मंगलवार, 29 अक्तूबर 2019

सिद्धि ख़्वाजा जिन्दा पीर

                  ।।ख्वाज़ा पीर साधना।।


                   पूरी जानकारी के लिए इस लेख को कृपया पूरा पढ़ें और अपने धैर्य का परिचय दें।

○सुलेमानी साधना में यह साधना सर्वोपरि साधना है और उच्च कोटि की साधना मानी जाती है वैसे तो ख्वाज़ाओं की संख्या बाईस सौ मानी जाती है।

○लेकिन हज़रत ख्वाज़ा मोहियोदीन रह0 को ख्वाज़ा जिंदा पीर या झूले लाल की संघ्या भी दी जाती है।

○ इस साधना के सफल होने के साथ जब साधक को ख्वाजा पीर की सिद्धि प्राप्त होती है उसके साथ-साथ जल मसानी भी उनके साथ साथ प्रसन्न हो जाती है जल मसानी साधक के सारे कार्य करने लगती है।

○जिस साधक ने ख्वाजा पीर की साधना कर ली यह समझ लो कि वह सुलेमानी साधनाओं का बादशाह बन जाता है। उसे कोई भी तांत्रिक किसी भी तंत्र मंत्र से कष्ट नही पहुंचा सकता।

○इस साधना के बाद साधक द्वारा किसी भी याचक की असाध्य बीमारी को ठीक कर सकता है।

○तीनों कालों का ज्ञान हो जाना, बड़े से बड़ा रुका हुआ काम हाजिरी डालते ही बन जाना, आम सी बात है और यह साधना कभी भी खाली नहीं जाती।

○यह साधना प्राय यह साधना कुएं के किनारे की जाती थी दरिया के किनारे या तालाब के किनारे की जाती थी लेकिन ये साधना किसी नहर के किनारे या बारह महीने चलने वाले साफ पानी के किनारे भी की जा सकती है।

○ इस जल के देवता को सर्वोच्च देवता होने अधिकार प्राप्त है क्योंकि आप जो भी पाठ पूजा करें उसकी शुरुआत और अंत पानी से ही होता है और हम कोई भी कार्य करते हैं तो अंत में जल पर ही वह कार्य खत्म होता है।

○ जिसके ऊपर ख्वाजा खुश हो जाए जो अपनी साधना से और भक्ति से उन्हें मना ले दूसरे देवता भी उस पर अपने आप खुश हो जाते हैं अगर वह साधक दूसरे देवता के निमित्त ख्वाजा जी को अर्जी लगा दे तो वह देवता पल में हाजिर हो जाता है।

○ लेकिन यह साधना बहुत ही कड़ी साधना है और यह वही साधक कर सकते हैं जोकि बहुत निष्ठावान और धैर्यवान है जल्दी बाजी वाले साधक इस साधना को नहीं कर सकते।

○ जल्दी बाजी वाले लोग साधना को साधना नहीं एक एग्रीमेंट मानते हैं और सिर्फ टाइम पूरा करने के लिए कोई काम करते हैं असल में ईष्ट के साथ आपके मन का मिल जाना और खुश होकर के इष्ट का आना एक बहुत अच्छा संकेत होता है कि आपके जीवन में बहुत कुछ अच्छा होने वाला है लेकिन जल्दी बाजी वाले लोग सिर्फ समय पूरा करने के साथ अपने आपको अपने गुरु को अपने मंत्र को और अपने इष्ट को कोसते रहते हैं।

○ मैंने एक साल पहले किसी साधक से यह साधना करवाई थी वह थोड़ा जल्दी बाजी वाला साधक था धैर्य की कमी थी ।साधना संपन्न होने ही वाली थी तो उसका धैर्य जवाब दे गया और साधना छोड़ दी लेकिन उस साधना का फल उस साधक को डेढ़ महीने बाद प्राप्त हुआ पहले तो वह साधक मुझसे कुछ नाराज हो चुका था लेकिन जब उनके सपनें में पीर साहब आए तो उसका सारे के सारा गुस्सा धरा रह गया।

○ जबतक साधक की बातिनी आंख नहीं खुली होती और साधक साधना करने में लग जाता है वह साधना तो करता है लेकिन जब ईष्ट का आगमन होता है उससे दिखाई नहीं देता तो इसलिए साधक यह मान बैठता है कि उसकी साधना फेल हो गई सबसे पहले अपने गुरु की सेवा करें ईष्ट की सेवा करें और अपने शरीर में आध्यात्मिक ऊर्जा का संचार होने दे।

○अपने गुरु से प्राप्त ज्ञान द्वारा कुंडलिनी साधना शुरू करें जब कुंडलिनी साधना संपन्न हो जाए और मूलाधार से लेकर आज्ञा चक्र खुल जाए तब कोई साधना करें यह मेरी शत-प्रतिशत प्रमाणित बात है की पहली ही बार में देवता आपके समक्ष आ जाए।

○दूसरी बात जो बहुत कीमती है नए साधकों के लिए वह यह बात है कि आप कभी भी जल्दबाजी ना कीजिए आध्यात्मिक मार्ग में किसी को जल्दी फल की प्राप्त होती हैं तो किसी को अधिक समय लगता है एक गुप्त पेच और बताने जा रहा हूं आपको कि जिस आदमी के घर के पित्र बिगड़े हो देवता बिगड़े हो कुलदेवी बिगड़ी हो यहां किसी हवा का साया हो या कोई तंत्र बाधा की गई हो उस साधक को सिद्धि प्राप्ति करने में बहुत कठिनता आती है जब तक वह आदमी इन बाधाओं से मुक्त नहीं होता उसे सिद्धि प्राप्त नहीं होगी।

○ कई बार हम कोई उच्च कोटि की साधना करने लग जाते हैं सामान भी इकट्ठा कर लेते हैं और अनुष्ठान शुरू कर लेते हैं अगर इस विषय मे किसी को बोल देते हैं तो फिर वह साधना फेल हो जाती है।

○ जिस स्तर की यह साधना में आपको दे रहा हूं अगर कोई साधक सही तरीके से इसको कर ले तो मुझे लगता है कि जिज्ञासा के अलावा दूसरा कोई ऐसा कारण नहीं होगा कि वह साधक कोई अन्य साधना करें।

○ इस साधना के समय बहुत सारे डरावने अनुभवों का सामना करना पड़ता है हिंसक पशु वह चाहे वास्तविक रूप से वहां हो या ना हो कोई बीमारी किसी भी रूप में साधना काल में आपकी साधना को खंडित करने हेतु क्षणिक रूप से हो जाती है सिर्फ साधक को परेशान करती है जाप के अगर हिसार या घेरा ना लगाया जाए तो साधक के पागल तक होने की संभावना होती है।

○ इस साधना में शूद्र शक्तियां साधक के पास बहुत जल्दी आकर्षित होकर आ जाती हैं लेकिन गुरु के अलावा यह कोई नहीं बता सकता वह सामने वाली शक्ति शूद्र है या पूरा देवता है यही कुछ दाव पेच हैं जो नए साधकों को उनके गुरुओ द्वारा ही प्राप्त हो सकते हैं।

○ यह साधना पुराने समय में बहुत गुप्त ढंग से जलाशय के किनारे अर्ध रात्रि में स्नान इत्यादि से निवृत्त होकर के की जाती थी और इसी के बारे बारे में मैं आपको आगे विस्तृत जानकारी दूंगा।

