बुधवार, 5 जून 2019

कलवा पौन

 

          

 *****कलवा पौन की साधना*****
ये साधना एक अत्यंत उग्र एव भयंकर साधना है आज तक इंटरनेट पर इनका कोई मन्त्र मौजूद नहीं है कियुकि जिन भगतों के पास इनके मन्त्र या कोई जानकारी है वो इसे सांझा नही करना चाहते एव उनतक पहुंचना अति कठिन है।वो सभी आपने आप में ही रहते है।
     ये मन्त्र एव साधना मैं आपके लिए बहुत मुश्किल से लेकर आया हूं एव उम्मीद है कि आपके ये साधना काम आएगी।
*******((((चेतावनी कृपया ध्यान दें)))******** ये मन्त्र एक पक्की गद्दी के भगत की कृपा से प्राप्त हुआ है बिना गुरु या विद्वान के निर्देश से वही लोग इसका प्रयोग करें जिनके इन बाबा की पूजा घर में होती हो।इस मन्त्र को आजमाने की नीयत से य्य परखने की नीयत से ना किया जाए एव बिना आज्ञा के प्रयोग करने वाला आपने जानी या माली नुकसान का खुद जिमेदार होगा भविष्य में मेरे या मेरे चैंनल का कोई भी किसी भी प्रकार का उत्तरदायित्व नही होगा।
41 दिनों की साधना एकांत स्थान पर या गद्दी पर नियमपूर्वक किया जाए ।शराब एवम सूअर की कलेजी पान बतासा लड्डू सरसो के तेल का दिया और धूफ लगाना 2 सिगरेट या हुक्का ,7 फूल ,7 फल, 2 सुपारी, 7लौंग,7 छोटी इलायची,जनेउ का जोड़ा,पूरी हलवे का भोग प्रति दिन चढ़ाना है।प्रतिदिन होम(अग्यार)करनी है।इस साधना में साधना विषयक सभी नियमों का पालन करते हुए प्रतिदिन कम से कम 11 माला का जाप रोज़ाना करना है। एवं चढ़ाया हुआ सामान दूसरे दिन जलप्रवाह करना है। और अपनी गददी की मर्यादा के अनुसार ही सारे काम करें। इसमें ज्यादातर दूसरे दिन ही अनुभव मिल जाते है।कई बार पौन सवारी आ जाती है इसलिए बिना गुरु आज्ञा से नही करना चाहिए।इस साधना के सफल होजाने पर साधक के समान कोई नही होता सभी अच्छे एव बुरे काम बाबा कलवा पूरे करता है।पूरी जानकारी के लिए व्हाट्सएप 8194951381 पर संदेश भेज कर संपर्क किया जा सकता है।कृपया धैर्यवान व्यक्ति ही सम्पर्क करें ।

मन्त्र:-ॐ नमो आदेश गुरु को,काला कलवा मध की धार,
कलवा पौन चले ललकार, पल में दुश्मन मुक़ाए,जहाँ बुलाऊँ वहीँ पे आये,जहाँ मैं भेजूँ वहीं को जाए,सवा पहर में धुना चलाये , जलती लकड़ी चिता की राख। मेरा चलाया चले ,
मेरे गुरु का चलाया चले,मेरे रोकया रुके ,मेरे गुरु का रोकया रुके,इतना कारज ना करें । गुरुगोरख नाथ की आन,बाबे ईस्माइल जोगी की आन, दुहाई सैय्यद कमाल खान की। दुहाई लोना चमारी की,ना करे तो गुरघाती कहलाये।। आदेश आदेश आदेश।

कलुआ मसान (कालिया मसान,कालूवीर,काला वीर,काला कलवा)

कलुआ मसान (कालिया मसान,कालूवीर,काला वीर,काला कलवा) तंत्र मंत्र सिद्धि विधि----
यह साधना रात्रिकालीन 12 बजे से श्मशान में शुरू की जाती है।

