घर में खून के छींटे आना।
इस यांत्रिक वैज्ञानिक युग में ये सभ कुछ बेमानी से लगता है ना। मान लीजिये आपके पास बैठे हुए व्यक्ति को हड्डी टूट जाने से बहुत अधिक पीड़ा और तीव्रवेदना हो रही है आप उस पीड़ित के चीखने चिल्लाने की आवाज़ें सुन सकते हैं लेकिन उसकी पीड़ा का आंकलन अपनी खुद की हड्डी टूटने पर ही होता है ठीक ऐसे ही देखने सुनने में ये सभकुछ चटपटा लगता है लेकिन जिसके साथ ये सभकुछ होता है उसी को पता चलता है इसकी पीड़ा।
"जा तन लागे सो जाने को जाने पीड़ पराई रे"।
आज जब कि मानव समाज ने इतनी तरक्की कर ली है कि लगता है कि अगले 10 सालों में दुनिया चद्रमा पर जा बसेगी तभ भी कहीं न कहीं ये घटनाएं भी सामने आ जाती है
वस्तुतः यह समस्या सब को परेशान कर देती है और इसके पीछे
सिर्फ "तंत्र ही नहीं" बहुत सी क्रिएं काम करती हैं कई बार तन्त्र सिर्फ सूखा सूखा ही बदनाम हो जाता है।
ईर्ष्या, द्वेष ,मनोविकार (मानसिक रोग) घर में होने वाला क्लेश, जमीन जायदाद का विवाद,घर की संरचना घर के लोगों का व्यवहार, और घर में चलने वाले षड्यंत्र,इनका उत्तरदायित्व कम नही होता, अगर यह मान भी लिया जाए कि आपके घर में या आकर दहलीज पर खून के छींटे आ रहे हैं बाल या कपड़े कट जाते है तो 90% केसों में घर के लोग ही सम्मिलित होते हैं।
कुछ मनोविकार घर के किसी सदस्य को भी हो सकते है , ऐसा बहुत बार देखा गया है। घबराएं नहीं पहले इन सभी की जांच कर लें,कुछ छोटे जानवर छिपकली चूहे इत्यादि अगर आपके घर में हों तो अच्छी तरह से उन्हें घर से हटाकर कीट नाशक का छिड़काव करें।
फिर बारी आती है तंत्र की तंत्र क्षेत्र में सब कुछ संभव है बात होती है अभ्यास की जिन लोगों को मैली विद्या या शमशानी विद्या का अभ्यास होता है या काले जादू का अभ्यास होता है या किसी दुष्ट आत्मा का गंदा खेल। ये काम अपर देवता नही करते ये सिर्फ़ क्षुद्र शक्तियां ही करती है। ऐसा नही देखा गया है कि कोई देवी देवता ये काम करें।
तान्त्रिक या डायन विद्या अथवा मैली विद्या के जानकार अक्सर बहुत महत्वकांक्षी होते है अगर जाने अनजाने किसी तरह उनका अहित हो जाये तो परिणामस्वरूप ऐसा भी हो सकता है।
एक बहुत महत्वपूर्ण बात बताने जा रहा हु अगर कोई आपका कोई पितृ पूर्वज या कोई शक्ति आपका साथ देती होगी तो ये सभकुछ होने से पहले आपको किसी भी माध्यम से सन्देश अवश्य देगी हां ये बात अलग है आप उस संदेश को समय रहते हुए समझ पाते हैं या नहीं। क्योंकि शक्तियों को इन सभी का पहले ही पता चल जाता है।
मैली विद्या से ऐसे कृत्य आराम से हो जाते है इन सभी का पीड़ित पर या उसके परिवार पर क्या प्रभाव पड़ता हैं इस बात को लेकर सभी लोगों की धारणाएं अलग अलग हो सकती है।
लेकिन ये बात स्पष्ट है कि कबूतर अगर बिल्ली को देखकर अपनी आंखें बंद कर ले तो भी वो बचता नही उस स्तिथि में इस कृत्य के उपरांत छ महीने एक साल में कुछ अनहोनी होने की संभावना बनी रहती है। हालांकि किसी विशेषज्ञ व्यक्ति द्वारा समय रहते अगर समाधान करवा लिया जाए तो कोई कष्ट विशेष नही रहता।
लेकिन समय रहते अगर समाधान नहीं करवाया जाता तो कुछ न कुछ अवांछित घटित होता ही है। ऐसा बहुत बात देखा गया है।
ऐसे समय में आपको धैर्य से काम लेना चाहिए अक्सर अमावस्या चतुर्दशी,पूर्णिमा के दिनों में ये समस्या आम तौर पे अस्थायी रूप से बढ़ जाती है।
