या घर से भागे हुए किसी भी व्यक्ति के बारे में आप विस्तृत तरीके से बाबा से पूछ सकते हो भूत प्रेत आप के इशारे पर हो जाएंगे विशेषकर जिनके ऊपर डोली आती है उनको आप कंट्रोल कर पाओगे किसी को भी अपने इशारे पर किसी की भी सवारी रोक सकते हो चला सकते हो इस साधना को करने से पहले क्योंकि साथ में नहीं होता है आपको हमसे रक्षा मंत्र प्राप्त करना होगा उसके अलावा
जो भी अगर साधना करेगा वह अपनी खैरियत का खुद जिम्मेदार होगा।
बिना गुरु के इस साधना को ना करें।
              ।।नाहर सिंह बीर का मंत्र।।
ॐ नमो आदेश गुरु को,जाग रे जाग नाहर सिंह जवान,जाहर पीर दा दीवान,लांदा पर्चे विच जहान,हत्थ विच सोहे सोने द कड़ा,जिथे सिमरा हाजर खड़ा,माता नाहरी दा जाया जदों बुलवां झटपट आया, कारज मेरा सिद्ध कराया,ना करे तो माता नाहरी दा दूध हराम, गुग्गे पीर दी आन गुरुगोरखनाथ दी आन नौ नाथा दी आन दुहाई शिवजी गौरां दी चले मन्त्र फुरो वांचा देखा बाबा नाहर सिंह तेरी कलाम दा तमाशा।

नारसिंह वीर की साधना आपको मैंने दी उम्मीद है आप इससे लाभ उठाएंगे वैसे तो मैंने यह साधना पूरी दी है और ऐसा कुछ रखा नहीं कि जिसमें आपको कुछ समझ ना आये

और अधिक साधनायें प्राप्त करने के लिए नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें और हमारे यूट्यूब चैनल को सब्सक्राइब करें https://youtube.com/channel/UCI7FMflhS9VNu6jCysIxTFw


