गुरुवार, 23 नवंबर 2023

ग़ैब से खबरें हासिल करना।

.             ग़ैब से खबरें हासिल करना।

क्या आप कभी सर्कस देखने गए हैं अगर नही गए तो आपको मेरे कहने से एक बार अवश्य ही जाना चाहिए और वहाँ पर दिखाए गए हुए करतबों को और उनको करने वाले माहिर लोगों को अवश्य देखें और फिर अपने मन में एकाग्रता से विचार चिंतन करना चाहिए 

कि ये जो लोग सर्कस में करतब दिखाते हैं वो सामान्य रूप से आपके ही जैसे हैं लेकिन जिन व्यक्तियों के करतबों को देखकर आप अपनी दांतो ठाले उंगली दबा लेते हो उनमें और आप में क्या अंतर है।

वो आसामान्य करतब कर सकते हैं लेकिन आप नही कर सकते आखिर क्यों ?

आप और सर्कस के उस्तादों में ये अंतर है कि उन्होंने अपने काम पर 100% focus किया और अपने आपको perfect बनाया उन्होंने दिनों और समय की गिनती किये बगैर अपने काम को ईमानदारी से किया और वो Mr..perfect बन गए 

लेकिन आपका मन diverted रहता है । comfort zone की तलाश में रहता है miracles की तलाश में में रहता है luxurious life चाहिये लेकिन कभी ये नही सोचा  की आपका परिश्र्म कम है अभी और करना है आपको और भी perfect होना है आपको अपने software को upgrade करते रहो।

उस बच्चे के बारे में सोचो जो बच्चा अभी अभी साइकिल चलाना सीख रहा हो बीस बार गिरेगया गुटने टूटेंगे हाथ पाँव छिल जाएंगे सिर भी कई बार फूटेगा लेकिन साइकिल चलाना तब तक बंद नही करेगा कि जब तक वो साईकल चलाना  perfectly ना सीख जाए।

ग़ैब की खबरें हासिल करने के लिए ये मुस्लिम नूरी अमल बहुत ज्यादा ज़बरदस्त है। 

अपने ध्यान में किसी  विषय वस्तु पर इतना ज्यादा focus
करने के बाद  एक स्तर पर जाकर मनुष्य के मस्तिष्क में एक ऐसी परालौकिक ऊर्जा का संचार होने लगता है कि जिस विषय पर सोचना शुरू करता है उसे उस विषय वस्तु के भविष्य के बारे में सभ कुछ 100% accurately पता चल जाता है। 

अवचेतन मन की शक्ति जब संचारित होती है तो बड़े बड़े लोग भी अचंभित रह जाते हैं। ऐसी ही एक साधना मैं आपके लिए लेकर आया हूँ।

निम्न मन्त्र का लगातार 21 दिन प्रतिदिन 475 बार जाप आधी रात को तनहाई में करें। उस से पहले अपनी सुरक्षा का प्रबंध कर लें 7 बार आयतल कुर्सी पढ़कर अपनी छाती पर 3 बार फूंक मारलें।

 खुशबूदार इत्र अपने बदन पर लगाएं 

 कपड़े साफ सुथरे पहने।

सिर को ढक कर रखें

दोजनु वीरासन में बैठना चाहिए

अपने शरीर को साफ सुथरा रखें जहाँ पर जाप करें वहीं पर चुपचाप सो जाना चाहिए।

जाप के दौरान आने वाली आवाज़ों की तरफ ध्यान देने की बिल्कुल आवश्यकता नहीं है प्रतिदिन जाप एक ही समय और एक ही स्थान पर करें।

अपने सामने एक सरसों के तेल का दीया जलाएं और कुछ अगरबत्तियां जलवे  तथा कुछ मीठा बतासे इत्यादि भोग रखें और दूसरे दिन छोटे छोटे बच्चों में बांट दें।
रिजालूलगैब का ध्यान रखें। 

"सुबहान रब्बिअल आला"।

अव्वल और आखिर सौ सौ बार दरूद इब्राहीमी जरूर पढ़ें। 

इस अमल को काबू में रखने के लिए इस मन्त्र को प्रतिदिन 70 बार रोज़ाना पढ़ें।

इससे इसके आमिल को जीवन भर के लिए ग़ैब की खबर मालूम होनें लग जाती हैं ।

सोमवार, 10 जुलाई 2023

राम नाम



मनोकामना पूर्ण करने के लिए क्या करें ? 

इसके लिए हमारे धर्म शास्त्रों में बहुत सारे यन्त्र मंत्र तन्त्र और जप विधियां बताई गई हैं पर इन सब में सबसे सरल राम नाम लेखन बताया गया है। जिसे हर कोई आसानी से कर सकता है। तो आइये आज जानते है कैसे राम नाम जाप और राम नाम को लिखने की विधि।

महत्व तारक मन्त्र राम और श्री राम के नाम में एक महान शक्ति  है।  राम नाम की महिमा और शक्ति को जानने वाला आपको कोई नहीं मिलेगा,  यह मन को शांत और स्थिर करने वाला राम नाम का एक बहुत बढ़िया उपाय हैं। मन को शांति मिलेगी लग्न पूरी हो तो राम को भी पा सकोगे राम नाम का लेखन का कार्य एक महान यज्ञ समान हैं।

चमत्कार तथा लाभ - 

इस युग से आप राम नाम के लेखन को एक-एक आहुति समझ कर देखें राम नाम से राम को सदा हृदय में विराजमान भावना से लिखना चाहिए। 

