हनुमान की हाजिरी तंत्र की वापिसी के लिए।
*" ॐ नमो आदेश गुरु का आसन मारू सिंघासन मारू,
मारू नौ लाख तीर तोहि मारू तेरे गुरु को मारू जईये कौन दिशा कौन दुआरा,उड़ंत गढ़ंत जोगनी मारू त्रेसठ कलुआ चौसठ वीर, पलट मशान उल्टी खटिया मरघट को जाय,उलट बाण पलट मूठ मारू ,जे करे ते मरे उलट बिद्या ताहि के सिर पढ़े वीर हनुमान की आन "।
मंगलवार रात्रि 11 बजे को स्नान आदि से निवर्त होकर
एकांत में हनुमान जी की प्रतिमा या तस्वीर के सामने जल,फूल ,फल,पान ,मिठाई से सामान्य पूजन करें उसके बाद एक साफ पीपल के पत्ते पर जै सियाराम कुमकुम, लाल चंदन या सिंदूर से लिखकर उसपे दो बूंदी वाले लड्डू सिन्दूर लगाकर रखने है और एक जोड़ा सबूत लौंग का रखना है फिर 108 बार अगर क्षमता हो अधिक 5 माला भी कर सकते है।जाप के उपरांत ये समान लेकर उजाड़ में जाकर रखना है जी और कपूर की एक टिकिया भी जलानी है साथ में
ये किर्या आपको प्रति मंगलवार को ३ बार करनी है जी।
और साधना में हनुमानजी की साधना विषयक सभी नियमो को मानते हुए २१ दिनो तक इस पाठ को लगातार प्रतिदिन करना लेकिन सिर्फ प्रतेक मंगलवार को आपने ये सामान देना है ।इस प्रकार से ये मन्त्र आपको सिद्ध हो जाएगा सिद्ध होने के बाद आपको जब भी आपको किसी के ऊपर से उतारा करना हो तो काले तिल,काली सरसों, काली राई इन तीनो को मिलाकर इक्कीस बार पड़ क्कर फूक मारना है और रोगी या अभिचार ग्रसित व्यक्ति के ऊपर से ७ बार उल्टा उतारा कर अग्नि में झोंक दें सभी अभिचारण एव बाधाएं इस से नष्ट हो जाएगी।
इस साधना को शुरू करने से पहले अपने गुरु उस्ताद की आज्ञा ले लें और अधिक जानकारी के लिए हमारे व्हाट्सएप 8194951381 के ऊपर संदेश भेज कर सम्पर्क किया जा सकता है।
बुधवार, 5 जून 2019
हनुमान की हाजिरी तंत्र की वापिसी के लिए।
कलवा वशीकरण।
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