शेषनाग मन्त्र साधना।
कोई भी कोई भी मनोकामना ।
कोई भी रुका हुआ काम ।
गड़े हुए धन के उप्पर से नाग शक्ति का वास हटाना हो या शांत करना हो जो गड़े धन से संबंधित हो उसको इस साधना के द्वारा आप पूरा कर सकते हैं।
इस साधना से आप अपना तीसरा नेत्र भी खोल सकते है।
नाग शक्ति के क्रोध को शांत कर सकते हैं।
अगर भूल वश किसी नाग की हत्या हो गयी हो उसको भी शांत कर सकते है।
इसके अनुष्ठान कर लेने के उपरांत साधक को तीनों कालों का ज्ञान होता है और गड़ा हुआ धन निकालने में सक्षम हो जाता है जब कहीं गड़े हुए धन पर किसी नागशक्ति का पहरा लगा हो तो उस शक्ति के पहरे को हटाने में और शांत करने में सक्षम होगा।
गड़े हुए धन का साधक को इस साधना के संपन्न कर लेने के बाद शेषनाग भगवान द्वारा पताल के नीचे की निधियां सदृश्यमान हो जाती हैं
लेकिन ये बात याद रखें इस मंत्र की साधना की शुरुआत सिर्फ नागपंचमी या शिवरात्रि पर होती है।
प्रत्येक सोमवार को उपवास करें और एक एक बार मंत्र बोलते हुए शिवलिङ्ग पर सफेद पुष्प अर्पित करें। कुल 108बार।
यह एक गुप्त गुरमुखी और बहुत ज्यादा खतरनाक साधना है।
सभसे पहले अपने गुरु महाराज जी से रक्षा मंत्र लेकर उसे सिद्ध करें फिर ही इस साधना शुरू करें।
मेरा काम वास्तविक रूप में तन्त्र विद्या का प्रचार करना है इस लूप हो रही विद्या का प्रचार होकर सही लोगों तक पहुंचाना ही धेय है
(( आपके कर्मों का हिसाब ईश्वर को आपने देना है मेरे कर्मो का मुझे ))
आप जो बीजो गे वही आपको काटना होगा। ये एक अटल सत्य है।
अपने गुरु से बिना परामर्श किए इसे करने की चेष्टा ना करें और अपने हिसाब से इस साधना का तोड़ मरोड़ ना करें। वरना अपने परिणामों के उत्तरदायित्व स्वयं आप होंगे उसमें मेरा या मेरे चैनल का लेश मात्र भी उत्तर दायित्व नहीं होगा क्योंकि इस साधना में बहुत सारे नाग हकीकत में साधक के प्रति आकर्षित होकर आना शुरू हो जाते हैं इसलिए यह साधना सिर्फ धैर्य वाले साहस वाले व्यक्ति ही करें।
इस साधना को शुरू करने से पहले भगवान शिव का पूजन और व्रत 1 वर्ष पहले से ही शुरु कर देना चाहिए शिव के उपासक इस मंत्र से बहुत जल्दी लाभान्वित होते हैं।
आपको इस मंत्र का दस माला जाप प्रतिदिन करना होगा।
जाप माला रुद्राक्ष की हो
दिशा पूर्व।
आसन एवम लाल वस्त्रों का प्रयोग करें।
रात्रि को अपने सामने लकडी के बेजोट पर लाल वस्त्र बिछा कर उसपर हल्दी मिलाकर कच्चे चावल रखें और उन चावलों की ढेरी पर शिव लिंग स्थापित करें एक लोटे में जल भरकर रख दें।
वहां पर शुद्ध देसी घी का दीपक प्रज्वलित कर धूफ दें।
गाय के गोबर को जलाकर देशी घी का होम करें
फिर जाप से पहले मिट्टी के किसी पात्र में कच्चा गाय का दूध थोड़ी सी शक्कर और कच्चे चावल मिलाकर मिलाकर रखें ।
एक मुर्गी का अंडा चावल की लाई कुछ खुशबूदार सफेद फूल रखें और जाप करें
फिर एक टिक्की कपूर पर एक जोड़ा लौंग रख कर जला दें।
फिर दूध अंडा लाई सफेद फूल घर से बाहर की सांप की बाम्बी किसी निर्जन स्थान पर रख दें और चुपचाप घर में वापिस आकर भूमिपर सो जाएं।
सिर्फ एक सप्ताह में आप को स्वप्न में एवम जाप करते हुए अनुभव आने लग जाएंगे।
इस लिए यह साधना साहसी व्यक्ति को करनी चाहिए वह भी अपने गुरु के मार्गदर्शन में।
बिना मार्गदर्शन के मार्ग से भटक तो जाएंगे ही साथ ही साथ आपको किसी गंभीर संकट से ग्रस्त भी होना पड़ सकता है जीवन की सब कमीयां दूर हो सकती है धन की कमी 100% दूर हो सकती है।
लेकिन बिना मार्गदर्शन के यह साधना कभी ना करें कभी ना करें।
मन्त्र:-ॐ नमो आदेश गुरु को
ओङ्ग सोहं निर्मलजोति
हर गौरां का रूप
शब्द चले सुरति चले
शेषनाग भगवान चले
नव कुलि अवतार
आया शरण अब तार।
दुहाई माता गौरां पार्वती की।
दुहाई भोलेनाथ की।
सतनमो आदेश आदेश आदेश।