राम नाम लिखने की विधि- 
राम नाम जाप की अनेक विधियां हैं उनमें से सबसे ज्यादा विधि राम नाम लेखन की सर्वोत्तम विधि है। 
राम नाम के लेखन से राम राम सुंदर सुंदर लिखे एक सफेद कागज पर लाल सही या लाल पैन से लिखिए। कागज पर लाइन नही होनी चाहिए वह एकदम पलेन होना चाहिए।  
लाल रगं  के पैन से लिखे कयोंकि लाल रंग प्रेम का प्रतिक है और प्रभु नारायण का लाल रंग से गहरा नाता है। सबसे पहले राम को प्रणाम करके धूप दीप जलाकर प्रणाम करें। 
यह भी पढ़े- मनोकामना पूरी करने के लिए राम रक्षा स्तोत्र का पाठ करें।
राम नाम लेखन में जाप की अपेक्षा 100 गुना अधिक पुण्य फल मिलता है। ऐसा हमारे शास्त्रों में कहा गया है। राम लेखन स्वयं जाप है। राम नाम लेखन मौन के साथ लिखना सर्वश्रेष्ठ माना गया है। 
प्रतिदिन एक पृष्ठ कम से कम या इससे अधिक लेख लिखें। 
राम नाम का लेखन कभी भी कहीं पर भी जितना भी लिख सकते हो। इसके लिखने की कोई नियम यह समय नहीं है ,लेकिन शुद्धता का ध्यान जरूर रखना है।  

राम लेखन लिखते समय इस बात का जरूर ध्यान रखें कि यह नियम 90 दिन तक इसका क्रम टूटने ना पाए तभी आपकी मनोकामना पूरी होती है। जब भी लिखना शुरू करें एक भी दिन बीच में ना छूटे पूरे लगातार 90 दिन तक लिखने से ही इंसान की हर मनोकामना पूरी होती है ।

जिस मनोकामना आप लिखते समय मन में धारण किया हुआ है वह हर हाल में पुरी होती है। इसमें किसी भी प्रकार का शक नहीं है। यह मेरा खुद का निजी अनुभव है।

अगर आप गलती से लिखना  भूल जाते हो तो उसे आप  सोने से पहले किसी भी टाइम जब आपको  याद आ जाए तब भी आप इसको लिखना शुरु कर सकते हो। 

राम लेखन के लाभ -
84 लाख योनिया भोगने के बाद राम नाम जाप लिखने वालों को इस संसार चक्र से जीवन मरण से मुक्ति मिल जाती हैं। पापों का नाश हो जाता है क्योंकि मनुष्य जन्म 84 लाख योनियों भोगकर प्राप्त होता है। राम नाम लेखन निष्काम या सकाम दोनों तरह से किया जा सकता है। 

राम नाम का लेखन  प्रत्येक दिन जरूर करें एवं दूसरों को भी लिखने के लिए प्रेरणा अवश्य प्रदान करें। ऐसा मनुष्य श्री भगवान को बहुत प्रिय होता है। राम नाम लिखने का कार्य यदि नियम पूर्वक शुद्ध हृदय से आपका शुरू करेंगे तो शुरू करने से कुछ ही दिनों में आप इसके आश्चर्यजनक परिणाम मिलने शुरू हो जाएंगे । 

आपके मन को शांति मिलेगी आत्मबल बढ़ेगा आप के कष्ट कटने शुरू हो जाएंगे। इसका पूर्ण  लाभ लेने के लिए 90 दिन तक लगातार  हर रोज लिखे।  ऐसा करने से आपकी मनोकामना जल्दी पुरी होती है। 

श्री गणेश जी नारद जी के सुझाव के अनुसार पृथ्वी पर राम का नाम लिखकर उस राम के नाम की सिर्फ तीन बार परिक्रमा करके विजय प्राप्त कर ली और सारे संसार और देवताओं को सबसे पहले पूजा स्थान प्राप्त कर लिया था।

 इस राम नाम में एक अद्भुत और बहुत बड़ी शक्ति है। अपने सभी प्रकार के कष्टों को दूर करने के लिए धन, सुख शांति , और  नित्य वृद्धि  के लिए राम नाम लिखना शुरु करके देखो। आपके कष्ट अवश्य कट जाएंगे 

बस ध्यान रहे राम नाम लिखते समय कापी  बिना लाईन के हो और पेज  एक ही तरफ लिखना है, दूसरी तरफ नहीं लिखना होता। और लाल रंग से लिखना है।
राम नाम एक महान पारस मणि है।
 
राम नाम एक अद्भुत शक्ति है। राम को मंत्र जपने से थोड़े ही समय में सुख ,आनंद, सर्व सिद्धि और प्रभु नारायण राम के दर्शन भी हो सकते हैं। राम के नाम से सारी इच्छाएं कामनाये  पूरी हो सकती हैं। प्रभु नारायण के किसी भी एक नाम भजो, तपो यह  सभी महान शक्तियां  हैं। भगवान बुद्ध ने भगवान की भक्ति और ध्यान लगाकर ही भगवान से दिव्य शक्ति और मुक्ति प्राप्त की और इस संसार में अमर हो गए। भगवान  ईसा ने भी  प्रार्थना के द्वारा दिव्य शक्ति,  मुक्ति प्राप्त की और वह भी अमर हो गए।

राम नाम लेखन के अनुभव -
 महात्मा गांधी जी राम नाम के बहुत बड़े भक्त थे इसी नाम से उन्होंने सारे कार्य सिद्धि प्राप्त की और वह अमर हो गए।
 भगवान की प्रार्थना ध्यान जब भगवान को प्राप्त करने से अनेक रास्ते हैं जो भी रास्ता आपको अच्छा लगे उसी रास्ते  पर जा सकते हो।  
 
जिस पर भगवत कृपा होती है उन्ही को कथा सुंनने  का और संत पुरुषों का सानिध्य प्राप्त होने का सौभाग्य प्राप्त होता है। भगवान की कथा सुनने से प्रेम का भाव होता है और यह ज्ञान होता है।