गुरुवार, 10 अक्तूबर 2019

अस्तबली पीर की साधना।

   ****।।अस्तबली पीर बाबा की साधना का मंत्र ।।****
यह बाबा अस्तबली पीर की कलाम है जो कि सिर्फ उस्ताद अपने पक्के शागिर्दों को ही देते हैं और यह कलाम बहुत चमत्कारी है
○ये साधना है 41 दिन की और उस 41 दिन में आपने ग्यारह माला पीर जी के नाम की इस मंत्र की प्रतिदिन करनी है ।
○किसी महीने की शुक्ल पक्ष के प्रथम बृहस्पतिवार ये साधना शुरू करनी चाहिए।
○ब्रह्मचर्य का पूर्णतयः पालन करें।
○साधना काल में भूमि पर सोना चाहिए
○एक चद्दर हरे रंग की और 501₹ मुर्गे के साधना शुरू होने से पहले आपको पीर बाबा के लिए ऊंची और साफ जगह पर रखनी पड़ेगी। फिर साधना के सफल होने के बाद आपको वो बाबा जी के धाम जाकर चढ़ाना है।
○प्रतिदिन अन्य भोग के साथ ही मीठे चावल बनाकर आपको पीर बाबा को चढ़ाने होंगे।
○चढ़े हुए भोग को प्रतिदिन बदलना है चढ़े हुए भोग को जल प्रवाहित कर देना है।
○पश्चिम की ओर आपका मुंह रहेगा । आपमे सामने एक लकड़ी का पटरा रख कर उस पर स्वामीटर हरे रंग का कपड़ा बिछा देना है। उस दो सरसों के तेल के दीये जलाने है।
○आसन सफेद रंग का वस्त्र भी आपके सफेद ही होंगे
○कमरा साफ सुथरा और एकांत होगा।
○अगरबत्ती फूल सामने रखने हैं अगरबत्ती चलानी है और किसी पात्र में कुछ कोयले जल कर लोबान को सुरगा लेना है।
○प्रतिदिन रात्रि साढ़े दस बजे के समय ग्यारह माला मन्त्र का जाप काले हक़ीक़ की माला से करना है ।
○भोग में जोड़ा सिगरेट,जोड़ा पान मीठा, सात लौंग,सात इलायची, सेट,जोड़ा सफेद बर्फी ,ग्यारह बतासे,पांच बूंदी के लड्डू, जोड़ा मौली (कलावा) ये सभकुछ प्रतिदिन रखना है।
○इसमें बाबा की झलक आपको हफ्ते में ही दिखने लगेगी कई बार पीरजी सामने तो आते हैं कई बार सपने में भी आपकी बातचीत होने लगती है।
○इस साधना में आपको हिसार या घेरे की जरूरत पड़ेगी जो लगाकर आपको लगा करके बैठना है।
○आप अपने गुरुजी से या हमसे संपर्क करके हम से प्राप्त कर सकते हो और
○आप के जितने फंसे हुए काम है इस साधना में होते चले जाएंगे जैसे-जैसे आप साधना करोगे आपको वैसे वैसे अनुभव होंगे
○डायरी में लिख कर के रखने का कोई लाभ नहीं होता अतः इस मंत्र को डायरी में लिख कर ना रखें जिसमें दम हो वह यह साधना करके देखें उसे अवश्य लाभ होगा
○जब आपका कोई भी काम फस जाए आप पीर बाबा के मीठे चावल बना कर पांच बतासे पाँच लड्डू और जोड़ा बर्फी एक सिगरेट पांच अगरबत्ती एक सेंट सात गुलाब के फूल देसी घी की होम अस्तबली पीर के निमित्त दें और उनसे प्रार्थना करें तो कुछ दिनों में ही अवश्य आपकी प्रार्थना कबूल होगी।आपकी अर्जी सवीकार होगी इसकी साधना धैर्य वाले व्यक्ति ही कर सकते हैं ।
○ इस साधना को सोच-समझकर करें बीच में छोड़ने वाले को भारी हानि हो सकती है इसलिए इस साधना को एक बार अगर शुरू कर लिया तो बीच में नहीं छोड़ना।
○ बिना गुरु आज्ञा के या बिना उस्ताद की अनुमति के इस साधना को करने वाला लाभ के स्थान पर हानि ही उठाएगा।
○ इस साधना में प्रयोग होने वाला कड़ा या हिसार पात्रता के अनुसार ही दिया जाएगा।
○ कई बार इसमें पीर बाबा सट्टे के नंबर देते हैं साधक को लेकिन उसे प्राप्त हुए धन को जनकल्याण में लगा दीजिएगा।
○ इस साधना को संपन्न करने वाले साधक को धन दौलत की कमी नहीं रहती भूत प्रेत का भय सदा के लिए समाप्त हो जाता है विघ्न बाधा नहीं रहती कोर्ट कचहरी के केस लंबित पड़े हुए वह समाप्त हो जाते हैं साधक समाज में प्रतिष्ठित हो जाता है और यश प्रतिष्ठा को पाता है। इस साधना में केवल गुरु कृपा और मन के स्थिरीकरण की आवश्यकता होती है। तभी साधक कुछ प्राप्त कर पाता है।
○ मन्त्र:-बिस्मिल्लाह रहमानरहीम।
      अस्तबली पीरों का पीर , मुश्किल पड़ी होजा मददगीर।लोहे का कोट तांबे का कड़ा घोड़े की पीठ हाज़िर खड़ा।सिर पे पगड़ी हत्थ तसबी। चार कुंठ की खबर बतावे।पाँच बावरी संग लियावे। ऊपरी पराई की मार भगाए।ना आवे पीर तो ख्वाज़ा ख़िज़्र की आन,मौला अली की।आन मेरे गुरु की आन मदद मेरे पीर की हाज़िर शु हाज़िर।चले मन्त्र फुरो वांचा देखूं अस्तबली पीर तेरी हाज़िरी का तमाशा।