○जो ऐसी गुप्त साधनाएं होती हैं उनमें दलिया से लेकर बकरे तक का भोग लगता है सात्विक रूप से अगर आप इसे करते हो तो आपके घर में धन-धान्य की कमी नहीं रहती अगर इस साधना को आप तामसिक तरीके करते है तो रूहानी ताकत की कमी नहीं रहती।

○पुराने समय में जब यह साधना ही की जाती थी तो ऊंचे स्थान पर बैठकर सामने एक जल पात्र में जल भरकर रख लिया जाता था और जब ख्वाजा जी का आवाहन किया जाता था तो वहां पर उस जल पात्र से हैरानी जनक रूप से कहां से इतना पानी आ जाता था कि सब कुछ बाढ़ की हो जाता था ।

○विडंबना की बात है आज जो भी साधना की जाती हैं वह खाली एक औपचारिकता के लिए साधना की जाती है वास्तविक मूल्य साधनों ने खो दिए हैं जब आप वास्तविक रुप से साधना के सभी नियमों को नहीं मानेंगे तो आपको शक्ति किस प्रकार प्राप्त हो सकती है।

○ मां पितांबरा की साधना की तरह यह साधना भी इतनी शक्तिशाली है कि अगर साधक के ऊपर किसी भी तरह के कानूनी मसले चल रहे हैं तो यह साधना उन कानूनी मसलों को साधक के पक्ष में पूरी तरह पलटा देने में सक्षम है ।

○किसी भी पाप और पुण्य को उदय होने के लिए समय चाहिए होता है उसी तरह साधना के पुण्य को हो उदय होने के लिए भी समय चाहिए होता है जब आपको देवता का प्रत्यक्षीकरण हो जाए और आपको सिद्धि प्राप्त हो जाए तो कोई ऐसा कार्य नहीं है जो आप ना कर सके।

○ साधना काल में साधक को संसार से संपर्क और लगाव तोड़ कर रखना होता है उस में प्रयुक्त होने वाली प्रत्येक सामग्री को पहले से ही सहेज कर रखना होता है ।

○ किसी भी साधना को पक्के रुप से सिद्ध करने के लिए 40 दिन का समय लगता है उससे कम समय में पूरी तरह से सिद्धि प्राप्त हो पाना संभव नहीं है कई बार ऐसा भी देखा गया है कि एक ही देवता के चिल्ले को एक से अधिक बार भी करना पड़ता है तब जाकर साधक को इष्ट की प्राप्ति होती है।

○ क्योंकि इसमें भेद है ख्वाजा जिंदा पीर या झूलेलाल एक देवता है जिन्हें साधारण भाषा में जल देवता बोला जाता है छुद्र शक्तियां कुछ समय में आपके पास आ सकते हैं लेकिन इतनी ही निष्ठा के साथ उनको भी सिद्ध करना होता है।

○ साधक को अपने और ईष्ट में एक रिश्ता कायम करना होता है देवता पहले साधक की पूरी तरह से परीक्षा लेता है फिर ही उसे प्रत्यक्षीकरण का फल प्राप्त होता है।

○ क्योंकि मेरे पास ऐसे बहुत सारे साधक आते हैं जिनमें शूद्र शक्तियां प्राप्त कर लेते हैं और वह शूद्र शक्तियां जितनी जल्दी साधक के पास आते हैं उससे ज्यादा स्पीड में वह साधक से दूर चली जाती हैं।

○ ख्वाजा जी की साधना विलक्षण है सभी जंत्र मंत्र जादू टोना को रोकने में यह पूरी तरह सक्षम है पलटा देने में पूरी तरह सक्षम है भूत प्रेत, दैत्य दानव ,जिन्न ख़बीस मरी मसानी किसी भी तरह की दुष्ट आत्मा को रोकने के लिए इनसे ऊपर कोई पीर नहीं है।

○इसलिए इतना विस्तार पूर्वक समझाता हूं ताकि आपको कहीं भटकने की आवश्यकता ना हो और आपके अंदर एक पूर्ण धारणा का निर्माण हो और वह भी सही धारणा का मुझे पता है मेरे लेखों को बहुत सारे सर्वोच्च कोटि के विद्वान लोग भी पढ़ते हैं तो जब तक मैं पूरी तरह से अपने विचार आपके सामने नहीं रखूंगा तब तक आप लोगों को यह पता नहीं लगेगा किस विषय का आधार क्या है।

○जिस साधक ने कोई व्यवहारिक मार्ग नहीं देखा और छोटी सी सिद्धि प्राप्त हो जाने के बाद वह अपने आप को अलादीन के चिराग का मालिक समझ बैठता है वह चिराग जाने में बहुत अधिक समय नहीं लगता क्योंकि शक्तियां आपके पास आती हैं तो आप की लगन और मेहनत देखकर, चली जाती हैं आपकी मूर्खता और आपकी अपात्रता को देखकर।

○ साधना में कड़ी शर्तों का पालन किया जाता है जैसे की जमीन पर सोना ब्रह्मचर्य का पालन करना ना किसी से मिलना है अपना खाना खुद बनाना है अपने वस्त्र और जूठे बर्तन खुद साफ करने हैं और किसी के घर नहीं जाना अगर मजबूरी में जाना पड़े तो वहां का पानी नहीं पीना और खाना नहीं खाना यह कुछ ऐसे नियम है जिन पर आपकी सिद्धियां चिरस्थाई हो जाती हैं अगर इन नियमों का पालन आप करते हैं।

○ जो भी साधना ही मैं आपको देता हूं वह सभी अनुभूत साधनाएं होते हैं और कभी भी कोई साधक यह कुचेष्टा ना करें कि मैं इस साधना को अजमा लूं ऐसी मंशा से इन साधना को कभी नहीं करना चाहिए क्योंकि यह कल्याण की जगह हानि करती हैं।

○ जिन साधकों ने यह साधनाएं की थी उनके पास अपार शक्ति थी अपने मन में कभी यह लेकर नहीं आना चाहिए कि शायद कहीं से उठाया और सुना और लिख दिया और हम को दे दिया हर आदमी के जीने का तरीका अलग होता है संस्कार अलग होते हैं ऐसी बड़ी बड़ी साधनाएं सिर्फ उन साधकों के लिए होती हैं जो कि दीन दुनिया से अपने आप को हटाकर साधना पथ पर आगे बढ़ते रहते हैं।

○अब बहुत अधिक बातें ना करता हुआ मैं इस विषय की तरफ बढ़ूँगा और बताऊंगा आपको इस साधना के विषय में।

○ यह साधना करने से पहले आपको अपने गुरु से अनुमति प्राप्त करनी होगी उनसे गुरु मंत्र प्राप्त करना होगा और अपने घर के देवता पित्र नगर खेड़ा इनको मनाना होगा।

○ यह साधना 41 दिन तक लगातार की जाती है और इसे बीच में छोड़ा नहीं जाता।

○ साधना काल में सफेद वस्त्रों का प्रयोग होता है और कुछ संप्रदायों के हिसाब से काले वस्तुओं का भी प्रयोग होता है अधिकतर प्रयोगों में श्वेत वस्त्र ही प्रयोग किए जाते हैं।