साधक डरपोक नही होना चाहिये।भीरु कायर भी नही होना चाहिये।
किसी भयानक चेहरे अथवा किसी भयानक आवाज को सुनकर डर कर भागना नही चाहिए।
सामग्री--साधक को यह सभी सामग्री बाजार से लेनी चाहिये,,
एक मुर्गी का देशी अंडा
एक दारू देशी की बोतल
5 नींबू
50 ग्राम काले तिल
50 ग्राम राई
250 ग्राम सरसो का तेल
5 लौंग
1.25मीटर लाल कपड़ा
दिया
रुई की बाती
माचिस
चमेली या मोगरे का 50 ग्राम इतर (अत्तर, इत्र, अतर)
शमशान में गुरु को साथ ले जाये।।
जिनके गुरु नही है वो न करे।
यह सिद्धि शनिवार ,अमावस्या को सिद्ध की जाती है।
साधक चिता के चरणों मे बैठकर मध्य में कपड़ा विछाकर सभी सामग्री लगाय,,
फिर 101 बार महाकाली -महाकाली का नाम लेकर प्रत्येक नाम पर अंडे पर एक एक फूंक मारता जाए।इसके बाद अंडा (देशी) दोनों हाथ से उठाकर चिता के सिर पर रख दे और फिर मदिरा की धार दे। तब साधक को भयंकर आँधी जैसा लगेगा और चिता के सिर के तरफ एक बबूला दिखेगा साधक को उसमे 5 लौंग फेंकनी चाहिये,फिर काले तिल।।
तब जमीन उखडेगी और साधक को कलुआ मसान के दर्शन होंगे तब साधक मसान को इत्र चढ़ाए।नमस्कार करे और वचन ले।
तब वचन होने के बाद उससे उसकी कोई अस्थि मांगे जिससे आप उसको बुला सको,,तब आपको उसके हाँ कहते ही बबंडर में प्रवेश करना है तो कलुआ मसान भूमि में वापस चला जायेगा और जमीन पर जो अस्थि आपने मांगी होगी वह रह जायेगी,उस अस्थि को एकदम नही उठाना,उसको श्मशान के किसी भी बन्धन मन्त्र से बांध कर उठाना है,फिर सभी सामग्री चिता को अर्पण करके अस्थि को अपने साथ लेकर घर आ जाय।
घर प्रवेश से पूर्व नहाय।


फिर एक दिन रुक कर अगले दिन अस्थि हाथ मे लेकर वचनोनुसार कलुआ प्रेत बुलाय। यह शक्तिशाली प्रेत प्रकट हो जाएगा बन्द आँखो में और साधक के  सभी कार्य सम्पन्न करेगा।।
साधना से पूर्व पवित्रीकरण,वास्तु दोष पूजन,गुरु पूजन ,संकल्प,सुरक्षा मन्त्र अनिवार्य है।।