कण-कण में भगवान व्याप्त हैं और मानव  मे एक्य भावना का उदय होता है । जो व्यक्ति सबके हित के लिए सोचते हैं और उसके कार्य मानव मात्र की भलाई के लिए होते हैं। उसे कभी दुख नहीं होता जिसके हाथ में पारस मणी आ गई हो ।वह कभी निर्धन नही हो सकता।

 भगवान का नाम पारस मणि के समान है। कबीर जी कहते हैं राम नाम एक ऐसी चीज है जिसे पाने के बाद और कुछ  पाना बाकी नहीं रह सकता। जिसे जानने के बाद कुछ और जानना बाकी नहीं रहता है। जहां पहुंचना के बाद  मां के गर्भ में नहीं आना पड़ता । यह ऐसा दिव्य भगवान का नाम है।  राम का नाम दीन दुखियों का दुख मिटा सकता है, रोगियों को रोग मिटा सकता है, पापियों का पाप हर सकता है, भक्तों से भक्त बना सकता है, मुर्दे में प्राण का संचार कर सकता है ,अर्थात भगवान असंभव को भी संभव बना सकते हैं।
संसार में जो वस्तु अपने को सबसे प्रिय हो उस वस्तु पर सर्वाधिक स्नेह  हो वह प्रभु को समर्पित कर दें। ऐसा करने वाले के लिए है अनंत फल देने वाली हो जाती है।

इस कलयुग में सिर्फ मनुष्य श्री राम के नाम जाप समरण से मुक्ति प्राप्त कर सकता है। अन्य कोई साधन उपलब्ध करने की जरूरत नहीं है। भगवान श्री राम  कहते जो मनुष्य अपना मस्तक मेरे चरणों में रखकर और अपने दोनों हाथों से दाएं से दाहिने और बाएं से  बाएं चरण पकड़ कर कहे हे भगवान इस संसार सागर में डूब रहा हूं मृत्यु रूप ग्रह  मेरा पीछा कर रहे हैं।  मैं बहुत ही भयभीत हूँ।   हे प्रभू आप की शरण में पड़ा हूं ,आप मेरी रक्षा करो। ऐसे कहने वाले जीव आत्मा को मैं हमेशा  के लिए आप अभय कर देता हूं।

राम  नाम लिखते लिखते आदमी राम को ही लिख लेता है,  जान लेता है,पहचान लेता है, राम नाम लिखने से कर्म भी होता है और ञकर्म शुद्धि भी होती हैं  और इसमें मन भी लगता है, और मन की शुद्धि भी होती है। राम नाम लेखन में यह विशेषता है कि अपनी पूरी चेतना लिखते समय उसमें में रहती है। क्रिया भी वही, विचार भी वही, भावना भी हुई, और इस प्रकार क्रिया शक्ति विचार शक्ति एवं ये तीनों  शक्तियां सर्वात्मन इसमें लगती है । जप के  समय ध्यान इधर-उधर हो सकता है, पर लेखन के समय पूरा ध्यान उन्ही  में लग जाता है।  

यह पूर्ण मनोयोग से इसमें लग सकते हैं। राम नाम के सभी विधानों का बड़ा महत्व है। लेकिन विधान विशेष इसलिए होता है जब लिखेंगे तो स्वभाविक ही आंख ,मन और हाथ में तीनों एकाकार करने होंगे। अतः मन इंद्रिय दोनों का सहयोग होता है । मानसिक एकाग्रता और शांति के लिए लिखित मंत्र जप बहुत प्रभावशाली होता है। किसी साफ , हवादार, एकांत जगह पर बैठकर धैर्य और गंभीरता पूर्वक अवश्य लिखें तो तभी बहुत लाभ होगा। मानसिक एवं शारीरिक रूप से शांति मिलती है। यह एक अनुभव किया हुआ प्रयोग है। धरती पर जितने भी महान संत हुए हैं उन सब ने राम नाम को  जप , तप और लिखा है ।ऐसा हमारे शास्त्रों में धार्मिक शास्त्रों में वर्णन है।

अगर आप की भी कोई मनोकामना अधुरी हो तो  राम लेखन लिखना शुरू करें।  राम लेखन को तन मन धन से समर्पित होकर लिखें। लिखते  समय किसी भी प्रकार की शंका  मन में ना लाएं तभी यह राम नाम आपका बेड़ा पार लगा सकता है। 

सोमवार, 5 जून 2023

वशीकरण की काट।

                 वशीकरण को काटना।

वशीकरण एक ऐसी क्रिया होती है जिससे प्रभावित व्यक्ति अपनी स्थिर मानसिकता खो देता है अर्थात मानसिक स्वतंत्रता खो देता है और हमेशा वशीकरण प्रयोग करता के विषय में ही सोचता रहता है उसी के ख्यालों में खोया रहता है।

चाह कर भी प्रयोग करता के विषय में सोचना बंद नही कर पाता हालात ये हो जाते हैं कि वशीकरण की शक्ति धीरे धीरे पीड़ित व्यक्ति में उच्चाटन के हालात पैदा कर देती है और वशीकरण से पीड़ित व्यक्ति अपने कर्तव्य अपनी सामाजिक प्रतिष्ठा को भूलकर नीच कार्य करने पर मजबूर हो जाता है।

तथा व्यक्ति की सामाजिक प्रतिष्ठा भंग हो जाती है बहुत बार ये शक्ति किसी शारीरिक रोग जैसे सिर दर्द आंखों के आसपास काले घेरे पड़ जाना ,कलेजे में दर्द अथवा बहुत सारे विकृत मनोरोगों जैसे लक्षण पैदा कर देती है यदि समय रहते इसे ना काटा जाए तो ये पीड़ित व्यक्ति जीवन के लिए प्राणघाती साबित होती है।