○ प्रति रात्रि 10:30 बजे के बाद यह साधना शुरू की जाती है और इस साधना को मध्यरात्रि के बाद 2:00 से 2:30 तक सुबह तक किया जाता है।

○ कुछ साधनाओं में छाती तक पानी में खड़ा होकर, कुछ साधनाओं में पानी में पांव लटका कर यह साधनाएं की जाती हैं लेकिन इसमें आपको जल के किनारे अल्थी पल्थी मार कर बैठना है।

○ इस साधना को बिना घेरा लगाइए हिसार किए कभी नहीं करना चाहिए क्योंकि इसमें खतरा बहुत होता है इसलिए सबसे पहले आपको अपनी रक्षा का प्रबंध करना होता है।

○ रक्षा मंत्र से एक खुला घेरा बनाना है और सारा सामान जो भी आप साथ लेकर चलोगे उसे उसे खुले घेरे में रख देना है उसके बाद आपको 4 मुंह वाला दीया सरसों के तेल का जलाना है और एक 1 मुंह वाला दीया देसी घी का जलाना है लोबान और अगरबत्ती सुलगती रहनी चाहिए।

○ देसी गुलाब के ताजे फूल पांच पीस जोड़ा सेंट दो बूंदी वाले लड्डू जुड़ा साबुत सुपारी सात पीस लौग सात छोटी इलायची एक जोड़ा खमनी,दो पीस बर्फी,सात बतासे,दो मीठे पान,दो सिगरेट,थोड़े से पके हुए मीठे चावल अपने साथ ले जाने हैं असन कंबल का लग जाए तो बहुत अच्छा होगा।

○ तकरीबन 10:30 बजे रात्रि में साफ चलते हुए पानी के किनारे पश्चिम दिशा की ओर मुंह करके आपको बैठना है और सबसे पहले सारा सामान उस घेरे में लेकर एक बड़ा सा घेरा लगाना है।

○ घेरा लगाने के बाद आसन बिछाने के बाद आसन का मंत्र पढ़कर फिर आसन पर बैठना है। आर फिर दाएं हाथ में काले रंग के हकीक की माला लेकर के जिसमें 108 दाने हो यह जाप शुरू करना है और शुद्ध एकाग्र मन से आपको 11 माला यह जाप करना है।

○ प्रतिदिन समय और स्थान वही रहेगा ना तो आप समय बदल सकते हो ना स्थान बदल सकते हो यह इस साधना का पहला नियम है।

○ जब भी कोई अनुभूति हो या आसपास किसी के होने का आपको महसूस होना शुरू हो जाए तो समझ लीजिए आपकी साधना सफल जा रही है अपने घर से रात्रि को जाते हुए और वापस घर पर आते हुए ना तो किसी को बुलाना है और ना ही किसी को उसकी प्रश्न का उत्तर देना है चुपचाप जाना है और चुपचाप आ जाना है।

○ इस साधना में एक सेवक को आप साथ में ले जा सकते हैं लेकिन उससे बातचीत नहीं कर सकते तात्पर्य यह होगा कि वह आपके सामान को उठाकर आपके लिए ले जा सकता है लेकिन जाप के समय उसे वापस हटना पड़ेगा और आपके पास नहीं बैठ सकता ना आपको वह बुला सकता है ना आप उसको लेकिन मेरे हिसाब से अकेले जाना सबसे उत्तम होगा।

○ इस साधना में मांस मछली शराब अंडा गोश्त किसी भी तरह की मांसाहारी वस्तु का सेवन पूर्णतया वर्जित है और ब्रह्मचर्य की शर्त शर्त पहली शर्त है।

○ जो मंत्र में आपको देने जा रहा हूं यह मंत्र तक गुप्त था और किसी ने भी इसका प्रकाश नहीं किया था अब कुछ सज्जन पर चले तो मंत्रों पर ही भरोसा करते हैं वह निंदक किसी भी मंत्र पर भरोसा करें मुझे उससे कुछ लेना नहीं लेकिन जो मेरी बात समझने वाले हैं उनको मैं यह मंत्र देने जा रहा हूं क्योंकि मुझे तर्क वितर्क में नहीं पड़ना मुझे जो आप लोगों तक ज्ञान पहुंचाना है वह तो मैं पहुंचा ही दूंगा इसीलिए मेरे लिए थोड़े लंबे हो जाते हैं और लेख की लिखी हुई इन्हीं बातों में उस साधना के सफलता के राज छिपे होते हैं।

○ सबसे पहले गुरु महाराज का मंत्र आपको एक माला करना है फिर गणेश जी का जाप करना है फिर आपको निम्नलिखित प्रयोग करना है।

○ इस मंत्र को आसन पर बैठकर सबसे पहले 108 बार पढ़ना है फिर अपने शरीर पर दम कर लेना है।

○मन्त्र:-ओम नमो आदेश गुरु को।अजरी बांधु बजरी बाँधू बाँधू दसई द्वार। आन पड़ी हनुमान की रक्षा राम की कार।पहली चौकी गज गणपति जी की।दूजी चौकी विकट वीर हनुमान।तीसरी चौकी भूमिया भैरव।चौथी नरसिंह की आन । जो इन्हीं चौकी को लांघे ,तुरंत ही धूल भस्म हो जावे, दुश्मन बैरी जो कोई करें, उल्टा वाही पर उल्टा पडे, मंत्र सांचा पिंड काचा,फुरो मंत्र गोरख वाचा।।

○फिर निम्नलिखित मंत्र से  हकीक की माला लेकर 11 माला जाप करना है निर्विघ्न।

○मन्त्र:- बिस्मिल्लाह रहमान रहीम अल्हमद के या खुले आलमीन औज़बिल्लाहमिनशैतानरज़ीम जल में समाये ख्वाजा सखी सर्वर सुलतान पीर मैं ख्वाज़ा दा बालका ख्वाजा मेरा पीर बंदिया बंध  छुड़ा दे मेरा ख्वाजा जिंदा पीर खाकी चले नूरी चले चले पंज़ो पीर ख्वाजा मेरा काम करे वसीला दस्तगीर बरहक कलमा लाइलाहा मोहम्मद या रसूल अल्लाह।

○जाप के पूरा होने के बाद आपको नमस्कार करना है और ख्वाजा जी को हाजिरी डालनी है जो मीठे चावल आप अपने साथ ले गए हैं उनको आपने पानी में छोड़ देना है।

○ कच्ची और पक्की दोनों तरह की हाजिरी जो मैंने पिछले वीडियो में आपको बता दी है इसमें हाजिरी पक्की डाली जाती है और उसकी कलाम मैंने पहले वीडियो में डाली है लेकिन नीचे भी मैं दे रहा हूं कलाम यह है ।

बिस्मिल्लाह रहमान रहीम ख्वाजा खिज्र जिंदा पीर पिदर मादर दस्तगीर सिद्धनाथां दा सरदार कचियाँ पक्कीयां कढ़ाईयां तेरे नाम।

○ दो-तीन दिन में आपको इस मंत्र के जाप करने से अजीब तरह की अनुभूतियां होने लग जाएगी और बहुत बड़े बड़े काले रंग के शैतान आपको आपकी तरफ आते हुए दिखेंगे कभी भैंसे के रूप में या बेल के रूप में आपकी ओर आते हुए दिखेंगे आर और सांप काले के आपकी तरफ आते हुए देखेंगे बहुत सी ऐसी अनुभूतियां होंगी जिनको देखकर साधक को डरना नहीं चाहिए वह सभी कुछ मन का भ्रम होता है वास्तविक रूप से वह कुछ नहीं होता यह सिर्फ माया होती है।