○ अधिक जानकारी के लिए आप हमारे व्हाट्सएप नंबर 81949 51381 के ऊपर व्हाट्सएप द्वारा संदेश भेजकर संपर्क स्थापित कर सकते हैं।

मंगलवार, 8 अक्तूबर 2019

अस्तबली बाबा के मंत्र से झाड़ा

***।।अस्तबली बाबा के मंत्र से झाड़ा।।***
बिस्मिल्लाहरहमान रहीम
अस्तबली पीर तू पीरों का पीर
भूत को बांध।
प्रेत को बांध।
जिन्न को बांध।
डायन को बांध।
खबीस को बांध।
मरी को बांध
परी को बांध।
चुड़ैल को बांध
जादू टोना बांध।
किया कराया बांध।
नजर को बांध ।
जंतर बांध
मंत्र बांध
तंत्र बांध
माया को बांध।
छल और छाया को बांध।
मरघट को बांध।
मसान को बांध ।
ब्रह्मराक्षस को बांध।
भैंसासुर को बांध।
ओपरी पराई को बांध ।
चोटी पकड़ पताल भेजो ।
उस पर ठोको ताला।
अपनी गद्दी का बाबा अस्तबली पीर रखवाला।
चले मन्त्र फुरो वांचा देखूं अस्तबली पीर तेरी कलाम का तमाशा।

अगर आप की गद्दी पर कोई भूत प्रेत ग्रस्त व्यक्ति आये तो इस मंत्र को  31 बार पढ़कर झाड़ा लगा दे तो वह ऊपरी बाधा दूर हो जाएगी।
और रोगी स्वस्थ हो जाएगा यह झाड़ा लगातार तीन दिन लगाएं और फिर एक काले धागे के ऊपर तीन बार मंत्र पढ़कर एक गांठ लगाएं ऐसे ग्यारह गांठों वाला एक तागा तैयार करें ।
उसे लोबान की धूनी देकर यदि भूत प्रेत ग्रस्त या ऊपरी बाधा वाले किसी भी व्यक्ति को पहनाया जाए तो वह भला चंगा हो जाता है यह मंत्र हमारा प्रयोगिक मंत्र है और हम इसे काम में लाते हैं और इस मंत्र से हमने कभी भी खता नहीं खाई इस मंत्र ने कभी धोखा नहीं दिया ।
जब भी कभी दीपावली दशहरा या होली है इस मंत्र को पांच माला जप के लोबान की धूनी देना आपने और मंत्र का जाप करना है तो यह मंत्र आपका चलता रहेगा और पूरी तरह काम करता रहेगा आप इसका लाभ कभी भी कहीं भी उठा सकोगे लेकिन इसमें एक ध्यान ध्यान देने वाली बात यह है कि आप जब भी गद्दी पर बैठे तो स्नान करके शुद्ध होकर  ही गद्दी पर जाएं सबसे पहले आप ज्योत बत्ती करें फिर भी कोई कार्य आरंभ करें जिनकी गद्दी के मुख्य इष्ट देवता अस्तबली पीर हैं वह लोग इस से बहुत अधिक लाभ उठा सकते हैं ।
सिर्फ एक बात ध्यान में रखिएगा जिसका भी आप काम करो तो उसके काम होने के बाद बाबा को ₹11 के बताशे और बाबा का भोग दिलवाना ना भूलें ऐसा होने पर साधकों को अलग-अलग तरह की दिक्कतें आएंगी।मैं अपने अनुभवों के आधार पर ये साधना और मन्त्र आपको दे रहा हूँ। आशा करता हूं आप इससे लाभ उठाएंगे अधिक जानकारी के लिए कृपया मेरे व्हाट्सएप नंबर 81949 51381 के ऊपर संदेश भेज कर संपर्क कर सकते हैं।

श्री झूलेलाल चालीसा।

                   "झूलेलाल चालीसा"  मन्त्र :-ॐ श्री वरुण देवाय नमः ॥   श्री झूलेलाल चालीसा  दोहा :-जय जय जय जल देवता,...