यदि आपके किसी अपने पर यंत्र मंत्र तंत्र द्वारा किसी ने कोई वशीकरण डाल दिया है और वशीभूत कर लिया है एवं उसके द्वारा कोई अनैतिक संबंध अथवा अनैतिक रिश्ता बनाने की कोशिश करने लगे और आपका कोई अपना वशीकरण के प्रभाव में आकर गलत मार्ग पर चले तो क्योंकि सामाजिक प्रतिष्ठा एक बहुत बड़ी बात है इस लिए उस वशीकरण को काट देना उत्तम कार्य है। 

वैसे तो ऐसी परिस्थिति में आदमी पीछे हट जाता है किंतु कई बार हालात ऐसे होते है कि पीछे भी नही हटा जा सकता। मान लो आपकी अपनी ही संतान की के बहकावे में आकर गलत संगत में पड़ जाए और आपके घर के हालात खराब हो जाएं तो इस अवस्था में आपके पास क्या विकल्प बचेगा बस यही कि वशिकरण को काट दिया जाए।

अगर आप किसी भी तांत्रिक इत्यादि के पास जाते हैं तो ये काम हो ना हो इसकी शंका रह जाती है और धन का जो अपव्यय हो वो अलग आज मैं आपको एक ऐसी युक्ति बताने जा रहा हूँ जिससे वशीकरण का प्रभाव समाप्त हो जाता है।

इस प्रयोग की सफलता दर 99.9% है लेकिन 0.1% हालात समय एवम परिस्थितियों पर निर्भर करता है। सामान्य तौर पर ये प्रयोग कभी खाली नही जाता अगर लगातार इस के द्वारा बनाया हुआ( तैयार किया हुआ अभिमंत्रित) जल उसी प्रकार कार्य करता है जिस प्रकार साबुन से मैल उतरती है।

इसकी विधि आसान है (कोई रॉकेट साइंस जैसे जटिल नहीं) लेकिन जब आप इस उपाय को करें तो गुप्त रूप से ही करें। गोपनीयता सफलता की सूत्र है ये हमेशा याद रखें।

प्रयोग में प्रयुक्त सामग्री :-एक लकड़ी के दस्ते वाला चाकू,उसे तपाने के लिए आग, और पानी का एक पात्र तांकि गर्म और सुर्ख चाकू को पानी में बुझाया जा सके।

विधि :- एक लकड़ी के दस्ते वाले चाकू को आग में तपाकर सुर्ख कर लें और जब चाकू सुर्ख हो जाये तो 
निम्नलिखित मन्त्र (जोकि पहले से ही याद कर लिया जाना चाहिए) पढ़ते हुए पानी में भुझा लें इसी प्रकार 108 बार भुझावें।

फिर जो पानी तैयार हो जाये उसका प्रयोग वशीकरण के प्रभाव से पीड़ित को पिलाने में करें ये पानी पीड़ित को 21 दिन लगातार पिलावें 101% वशीकरण का प्रभाव जाता रहेगा।

ये मन्त्र सिद्ध है इसलिए इसे याद करने की ही आवश्यकता है हां अगर आप चाहें तो इसे ग्रहण,पर्व अथवा अमावस्या पूर्णिमा पर 108 बार पढ़कर और शक्तिशाली कर सकते हैं। ये प्रयोग मेरे द्वारा सफलता पूर्वक लगभग 50 से 55  लोगों पर किया जा चुका जिसके परिणाम हमेशा ही सकारात्मक मिले।

मन मोहे मनमोहिनी      गढ़ फोड़े हनुमान।
माया तोड़े नार सिंह नाहरी का वीर जवान।

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शनिवार, 3 जून 2023

तांत्रिक क्रिया की काट और उसको पलटना

      तांत्रिक क्रिया की काट और उसको पलटना

जब कभी किसी समय ऐसा हो जाए कि आपकी साधनाओं द्वारा प्राप्त शक्तियां और मन्त्र काम करना बंद कर दें आउर नज़र भी बंद हो जाए विद्या ना चले कोई काम ना चले हर एक काम में असफलता हाथ लगे और बार बार प्रयास करने के बाद भी आप असफल रहें एव कोई मार्ग आपके सामने ना बचे तो एक असाधारण मंत्र और उनका उसका अनुष्ठान में आपको बता रहा हूं।

यह प्रयोग आजमाया हुआ है और हर बार सफलता मिली जब इस क्रिया को लगातार किया गया और निष्ठापूर्वक किया गया। तो इसके द्वारा निराश नही हुए।
यहाँ मैं आपको मन्त्र और इसका प्रयोग तो बता दे रहा हूँ 

लेकिन एक बात याद रखना कि साधक का आत्म विश्वास ही सभ कुछ होता है वही साधक को सफलता प्राप्त करवाता है यहां मैं आपको ये प्रयोग बताने के कोई रुपये पैसे आप से नही ले रहा हूँ फिर जिस के मन मे विश्वास हो वो इसे इस्तेमाल कर के देख सकता है। बराबर काम करेगा।

इस प्रयोग को आप रविवार से मंगलवार तक करें। और प्रयोग को सर्वथा गुप्त ही रखें। 

जब आप इसे सभी को बता कर करेंगे तो हो सकता है कि जिसने आपका बंधन किया है वो इसी दौरान आपका अमंगल भी करने से ना चूके।

(कॉपी पेस्ट वाले भाई सावधान चोरी चण्डली की विद्या आपको फलीभूत नही होगी।)