○ और कुछ समय के बाद यह माया अपने आप ही नष्ट हो जाती है कुछ दिन तक साधक को यह माया भ्रमित करती है कभी सुंदर स्त्रियां साधक को परेशान करती हैं और उसको पथभ्रष्ट करने की कोशिश करते हैं लेकिन सबसे बड़ी दो बातें होती हैं अगर आप घेरा लगाना भूल गए या आप किसी के हाथ से कोई पानी पी लिया या कोई ऐसी चीज खाली  तो भोजन दोष होकर यह साधना खंडित होने का डर रहता है।

○ बाबाजी के दूत जो बड़े बड़े शैतान होते हैं परियां जो भयानक चुड़ैलों सा रूप बनाकर और जल मसानी भी आदमी को भ्रमित करने की कोशिश करते हैं अगर साधक इन के मकड़जाल में नहीं फस्ता तो धीरे-धीरे साधक को सिद्धि प्राप्त होने के योग और भी प्रबल हो जाते हैं।
○ यह तमाशा देवी शक्तियां आदर्श रूप से देखती हैं और जब साधक निडर होकर के साधना करता है तो धीरे-धीरे पीर साहब भी वहां पर चक्कर मारना शुरू कर देते हैं फिर एक रूहानी करिश्मा का ना रुकने वाला सिलसिला शुरू हो जाता है।
○ जो साधक पूरी तरह संयम और अपने नफस के ऊपर कंट्रोल रखता है वही साधक इस साधना को पूरा कर सकता है यह एक कंपलीट साधना में आपको बता रहा हूं इसलिए इसमें लेख लंबा है और वीडियो भी लंबी होने वाली है।
○ साधना के प्रभाव से आपके सभी काम बाईसवे रोज़ से बनने लग जाएंगे और हो सकता है कि दिन दुनिया के चक्कर में आप साधना करना छोड़ दें क्योंकि फिर दुनिया आपके पीछे लग जाएगी अगर आप तब भी इसको नहीं छोड़ोगे और कायदे से करते रहोगे तो आप जीवन में जिसके लिए जो भी मांगोगे वह पूरा हो जाएगा।

○ एक बार की साधना में आप अगर सफल हो जाते हैं तो दुनिया की कोई भी ताकत आपके आप से बाहर नहीं होगी किसी भी काम को झट से कर देना आपके बाएं हाथ का खेल हो जाएगा कोट कचहरी के छोटे से लेकर बड़े केस व्यापार में आए हुए बड़े बड़े घाटे बड़ी-बड़ी बंदिशें तोड़ना आपके लिए कोई बहुत भारी बात नहीं होगी लेकिन इस शक्ति को सहेज कर रखा जाए तो ही अच्छा है।
○ इस लेख को पूरा करने के लिए मुझे मैं बहुत मेहनत करनी पड़ी है और मेहनत करके मैंने इसलिए को जानकारी से भरपूर बनाने की कोशिश की है फिर भी यह साधनाएं गुरु परंपरा से ही चले तो अच्छी बात है लेकिन आग्रह वश और साधकों के बहुत ज्यादा गुज़ारिश के बाद मैं यह साधना आपको दे रहा हूं फिर भी अगर कोई कमी रह जाए तो आप मुझसे संपर्क कर सकते हैं।

○कृपया मुझसे जब आप संपर्क करें थोड़ा धैर्य के साथ संपर्क करें क्योंकि बहुत सारी अनुष्ठानों के चलते एकदम से जवाब दे पाना मेरे लिए संभव नहीं हो पाता और असमय फोन उठाना तो बिल्कुल ही संभव नहीं हो पाता क्योंकि सुबह शाम साधनाएं चलती हैं तो दोपहर के समय आप 11:00 से 1:00 तक मुझे व्हाट्सएप द्वारा पहले पूर्ण विवरण के साथ अपनी समस्या लिखें और थोड़ा धैर्य से प्रतीक्षा करें ताकि मैं आपसे संपर्क स्थापित कर सकूं।

○और आगे मैं आपके लिए बहुत सारी साधना ही लाने के लिए तत्पर हूं आज तैयारियां कर रहा हूं बहुत सारी और जानकारियों से भरपूर साधनाएं लाने की।

गुरुवार, 24 अक्तूबर 2019

।।काली मन्त्र द्वारा हाज़िरात सिद्धि

          ।।काली माता के हाज़िरात की सिद्धि।।
दोस्तों इस साधना से आप किसी भी प्रकार की किसी भी वस्तु को, किसी खोए हुए को, भागे हुए को देख सकते हो कि वह जीवित है या नहीं किस अवस्था में है कुछ चोरी हो गया है तो यह भी यह चीजें बता देती है यह बहुत जबरदस्त हजरात है और जब यह हजरत आता है तो बहुत सी चीजों का रहस्य खुल जाता है ऐसी कौन सी गरज है जो हाज़िरात से सिद्ध ना हो दिव्यदृष्टि की क्षणिक हाजिरी को हाज़िरात कहा जाता है और इस हाज़िरत से किसी भी वस्तु को देखने की इच्छा पूरी हो जाती है । हिंदू तंत्र शास्त्र में काली मां के मंत्र द्वारा एवम अन्य देवताओं के मंत्र द्वारा भी किया जाता है यहाँ मैं आपको माँ काली के मंत्र द्वारा हाजरात करना बता रहा हूं जोकि बहुत ही आसान बहुत ही शक्तिशाली है।
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○किसी भी पुस्तक में दी गई साधना झूठी नही होती अपितु वास्तव में वो साधना गुरु मुखसे प्राप्त होने पर ही सफल होती है।कुछ लोग सिर्फ आज़माने या बहुत अधिक चालाकी से ये साधनायें गुरु मुखसे लेने की जगह किताब या इंटरनेट से पढ़कर बिना विचारे ही कर लेते है फिर सफलता कैसी ? उत्तरदायित्व किसका ?

○किसी भी साधना को करने से पहले अपने पितृदेवता कुलदेवता और ग्राम देवता ना भूलें।

○तंत्र क्षेत्र में आने से पहले गुरु धारण करें । फिर उन्ही गुरु जी के सानिध्य में तंत्र साहित्य का अध्ययन करें।फिर व्यवहारिक ज्ञान प्राप्त करें उसके बाद ही कोई साधना करें।

○गुरु की आज्ञानुसार ही साधना करें और उनका उचितानुचित मान सम्मान करें। आज कल ये दौर है कि स्वार्थी लोग मतलब निकलने के बाद अपने गुरु को ही नीचा दिखाना शुरू कर देते है वो अपनी इसी चालाकी में अपनी आगे की पात्रता खो देते है।

○हाज़िरत के इतना जबरदस्त होता है कि हज़ारो किलोमीटर दूर भी सही और सटीक जानकारी दे देता है।और किसी भी खोये हुए व्यक्ति के बारे में बता सकता है।

