****।।अंक साधना।।****
आज के जीवन में धन की महिमा उतनी ही है जितनी समुद्र के लिए जल की। सभी के जीवन में अच्छा और बुरा समय आता है। जीवन में यह याद रखना चाहिए कि धन कमाने के लिए उल्टे सीधे तरीके नहीं आजमाने चाहिए।
क्योंकि जुआ सट्टा लाटरी इत्यादि की जब आदमी को लत लग जाती है तो आदमी को बर्बाद होने में देर नहीं लगती। लेकिन जीवन में कुछ समय ऐसा भी आ जाता है कि आदमी बेतहाशा रूप से कर्जे में फंस जाए। कोई बीमार हो जाए किसी की बीमारी पर बहुत ज्यादा पैसा लगा दिया जाए। तो घर तक बिकने की नौबत आ जाती है। उन सभी मित्रों के प्रति अपने मन में में संवेदना रखते हुए। आपको एक साधना बताने जा रहा हूं इस साधना का प्रयोग कभी भी खाली नहीं जाता।
आकस्मिक धन प्राप्ति या यकायक पैसा प्राप्त कर लेना राहु ग्रह के अधीन होता है और बहुत सारा कर्जा हो जाना मंगल ग्रह के खराब होने की पूरी पूरी निशानी होती है इसलिए अपनी कुंडली का विश्लेषण अपने ज्योतिषी से करवाएं और उसके संबंधित सभी उपाय पूरे करें क्योंकि जब आप एकदम से धन प्राप्त करने के लिए कोई साधना करेंगे तो राहु ग्रह के नीच या विपरीत होने के कारण आपको धन की प्राप्ति नहीं होगी इसलिए इस साधना को करने से पहले अपने राहु ग्रह को एक बार ज्योतिषी से मिल कर के उसके विषय में पूरी जानकारी और उपाय कर लेनी चाहिए।
राहु को शुभ करने के लिए कुत्तों की सेवा की जानी चाहिए शनि ग्रह बृहस्पति ग्रह के उपाय करने चाहिए और मंगल यदि आपका कमजोर है या नीच है या दोषपूर्ण है या विपरीत है तो उसके भी आपको उपाय करने चाहिए मांस शराब इत्यादि का सेवन नहीं करना चाहिए भोजन कभी भी बिस्तर पर बैठकर ना करें किसी को गाली ना बके इससे आपका राहु ग्रह कमजोर होगा और धन प्राप्ति के योग कम हो जाएंगे।
मंत्र साधना लेने से पहले गुरु का आशीर्वाद प्राप्त करें और उसको यथा योग्य सम्मान और यथाशक्ति दक्षिणा दें ताकि उनकी जो शक्तियां हैं वह भी आप पर कृपा करें।
।।साधना।
○किसी भी शुभ महूर्त से ये साधना शुरू करें। इस साधना के लिए घर में एकांत स्थान का चुनाव करें साधना के दौरान आपका मुख पूर्व दिशा की ओर रहेगा।
○ साधना से पहले घर के किसी एकांत स्थान पर जहां ना तो बहुत लोगों का आना जाना हो और ना ही जहां पर शोर-शराबा हो वहां पर पूर्व दिशा की ओर मुख करके आपको अपने सामने एक आम के लकड़ी से बने हुए पटरी के ऊपर सवा मीटर लाल कपड़ा बिछा देना है उस लाल कपड़े के ऊपर आपने भैरव जी की तस्वीर रखनी है और वहां कलश स्थापना करनी है उसको पत्र धूप दीप भैरव जी को समर्पित करना है।
○ये यह साधना पूरे 40 दिन की है। लेकिन आपको ये साधना 2-3 दिन अधिक ही करनी चाहिए।
○पूरे 40 दिन साधक को पूर्णतयः ब्रह्मचर्य और सयंम धारण करना होगा।
○साधना काल में साधक को अपना खाना खुद बनाना होगा। अपने कपड़े बर्तन को खुद ही साफ करना होंगे।
○साधना स्थल पर साधक आपने आगे दाएं हाथ को दीपक जलाए और अपने बायें तरफ जल का पात्र अवश्य रखें।
○साधना को गुप्त रूप से करें उसके बारे में किसी भी व्यक्ति से चर्चा न करें।
○जिस कक्ष में साधना करें उसमें साधना काल में आप के इलावा कोई और ना जाये।
○जाप का समय वो होना चाहिये जब कोई भी घर का सदस्य हल्ला गुल्ला न करे।
○अपने क्रोध लोभ मोह और काम विकार से दूर रहें।साधना काल में किसी से गली गलौज ना करें।
○भोजन शुद्ध सात्विक ही करें।
○जाप के समय धूफ दीप प्रज्वलित कर के बैठें।
○मन्त्र को पहले याद कर लें फिर रुद्राक्ष की माला से जाप करें।
○जाप से पहले गणेश गुरु एवं भगवान शिव का ध्यान करें।
○सरस्वती मन्त्र :- ॐ गुरु जी सुर बिन मिले ना सुरस्ती, गुरु बिन मिले ना ज्ञान, उठो माई सरस्वती। दीपक बत्ती बालो, तन मन ला के करो ध्यान,रक्षा करेंगे श्री नाथ भगवान।सिर पर पंजा गुरु उस्ताद का साबत रख ध्यान, आदेश आदेश आदेश।
उपरोक्त मन्त्र का जाप करना है 2 माला प्रतिदिन।
फिर दूसरे मन्त्र का 5 माला जाप करना है।
○ॐ गुरु जी काला भैरो कपले केश ,कन्नी मुंद्रा भगवा वेश,जिथे सिमरां जिथे याद करां भैरों जति हाज़िर खड़ा काला भैरों चिट्टा भैरों,भैरो चिटमचिट्टा खोल घड़ा, दे दड़ा ,चले मन्त्र फुरो वांचा देखूं भैरोंनाथ जति तेरे इल्म का तमाशा।
उपरोक्त मन्त्र को जिस प्रकार लिखा गया है उसी
प्रकार ही बोलना है।
देवता सामने आने पर जब तक जाप समाप्त ना हो
देवता से बिलकुल भी नही बोलना ।जाप पूरा होने
के बाद आप देवता को प्रणाम कर के
जो वर चाहे मांग सकते हैं।
**।।साधना के फल।।**
○ये साधना साधक के आज्ञा चक्र को जाग्रत करती है।
○भविष्य में होने वाली घटनाओं का साधक को पहले से ही ज्ञान हो जाता है।
○प्रतिदिन पांच मीठी रोटियां कुत्तों को अवश्य खिलाएं
○इस साधना में साधक को दड़ा सट्टा लॉटरी के नंबर प्राप्त होते है।
○साधना पूरा होने से पहले सट्टा लगाना य्य किसी को बताना मना है।
○अगर साधक अपनी साधना के अनुभव किसी से बताता है तो साधक की सिद्धि खंडित हो जाती है।फिर वापिस साधना करनी पड़ती है।
○सट्टे से प्राप्त धन के 50% धन को किसी अच्छे काम में लगा देना चाहिए।
○सिद्धि प्राप्त होने के बाद भी साधक को 5 माला प्रतिदिन नियम पूर्वक निर्धारित समय और स्थान पर जप करना चाहिए।
○होली दीपावली या किसी भी पर्व पर यत्नपूर्वक जाप करके होम एवं देवता को भेंट देनी चाहिए।