नौगजा पीर की साधना


***बिस्मिल्लारहमनरहीम ,घेरे पर घेरा तेइस सो पीर, संग में चले नौगजा पीर सैय्यद इब्राहिम, सैय्यद इब्राहिम नौगजा पीर कहाँ से आया मक़्क़ा मदीना से आया,सट्टे की घड़िया बांदता आये,दुश्मन की नाड़ियां बांधता आये,अपनी विद्या चलाता आये,भक्त के बुलाया चौकी चलाये,अस्सी कोसां दी खबर लिआये,बंद दरवाजेयां नु खोलदा आये,बन्नी नज़र नु खोलदा आये,भक्त दी बंदी खोलदा आये,अली-अली बोलदा आये,जे ना आये अपनी माँ दा दुध हराम करें, नौगजा पीर ना कहाये।पाकपट्टन के बाबा फरीद दी दुहाई,मौला अली दी दुहाई। तेरे  पीर दी दुहाई,पीराने पीर दी दुहाई,हाजर हो मेरे पीर बादशाह नौगजा पीर। सलाम सलाम सलाम।****
              ********साधना विधि।***********
नौ गजा पीर बड़े जाने-माने फकीर है और एक ऊंचा दर्जा रखते  हैं। इनके बहुत जगह पर स्थान है उनमें सहारनपुर और शाहबाद के दो स्थान प्रमुख हैं। इनका नाम सैय्यद इब्राहिम बताया जाता है और उनका कद नौ गज का था।यह एक सुलेमानी साधना है इस साधना में साधक को बाबा नौ गजा पीर दर्शन जरूर देते हैं और दस से पंद्रह दिनों में अनुभव होते हैं लेकिन परहेज को पूरी कड़ाई से मानना पड़ेगा एकांत में आपको एक साफ सुथरे कमरे का इंतजाम करना है,उसकी लिपाई पुताई कर के वहां अपने सिर को ढक कर साफ सुथरे हरे वस्त्र पहनकर हरा आसन लगाकर वज्रासन में बैठकर काले हक़ीक़ की माला से 21 माला रोज करनी है ।पश्चिम की और मुह करके एक लकड़ी की तख्ती पर हरा कपड़ा बिछाकर 2 चावलों की ढेरियां लगाकर उनपर दो चिराग एक देसी घी और एक सरषों के तेल का चलेगे हिना या ऊद के इत्तर का प्रयोग करना है और 15 दिनों तक खूब इत्तर लगाकर रखना पड़ेगा। लोबान की धूनी देनी है अगरबत्ती लगा के रखना है और एक जल का पात्र, 1 पान मीठा,2 सिगरेट,पांच बताशा, चूरमा के लड्डू सेंट ,पाँच बूंदी वाले लड्डु ,5 या 11 गुलाब के फूल लौंग इलायची ,खमनी(कलावा या मौली) का जोड़ा 5 सुपारी और मीठे चावलों का परशाद ,एक हरे रंग की पीर की चद्दर, यह सब कुछ रखना पड़ेगा। मैदानन को को बाहर 2 बूंदी वाले लड्डू 7लौंग 7इलायची 2खमनी 2सुपारी ) के साथ चौक पर देने है।उसके बाद ही यह साधना शुरू करनी है।फिर एक जोड़ा बूंदी वाले लड्डू भैरव जी को नमस्कार करके किसी भी आवारा कुत्ते को देकर साधना पूरी होने के लिए प्राथना करनी है। फिर पीर बाबा के मंत्र का जाप करना है 21 माला रोज़ाना और चद्दर और चिराग छोड़कर बाकी सामान को प्रतिदिन दूसरी सुबह उठकर चढ़ाए गए पूरे समान (चिराग छोड़कर)एक लिफाफे में डालकर जल प्रवाह कर देना है।
अधिक जानकारी के लिए व्हाट्सएप 8194951381 पे संदेश भेजकर संपर्क करें।
(((घेरे की पूर्णता आवश्यकता होगी बिना घेरे के और बिना गुरु के यह साधना ना करें इस साधना को अपने गुरु के निर्देशनमें करें।साधना के गहरे तथ्यों पर चर्चा करने के बाद ही ये साधना करें।))।