○ इस हजरत की सिद्धि प्राप्त करने के लिए आपको 21 दिन का अनुष्ठान करना होगा ।

○इस साधना को मन क्रम और वचन से पूरे ब्रह्मचर्य से संयमित रहना होगा।

○ यह पूरे साधना 21 दिन की है इस साधना को बीच में अधुरा नही छोड़ा जा सकता।

○मुस्लिम साधनाओं मैं कलामें और तावीज़ के इलावा जिन्न परी हाज़िरी और हाज़िरत ये चार मुख्य शक्तियां हैं।
○सबसे पहले एक एकांत साफ सुथरे कमरे का प्रबंध करें जिसमे आपके इलावा कोई ना आ सके।

○फिर पूर्वाभिमुख होकर आपको एक आम की लकड़ी के पटरे पर गणेश गुरु के पूजन के बाद माता काली का आवाहन स्थापन एवं सामान्य पूजन करना है।

○फिर नित्य प्रति आपको निम्न मंत्र का 1100 बार रोज़ाना 21 दिनों तक जाप करना है।

○पहले दिन माता को साक्षी मान कर संकल्प लें।

○11 गुलाब के फूल गुलाब का सेंट प्रयोग करें।

○भोग में लड्डु पेड़ा बर्फी पान बतासे लौंग इलायची मिश्री मेवा का भोग लगाना है।

○साधना काल में पूरे समय एक सरसों के तेल का दीया जलता रहेगा और जाप के समय आपको वहाँ देसी घी का दीपक जलाकर और धूफ सुलगाकर बैठना है।

○आप कोई भी अनुष्ठान संपन्न करें लेकिन आत्मरक्षा का प्रबंध जरूर करें।

○साधना विषयक सभी नियमो का बहुत अधिक सावधानी से और बहुत ही ईमानदारी से पालन करें ताकि आपको एक ही चिल्ला करते हुए सफलता मिल जाए।

○जब भी आप किसी भी प्रकार की साधना करें तो उसके बारे में सभ कुछ गुप्त रखें।

○ये हाज़िरत एक बार सिद्ध करने के बाद जीवन भर इस साधना का लाभ लिया जाता है।

○100% ये बात इससे प्रमाणित है कि हाज़िरत सिद्ध हो जाएगा।

○फिर कपूर जलाकर उसका काजल ये मन्त्र पढ़ते हुवे बनाना है।

○फिर जब हाज़िरत करना हो तो दस बारह वर्ष की बालक को स्नान के उपरांत साफ सुथरे आसन पर बिठाकर
○ इस मंत्र से 121 बार गुड़ मंत्र कर उसे खिलाए।

○ फिर उसके दाएं हाथ के अंगूठे पर काजल वाली स्याही लगाकर बच्चे को उस काजल को ध्यान से देखने को कहें जब वह बच्चा उस अंगूठे पर ध्यान एकाग्र चित्त करेगा ।

○तो उसे एक मैदान दिखाई देगा।

○उसमें कुछ आकृतियां दिखाई देगी।

○ तब बच्चे यह कहे झाड़ू लगाने वाला हाजिर हो तो अंगूठे वाले मैदान में झाड़ू लगाने वाला आ जाएगा ।

○ लड़का उसे झाड़ू लगाने को कहे जब वो झाड़ू लगाकर  
       खड़ा हो जाए तो लड़का कहे भंगी साहब आप जाएं
      और पानी छिड़काव करने वालों को भेजें।

○जब पानी छिड़काव करने वाला आकर खड़ा हो जाए तो उसे लड़का पानी छिड़कने वाले को पानी छिड़कने को कहें पानी छिड़काव खड़ा हो जाए लड़का निवेदन करें कि आप जाओ फर्श सजाने वाले को भेजो ।

○फर्श लगाने वाला आकर फर्श लगा दे और सिंहासन स्थापित कर दे तो उसे कहे आप जाएं और मुंशी जी को बुलाएं ।

○जब वह मुंशी जी को साथ लेकर पधारें तो बालक उनसे से निवेदन करें कि मैं कुछ पूछना चाहता हूं क्या आप इसके लिए तैयार हैं ।

○तो मुंशी हां में सिर हिला ए तो लड़का मुंशी जी से कहें कि मां कालिका को आदर सहित सिंहासन पर लाए ।

○जब मां कालिका सिंहासन पर विराजे तो बालक माता को ₹11 फूल मिठाई अगरबत्ती से पूजा करें।

○ जो मुंशी जी से पूछना चाहे पूछे, मुंशी जी मां कालका से उत्तर लेकर बालक को हां या ना में जवाब देंगे।

○इस भाषा में लिख कर दो तो मुंशी सलेट पर लिखकर  प्रश्नों के उत्तर देंगे उत्तर प्राप्त करने के बाद माता जी की सवारी को वापस ले जाने के निवेदन करें ।

○इस प्रयोग से साधक के हर प्रकार के प्रश्नों के उत्तर प्राप्त कर सकता है ।

○इस प्रयोग सिद्ध करने वाला साधक कभी भी किसी से रुपया पैसा ना लें तथा गुरु से दीक्षा प्राप्त करके ही ये प्रयोग करे।

○मन्त्र:- ॐ काली माता काली माता ओतो रे।

मैंने अपनी तरफ से किसी भी जानकारी में कोई कमी नहीं छोड़ी है अगर आपके समझ में कुछ नहीं आता तो आप मुझे मेरे व्हाट्सएप नंबर 81949 51381 के ऊपर सुबह 11:00 बजे से दोपहर 1:00 बजे तक व्हाट्सएप द्वारा संदेश भेज कर संपर्क स्थापित कर सकते हैं।