इस बात को किसी भी शुभ समय पर 108 बार जप करके होम करने और जब-जब अमावस पूर्णिमा या कोई भी त्यौहार अथवा कोई ग्रहण आए तो दोबारा 108 बार जप करने कर ले एवं भगवान शिव की आराधना भक्ति में ही तत्पर रहें  (ॐ नमः शिवाय) का लगातार जाप करते रहें आपकी अध्यात्मिकता पराकाष्ठा पर रहेगी।प्रति सोमवार और त्रयोदशी को भगवान शिव के मंदिर में जाने का नियम बना लें। इससे अवश्य ही आपको लगातार परामनोवैज्ञानिक अनुभूतियाँ होंगी।

मन्त्र:-
ॐ गुरु जी को आदेश ।
घोरी घोरी महाघोरी।।
घोरी तूं  महाकाल ।
ढाई घड़ी में खेल पलट दे,
देखूं तेरा कमाल।।

इस प्रयोग को 3 दिन लगातार किया जाता है सफलता अवश्य मिलेगी। इस प्रयोग की सफलता के लिए प्रयोग को सर्वप्रथम सबसे गुप्त रखा जाता है। सवा किलो नींबू लेकर अपने सिर से उल्टा सात बार उतार लें ।

अगर आपके घर या गद्दी पर भी बंधन है या किसी कारोबार पर भी बंधन है तो उसके चारों कोनों में एक एक नींबू रखें और उन्हें काटकर माता काली को समर्पित करें उस पर थोड़ा-थोड़ा रखकर कपूर जलाएं इसके उपरांत चुपचाप सभी नींबू को इकट्ठा कर ले।

इसी मंत्र का जाप करते हुए जो नींबू सवा किलो आपने आपमे सिर से उतारे थे उन्हें भी दो हिस्सों में प्रत्येक नींबू को काट लें इसके उपरांत उक्त मंत्र का एक माला जाप करें अपने इष्ट देव और पित्र से बंधन मुक्ति हेतु प्रार्थना करें प्रार्थना करें।

चुपचाप यह नींबू ले ले और किसी पुराने मदार के पेड़ की जड़ में इन्हें रख दें वहां पर एक सरसों के तेल का 4 मुंह वाला दिया जलाएं तथा चुपचाप इस प्रयोग को करने के उपरांत वापस आ जाएं ।

वापिस घर में प्रवेश करने से पहले आपमे हाथ पावँ अच्छी तरह से धो लें फिर ही घर में प्रवेश करें तथा वापिस घर में लौट कर फिर से एक माला जाप करें।

(ये प्रयोग पीड़ितों की समस्या निवारण के लिए है।)
तीन दिनों में आपके ऊपर पड़े हुए सभी बंधन और सभी तांत्रिक क्रियाओं की नकारात्मक ऊर्जा का प्रभाव समाप्त हो जाएगा।

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गुरुवार, 16 फ़रवरी 2023

श्री बगलामुखी मन्त्र प्रयोग।

बगलामुखी मन्त्र प्रयोग।
माता की आराधना युद्ध, वाद-विवाद मुकदमें में सफलता, शत्रुओं का नाश, मारण, मोहन, उच्चाटन, स्तम्भन, देवस्तम्भन, आकर्षण कलह, शत्रुस्तभन, रोगनाश, कार्यसिद्धि, वशीकरण, व्यापार में बाधा निवारण, दुकान बाधना, कोख बाधना, शत्रु वाणी रोधक आदि कार्यों की बाधा दूर करने और बाधा पैदा करने दोनों में की जाती है। साधक अपनी इच्छानुसार माता को प्रसन्न करके इनका आशीर्वाद प्राप्त कर सकता है।

क्योंकि देखा जाता है कि लोग अपनी विफलता से दुखी नहीं, बल्कि दूसरों की सफलता से अधिक दुखी हैं। ऐसे में उन लोगों को सफलता देने के लिए माताओं में माता बगलामुखी मानव कल्याण के लिये कलियुग में प्रत्यक्ष फल प्रदान करती रही हैं। आज इन्हीं माता, जो दुष्टों का संहार करती हैं। अशुभ समय का निवारण कर नई चेतना और शुभ समय का संर करती हैं। ऐसी माता के बारे में मैं अपनी अल्प बुद्धि से आपकी प्रसन्नता के लिए इनकी सेवा आराधना पर कुछ कहने का साहस कर रहा हूं। 

मुझे पूर्ण विश्वास है कि मैं माता बगलामुखी की जो बातें आपसे कह रहा हूं अगर आप उसका तनिक भी अनुसरण करते हैं तो माता आप पर कृपा जरूर करेंगी, लेकिन पाठक भाइयों ध्यान रहे। इनकी साधना अथवा प्रार्थना में आपकी श्रद्धा और विश्वास असीम हो तभी मां की शुभ दृष्टि आप पर पड़ेगी।

इनकी आराधना करके आप जीवन में जो चाहें जैसा चाहे वैसा कर सकते हैं। सामान्यत: आजकल इनकी सर्वाधिक आराधना राजनेता लोग चुनाव जीतने और अपने शत्रुओं को परास्त करने में अनुष्ठान स्वरूप करवाते हैं। इनकी आराधना करने वाला शत्रु से कभी परास्त नहीं हो सकता, वरन उसे मनमाना कष्ट पहुंच सकता है। 

जैसा कि पूर्व में उल्लेख किया जा चुका है कि माता श्रद्धा और विश्वास से आराधना (साधना) करने पर अवश्य प्रसन्न होंगी, लेकिन ध्यान रहे इनकी आराधना (अनुष्ठान) करते समय ब्रह्मचर्य परमावश्यक है।