लेकिन अगर परिस्थिति वश आप किसी सुयोग्य तांत्रिक ओझा या फिर किसी विद्वान के पास नही जा सकते तो उसके लिए आपको मैं उपाय बता रहा हूँ फिर भी मैं आपको यही कहूंगा कि आप किसी जानकार से इस विषय पर बात अवश्य कर लें।
अगर आपके घर में ये सभी कुछ गठित हो रहा है तो सभ से पहले घर की अच्छी तरह से सफाई करें फिर घर में रहने वाले जानवरो जैसे छिपकली,चूहे ,बिल्ली इत्यादि को निकाल कर कीटनाशक दवाओं का छिड़काव करें।
तदोउपरांत मैली विद्या के काट के लिए दो प्रकार से इलाज किया जाता है पहला सात्विक और दूसरा तामसिक जिस साधक के पास जैसी सिद्धि अथवा जैसा मार्ग होता है वो उसी पद्धति के उपाय करवाता है।
कांटे से कांटा जल्दी निकल जाता है लेकिन बात ये है कि ज़ख्म रह ही जाता है, अर्थात तामसिक विधि से करवाया गया इलाज बहुत अधिक जल्दी असर करने वाला होता है लेकिन इस मार्ग को सर्वप्रथम नही चुनना चाहिए कोशिश की जाए कि सभसे पहले सात्विक मार्ग ही चुना जाए क्योंकि सात्विक मार्ग से आप सामान्य ग्रहथ भी उपाय कर सकते है लेकिन तामसिक मार्ग केवप उसका साधक ही चुन सकता है।
अगर जीवन में ऐसी परिस्थिति आ जाये तो साधारण सात्विक उपाय आपको बता रहा हूँ ये निम्नलिखित दो उपाय बता रहा हु कोई एक कर सकते हैं।
एक पानी वाला नारियल काली चुनरी समेत,
एक सेट 16 श्रृंगार,
4 बूँदी वाले लड्डू
5 बतासे
काली उड़द सबूत
काले तिल
11 छोटी इलायची
21 सबूत टोपीदार लौंग
काला कपड़ा सवा मीटर
एक सिक्का कोई भी
7 लोहे की कीलें
7 नींबू बिना दाग के
थोड़ी सी कुमकुम
थोड़ा सा पीला सिन्दूर
2 सिगरेट
1 देसी अंडा मुर्गी का,
सरसों का तेल
एक मिट्टी का दिया
रूई
माचीस
एक पाव शराब देसी
कोई रद्दी अखबार,अरबी का केला का पत्ता।
जिस दिन ये उतारा करना हो दिन मैं सभी सामान को एकत्र कर लेना चाहिए फिर उस रात्रि में घर के चारों कोनों में से 3 बार उल्टा उतार लें फिर घर के प्रत्येक सदस्य के ऊपर से उलटा 7-7 बार उतारकर श्मशान भूमि में दबा दें उसके ऊपर 4 मुख वाला दिया जला दें ।
फिर बिना कुछ बोले चुपचाप घर वापिस आकर सर्वप्रथम स्नान करके शुद्ध गुग्गल की धूनी दें फिर अपने घर के देवस्थान (घर में बने हुए पूजा स्थान) में जाएं वहां पर एक कलश की स्थापना करें और आपने इष्ट के निमित प्रतिदिन शुद्ध देसी घी का दीपक प्रज्वलित करें। अपने ग्राम देव,कुलदेव,पितृदेव,इष्ट का विशेष चिंतन करें।
और इसी प्रकार 21 या 41 दिनों तक लगातार करें शाम को पूर्वाभिमुख होकर 11 दिनों तक 10 माला प्रतिदिन अघोर मूल मन्त्र का जाप करें दसवां हिस्सा हवन गुग्गल से करें
इस तांत्रिक उपाय को करते समय ये ध्यान रखें कि प्रयोगकर्ता या किसी भी सदस्य के काला वस्त्र न पहना हो।
इस उपाय से 101% उपरोक्त प्रकार की समस्याओं का अंत होकर पीड़ित व्यक्ति एवम उसका पूरा परिवार सुखी जीवन प्राप्त करता है।
उसके सभी प्रकार की दैविक विघ्नों का नाश हो जाता है और साधक के घर परिवार पर कुकृत्य करने वाले लोग अपने अंत की तरफ अग्रसरित होते हैं।
((अघोरास्त्र मूल मन्त्र अथवा अघोर मंत्र :-ह्रीं सफुर सफुर प्रस्फुर प्रस्फुर घोर घोर तर तनरूप चट चट प्रचट प्रचट कह कह वम वम बन्धय बन्धय घातय घातय हुं फट्ट स्वाहा।:):):)
मन्त्र बहुत ज्यादा प्रभाव शाली है (प्रयास अवश्य करें) लेकिन किसी विशेषज्ञ के दिशानिर्देश में रहकर ही।बेशक किताबों में ज्ञान होता लेकिन उस ज्ञानका पर्सवार्ड गुरु के पास ही होता है।