गुरुवार, 17 अक्तूबर 2019

माता धूतनी मसानी की साधना।

*******💐।।धूतनी मसानी माता का मंत्र।।💐********
जैसे कि आप को पता है ये मसानी सबसे अधिक तेज गति से चलने वाली और सबसे जल्दी खुश होने वाली माता है इनका स्थान हरियाणा राज्य के पाथरी गाँव में है और पूरे क्षेत्र से लोग अपनी सुख देने और माता के दर्शनों के लिए यहां आते है।
○जिनके कुल में ये देवी चलती हैं अगर वो इस मसानी देवी को पूज लें तो किसी चीज़ की कमी नहीं रहती और हर मनोकामना पूरी होती है
○लेकिन अगर पूजा न हो तो ये अप्रसन्न होकर कुल का नाश कर देती हैं।
○लेकिन इस देवी से अधिक जल्दी कोई देवी खुश नहीं होती।
○ये देवी साक्षात भगत के काम और मनोकामना पूरी करती हैं।
○यहां पर आज आपको धूतनी मसानी माता का मंतर मैं  बता रहा हूं ।
○उम्मीद है इसका व्यवसायीकरण नहीं होगा।और आप सभी इसका जन कल्याण में लाभ उठाएंगे।
○महात्मा के दिए हुए यह 8 मंत्रों में से दूसरा मंत्र है जो की
○किसी भी महीने में जब कृष्ण पक्ष आये तो पहले बुधवार को आपने ये साधना शुरू कर सकते है।
○एक साधारण विधि यहां में दे रहा हूँ।
○घर में जहाँ माता का थान बना हो या किसी एकान्त कमरे में ये प्रयोग किया जा सकता है।
○पूर्व दिशा की ओर मुंह करके आपको ये अनुष्ठान करना है।
○काले कंम्बल के आसन का प्रयोग करें।और काले रंग के वस्त्र धारण करें।
○आपमे सामने एक सरसों के तेल का दीया जलाएं और धूफ लगाएं।
○भोग में एक अखबार के टुकड़े या पत्तल या डिस्पोजल की थाली में एक जोड़ा बूंदी वाले लड्डू, एक जोड़ा खम्मनि,जोड़ा सुपारी,एक नारियल पानी वाला काली चुनरी लपेटकर,पाँच बतासे कज्जल का टीका लगाकर,पाँच लौंग,पाँच छोटी इलायची ,अपने सामने रखना है।
○फिर रुद्राक्ष की माला से 5 माला निम्लिखित जाप करना है।
○जाप के बाद आपको एक जोड़ा लड्डू बूंदी वाले खाली मैदान में रखने हैं।
○और सो जाना है।
○इस मंत्र से हर इल्म की काट होती है।
○इसे सिद्ध करने के लिए दो विधियां हैं।
○एक 21 दिन की है एक 42 दिन की है।
○इस साधना में आपको प्रातः काल मसानी माता के थान पर जाना है और वहां उनको दो बतासे डालकर कच्ची लस्सी के स्नान करवाना है।
○उसके बाद जिनको माता जी से कोई मनोकामना मांगनी है उन्हें नारियल पर चुनरी लाल रंग की माता को चढ़ानी है।
○अगर आपने उनके दर्शन या सिद्धि ऐसे कोई कर्म करना है तो आपको नारियल पर काले रंग की चुनरी माता को चढ़ानी होगी और इस मंत्र का अनुष्ठान वहां पर जो मैंने समान वीडियो में बताया है कि पान, पतासे, लड्डू, बर्फी,लोंग, इलायची,फुल,धूप, दीप ,नारियल, कलावा यह सभी समान माता को चढ़ाने के बाद वहां पूर्व की तरफ मुंह करके आपने बैठ जाना है।
○आसन लगाकर वही थानों के पर जाकर आपने सुबह माता को मीठी कच्ची लस्सी से स्नान करवाना है फिर एक से दो घंटा जाप करना है।
○रात को जा कर के फिर वहां दिए जलाकर सरसों के तेल के दीए को जला कर वहां अपने बैठ जाना है फिर आपने इस मंत्र का एक से डेढ़ घंटा 2 घंटे जितना बन पड़े जाप करना है यह मंत्र बहुत चमत्कारी मंत्र है।

   *****💐।।माता धूतनी मसानी का मन्त्र।।💐*****

माई मशानी कल्लर वसदी, नागे गुरु धियावे, जदों बुलवां जिथे मन्ना झट्ट हाजर हो जावे ,भूत को,बेताल को,कलवे को,प्रेत को,जिन्न को,ख़बीस को,मडी को ,मसाण को,घोरी को,कचील को,छड्डी को ,छुड़ाई को,भेजी को,लगाई को,मोहनी को,माया को,छाया को,छलेडे को,यन्त्र को मन्त्र को,ढाईये को सिफ़ली को,काले को, खाखी को,बादी को,
आबी को,आतिश को,किये को कराए को,पढ़े को लिखाय   को ,काट-काटके मैली माता के हाथ में देकर कील ना लगाव  तो गुरु घाती कहाये।लूना चमारी के कुंड में चार जुग सड़े, दुहाई धर्म दे राजे रामचन्द्र दी,दुहाई नगर खेड़े दी दुहाई  
                   लक्ष्मण ते गोरख यति दी।।
       *****💐💐💐💐💐💐💐*****
मैंने अपनी तरफ से कोई कमी नही छोड़ी आपको समझाने की अगर फिर भी कोई चीज़ समझ नहीं आयी तो आप मेरे व्हाट्सएप 8194951381 पर व्हाट्सएप द्वारा संदेश भेज कर संपर्क स्थापित कर सकते हैं।