गृहस्थों  के लिये माता की आराधना का सरल उपाय बता रहा हूं। आप इसे करके शीघ्र फल प्राप्त कर सकते हैं। माता  का अनुष्ठान (साधना) आरम्भ करने बैठे तो सर्वप्रथम शुभ मुर्हूत, शुभ दिन, शुभ तथा एकांत स्थान, स्वच्छ वस्त्र पहनकर आम की लकड़ी से निर्मित जिस पर पीला रंग किया जा सकता है उसपर पीले रंग का वस्त्र बिछाकर माता की की प्रतिमा चित्र अथवा यन्त्र स्थापित करें नये ताम्र पूजा पात्र, बिना किसी छल कपट के शांत चित्त, भोले भाव से यथाशक्ति यथा सामग्री, ब्रह्मचर्य के पालन की प्रतिज्ञा कर यह साधना आरम्भ कर सकते हैं। 

अगर आप अति निर्धन हो तो केवल पीले पुष्प, पीले वस्त्र, हल्दी की 108 दाने की माला और दीप जलाकर माता की प्रतिमा, यंत्र आदि रखकर शुद्ध आसन कम्बल, कुशा या मृगचर्य जो भी हो उस पर बैठकर माता की आराधना कर आशीर्वाद प्राप्त कर सकते हैं।

माता बगलामुखी की आराधना के लिये जब सामग्री आदि इकट्ठा करके शुद्ध आसन पर बैठें (उत्तर मुख) तो दो बातों का ध्यान रखें, पहला तो यह कि सिद्धासन या पद्मासन हो, जप करते समय विशेष बात का ध्यान रखें कि पैर के तलुओं और गुह्य स्थानों को न छुएं शरीर गला तथा आपके सिर सम स्थित होना चाहिए। जाप करते समय माला को गोमुखी में रखकर ही जाप करें अथवा गोमुखी के अभाव में आप पीले रंग के वस्त्र का प्रयोग माला ढांकने में इस्तेमाल कर सकते हैं।

इसके पश्चात गंगाजल से छिड़काव कर (स्वयं पर) यह मंत्र पढें :- अपवित्र: पवित्रो वा सर्वावस्थाङ्गतोऽपिवा, य: स्मरेत, पुण्डरी काक्षं स बाह्य अभ्यांतर: शुचि:। 

उसके बाद इस मंत्र से दाहिने हाथ से आचमन करें :-ऊं केशवाय नम:, ऊं नारायणाय नम:, ऊं माधवाय नम:। अन्त में ऊं हृषीकेशाय नम: कहके हाथ धो लेना चाहिये।

इसके बाद गायत्री मंत्र पढ़ते हुए तीन बार प्राणायाम करें। चोटी बांधे और तिलक लगायें। 

अब पूजा दीप प्रज्जवलित करें। फिर विघ्नविनाशक गणपति का ध्यान करें। 

मंत्र शुद्ध पढऩा चाहिये। मंत्र का शुद्ध उच्चारण न होने पर कोई फल नहीं मिलेगा, बल्कि नुकसान ही होगा। इसीलिए उच्चारण पर विशेष ध्यान रखें। 

अब आप गणेश जी के बाद सभी देवी-देवादि कुल, वास्तु, नवग्रह और ईष्ट देवी-देवतादि को प्रणाम कर आशीर्वाद लेते हुए कष्ट का निवारण कर शत्रुओं का संहार करने वाली बगलामुखी का विनियोग मंत्र दाहिने हाथ में जल लेकर पढ़ें-

ॐ अस्य श्री बगलामुखी मंत्रस्य नारद ऋषि: त्रिष्टुप्छन्द: बगलामुखी देवता, ह्लींबीजम् स्वाहा शक्ति: ममाभीष्ट सिध्यर्थे जपे विनियोग: 

(जल नीचे गिरा दें)। 

फिर माता का ध्यान करें, 
याद रहे सारी पूजा में हल्दी और पीला पुष्प अनिवार्य रूप से होना चाहिए।

ध्यान-
मध्ये सुधाब्धिमणि मण्डप रत्न वेद्यां,
सिंहासनो परिगतां परिपीत वर्णाम,
पीताम्बरा भरण माल्य विभूषिताड्गीं
देवीं भजामि धृत मुद्गर वैरिजिह्वाम
जिह्वाग्र मादाय करेण देवीं,
वामेन शत्रून परिपीडयन्तीम,
गदाभिघातेन च दक्षिणेन,
पीताम्बराढ्यां द्विभुजां नमामि॥

अपने हाथ में पीले पुष्प लेकर उपरोक्त ध्यान का शुद्ध उच्चारण करते हुए माता का ध्यान करें। उसके बाद यह मंत्र जाप करें। साधक ध्यान दें, अगर पूजा मैं विस्तार से कहूंगा तो आप भ्रमित हो सकते हैं। परंतु श्रद्धा-विश्वास से इतना ही करेंगे जितना कहा जा रहा है तो भी उतना ही लाभ मिलेगा। जैसे विष्णुसहस्र नाम का पाठ करने से जो फल मिलता है वही ऊं नमोऽभगवते वासुदेवाय से, यहां मैं इसलिये इसका जिक्र कर रहा हूं ताकि आपके मन में कोई संशय न रहे। राम कहना भी उतना ही फल देगा। अत: थोड़े मंत्रो के दिये जाने से कोई संशय न करें। अब जिसका आपको इंतजार था उन माता बगलामुखी के मंत्र को आपके समक्ष प्रस्तुत कर रहा हूं। 

मंत्र है :- ॐ ह्रीं बगलामुखी सर्व दुष्टानां वाचं मुखं पदं स्तम्भय जिह्वां कीलयं बुद्धिं विनाशय ह्रीं ॐ स्वाहा। 

इस मंत्र का जाप पीली हल्दी की गांठ की माता से करें। आप चाहें तो इसी मंत्र से माता की पंचौपचार या  षोड्शोपचार विधि से पूजा भी कर सकते हैं। 

