****।।अस्तबली पीर बाबा की साधना का मंत्र ।।****
यह बाबा अस्तबली पीर की कलाम है जो कि सिर्फ उस्ताद अपने पक्के शागिर्दों को ही देते हैं और यह कलाम बहुत चमत्कारी है
○ये साधना है 41 दिन की और उस 41 दिन में आपने ग्यारह माला पीर जी के नाम की इस मंत्र की प्रतिदिन करनी है ।
○किसी महीने की शुक्ल पक्ष के प्रथम बृहस्पतिवार ये साधना शुरू करनी चाहिए।
○ब्रह्मचर्य का पूर्णतयः पालन करें।
○साधना काल में भूमि पर सोना चाहिए
○एक चद्दर हरे रंग की और 501₹ मुर्गे के साधना शुरू होने से पहले आपको पीर बाबा के लिए ऊंची और साफ जगह पर रखनी पड़ेगी। फिर साधना के सफल होने के बाद आपको वो बाबा जी के धाम जाकर चढ़ाना है।
○प्रतिदिन अन्य भोग के साथ ही मीठे चावल बनाकर आपको पीर बाबा को चढ़ाने होंगे।
○चढ़े हुए भोग को प्रतिदिन बदलना है चढ़े हुए भोग को जल प्रवाहित कर देना है।
○पश्चिम की ओर आपका मुंह रहेगा । आपमे सामने एक लकड़ी का पटरा रख कर उस पर स्वामीटर हरे रंग का कपड़ा बिछा देना है। उस दो सरसों के तेल के दीये जलाने है।
○आसन सफेद रंग का वस्त्र भी आपके सफेद ही होंगे
○कमरा साफ सुथरा और एकांत होगा।
○अगरबत्ती फूल सामने रखने हैं अगरबत्ती चलानी है और किसी पात्र में कुछ कोयले जल कर लोबान को सुरगा लेना है।
○प्रतिदिन रात्रि साढ़े दस बजे के समय ग्यारह माला मन्त्र का जाप काले हक़ीक़ की माला से करना है ।
○भोग में जोड़ा सिगरेट,जोड़ा पान मीठा, सात लौंग,सात इलायची, सेट,जोड़ा सफेद बर्फी ,ग्यारह बतासे,पांच बूंदी के लड्डू, जोड़ा मौली (कलावा) ये सभकुछ प्रतिदिन रखना है।
○इसमें बाबा की झलक आपको हफ्ते में ही दिखने लगेगी कई बार पीरजी सामने तो आते हैं कई बार सपने में भी आपकी बातचीत होने लगती है।
○इस साधना में आपको हिसार या घेरे की जरूरत पड़ेगी जो लगाकर आपको लगा करके बैठना है।
○आप अपने गुरुजी से या हमसे संपर्क करके हम से प्राप्त कर सकते हो और
○आप के जितने फंसे हुए काम है इस साधना में होते चले जाएंगे जैसे-जैसे आप साधना करोगे आपको वैसे वैसे अनुभव होंगे
○डायरी में लिख कर के रखने का कोई लाभ नहीं होता अतः इस मंत्र को डायरी में लिख कर ना रखें जिसमें दम हो वह यह साधना करके देखें उसे अवश्य लाभ होगा
○जब आपका कोई भी काम फस जाए आप पीर बाबा के मीठे चावल बना कर पांच बतासे पाँच लड्डू और जोड़ा बर्फी एक सिगरेट पांच अगरबत्ती एक सेंट सात गुलाब के फूल देसी घी की होम अस्तबली पीर के निमित्त दें और उनसे प्रार्थना करें तो कुछ दिनों में ही अवश्य आपकी प्रार्थना कबूल होगी।आपकी अर्जी सवीकार होगी इसकी साधना धैर्य वाले व्यक्ति ही कर सकते हैं ।
○ इस साधना को सोच-समझकर करें बीच में छोड़ने वाले को भारी हानि हो सकती है इसलिए इस साधना को एक बार अगर शुरू कर लिया तो बीच में नहीं छोड़ना।
○ बिना गुरु आज्ञा के या बिना उस्ताद की अनुमति के इस साधना को करने वाला लाभ के स्थान पर हानि ही उठाएगा।
○ इस साधना में प्रयोग होने वाला कड़ा या हिसार पात्रता के अनुसार ही दिया जाएगा।
○ कई बार इसमें पीर बाबा सट्टे के नंबर देते हैं साधक को लेकिन उसे प्राप्त हुए धन को जनकल्याण में लगा दीजिएगा।
○ इस साधना को संपन्न करने वाले साधक को धन दौलत की कमी नहीं रहती भूत प्रेत का भय सदा के लिए समाप्त हो जाता है विघ्न बाधा नहीं रहती कोर्ट कचहरी के केस लंबित पड़े हुए वह समाप्त हो जाते हैं साधक समाज में प्रतिष्ठित हो जाता है और यश प्रतिष्ठा को पाता है। इस साधना में केवल गुरु कृपा और मन के स्थिरीकरण की आवश्यकता होती है। तभी साधक कुछ प्राप्त कर पाता है।
○ मन्त्र:-बिस्मिल्लाह रहमानरहीम।
अस्तबली पीरों का पीर , मुश्किल पड़ी होजा मददगीर।लोहे का कोट तांबे का कड़ा घोड़े की पीठ हाज़िर खड़ा।सिर पे पगड़ी हत्थ तसबी। चार कुंठ की खबर बतावे।पाँच बावरी संग लियावे। ऊपरी पराई की मार भगाए।ना आवे पीर तो ख्वाज़ा ख़िज़्र की आन,मौला अली की।आन मेरे गुरु की आन मदद मेरे पीर की हाज़िर शु हाज़िर।चले मन्त्र फुरो वांचा देखूं अस्तबली पीर तेरी हाज़िरी का तमाशा।
○ अधिक जानकारी के लिए आप हमारे व्हाट्सएप नंबर 81949 51381 के ऊपर व्हाट्सएप द्वारा संदेश भेजकर संपर्क स्थापित कर सकते हैं।