बुधवार, 16 अक्तूबर 2019

।। हैदर शेख पीर साधना।

                     ।। हैदर शेख पीर साधना।
○आज आप सभी साधक भाई बहनों के लिए मैं लेकर आया हूं  बाबा सदरुद्दीन रह0 जिनको हैदर शेख पीर के नाम से पूरे उत्तर भारत में माना जाता है।
○आपका रोज़ा मुबारक पंजाब के मलेरकोटला शहर जो कि मौजूदा समय में संगरूर जिले में पड़ता है।
○आपको मलेरकोटला वाले पीर के नाम से भी जाना जाता है क्योंकि आप आज़ादी से पहले मलेरकोटला रियासत के बज़ुर्गों में से एक हुए हैं।
○ पीर बाबा सदरुद्दीन जो कि एक पहुंचे हुए बुजुर्ग हुए थे अपने समय के बहुत माने हुवे फ़क़ीर थे।
○आपके पूर्वज मैजूदा अफगानिस्तान से बहुत पहले ही हिन्दोस्तान में आकर बस गये थे और आज भी आपके मुबारक रोज़ा शरीफ के मुजाविर आपके वंसज ही है।जो आपके रोज़ा मुबारक की देखभाल कर रहे हैं।
○वैसे तो आप के विषय में बहुत सारी बातें या किस्से प्रसिद्ध है लेकिन एक किस्सा बहुत प्रसिद्ध है जिसमें आपने मरे हुए घोड़े को जिसको आप काट कर लंगर में डाल चुके थे उस घोड़े को जिंदा करने का किस्सा बहुत मशहूर है।
○आपके बारे में ये मशहूर है कि आपको बहुत बड़ी रूहानी शक्ति प्राप्त थी।
○आपकी दरगाह के विषय में भी ऐसा किसा मशहूर है कि आपकी मज़ार दीवार एक ही रात में अनजान शक्तियों ने बनाई थी।ऐसी कहावत आपके बारे में प्रसिद्ध है।
○आपका नाम पूरे उत्तर भारत में प्रसिद्ध है और दूर दूर  से लोव लोग यहाँ तक कि विदेशों से भी लोग यहां आपके रोज़े की जियारत करने आते हैं ।
○आप सबकी मुरादे पूरी करते हैं और सबकी झोलिया भरने वाले हैं।यहां लोग रविवार और बृहस्पतिवार को बहुत अधिक संख्या में माथा टेकने और जियारत के लिए आते हैं।
○ऐसा भी माना जाता है कि आप को पांच पीरों बाबा भैरों माता मसानी की अति निकटता प्राप्त थी।आपके विषय में यह बात बहुत मशहूर है कि आप भांग के बहुत शौकीन थे और आज भी आपको लोग भांग चढ़ाते है
○आपके रोज़ा शरीफ पर बिना किसी भेदभाव के सभी धर्मों और सभी जातियों के लोग एक साथ सलाम करते है और आपके रोज़े का द्वार दिन रात खुला हुआ रहता है।
○गुरु शिष्य परंपरा में चल रहा एक और मंत्र आपके साथ साझा करने जा रहा हूं ।ये एक गुप्त मन्त्र था और सिर्फ गुरु अपने शिष्य को ही देता था।
○यह मंत्र और साधना जागृत है कृपया अपने उस्ताद या गुरु के निर्देशन या विशेषज्ञ व्यक्ति की सलाह से ही करें यह साधना बहुत दुर्लभ है ।
○आज से पहले किसी ने इस को लिपिबद्ध करके डाला नहीं है। इसमें बाबा जी के दर्शन और कृपा दोनों प्राप्त होते हैं।
○साधक को 41 दिन तक ब्रह्मचर्य और संयम से रहना होगा।
○मांस शराब अंडा प्याज लहसुन और सभी ऐसी चीज़ों से परहेज़ करना है।
○घर के एकान्त कमरे में जिस कमरे की पहले से ही साफ सफाई कर दी गयी हो।
○पश्चिम दिशा की और मुँह करके दोजानु या पालथी मारकर बैठकर ये साधना करनी है।
○अपने सामने एक आम का पटरा रखकर उसके ऊपर हरे रंग का स्वामीटर कपड़ा बिछाकर दो कच्चे चावलों की ढेरियों पर दो मिट्टी के दिये सरसों का तेल डालकर चलाने है और अगरबत्ती जलाएं।एक साफ जल का पात्र आपने सामने रखें।
○आपका आसन कुछ इस तरह का होगा कि नीचे काले रंग का कंबल बिछाकर उसपर हरे रंग का नया कपड़ा बिछाना है।
○नए साधक आने मन को केंद्रीत करने के लिए पीर बाबा हैदर शेख की तस्वीर बाज़ार से जो मिलजाए आपमे सामने रख सकते हैं।
○साधना काल के दौरान साधक को पूरे इककतालीस दिनों तक भूमि पर ही शयन करना होगा ।
○प्रतिदिन बाबा को भोग लगाकर नित्य होम भी करना है दूसरे दिन ये सभी सामान उठाकर जल में प्रवाहित कर देना है।
○वह बाबा के दर्शन और आशीर्वाद दोनों को प्राप्त कर सकते हैं यह पीर बहुत दयालु पीर है बहुत ही कम समय में यह साधक के ऊपर प्रसन्न हो जाते हैं और उनके सभी अभीष्ठ कार्यो को पूरा कर देते हैं दर्शन होने पर आपको बाबा जी मज़ार पे जियारत करनी होगी।
○41 दिनों की साधना है ये पाक साफ होकर करनी है।
○जाप करते हुए लगातार लोहबान सुलगता रहना चाहिए 
       इस का प्रबंध पहले ही कर लें।
○ग्यारह देसी गुलाब के फूल एक जोड़ा इतर चढ़ाना, जोड़ा मीठे पान,कलावे का एक जोड़ा , जोड़ा सबूत सुपारी और मीठे चावल, गुलगुले का भोग देना है।
○कोयले कि आग पर सरसों के तेल और बतासे से होम अग्यार करनी है।
○प्रतिदिन काले हक़ीक़ की माला से 5 माला रोज़ाना जपना है।
○ज़मीन पे सोना है।
○किसी पुराने सरींह ((शिरीष)) के पेड़ की जड़ में भांग और शरदई चढ़ानी है।
○जब बाबा जी के दर्शन हो जाएं तो उनकी दरगाह पे जाकर माथा टेकना है।
○सेवा खत्म होने पर आपको बाबा के रोज़े पर जाकर अपनी खुशी से और चद्दर और बकरा चढ़ाना है।
○बाबा सदरुद्दीन रह0 बहुत पहुंचे हुए बजुर्ग पीर है और साधक पर खुश हो कर उसे भूत भाविष्य वर्तमान बताते है।
○ सवारी आने पर बहुत बड़े बड़े काम साधक के सिद्ध होते है मुरादें पूरी एव मनो वांछित कार्यों में सफलता मिलती है।
○इस साधना में पाक साफ होकर दरूद शरीफ को एक हज़ार बार अगर पढ़ लिया करें तो उससे आपकी रूहानी ताकत बढ़ेगी।
                     ।।इब्राहीमी दरूद शरीफ।।
      अल्लाहुम्मा सल्लीअला महम्मदिवं व अला आले     
      महम्मदिवं कमा सल्ले त अला आले इब्राहिम व अला  
      आले इब्राहिम इंनका हमीदुम मज़ीद।
      अल्लाहुम्मा बारिक अला महम्मदिवं व अला आले   
      महम्मदिवं कमा बारिक त अला इब्राहिम व अला
      आले इब्राहिम इंनका हामीदुम मज़ीद।
                               ***💐***
                      ।।कलाम पीर बाबा की।।
      बिस्मिल्लाहरहमाननिरहीम,मौला अली दी बंदगी ,
      पंज पीरां दा नूर,अली अली नैरा लाके आजा मेरे हजूर।
      नियाज़ गुलगुले देवां तेनु, देवां भंग पियाला।पीरां विचों
      पीर देखेया हैदर शेख निराला।माई मशानी भैरो बाबा ,
      वसदे पंजे पीर। दर्शन दे बाबा हैदर शेख पीर। चले मन्त्र   
      फुरो वांचा,देखा मिएं राने हैदर शेख पीर देखां तेरी    
      कलाम दा तमाशा।दुहाई मौला अली दी,दुहाई तेरे पीर
      दी।
                                ***💐***
○अपनी तरफ से मैने समझने की कोई कसर नहीं छोड़ी अगर आपको अधिक जानकारी चाहिए तो इसके लिए हमारे व्हाट्सएप 8194951381 पे संदेश भेजकऱ संपर्क किया जा सकता है।