इस अनुष्ठान के दौरान आपको कम से कम पांच बातें पूजा में अवश्य ध्यान रखनी है-

1. ब्रह्मचर्य, 
2. शुद्घ और स्वच्छ आसन 
3. गणेश नमस्कार और घी का दीपक 
4. ध्यान और शुद्ध मंत्र का उच्चारण 
5. पीले वस्त्र पहनना,हल्दी की माला से जाप करना। 

आप कहेंगे मैं बार-बार यही सावधानी बता रहा हूं। तो मैं कहूंगा इससे गलती करोगे तो माता शायद ही क्षमा करें। इसलिये जो आपके वश में है, उसमें आप फेल न हों। बाकी का काम मां पर छोड़ दें। इतनी सी बातें आपकी कामयाबी के लिये काफी हैं।

अधिकारियों को वश में करने अथवा शत्रुओं द्वारा अपने पर हो रहे अत्याचार को रोकने के लिए यह अनुष्ठान पर्याप्त है। 

इस प्रकार आपको इस मंत्र का एक लाख पच्चीस हज़ार जाप करना है और उसका दसवां हिसा हवन हवन का दसवां तर्पण तर्पण का दशांश मार्जन ब्राह्मण भोजन करवाकर इस अनुष्ठान को संपन्न करना चाहिए।

पुरश्चरण के उपरांत निम्न प्रयोग इच्छा की पूर्ति के लिए किअए जा सकते हैं।

अगर इस को भगवान शिव के मन्दिर में बैठकर सवा लाख जाप फिर दशांश हवन करें तो सारे कार्य सिद्ध हो जाते हैं। 

तिल और चावल में दूध मिलाकर माता का हवन करने से श्री प्राप्ति होती हैै और दरिद्रता दूर भागती है। 

गूगल और तिल से हवन करने से कारागार से मुक्ति मिलती है। अगर वशीकरण करना हो तो उत्तर की ओर मुख करके और धन प्राप्ति के लिए पश्चिम की ओर मुख करके हवन करना चाहिए। अनुभूत प्रयोग कुछ इस प्रकार है। 

मधु, शहद, चीनी, दूर्वा, गुरुच और धान के लावा से हवन करने से समस्त रोग शान्त हो जाते हैं। 

गिद्ध और कौए के पंख को सरसों के तेल में मिलाकर चिता पर हवन करने से शत्रु तबाह हो जाते हैं। 

मधु घी, शक्कर और नमक से हवन आकर्षण (वशीकरण) के लिए प्रयोग कर सकते हैं। 

अत: आप स्वयं के कल्याण के लिए माता की आराधना कर लाभ उठा सकते हैं। 

यहां संक्षिप्त विधि इसलिये दी गई है कि सामान्य प्राणी भी माता की आराधना कर लाभान्वित हो सकें। 

शनिवार, 31 दिसंबर 2022

पीर मैदानी का मन्त्र।

                पीर मैदानी का मन्त्र।
जब कहीं माता मैदानन का जिक्र आता है तो पीर मैदानी के विषय में भी बात होती है कहीं न कहीं आपने पीर मैदानी के विषय में अवश्य सुना होगा सिर्फ कुछ एक जानकारों को ही पीर मैदानी के विषय में विस्तृत जानकारी है।
जब भी इनका का जिक्र आता है तो अधिकतर साधक इस कश्मकश में पड़ जाते है कि पीर मैदानी हैं कौन यही सवाल उनके दिमाग में चलता रहता है। क्षेत्र और मत के अनुसार ये अलग अलग है कुछ एक सबल सिंह बावरी को पीर मैदानी मानते है और कुछ एक अस्तबली पीर को मैदानी पीर मान कर चलते हैं।

मेरी जानकारी और मत के अनुसार मैदानी पीर बाबा शेख  फरीद है और इनके कलाम और क्रिया से के प्रयोग से माता मैदानन और मसानी शांत हो जातीं है।

जिस घर परिवार में माता मैदानन और मसानी का बहुत ज्यादा तीव्र प्रकोप हो तो पाँच मंगलवार लगातार बाबा शेख़ फ़रीद के नाम का ख़त्म फ़ातिहा जर्द पुलाव पर किसी जानकार या मौलवी से दिलवाएं तो उक्त प्रकोप बिलकुल शांत हो जाता है तथा घर में चिर स्थायी शांति का वातावरण निर्मित हो जाता है।

यह बात हमेशा ध्यान देने वाली होती है कि एक तो आपके अंदर इच्छा शक्ति होनी चाहिए इन समस्याओं से निकलने की और दूसरी बात ये है कि किसी हालात को बदलने से पहले अपने आपको और अपनी आदतों को बदलना चाहिए। जो अपने आप पर काबू कर सकता है वो सभी पर काबू कर सकता है और जो शख्स अपने आप को बदल सकता है वो पूरी दुनियां को बदल सकता है क्योंकि दुसरो को बदलने की शुरुआत खुद से करनी पड़ती है।

लेकिन विडंबना देखिए आज के इस समय में यह गुप्त विद्या लुप्त होने की कगार पर आ गई है ऐसी विद्या जो थोड़े से प्रयास में ही साधक को सफल बना देती है।

यहां मैं आपको मैदानी पीर के विषय में बताने जा रहा हूँ ये बहुत जबरदस्त शक्ति है और इसकी साधना कभी भी असफल नही जाती विधि भी बहुत आसान है दूसरी साधनाओं में भी इस साधना को करने से मदद मिलती है और माता मैदानन के बेड़े की जितनी शक्तियां है इस मंत्र द्वारा कंट्रोल हो जाती है बाकी सभी साधको का अपना अपना ज्ञान और काम करने का तरीका होता है