सैय्यद कमाल खान की साधना शीघ्र विवाह हेतु


*******।कमाल खां पीर की साधना।*****
यह साधना 41 दिन की साधना है और कई बार आजमाई जा चुकी साधना है यह साधना का प्रयोग कभी भी असफल नहीं जाता और हर बार कोई भी साधक हो यदि वह नियम से इसका जाप कर ले तो कभी भी उसको निराशा हाथ नहीं लगती जिनकी शादी नहीं होती उनके लिए साधना अमृत के समान है तो मैं साधना के विषय में कुछ आपको बताता हूं आगे नोट कीजिए।
किसी भी शुक्ल पक्ष के पहले बुधवार या वीरवार को यह साधना शुरू करनी है शुक्रवार को भी यह शुरू कर सकते हैं लेकिन यह इनसे सभी दिन नौचंदी होने चाहिए यानी कि जब शुक्ल पक्ष शुरू हो तब यह साधना की जाए उत्तम मुहूर्त देख कर किसी भी साफ कमरे में जिसमें कोई फालतू आता-जाता ना हो  उसमें ये साधना की जानी चाहिए इस मंत्र की 51 माला प्रतिदिन आपको जाप करनी है और इसमें लाल रंग का आसन रहेगा लाल ही आपके वस्त्र रहेंगे जो पूजन सामग्री है आगे फोटो चाहे आप किसी की रखे या ना रखे लोबान या धूप आगे चलते रहना चाहिए तब इस मंत्र का जाप करें और पश्चिम की ओर मुख रखना अपने अपना प्रसाद जो है सामने रख लेना बता सका और इधर आपने लगा के रखना है इधर चढ़ाना भी है और आपको इसके अनुभव कुछ दिनों में शुरू हो जाएंगे लेकिन अगर पीर आता है तो उससे कोई अनर्गल वार्ता ना करें कोई उल्टी-सीधी बात ना कहें आप सिर्फ यह ध्यान रखें कि आपने 42 दिन तक इस अनुष्ठान को पूरा करना है 40 दिन होते होते आपको शुभ समाचारों की प्राप्ति हो जाएगी।
****।विशेष।***
पहले  दिन जब आप साधना पर बैठोगे आपने ईश्वर को साक्षी मान कर में अपने कार्य को बोल कर एक नारियल के ऊपर पीले रंग का कपड़ा बांधकर उसके ऊपर कलावा( मौली )बांध के ₹ 51 जो है उसके साथ बांध देने हैं और जल से संकल्प करना उस नारियल को हाथ में लेकर की है ईश्वर मैं अमुक कार्य के हेतु इस मंत्र का अनुसंधान कर रहा हूं मेरे कार्य को संपन्न करें।
*****((रक्षा मन्त्र))****
आयतल कुर्सी कक्ष कुरान अग्गे पिच्छे तू रहमान तरह रखे खुदा सिर रखे सुलेमान दुहाई मौला अली की।
41 बार जाप के उपरांत 11 बार नए चाकू के ऊपर फूंक मार कर खुल्ला घेरा लगा कर पश्चिम की और मुख करके बैठना है।
***((।मन्त्र।))***
बिस्मिल्लाह रहमान रहीम,मखणो हाथी ज़र्द अम्बारी,
उस पर बैठी कव्वाल खान की सवारी ।
कमाल खान-कमाल खान एक मुगल पठान ,
बैठ चबूतरे पड़े कुरान हजार काम दुनिया के करें ।
एक काम मेरा ना करें तो एक लाख पीर पैगंबरों की दुहाई, मेरी भक्ति गुरु की शक्ति फुरो मंत्र ईश्वर वाचा।

तख़्ते सुलेमान का अमल

**********।(तख़्ते सुलेमान का अमल)।*********


"बिस्मिल्लारहमनरहीम ,सोने का तख्ता चांदी की जंजीर,
जिसपर चले सुलेमान पीर,अल्लाह ने भेजा फ़क़्क़र ने बुलाया, लाव लश्कर साथ में लाया,अल्लाह अल्लाह बोलता आया,साथ जिन्न और पारियां लाया,अर्श फर्श का हाल बताया।ना बताए तो अपनी मा का दूध हराम करे , दूहाई रसूल पाक की,दुहाई मौला अली की,दुहाई तेरे पीर की,मदद गौन्स पीर की या अली या नबी या अली ,ना आये तो आन तेरे तख़्त की" आन हसन हुसैन की।
 ****।(इस मन्त्र का जाप हिसार लगाकर ही करें)।****
दरमियान अमल चींटियों को परिंदो को और यतीमो को खाना दें हर रोज। फिर ये अमल हिसार करने के बाद ही करें।
सबसे पहले एक साफ कमरे का इंतजाम करें और उसकी सफाई करके उसे खुशबू से महका दें। पाक साफ होकर आधी रात को ये कलाम तहज्जुद की नमाज के बाद पड़नी हैं 1000 मर्तबा । मुसल्ले पर दो जानु बैठकर एक तेल का  चिराग़ जलाकर  इत्तर,2 मीठे पान,जिन्नों के लिए ख़शबु, मिठाई, सिगरेट भी दें,मोगरा के फूल और अगरबत्ती जलाएं।
इत्तर हिना या इत्तर ऊद प्रयोग करें पश्चिम की ओर मुह करके।
हिसार लगा कर काले हक़ीक़ की माला से 20 माला रात को 31 माला दिन में करनी है इसका 11 दिन में असर दिखेगा नमाज की पाबंदी है जी हराम की चीज़ों से परहेज़ करें।तर्क जमाली, तर्क जलाली करें।

कलवा वशीकरण।

जीवन में कभी कभी ऐसा समय आ जाता है कि जब न चाहते हुए भी आपको कुछ ऐसे काम करने पड़ जाते है जो आप कभी करना नही चाहते।   यहाँ मैं स्...