।। सेवादार /पितृ को सिद्ध करने की कलाम।।

।। सेवादार /पितृ को सिद्ध करने की कलाम।।
साधक भाई बहनों आज मैं आपको पित्र सिद्ध करने का या रूठे हुए पितरों को मनाने के लिए एक साधना देने जा रहा हूं और यह मंत्र बहुत कम लोगों को पता है सिर्फ ऐसे विद्वान लोग हैं जिनको पता है उनकी भी गिनती उंगलियों पर की जा सकती है इस मंत्र के अनुष्ठान से धनधान्य की वर्षा होती है आर और संतान बाधा में अगर कोई दिक्कत है तो वह भी दूर हो जाती है कारोबार अगर पित्र की के क्रोध यासिर आपसे  रुका हुआ है तो वह भी चल पड़ता है  और रुका हुआ पैसा भी मिल जाता है  अगर कोई लंबे समय से बीमार है  कोई कारोबार आपका बना हुआ है या कोई फैक्ट्री आपका बार-बार नुकसान करती है या कोई मशीनरी आपका बार-बार नुकसान करती है  तो वह भी इससे सही हो जाता है  वह तेज वैसे तो पित्र संहिता  का पाठ गायत्री का पाठ  गीताजी का पाठ  नारायण बलि  श्रीमद् भागवत  ऐसे बहुत से लोग प्रचलित बड़े बड़े इंसान  अनुष्ठान पड़े हुए हैं जिनको करने से  रुका हुआ काम और पित्र बाबा निवृत हो जाती है  लेकिन
○अगर किसी के पास धन का अभाव हो तो वह कैसे इतने बड़े-बड़े काम कामों को करवा सकता है  तो इसलिए  साबर विधि से सरल तरीके से अपने पितरों को  खुश करने का तरीका मैं आपके लिए लाया हूं  इससे से रुका अगर आपका कोई भी काम होगा तो वह कुछ ही दिनों के भीतर आपको सकारात्मक प्रभाव दिखने लग जाएगा।
○ कुछ हमारे जिज्ञासु भाई बहन हैं जो चाहते हैं कि उनके पास उनके पुत्र और गधी के सेवादार को सिद्ध करने की कोई विधि हो तो मैं उनको सरल शब्दों में सविधान समझा देता हूं की अगर इस अनुष्ठान को आप 41 दिन तक कर लोगे और अंतिम दिन अमावस का पड़े और उस दिन आप होम और हवन करो तो आपको कुछ ही दिनों में परिणाम मिलने चालू हो जाएंगे।
○किसी भी महीने में आपकी साधना को कर सकते हैं  लेकिन आपको  इंतजार करना होगा  कृष्ण पक्ष का  जब कृष्ण पक्ष शुरू हो प्रतिपदा से लेकर  आपको यह जप करना है लगातार पित्र को खुश करने के लिए आपको यह 15 दिन यानी एक पूरा कृष्ण पक्ष अमावस्या तक जाप करना है  और पित्र की सिद्धि प्राप्त करने के लिए आपको इसे लगातार 41 दिन  करना होगा ।
○अगर  आप यह केवल पितरों को खुश करने के लिए कर रहे हैं के लिए यह कर रहे हैं तो पूरे कृष्णपक्ष की प्रतिरात्रि में होम अग्यार करना है।
○मन्त्र का जाप 11 माला रात्रि को 10:30 बजे के बाद करना है।
○ रुद्राक्ष की माला से की माला से ही यह जाप होगा  और वह  जाप माला गोमुखी में रहनी चाहिए नंगी माला से जाप करना वर्जित है।
○सफेद रंग के वस्त्र धारण करें सफेद वस्तुएं पितरों को अति प्रिय होती हैं इसलिए नैवेद्य भी सफेद रंग का होना चाहिए  और पुष्प इत्यादि जो सामग्री हो कोशिश करें वह सफेद रंग के ही हो।
○और इसी मंत्र से आपको क्रम से जब इस पूजा का अंतिम दिन होगा तो 108 बार जौं, तिल, खीर, देसी घी हवन सामग्री,मिलाकर हवन करना है और पूर्णाहुति में  अगर आपके घर में कलेश या पैसे की कमी है या किसी अदृश्य आत्मा का साया आपको महसूस होता है या कारोबार में बंदिश है तो फैक्ट्री कारखाने या घर के चारों कोने स्पर्श कराकर अंत में पूर्णाहुति में उस नारियल को डालना है।
○ इसी क्रम से अगर इस बाधा द्वारा कोई रोगी किसीअज्ञात रोग से ग्रसित हो गया है और बहुत दिनों तक दवाई कराने पर कोई आराम नहीं आ रहा या रोग का कोई आपको पता नहीं लग रहा है तो आप अंत में उस हवन में इस विधि द्वारा मरीज के सिरसे सात बार उल्टा उतार कर एक सूखा नारियल जिसे हवन गोला कहा जाता है। पूर्णाहुति के समय उसे हवन में डालना चाहिए।
○ देशी घी का होम अग्यार को प्रतिदिन करना है इससे पित्र खुश हो कर प्रत्यक्ष अप्रत्यक्ष दर्शन देते है लेकिन जब पित्र या सेवादार आये उल्टे सीधे सवालों की बजाए वचन लेना चाहिए।
○ये पित्र को खुश करने का एक गुप्त मन्त्र है। और इसकी जानकारी नामात्र लोगों को है।
○ जो साधक भाई बहन गद्दी लगाते हैं या किसी देवता की चौकी लगाते हैं  अगर पित्र बाधा द्वारा उनकी गद्दी बंधी हुई है तो इस साधना से बंधी हुई गद्दी खुलकर सभी रुके हुए काम पूरे होते है ।
○ये जाप या तो सूर्य उदय से पहले या रात्रि 10 के बाद करना होगा, घर के किसी भी शांत कोने में एकांत में यह ऐसे कमरे में जिसमें शोरगुल ना हो उस कमरे में इसका जाप करना है।
○ब्राह्मण को वस्त्र भोजन कराकर तृप्त करना चाहिए। आचार्य का धारण करना भूमि पर सोना कम खाना  और मौन धारण करना चाहिए वह साधक के लिए बहुत उत्तम दिनचर्या होती है।
○ अपनी नित्य प्रति दिन चर्या में अधिक से अधिक वेदों शास्त्रों और धार्मिक पुस्तकों का अध्ययन करें और अपने मन को सकारात्मक विचारों से भर कर रखें।
○ अपने गुरु इष्ट देव और मंत्रों पर पूरा भरोसा रखें क्योंकि विश्वास पर दुनिया टिकी हुई है आपकी की गई कोई भी पूजा निरर्थक नहीं जाती यह आपको अपने दिमाग में डालना पड़ेगा।
○ पितर के मंत्र को जाप करने से पहले 31 बार आपने जिस मंत्र से होम डालनी है वह मंत्र भी मैं यहां दे रहा हूं।
                     ।।होम जगाने का मंत्र।।
मन्त्र:-बाबा आदम सिर जंतर ले माई, नारसिंग वीर तेरी करू बड़ाई सिंग तड़ापो ऐके डार जागे होम जागे अग्यार जागे खेड़ापति रखवाला जागे करुआ जागे भरुआ जागे बीर मसाण जागे बाबा अघोरी जिन विद्या फटकारी जागे तन्त्र मन्त्र और यन्त्र अली अली मौला मुर्तज़ा अली मुश्किल कुशा अली अनी अनभली आवे न पास आवे सो चली जाए मौजे मुज़फ्फर की गली या खुली अल्लाह फकीरों की गली"।
इसका प्रतिदिन 1 माला जाप करना है और जल का पात्र अपने पास रखना है फिर जाप के अंत में वो जल पी लेना है।
○ इसके बाद आपको पित्र देवता के मंत्र की 11 माला रुद्राक्ष की माला से जाप करनी हैं। पित्र देव को खुश करने का मंत्र इस प्रकार है ।

                     ।।पितर देवता का मंत्र।।
○ॐ नमो आदेश गुरु को, सेवादार पौण वंजारा।        रोज़ करूं होम अग्यारा, चिट्टा वस्त्र चिट्टा वेश।        फूल बतासा (*******) तेरी भेंट। ।                         गद्दी वाले का जै कारा,करदे बेड़ा पार हमारा।चल नगर खेड़े नु मन्न के चल ,ख़्वाज़े पीर नु मन्न के चल ,नै नाथां चुरसी सिद्धां नु मन्न के चल,गुरु गोरखनाथ नु मन्न के चल, माई काली नु मन्न के चल। मई मदानण दे बेड़े नु मन्न के चल,गुरु उस्ताद नु मन्न के चल,हनुमान ते भैरों बाबे नु मन्न के चल,चौसठ जोगनियाँ नु मन्न के चल,
जे ना चल्ले आन भोले पार्वती दी चले मन्त्र फुरो बादशाह देखां सेवादार तेरे इल्म का तमाशा।
(*****)
( जिसकी गद्दी में अगर मांस शराब का भोग चढ़ता है तो  वह कहेंगे कि मुर्गा बोतल तेरी भेंट)


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श्री झूलेलाल चालीसा।

                   "झूलेलाल चालीसा"  मन्त्र :-ॐ श्री वरुण देवाय नमः ॥   श्री झूलेलाल चालीसा  दोहा :-जय जय जय जल देवता,...