इस मंत्र को याद करने के बाद आप होली दीपावली ग्रहण या किसी अन्य पर्व पर 1008 बार जाप करके अनुकूल कर सकते हैं।

अगर बिना किसी पर्व या ग्रहण के समान्य दिनों में सिद्ध करना हो तो प्रति दिन घर के की शांत और स्वच्छ स्थान पर पूर्वाभिमुख होकर सुख आसन में बैठें तथा शांत चित्त होकर अपना सुरक्षा मन्त्र पढ़कर अपनी सुरक्षा करें फिर 108 बार प्रतिदिन जाप करें।

माला कोई भी ले सकते हैं वस्त्र और आसन कोई भी चलेगा अपने सामने दिया सरसों के तेल का चलायें  अगरबत्ती जलाएं भोग अपने सामने धरे फूल गुलाब,बतासा,सेंट,एक जोड़ा सिगरेट,लड्डू या कोई भी अन्य मिठाई रख सकते हैं अगर हो सके तो कोयले की आग पर लोहबान सुलगायें बहुत बार बाबा जी ख्वाब में पहले ही दिन दर्शन दे देते है और कई बार कुछ दिन लगते है लेकिन आप धैर्य से साधना सम्पन्न करें कोई दिक्कत वाली बात नही है आपको सफलता अवश्य मिलेगी इस साधना को अगर सही तरिके से किया जाए तो 41 से 42 दिन लगते ही है और अगर कुछ इसे 21 या 11 दिन भी करते है लेकिन उसमें इस मंत्र के सिद्ध होने में संदेह रहता है 

मैदानी पीर का मंत्र निम्न है।

बिस्मिल्लाह रहमान रहीम
पंज़पीर रोजे बरसे नूर    
पाक जलाली 
पीर मदानी 
गंजे शक्कर 
फरीदुद्दीन  
डंका चले मैदान में 
माई मैदानन नाल
जोड़े हत्थ नवावे शीश
पीर मैदानी 
हाथी चढ़ आओ
घोड़ा चढ़ आओ 
नज़र घुमावे 
डोली चलावे 
नज़री  देंदा  रोक
फकीरों की मौज 
मैदान में फौज 
सवा लख सैय्यद 
मदद नुं खड़े
चमकी तेरी शमशीर मैदान में 
मदद को गौंस पाक पीर दस्तगीर।

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बुधवार, 30 नवंबर 2022

कार्य बाधा नाशक टोटका


जीवन में कई बार इस तरह की बाधाओं मनुष्य का पाला पड़ता है जब मनुष्य भिन्न भिन्न प्रकार की समस्याओं का सामना करना पड़ता है तो आपको घबराने की जरूरत नहीं है आप इस टोटके का प्रयोग करें आपको अवश्य लाभ प्राप्त होगा और इसको करने के बाद आपकी समस्या तुरंत गायब हो जाएगी और आपको आराम महसूस होगा।

बुरे समय में संकटों से मुक्ति प्राप्त करने के लिए ये टोटका बहुत महत्वपूर्ण एवं विशेष शक्तिशाली टोटका है इसे सैंकड़ो बार अलग अलग लोगों को करवाया गया है और बिल्कुल सही साबित हुआ है इस प्रयोग को अगर सही तरह से किया जाय तो 24 घंटे में ही काम हो जाता है।

इस टोटके में प्रयोग होने वाली सामग्री इस प्रकार है :-
7 अरबी या अरिंड के पत्ते।
7 गुड़+आटे+सरसो के तेल के पूड़े। 
थोड़े से पके हुए मीठे चावल।,
7 मदार (आक) के फूल।,
7 गेंदे के फूल।,
7 लाल सबूत मिर्ची डंडी समेत।,
7 लाल चूड़ियां।,
1 रिबन काला।,
1 चार मुँह वाला आटे का दिया सरसों के तेल का।,
11 अगरबत्तियां।
1 कलावा।,
7 लौंग।,
7 ईलायची छोटी।,
7 सुपारियां।
7 पीस मिक्स मिठाई।,
7 कच्चे कोयले के टुकड़े।,
1 काजल की डिब्बी।,
5 ₹ का पीला सिन्दूर।,
1 मुट्ठी सबूत उरद ।

स्थान :-खाली मैदान में कच्चे चावलों का चौंक बना कर या किसी चौराहे पर पूर्वाभिमुख होकर करना है।

समय:-शाम को 7 बजे से रात्रि 11:45 तक करना है।

वार रवि मंगल अथवा शनिवार

सभी सामान को चुपचाप इकट्ठा करना है चुपचाप ही प्रयोग करना है ज्यादा हल्ला गुल्ला नहीं मचाना और ना ही किसी से फालतू कोई बात करनी है चुपचाप जाना है चुपचाप आना है।

((यह सब ले करके चुपचाप चौक पर जाना है और वहां जाकर सभी सामान पत्ते के ऊपर सजा देना है मध्य में दीपक जलाना और अगरबत्तियां लगाना है और सिन्दूर से पूड़ों पर 7 टिक्के लगाना है पूर्वाभिमुख होकर के आपको बोलना है

 "हे मेरे दुर्भाग्य मैं तुम्हें यही छोड़ा जा रहा हूं मेरा पीछा मत करना"

इतना बोल कर के आपको वहां से चल देना है और कितनी भी कोई आवाज आए या ना आए आपको पीछे मुड़कर नहीं देखना हाथ पाँव धोकर के घर में आ जाना।


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कलवा वशीकरण।

जीवन में कभी कभी ऐसा समय आ जाता है कि जब न चाहते हुए भी आपको कुछ ऐसे काम करने पड़ जाते है जो आप कभी करना नही चाहते।   यहाँ मैं स्...